बोलिंगर बैंड्

बोलिंगर बैंड्
KARAN PAI,GEPL Capital
पिछले 6 हफ्तों से निफ्टी में लगातार तेजी देखने को मिल रही है और यह हाई पर हाई लगाते जा रहा है। पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से निफ्टी के मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स भी सेसेंक्स-निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
निफ्टी पिछले कुछ हफ्तों से अपर बोलिंगर बैंड पर नजर आ बोलिंगर बैंड् रहा है और इसने मजबूती के साथ पिछले हफ्ते के हाई को तोड़ दिया है। निफ्टी के एक सिंपल बार चार्ट एनालिसिस से संकेत मिलता है कि यह एक मजबूत तेजी के दौर में आ गया है।
ओपन इंटरेस्ट (30 सितंबर 2021 एक्सपायरी) पर नजर डालें तो 17,800 कॉल ऑप्शन में सबसे ज्यादा एडिशन देखने को मिला है। वहीं पुट साइड पर नजर डालें तो 17,000 और 16,800 की स्ट्राइक प्राइज पर सबसे ज्यादा बोलिंगर बैंड् एडिशन नजर आया है। इसको देखते हुए हमें लगता है कि आनेवाले हफ्ते में निफ्टी हमें 16,800-17,800 की बड़ी रेंज में कारोबार करता नजर आएगा।
उम्मीद है कि आगे भी बाजार में बुलिश ट्रेन्ड कायम रहेगा औऱ निफ्टी हमें 17,812 की तरफ जाता नजर आएगा। अगर निफ्टी इस लेवल को तोड़ देता है तो फिर हमें इसमें 18000 के ऊपर का भी लेवल देखने को मिल सकता है।
अगले हफ्ते 17,000 का मनोवैज्ञानिक लेवल निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट का काम करेगा। अगर निफ्टी इसके नीचे फिसलता है तो हमारी तेजी की धारणा गलत साबित हो जाएगी और नीचे की तरफ निफ्टी में हमें 16,764 का लेवल भी देखने को मिल सकता है।
3 कॉल्स जिनमें 3-4 हफ्तों में हो सकती है जोरदार कमाई
Escorts | LTP: Rs 1,380.10 | इस स्टॉक में 1682 रुपये के लक्ष्य के लिए 1300 रुपये के स्टॉपलॉस के साथ खरीदारी की सलाह है। इस स्टॉक में 3-4 हफ्ते में 22 फीसदी की अपसाइड देखने को मिल सकती है।
HDFC Asset Management Company (AMC) | LTP: Rs 3,248.40 | इस स्टॉक में 3712 रुपये के लक्ष्य के लिए 3200 रुपये के स्टॉपलॉस के साथ खरीदारी की सलाह है। इस स्टॉक में 3-4 हफ्ते में 14 फीसदी की अपसाइड देखने को मिल सकती है।
HDFC Bank | LTP: Rs 1,568.60 | इस स्टॉक में 1733 रुपये के लक्ष्य के लिए 1500 रुपये के स्टॉपलॉस के साथ खरीदारी की सलाह है। इस स्टॉक में 3-4 हफ्ते में 10 फीसदी की अपसाइड देखने को मिल सकती है।
bollinger bands strategy for intraday in hindi- बोलिंगर बैंड्स स्ट्रेटेजी फॉर इंट्राडे बोलिंगर बैंड् इन हिंदी
आज हम इंडिया में सबसे ज्यादा उसे होने वाला इंडिकेटर के बारे में चर्चा करने वाले हैं उम्मीद हैं की आपको पता लग गया होगा की हम किस इंडिकेटर की बात कर रहे हैं , क्या आपको नहीं मालूम चला की वो कोण सा इंडिकेटर है ।
चलिए हम बता देते है उसका नाम bollinger bands है । यह इंडिकेटर हमारे भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाता हैं और इसको समझना भी बहुत आसान है । आज हम इसी के बारे में चरचा करेंगे और इसपर एक demo के तौर पर offline ट्रेड के द्वारा समझेंगे की आखिर यह इतना फेमस क्यों है ।
आगे बढ़ने से पहले इसके थोड़ा इतिहास के बारे में जान लेते हैं की इसका अविष्कार किसने किया था । bollinger bands 1980 के दौरान जॉन बोलिंगर द्वारा बनाया गया एक सिंपल टेक्निकल चार्ट इंडिकेटर है जो किसी भी ट्रेड जैसे शेयर मार्किट , फोरेक्स मार्किट, mcx आदि में आसानी से अप्लाई कर इस्तेमाल किया जा सकता है ।
इसे बड़े आसानी से किसी भी टाइम पीरियड में इस्तेमाल बड़े आसानी से कर सकते हैं और भी कई तरह के दूसरे इंडिकेटर है जो सभी टाइम पीरियड पर ठीक से वर्क नहीं कर पाते है सायद यही कारण है की india में इसका का इस्तेमाल ज्यादा होता है ।
असल में bollinger bands , 20 days moving average का समावेश होता है जिसके ऊपर में भी एक बैंड और निचे भी एक बैंड होता है और कोई भी स्टॉक इसी तीनो बैंड के इर्द – गिर्द घूमती रहती हैं । बस हमे उस स्ट्रेटेजी को समझना है जिससे हम इसमें कोई ट्रेड ले सके । चलिए अब intrady में किसी स्टॉक कैसे buy करे उसको समझते हैं ।
bollinger bands strategy for intraday – bollinger bands strategy for intraday in hindi
वैसे तो केवल bollinger bands से भी स्टॉक को खरीद और बेच सकते है लेकिन हम इसमें किसी दूसरे इंडिकेटर को लगा दे तो हमारी accuracy 70% तक पहुँच जाती हैं जिससे हमारा काम से कम 10 ट्रेड में 7 ट्रेड में आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं । स्टॉक का चुनाव हम nifty50 या nifty bank से करेंगे ताकि हमारा ट्रेड लेते समय कहीं false signal ज्यादा न मिले और हमारी एक्यूरेसी भी ठीक रहे ।इस स्ट्रेटेजी को अप्लाई करने के लिए हमे जो इंडिकेटर चाहिए वो इस प्रकारहै ।
- macd :- सबसे पहले हम टेक्निकल चार्ट के ऊपर वाले सेक्शन में जाएंगे और इंडिकेटर वाले बॉक्स जाकर macd टाइप करेंगे । इसके सेटिंग में कोई बदलाव नहीं करेंगे ।
- bollinger bands :-इसको बोलिंगर बैंड् भी हम ऊपर इंडिकेटर वाले बॉक्स में जाकर bollinger bands टाइप करेंगे तो हमे बड़े आसानी से निचे के तरफ दिख जायेगा इसे भी सेलेक्ट करेंगे । इसका सेटिंग डिफॉल्ट्स पर ही रहने देंगे ।
- time :- जो की हमे इंट्राडे के लिए कोई ट्रेड लेना है तो हुमकोई छोटा टाइम पीरियड को ही चुनेंगे । इसलिए intraday ट्रेड लेने के लिए हमने 15 मिनट का टाइम पीरियड का चुनाव कर लिया । आप चाहे तो बोलिंगर बैंड् इससे swing trading भी कर सकते हैं इसके बारे में भी हम अपने अगले ब्लॉग में बताएँगे की इस के मदद से हुमकिसी स्टॉक में स्विंग ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं । स्विंग ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता हैं ।
buy position
इस टेक्निकल चार्ट पर किसी स्टॉक को खरीदते समय हमे कुछ विशेष टॉपिक पर ध्यान देना आवस्यक है तभी हम कोई बढ़िया रिजल्ट को प्राप्त कर सकते है ।
- macd के सिग्नल को इनक्रीस रहना बहुत जरुरी हैं और इसके क्रॉस ओवर भी ध्यान देना होगा जैसे ही क्रॉस करे हम केवल किसी स्टॉक को buy करने के रेडी होना है , उस समय buy नहीं करना हैं ।
- जैसा की आप ऊपर इमेज में देख सकते हैं की इसमें में जो middle वाली रेखा है उसपर कोई छोटा ग्रीन कैंडल क्लोजिंग दे तभी हम बुय करेंगे वो भी उसका जो अगला कैंडल बनेगा वो उस ग्रीन कैंडल के हाई को ब्रेक कर दे तब । इमेज में आप देख सकते है की जहाँ पर मैंने buy किया है वो रेड कैंडल हैं जो पिछले ग्रीन कैंडल के हाई को तोडा है ।
- सबसे नीचेवाले लाइन का मूवमेंट(bollinger bands) में यदि ऊपर रहे तो हमारे लिए ट्रेड लेना बहुत अच्छा रहता है ।
stop loss :- यदि हम stop loss की बात करे तो , जिस कैंडल पे हम कोई स्टॉक को खरीदेंगे उसी के low price पर हमारा stop लोस्स लगेगा ।
sell :- intraday में 1% प्रॉफिट मिल जाए तो वही बहुत हैं हमे इससे ज्यादा की उम्मीद भी नहीं रखना चाहिए । यदि आप थोड़ा रिस्क लेना चाहते है तो जब तक macd का दोबारा ऊपर से निचे के तरफ क्रॉस करे तब हम स्टॉक को sell कर देंगे ।
बोलिंगर बैंड ट्यूटोरियल: बाजार की भविष्यवाणी करने के लिए मूल सूचक
बोलिंगर बैंड इंडिकेटर हर समय सबसे लोकप्रिय तकनीकी संकेतकों में से एक है। बोलिंजर बैंड आपको बताता है कि दिशा और प्रवृत्ति की ताकत, पल का संकेत है उस लेख में हम आपको दिखाएंगे कि आपके व्यापार को सुधारने के लिए उस सूचक को आसानी से कैसे माहिर करना चाहिए।
हम समझेंगे कि बोलिंगर बैंड किस प्रकार शामिल हैं।
उस सूचक में तीन "स्ट्रिप्स" हैं। दो बाहरी लाइनें और एक मुख्य पंक्ति
यदि आप विस्तार में जाना चाहते हैं: मध्यरेखा एक सामान्य चलती औसत (एसएमए) है जो आम बोलिंगर बैंड् तौर पर 20 की अवधि के लिए निर्धारित होती है। और दो बाहरी रेखाें 2 के गुणांक के साथ चलती औसत के मानक विचलन हैं।
इसे आसान रखने के लिए, केंद्रीय रेखा आपको एक प्रवृत्ति की दिशा बताती है। बाहरी रेखाएं आपको इसकी ताकत और परिवर्तन का पल दिखाती हैं।
प्रवृत्ति केंद्रीय रेखा से संकेतित है यदि उद्धरण लाइन से ऊपर हैं तो प्रवृत्ति बढ़ रही है। जब उद्धरण केंद्रीय रेखा के नीचे होते हैं - प्रवृत्ति बदल जाती है।
आप पल को कैसे पकड़ सकते हैं:
द्विआधारी विकल्प ट्रेडिंग में सही संकेत बहुत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक व्यावसायिक व्यापारी के लिए संकेत महत्वपूर्ण है यदि आप पल पकड़ते हैं, तो आप अपना भाग्य बना सकते हैं! प्रवृत्ति दिशा में उल्टा एक पल है असल में, यह तब होता है जब दिशा में परिवर्तन, वृद्धि या अन्यथा
व्यापार करने के लिए बोलिन्जर बैंड का उपयोग करने का सबसे आसान तरीका तथाकथित चैनल ट्रेडिंग बोलिंगर बैंड् बोलिंगर बैंड् है यह तब होता है जब उद्धरण सूचक की बाहरी रेखाओं के द्वारा बनाई गई किसी चैनल में चल रहे हैं। उस रणनीति का इस्तेमाल किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है जो कॉल या रखे क्लिक कर सकते हैं।
जब आप उद्धरण देखते हैं तो ऊंची रेखा पर पहुंचें, आप एक रखे सौदा खोलते हैं एक बार उद्धरण निम्न रेखा तक आते हैं - सौदा कॉल करें
लेकिन नोटिस, वर्तमान में बाजार में 100% सही सूचक नहीं है। अन्यथा हम सब अब तक अरबपतियों रहते!
यही कारण है कि आपको चैनल आंदोलन के लिए उद्धरण की आवश्यकता है। ये उद्धरण बढ़ रहे हैं। आपको बाह्य रेखाओं पर भी ध्यान देना चाहिए। वे बढ़ने शुरू करते हैं - उच्च अस्थिरता के लिए तैयार रहें यह प्रवृत्ति मजबूत हो सकती है और संभवत: इसके बारे में सावधान रहें।
केवल बॉलिंजर बैंड सूचक का उपयोग 60% से अधिक के लिए व्यापारिक सफलता में सुधार लाता है! इसे ध्यानपूर्वक अध्ययन करें, इसे मास्टर करें और उसका उपयोग करें!
Bollinger Band Strategy
Bollinger bands are easy to use and can replace trend channels as the indicator shows the range where the price mostly moves. Working with Bollinger bands you can use a signal: when the price sharply breaks the band it tends to बोलिंगर बैंड् return back to the central indicator line.
A procedure after a signal appearance:
1) Add Bollinger band indicator to the price chart;
Add an Indicator
2) Wait when the price has moved outside the indicator;
3) After the price has returned inside and a confirming candlestick has been closed we can open a deal directed towards the central indicator line;
Buying a call after the lower band breakout
Buying a put after the upper band breakout
The upper and lower Bollinger bands can be used as the levels of support and resistance.
A procedure after a signal appearance:
1) The price is closed at the upper/lower indicator line;
2) A new candlestick moves in reverse direction;
3) Wait for a confirmation and trade directed towards a central indicator line.
Buying a put after bounce off the upper band – resistance line
कंपनी संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र, स्विट्जरलैंड, इजरायल, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, उत्तर कोरिया, प्यूर्टो बोलिंगर बैंड् रिको, सिंगापुर, इंडोनेशिया, रूस, ईरान और यमन के नागरिकों और निवासियों को सेवाएं प्रदान नहीं करती है।
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