अच्छा शेयर कैसे चुनें

कैसे शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए?
इसे सुनेंरोकेंटॉप कंपनियों को चुनें: शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो.
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करे?
- 1 डिमेंट अकाउंट खोले
- 2 छोटी पूंजी के साथ शुरू करे
- 3 बेहतर इन्वेस्टर बनिये
- 4 अच्छे शेयर्स सेलेक्ट करे
- 5 रिस्क मनेजमेंट
- 6 एंट्री टाइमिंग
- 7 पोर्टफोलियो बनायें
- 8 अपना खुद का व्यू बनायें
ऑनलाइन गोल्ड कैसे बेचे?
इसे सुनेंरोकेंहालांकि गूगल पे (google pay) पर अब आप सिर्फ पैसे ट्रांसफर करना ही नहीं बल्कि ऑनलाइन गोल्ड खरीद और बेच (Buy and Sell Gold) भी सकते हैं. अगर आप ऑनलाइन सोना खरीदना और बेचना चाहते हैं तो गूगल पे आपकी मदद जरूर करेगा. गूगल पर ये काम MMTC-PAMP के माध्यम से शुरू हुआ है. इसकी जानकारी खुद गूगल पे ने अपने पेज पर दी है.
शेयर कैसे ख़रीदे और बेचे?
Share kaise Kharide के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया है:
- पहले शेयर का चुनाव करें, जिसे आप खरीदना चाहते हैं।
- उसके बाद अपने डीमैट अकाउंट में “BUY” के ऑप्शन पर जाएँ और क्लिक करें।
- शेयर की संख्या दर्ज करें
- Normal या CNC ऑप्शन सेलेक्ट करें
- Market या Limit Optionसेट करे दें।
- शेयर का प्राइस डालें और Enter दबाएं।
Sona बेचने पर कितना पैसा मिलता है?
इसे सुनेंरोकेंलॉन्ग टर्म कैपिटल गेन बजट में ही LTCG पर सेस 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी किया गया है. टैक्स की दर में सेस शामिल है. हालांकि, उससे पहले तक सोना बेचने पर 20.60 फीसदी अच्छा शेयर कैसे चुनें LTCG लगता था.
फिजिकल गोल्ड क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंफिजिकल गोल्ड में निवेश यह भारत में सोना खरीदने/संचय करने का पारंपरिक तरीका रहा है। भौतिक सोना आभूषण, आभूषण, बार, सिक्के आदि के रूप में खरीदा जा सकता है।
गोल्ड ईटीएफ क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंक्या है गोल्ड ईटीएफ सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की स्कीम है। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है।
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शेयर बाजार और समझदारी | वाणी रस्तोगी | Stock Market and Sense | Vani Rastogi
१‧ शेयर बाजार में निवेश क्यों करना चाहिये
पहले हमें जानना चाहिये कि शेयर बाजार क्या है, शेयर बाजार में छोटी बड़ी कंपनियां अपने शेयर लिस्ट करती हैं और ये छोटी बड़ी कंपनियां अपने व्यापार को बढाऩे के लिये इस रकम का उपयोग करती हैं। इस प्रकार जब कोई भी व्यक्ति या संस्था किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो वे उस कंपनी के शेयरधारक हो जाते हैं, कंपनी के लाभ व हानि के बराबर के जिम्मेदार भी हो जाते हैं। शेयर बाजार में निवेश इसलिये भी करना चाहिये क्योंकि बैंक में सावधि जमा में तो अब मात्र ५ से ६त्न ब्याज दर ही मिलती है, जबकि मुद्रास्फीति की दर लगभग ९त्न है, तो अगर आप बैंक में एक लाख रुपये की सावधि जमा करते हैं, तो अपको लगभग ४त्न का नुकसान ही हो रहा है, क्योंकि मुद्रास्फीति से आपकी रकम का अवमूल्यन हो रहा है, और ५ वर्ष बाद इस एक लाख रुपये की कीमत लगभग ४त्न के नुकसान के बाद लगभग ८० हजार रुपये होगी, तो भविष्य की बचत के लिये आपको किसी ऐसी जगह पर निवेश करना होगा जहां आपकी रकम मुद्रास्फीति से ज्यादा का लाभ दे, तभी आपके निवेश का फायदा है। वहीं शेयर बाजार में आपकी रकम तेजी से बढ़ सकती है और आपको ज्यादा फायदा होने की संभावना होती है। हमेशा ध्यान रखें कि शेयर बाजार में जोखिम है इसलिये यहां लाभ होने की उम्मीद भी ज्यादा होती है।
२‧ शेयर बाजार में निवेश करने के फायदे
शेयर बाजार में निवेश का सबसे बडाफायदा है कि इससे आप उस कंपनी को होने वाले व्यापार से लाभ या हानि के हिस्सेदार हो जाते हैं। जब कंपनी अच्छा करेगी तो शेयर बाजार में उसके शेयर का दाम बढ़ने लगेगा, कंपनी के लाभ का कुछ हिस्सा लाभांश के रूप में आपको भी मिलेगा, कुछ कंपनियां लाभांश कम और कुछ कंपनियां लाभांश ज्यादा देती हैं, लाभांश का प्रस्ताव कंपनी के शेयरधारकों की वार्षिक बैठक में पारित किया जाता है। कुछ कंपनियां तो विशेष लाभांश भी देती हैं जो कि शेयर के दाम का आधे से ज्यादा भी होता है। जब भी किसी अच्छी कंपनी में निवेश करेंगे तो कंपनी के परिणाम के अनुसार आपको लाभ भी होगा। शेयर बाजार में सभी प्रकार के सेक्टर की कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, जिससे डाईवर्सिफिकेशन कहा जाता है, जिससे आप विविध प्रकार के व्यापारों में निवेश कर पाते हैं और इसे एसेट एलोकेशन भी कहा जाता है। सावधि जमा पर भी आपको आयकर देना होता है, वैसे ही शेयर बाजार से होने वाले लाभ पर भी आयकर में समय समय पर नियमों में बदलाव होते रहते हैं, तो यहां से होने वाले लाभ को भी अपनी आय में जोड़कर आयकर देने से हमेशा ही निश्चिंतता बनी रहती है। छोटी से छोटी रकम से भी आप अपना शेयर बाजार में निवेश की यात्रा शुरू कर सकते हैं, आप मात्र एक शेयर
भी खरीद सकते हैं वहीं एक से ज्यादा शेयर भी खरीद सकते हैं। तो आपको किसी बड़ी रकम के इकट्ठे होने का इंतजार भी नहीं करना होता है, जब जितना निवेश करना हो कर सकते हैं। जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप राष्ट्र के विकास में भी सहयोग करते हैं। हमारा अभी विकासशील देश हैं और असीम संभावनायें होने के कारण बहुत सी कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही होती हैं। शेयर बाजार सट्टा बाजार नहीं है, यह बाजार सेबी द्वारा रेग्यूलेटेड है।
३‧ अपने शेयर कैसे चुनें
NSE व BSE भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, जहां पर नियमित ट्रेडिंग होती हैं, शेयर बाजार में निवेश करने के लिये अलग अलग समय सीमाओं को ध्यान में रखना चाहिये।
१‧Intraday जिस दिन शेयर खरीदे गये उसी दिन शेयरों को कम या अधिक दाम याने कि लाभ या हानि में बेच दिया जाये।
२‧Short Term, Medium Term, Long Term: अलग अलग अवधियों के अनुसार शेयरों में निवेश को इन Term में परिभाषित किया जाता है। शेयर बाजार में निवेश करते समय बहुत सबसे पहला कार्य होता है कि कौन से शेयर यानि के कंपनी में निवेश करें, तो शेयर बाजार में Small Cap, Mid Cap, Large Cap कंपनियां होती हैं, जिसके अपने जोखिम व लाभ होते हैं। जिस बिजनेस की आपको समझ हो, आप उस शेयर को चुनें, कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिये :
प्रबंधन कैसा है, कैशफ्लो कैसा है, पीई क्या है ऐसे बहुत से इंडिकेटर होते हैं। इसलिये आप उन कंपनियों में निवेश के लिये देखें जो कि आपके दैनिक उपयोग में आती हैं। कंपनी की बैलेन्स शीट पढ़ें, थोडा बहुत जान लें कि अगर अर्थव्यवस्था में कुछ गड़बड़ होता है तो इस कंपनी पर क्या असर होगा, मजबूत कंपनियां हमेशा ही बड़े निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित अच्छा शेयर कैसे चुनें करती हैं, और इसका असर सीधे उनके शेयर के भाव पर देखने को मिलता है। कौन सी बैंक के साथ बैंकिंग करते हैं, उस सेक्टर में कौन सा बैंक सबसे अच्छा कर रहा है।
कौन सा पेंट घर में उपयोग करते हैं, उस सेक्टर की कौन सी कंपनी सबसे बढ़िया है। घर में किस कंपनी का सबसे ज्यादा सामान उपयोग करते हैं, तो यह तय है कि जैसे आपको उस कंपनी के उत्पादों पर भरोसा है, ऐसे ही कई लाख लोगों को उस कंपनी के सामान पर भरोसा होगा, तो कंपनी भविष्य में भी अच्छा शेयर कैसे चुनें अच्छा ही करेगी। बहुत से ऑनलाईन टूल व मोबाईल एप्प अब उपलब्ध हैं, जिसमें देखें कि कौन सी कंपनी फंडामेंटल में मजबूत है, शेयर बाजार में जब आप निवेश करते हैं तो सबसे जरूरी है कि आप शेयर बाजार के बारे में पढ़ें, बिजनेस न्यूज पढ़ें, समझें। अगर आप नियमित न पढ़ पायें तो म्यूचुअल फंड में निवेश करें।निवेश करते समय ध्यान रखें कि बहुत सारा निवेश एक कंपनी में न करें, हर सेक्टर में निवेश करें, हर व्यक्ति की अपनी रिस्क लेने की सीमा होती है, ये समझना जरूरी होगा।
वैल्यू इनवेस्टिंग के बारे अच्छा शेयर कैसे चुनें में सोचें : यहां पर निवेशक अच्छी कंपनियों के बारे में जानकारी जुटाते हैं, जिनके बिजनेस फंडामेंटल बहुत बढ़िया हैं और अभी बाजार में उनके शेयर का भाव औसतन ठीक चल रहा है, बहुत महंगा नहीं है और जैसे जैसे कंपनी की बैलेंसशीट अच्छी होगी, शेयर बाजार में उस शेयर का भाव भी बढ़ता जायेगा। इसमें निवेशक को देखना चाहिये कि कौन सा शेयर कितनी प्रीमियम पर मिल रहा है व उतना प्रीमियम की उस कंपनी के लायक है भी या नहीं। निवेश करते समय कुछ ऐसी भी बातें होती हैं जो कि निवेशक को लालची बना देती हैं, जैसे कि शेयर बाजार में थोड़े समय बाद ही व्यक्ति को लगने लगता है कि अब उसको सब समझ आ गया है और अब वह रातों रात ही पैसा डबल कर लेगा। ध्यान रखें हर व्यक्ति की अपनी सीमा होती है, आप शेयर बाजार में अच्छे लाभ के लिये आये हैं क्योंकि बैंक की एफडी से आप मुद्रास्फीति को मात नहीं दे पा रहे हैं, कोई भी आज तक शेयर बाजार से बहुत अमीर नहीं बन पाया है, अगर कुछ अपवादों को छोड़ दें तो, और जिन्होंने बहुत पैसे कमाये भी हैं उनकी वर्षों की मेहनत उस विश्लेषण के पीछे होती है। बाजार में हमेशा ही दो तरह के लोग होते हैं, जिन्हें तेजड़िये और मंदेड़िये कहा जाता है, जब शेयर बाजार में तेजी होती है तब बाजार तेजड़ियों के हाथों में होता है और जब
मंदी होती है तब मंदेड़िये सक्रिय रहते हैं।
शेयरों को एक साथ न खरीदने की आदत डालें, शेयरों को धीरे धीरे खरीदें, उतावलापन न दिखायें। आपको अपनी रणनीति खुद बनानी होगी। धीरे धीरे निवेश करके भविष्य को सुरक्षित बनायें। आप हर माह या हर वर्ष किसी भी प्रकार से निवेश की रणनीति बना सकते हैं। अपने शेयरों पर नियमित नजर बनाये रखें, उनसे जुड़ी खबरें पढ़ते रहें, अगर लगता है कि कंपनी या सेक्टर में कुछ समस्या है तो निकल जाना ही समझदारी है, अगर लगता है कि किसी सेक्टर में संभावनाएं हैं तो आपको उनमें निवेश की संभावनाओं को तलाशना चाहिये।
जब भी बाजार में नई कंपनियां शेयर बाजार में IPO के जरिये आती हैं, हमेशा उनमें निवेश करने की आदत डालें, वहां आपको शेयर बहुत अच्छे भाव में मिल जाता है, और कई बार तो आपके निवेश दोगुना तक हो जाते हैं अच्छा शेयर कैसे चुनें जैसे ही वह कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होती है।
४‧ क्या वाकई शेयर बाजार में पैसा डूब जाता है
घर घर में यही बात होती है कि शेयर बाजार जुआ है सट्टा है, शेयर बाजार में लोग डूब जाते हैं, तो जी हां यह बात सच है कि जो लोग रातों रात अमीर बनने के लिये आते हैं, जो लोग बिना किसी समझ के किसी के कहने पर शेयर बाजार में निवेश करते हैं, केवल टिप्स पर काम करते हैं, जिनको लगता है कि शेयर बाजार में पैसा कमाना बहुत आसान है, बिना शेयर बाजार को जाने समझे निवेश करने लगते हैं, तो वाकई उनका पैसा डूबता है, और इसका प्रतिशत कम नहीं बल्कि बहुत ज्यादा होता है। जिस प्रकार लाभ की आशा हम करते हैं, उसी प्रकार से हमें हानि के लिये भी तैयार रहना चाहिये, हमें पता होना चाहिये कि अच्छा शेयर कैसे चुनें हम कितनी हानि सह सकते हैं, जब आप इन सबको समझ लें तो आप शेयर बाजार में
समझदारी से निवेश के लिये तैयार हैं। शेयर बाजार का नियम है कि खरीदना कब है, जब बाजार बहुत कमजोर है याने कि बहुत मंदी चल रही है, कोई भी खरीदने की सलाह नहीं दे रहा है, तब अच्छी कंपनियों में खरीददारी करें। बेचना कब है, जब बाजार बहुत मजबूत है याने कि बहतु तेजी चल रही है, सब लोग केवल खरीदने की सलाह दे रहे हैं, तब आपको अपने लाभ ले लेना चाहिये, शेयर को बेचकर, फिर से निवेश करने के समय का इंतजार करना चाहिये।
पैरों की वैक्सिंग करते समय इन बातों का रखें ध्यान
हम खुद को सुंदर दिखाने के लिए क्या कुछ नहीं करते जिसमें वैक्सिंग मुख्य है। जब हम कोई शार्ट ड्रेस पहनते हैं तो अपने हाथ और पैरों की वैक्सिंग करते हैं ताकि हमारे हाथ पैर अच्छे दिखें। लेकिन अक्सर हम में से कई को पैरों में वैक्सिंग के बाद रेडनेस या खुजली होने लगती है।
इसका मुख्य कारण है कि आपने वैक्सिंग कराने से पहले अपनी स्किन और बाकी छोटी-छोटी बातों का ध्यान नहीं रखा। आप यह गलती दुबारा न करें इसलिए आज हम आपको इस लेख में ऐसी बातों के बारे में बताने वाले हैं जिनका ध्यान आपको पैरों की वैक्सिंग करते समय रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं इन जरूरी बातों को।
स्किन के अनुसार चुनें वैक्स
अक्सर हम किसी भी क्रीम से वैक्सिंग करा लेते हैं और उसके बाद हमारी त्वचा लाल पड़ जाती है या हमें खुजली होने लगती है। लेकिन ऐसा करना गलत है। अगर आप अपने पैरों की वैक्सिंग कराने जा रही हैं या फिर घर में ही वैक्सिंग कर रही हैं तो पहले थोड़ी-सी क्रीम को अपने पैरों या हाथों पर लगाकर 10 से 15 मिनट तक रहने दें। फिर देखें अगर कोई रेडनेस या दूसरा साइड इफेक्ट नहीं है तो आप क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं। इस बात का खास ध्यान रखें कि अपनी स्किन के अनुसार ही वैक्स क्रीम का चुनाव करें।
वैक्सिंग के बाद करें मॉइस्चराइज
वैक्सिंग कराने से हमारे पैर तो खूबसूरत दिखते हैं लेकिन कभी कभी हमें थोड़ी दिक्कत भी होती है। जब भी हम वैक्सिंग कराते हैं तो हमारी स्किन खिंचती है ऐसे में इस बात का खास ध्यान रखें कि वैक्सिंग के बाद अपने पैरों पर मॉइस्चराइजर क्रीम(मॉइश्चराइजर से जुड़े हैक्स) जरूर लगाएं। क्रीम लगाने से अपनकी स्किन को नमी भी मिलेगी साथ ही वैक्सिंग के बाद पैर और भी ज्यादा सुंदर दिखेंगे।
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कोई चोट न हो
जब कभी हम वैक्सिंग के लिए जाते हैं और हमारे पैरों में कोई चोट या खरोंच होती है जिन्हें हम अनदेखा कर देते हैं और फिर वैक्सिंग(घर बैठे ऐसे करें वैक्सिंग) के बाद हमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इसलिए जब भी आप अपने हाथ या पैरों की वैक्सिंग करती हैं तो चोट लेकर न जाएं। अगर आप अपनी अच्छा शेयर कैसे चुनें चोट को अनदेखा करती हैं तो आपका इंफेक्शन बढ़ सकता है और अपकी समस्या भी बढ़ सकती है। इसलिए सभी बातों का ध्यान रखें।
अन्य बातें
अगर आप वैक्सिंग नहीं करना चाहती तो रेजर का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह आपका समय भी कम लेगा और आप कभी भी कर सकती हैं। अगर रेजर का इस्तेमाल करने के बाद आपके पैरों पर कट लगते हैं तो उन पर फिटकरी लगा दें। अपनी स्किन और बालों का ध्यान रखें। अगर आपको रेजर से अच्छा रिजल्ट मिल रहा है तो वैक्सिंग न कराएं।
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Nykaa के शेयर का अच्छा टाइम आएगा! बिकवाली के बाद 296 करोड़ का बड़ा निवेश
News18 हिंदी 2 दिन पहले News18 Hindi
© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "Nykaa के शेयर का अच्छा टाइम आएगा! बिकवाली के बाद 296 करोड़ का बड़ा निवेश"
मुंबई. बोनस शेयर के ऐलान के बाद Nykaa के शेयरों में पिछले कई दिनों से जारी बिकवाली पर ब्रेक लगा है. पिछले महीने अक्टूबर में 52 सप्ताह का निचला स्तर ₹162.50 बनाने के बाद FSN ई-कॉमर्स वेंचर्स लिमिटेड के शेयरों में लगातार विदेशी संस्थागत निवेशक पैसा लगा रहे हैं. इसी कड़ी में एक और FII मॉर्गन स्टेनली का नाम जुड़ गया है. 11 नवंबर 2022 को हुई ब्लक डील में मॉर्गन स्टेनली एशिया (सिंगापुर) ने Nykaa के 82,13,050 शेयर ₹186.40 प्रति शेयर के भाव पर खरीदे हैं. इस लिहाज से मॉर्गन स्टेनली एशिया (सिंगापुर) ने ₹1,53,09,12,520 करोड़ अच्छा शेयर कैसे चुनें में Nykaa के शेयर खरीदे हैं. यानी इस विदेशी संस्थागत निवेशक ने नायका के शेयरों में करीब 153 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
इससे पहले 10 नवंबर को नॉर्वे के नोर्गेस बैंक ने सरकारी पेट्रोलियम फंड के खाते में ₹173.35 प्रति शेयर मूल्य पर 3,981,350 शेयर खरीदे हैं. इस निवेश की कीमत ₹69 करोड़ रुपये थी. वहीं, इसी दिन एक और एफआईआई एबरडीन स्टैंडर्ड एशिया फोकस पीएलसी ने 4,272,334 शेयर खरीदे, जिसमें ₹173.18 प्रति शेयर का भुगतान किया गया और ₹74 करोड़ का निवेश किया. पिछले दो दिनों में तीन विदेशी संस्थागत निवेशकों ने नायका के शेयरों में ₹296 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
पिछले कई महीनों से जारी बिकवाली पर लगा ब्रेक
शेयर बाजार में नायका के स्टॉक पिछले साल 10 नवंबर को लिस्ट हुए थे. लिस्टिंग पर इन शेयरों ने निवेशकों की जबरदस्त कमाई कराई थी लेकिन उसके बाद से नायका के शेयरों में बिकवाली हावी रही. पिछले साल इस शेयर ने 428 रुपये का उच्च स्तर छुआ था और इस वर्ष अक्टूबर में शेयर ने 162.50 रुपये का लो लगाया.
वहीं, आईपीओ से पहले जिन एंकर निवेशकों को शेयर जारी हुए थे, वे लॉक इन पीरियड के चलते इस साल 10 नवंबर तक शेयर बेच नहीं सकते थे और इनमें करीब 67 फीसदी शेयर थे. कंपनी को आशंका थी कि लॉक-इन पीरियड खत्म होते ही भारी बिकवाली होगी. इसलिए इस संभावित खतरे को रोकने के लिए कंपनी ने बोनस शेयर देने का ऐलान किया. नायका के मैनेजमेंट ने 5:1 के रेश्यो में बोनस शेयर देने का ऐलान किया था और इसकी एक्स-डेट 10 नवंबर रखी गई. इसके बाद 11 नवंबर से शेयर के भाव में तेजी का दौर देखने को मिला है.
क्या अब रिटेल निवेशकों को करनी चाहिए खरीदी?
मिंट की खबर के अनुसार, Nykaa के शेयर पर खरीदी को लेकर स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के सीनियर टेक्निल एनालिस्ट, प्रवेश गौर ने कहा, “स्टॉक ने डेली चार्ट पर एक पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न और एक डबल बॉटम फॉर्मेशन अच्छा शेयर कैसे चुनें बनाया है, जो स्टॉक का बॉटम फॉर्मेशन यानी निचले स्तर की पुष्टि कर रहा है.
यह शेयर हायर हाई और हायर लो के साथ अपने सभी महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड कर रहा है. ऊपर की तरफ, ₹240 पहला रेजिस्टेंस है. इसको पार करने के बाद हम आने वाले दिनों में ₹280+ के स्तर की उम्मीद कर सकते हैं. वहीं, नीचे की ओर, ₹185 पर सपोर्ट बनता है.
ऑलिव ऑयल की होती हैं कई वराइटी, जानें कैसे चुनें सही ऑयल
ऑलिव ऑयल जिसे हिंदी में जैतून का तेल कहते हैं, इसे सेहत और कुकिंग के लिए सबसे अच्छा और फायदेमंद माना जाता है। ऑलिव ऑयल में फाइबर, शुगर, कैलोरी और कार्ब्स बहुत ही कम होते हैं। यही वजह है कि इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी ऑलिव ऑयल में बना हुआ खाना सही रहता है।
आजकल बाज़ार में ऑलिव ऑयल्स की कई वैराइटी आ गई है, जिनमें रिफाइंड ऑयल, ऑर्गेनिक ऑयल, कोल्ड-प्रेस्ड, वर्जिन और एक्स्ट्रा वर्जिन तक शामिल हैं। ऐसे में कौन सा ऑलिव ऑयल सबसे अच्छा है, ये जानना थोड़ा मुश्किल है। तो चलिए, आज आपको बताते हैं सबसे अच्छे ऑलिव ऑयल के बारे में।
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एक्स्ट्रा वर्जिन या कोल्ड प्रेस्ड ऑलिव ऑयल
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सबसे अच्छा ऑलिव ऑयल एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल को माना जाता है। इस तेल को आप कुकिंग के बजाय सीधे अपने फूड में डाल सकते हैं ते हैं। ये उन डिशेज़ के लिए अच्छा है, जहां ऑलिव सबसे खास इन्ग्रेडिएंट होता है, जैसे- सलाद की ड्रेसिंग, रोटी और सब्ज़ियों के लिए डिप और ऑलिव ऑयल केक।
यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर ( USDA) के मुताबिक, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल एक प्राकृतिक उत्पाद है, जिसमें प्रति 100 ग्राम में 0.8 ग्राम से ज्यादा ओलिक एसिड नहीं होता है और कोई सेंसरी डिफेक्ट भी नहीं होता।
एक आम धारणा ये है एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल खाना पकाने के लिए सही नहीं होता, क्योंकि इसमें एवाकाडो या ग्रेपसीड जैसे ऑयल्स के मुकाबले कम स्मोक पॉइंट होता है। हालांकि, कई स्टडीज़ से पता चला है कि ये पूरी तरह से सच नहीं है, क्योंकि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल रिफाइंड नहीं होता है।
वर्जिन ऑलिव ऑयल
इसके बाद आता है वर्जिन ऑलिव ऑयल का नंबर। यह भी अनरिफाइंड है, लेकिन एक्स्ट्रा वर्जिन के मुकाबले इसमें एसिडिटी लेवल थोड़ा ज्यादा होता है। इसे आप एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल वाले फूड्स या ब्रेड के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं और ये एक्स्ट्रा वर्जिन के मुकाबले थोड़ा किफायती भी होता है। अगर ऑलिव ऑयल आपके किसी फूड का सबसे खास इन्ग्रेडिएंट नहीं है, तो वर्जिन ऑलिव ऑयल का यूज़ सबसे सही है।
शुद्ध या रिफाइंड ऑलिव ऑयल
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वर्जिन ऑलिव ऑयल के बाद आता है शुद्ध या रिफाइंड ऑलिव ऑयल, जिसे अक्सर सादा ऑलिव ऑयल कहा जाता है। मूल रूप से, इन ऑयल्स को प्रोसेस करके या केमिकल ट्रीटमेंट के ज़रिए बनाया जाता है और आमतौर पर अंत में इनमें थोड़ा सा वर्जिन ऑयल मिलाया जाता है, क्योंकि वो आमतौर पर स्वाद में हल्का होता है। ये ऑयल अंडे बनाने या स्टर फ्राई करने के लिए सही होता है।
पोमेस ऑलिव ऑयल
क्या आपने कभी पोमेस ऑलिव ऑयल का नाम सुना है? अगर नहीं, तो आपको बता दें कि ये बचे हुए जैतून के गूदे से बनाया जाता है। इसमें हमेशा केमिकल सॉल्वेंट और हीट शामिल होती है और आमतौर पर इन्हीं कारणों से इसे ऑलिव ऑयल नहीं माना जाता। पोमेस ऑयल स्पेन और ब्रिटेन सहित कई देशों में गलत लेबलिंग किए जाने को लेकर विवाद का केंद्र भी रहा है। हालांकि इसे कभी-कभी डीप-फ्राइंग के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
कहां का ऑलिव ऑयल है सबसे अच्छा
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ऑलिव ऑयल के पैक पर ‘मेड इन’, ‘प्रोडक्ट ऑफ’, ‘इम्पोर्टेड बाय’ या ‘पैक्ड इन’ जैसे अलग-अलग शब्द लिखे होते हैं, जो बताते हैं कि ऑलिव ऑयल कहां से आया है। सिंगल सोर्स ऑलिव ऑयल को एक ही देश में प्रेस किया जाता है, पैक किया जाता है और एक्सपोर्ट किया जाता है।
वो ऑलिव ऑयल, जिसमें कई देशों के ऑलिव्स मिले हुए होते हैं, जिन्हें अलग-अलग जगहों पर प्रेस और पैक किया गया है, उसमें सभी देशों का नाम शामिल रहता है। हालांकि इस ऑयल्स की क्वालिटी कम नहीं होती, लेकिन आमतौर पर, एक देश में ऑलिव्स की कटाई और दूसरे में पैक किए जाने से ये ऑयल सिंगल सोर्स ऑयल के मुकाबले कम ताजा होते हैं।
हालांकि ये कहना ज़रा मुश्किल है कि कौन सा देश सबसे अच्छा ऑलिव ऑयल बनाता है। इटली, स्पेन और ग्रीस, ये तीन देश सबसे अच्छा ऑलिव ऑयल बनाते हैं। हालांकि क्रोएशिया और तुर्की ने भी हाल के सालों में कुछ अच्छे ऑयल्स का प्रोडक्शन किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, कैलिफोर्निया कुछ अच्छे ऑलिव ऑयल का प्रोडक्शन करता है। हालांकि टेक्सास, एरिज़ोना और जॉर्जिया जैसे राज्य भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
ऑलिव ऑयल खरीदते वक्त रखें ध्यान
अगर आपने पहले कभी ऑलिव ऑयल यूज़ नहीं किया है, तो इसे चुनने में आपको दिक्कत हो सकती है। इसलिए सही ऑलिव ऑयल खरीदने के लिए इन बातों का खास ध्यान रखें।
ऑलिव ऑयल की पैकिंग
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सबसे पहले आपको ऑलिव ऑयल की पैकिंग पर ध्यान देना है। बाज़ार में आपको तरह-तरह की खूबसूरत पैकिंग में ऑलिव ऑयल मिल जाएंगे। इसके अलग-अलग ब्रांड्स और कीमत व पैकिंग भी अलग-अलग हो सकती है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आपको हमेशा वही ऑलिव ऑयल लेना है, जो किसी डार्क कलर की कांच की बोतल में हो। डार्क प्लास्टिक वाली बोतल में भी ऑलिव ऑयल हो, तो आप इसे खरीद सकती हैं। दरअसल ट्रांसपैरेंट पैकिंग वाला ऑलिव ऑयल खराब हो जाता है, क्योंकि ऑलिव ऑयल पर रोशनी नहीं पड़नी चाहिए। आप स्टील के डब्बे की पैकिंग वाला ऑलिव ऑयल भी खरीद सकती हैं।
ऑलिव ऑयल की वैराइटी
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कुकिंग के लिए आपको एक्स्ट्रा वर्जिन या एक्स्ट्रा लाइट ऑलिव ऑयल ही खरीदना चाहिए। एक्सट्रा वर्जिन अच्छा शेयर कैसे चुनें ऑलिव ऑयल को सबसे अच्छा माना गया है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स से भरपूर होता है। वैसे इसे इस्तेमाल करने का सबसे बेहतर तरीका ये है कि आप इससे सलाद, सब्जियों और फलों की टॉपिंग करें। बाजार में आपको पोमेस ग्रेड ऑलिव ऑयल भी मिल जाएगा। यह तेल आप खाना बनाने में तो इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन क्वालिटी के मामले में यह बहुत अच्छा नहीं होता है।
कितना ऑविल ऑयल खरीदें
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जब भी आप ऑलिव ऑयल खरीदें तो बड़ा पैकेट न खरीदें। दरअसल, ऑलिव ऑयल में जितनी बार रोशनी और हवा लगती है, उसकी क्वालिटी कम होती जाती है। इस वजह से ऑलिव ऑयल को लंबे वक्त तक स्टोर नहीं किया जा सकता। अगर आप ऐसा कर रही हैं तो ये फायदे की जगह आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं, आपको ऑलिव ऑयल खरीदते वक्त उसकी तारीख भी अच्छा शेयर कैसे चुनें देख लेनी चाहिए। सील्ड पैक ऑलिव ऑयल भी केवल 15 महीने के अंदर ही यूज होना चाहिए।
कैसा दिखता है ऑलिव ऑयल
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ऑलिव ऑयल दूसरे ऑयल्स के मुकाबले थोड़ा गाढ़ा होता है और इसका रंग हल्का हरा सा होता है। अगर आपका ऑलिव ऑयल गाढ़ा नहीं है और उसका रंग भी सफेद या पीला है, तो समझ जाएं कि उसमें मिलावट की गई है।
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