ऑनलाइन निवेश

शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं

शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं
अमित भारद्वाज |फेसबुक

इस गेम को खेलकर मुफ्त में मिल सकता है बिटकॉइन, जानिए कैसे

नई दिल्ली। बिटकॉइन की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं लोगों में उत्साह बढ़ता जा रहा है। आज हर इंसान बिटकॉइन में निवेश करना चाह रहा है लेकिन उनको रिस्क लग रहा है कि कही उनका पैसा डूब न जाएं। तो आपको घबराने की जरूरत नहीं आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे जहां से आप बिटकॉइन बिल्कुल मुफ्त में पा सकते हैं। आइए जानते है कि कैसे और कहां से बिटकॉइन फ्री मिल सकता है।
ब्लॉकचेन गेम खेलकर ऐसे मिल सकता है बिटकॉइन
जी हां ब्लॉकचेन नाम की इस गेम को खेलकर फ्री में बिटकॉइन कमाया जा सकता है। इसके लिए आपको इस गेम पर रजिस्टर करना होगा। पहले आप अपना यूजर आईडी और पासवर्ड बनाएं
कैसे मिलेगा पैसा
एक बार रजिस्टर्ड होने के बाद आप ब्लॉकचेन गेम को खेल सकेंगे। आपको बता दें कि गेम खेलने के दौरान आपको बीच बीच में बहुत सारे एड दिखाई देंगे। आपको उस पर क्लिक करना होगा। क्योकिं वहीं से गेमिंग कंपनी को पैसा मिलता है। जिसका कुछ हिस्सा शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं आपको भी मिलेगा।
कब मिलेगा पैसा
गेम को पूरा करने के लिए आपको कई चरणों से गुजरना पड़ेगा। जब आप सारे चरण को पार कर लेंगे तो आप बिटकॉइन पाने के हकदार बन जाएंगे। बता दें कि इस गेम में आपको कई बार एड दिखाई देंगे जिसे बिना इग्नोर किए आगे बढ़ना होगा। ब्लॉकचेन कंपनी आपको पैसे या बिटकॉइन हफ्ते में एक बार मिलेगा।

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बिटकॉइन की शुरुआत को लेकर अलग-अलग भ्रांतियां है। कुछ लोगों का मानना है कि चीन के संतोषी नाकामोटी ने इसकी शुरुआत 2008 फाइनेंशियल क्राइसेस के दौरान की। दरअसल उस दौरान वित्तीय हालात गड़बड़ होने से कैश की किल्लत से ऑनलाइन लेन-देन की शुरुआत की गई।
क्या होता है बिटकॉइन

बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है। इसका कोई दस्तावेज नहीं होता है, किसी भी वर्चुअल करेंसी को खरीदने के लिए उससे संबधित एप को डाउनलोड करना होता है। एप के जरिए आप इसका भुगतान करके इसे खरीद सकते हैं।

कैसे एक पूर्व इंफोसिस इंजीनियर बना एक अमीर बिटकॉइन माइनर और साथ ही एक “भगौड़ा”

अमित भारद्वाज

अमित भारद्वाज |फेसबुक

अमित भारद्वाज पर आरोप है कि वह एक लुभावनी योजना बिटकॉइन का उपयोग करके दुबई के लिए चंपत हो गया, योजना के द्वारा चूना लगाई हुई अनुमानित रकम 2000 करोड़ बताई जा रही है।

नई दिल्ली: अमित भारद्वाज शालीमार बाग के एक पूर्व सरकारी कर्मचारी का बेटा है, जो अब दुबई की अल्ट्रा-मार्केट बुर्ज खलीफा में एक आलीशान घर का मालिक है। लेकिन यहाँ पर कहानी उन कुछ चुनिन्दा मध्यम वर्गीय लोगों की नहीं है जो अपनी मेहनत के दम पर लम्बे समय में धनी हुए हैं, यहाँ पर मामला गलत तरीके से कम समय में अमीर होने का है।

अमित भारद्वाज, जो कि एक पूर्व सॉफ्टवेयर डेवलपर (इंफोसिस) और स्टॉक ब्रोकर भी हैं, पर आरोप है कि एक लुभावनी योजना बिटकॉइन, जो की एक अनियमित डिजिटल ‘क्रिप्टोकरेंसी’ है और साथ ही जो अपने मूल्य में तेज गति से वृद्धि होने के कारण सुर्खियों में छा रही है, के माध्यम से लोगों के लगभग 2000 करोड़ रूपए की ठगी करके दुबई भाग गया।

अमित भारद्वाज, जिनके सभी कारोबारों का लाखों का टर्नओवर बताया जा रहा है, उनपर धोखाधड़ी के चलते राज्य सरकारों का शिकंजा कसता जा रहा है और जाँच एजेंसियाँ इस भगौड़े को देश में वापस लाने का प्रयास कर रही हैं।

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रविवार की शाम तक, एक बिटकॉइन की कीमत सिर्फ 4.26 लाख रुपये से कुछ अधिक थी। लेकिन 2017 में, एक बिटकॉइन की कीमत बढ़कर 10 लाख रुपये तक हो गई।

अमित भारद्वाज की लुभावनी योजना के तहत, उसने लोगों को झांसा दिया कि वह एक बिटकॉइन की खरीद पर अगले आने वाले ढेड़ साल तक हर महिने उस बिटकॉइन की कीमत का 10 प्रतिशत अधिक मूल्य देगा। इसका मतलब यह था कि कि 18 महीने की अवधि के अंत तक, एक निवेशक का पैसा जो उसने निवेश किया था उसका लगभग दोगुना हो जाना चाहिए था।

बिटकॉइन के सभी लेन-देन बाइटेक्स शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं के द्वारा किए गए थे, जो मुद्रा के लिए एक वॉलेट बैंक है। परिणाम स्वरूप, इसमें भारतीय मुद्रा की कोई भागीदारी नहीं थी और इसलिए कर भरने का कोई दायित्व भी नहीं था।

इस वजह से निवेशक और भी ज्यादा प्रोत्साहित हुए और लोगों ने अधिक संख्या में बढ़-चढ़ कर निवेश किया। दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के उपायुक्त भीष्म सिंह ने कहा, कि “भारद्वाज ने एक बहु-स्तरीय विपणन (मल्टी लेवल मार्केटिंग, एमएलएम) योजना बनाई, जहां उसने उन निवेशकों को और लुभावने सपने दिखाए जो अधिक लोगों को इस योजना से जोड़ेंगे।”

मल्टी लेवल मार्केटिंग, एमएलएम योजना में, प्रत्येक नामांकित व्यक्ति को निवेश करने के लिए एक निश्चित संख्या में लोगों को जोड़ना होता था, जिससे उन्हें कमीशन प्राप्त होता था।

सिंह ने भारद्वाज की योजना के बारे में कहा, ” अंत में वो कमीशन वाली रकम निवेशक के रिटर्न में जुड़के उनके खातों में पहुँच जाएगी,”

सिंह द्वारा “निवेशकों को आकर्षित करने के लिए, उनकी कंपनियों ने पांच सितारा होटल में सेमिनारों का आयोजन करने के साथ-साथ विख्यात व्यक्तियों (सेलिब्रिटीज) को भी आमंत्रित किया। सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सेमिनार में बिटकॉइन की अवधारणा को भी समझाया कि एक निवेशक, बिटकॉइन में पैसों का निवेश कर उनमें किस तरह से वृद्धि कर सकता है।

भारद्वाज की योजना ने रिटर्न को तीन रूपों में प्रस्तुत किया: 18 महीने के लिए उनके निवेश पर 10 प्रतिशत की मासिक वापसी; अधिक लोगों का निवेश करने के लिए रोपिंग में एक बार का भुगतान; और एक पैसा कमाने का अंतहीन जरिया

जब निवेशक ‘धोखाधड़ी’ को लेकर जागृत हुए

हालांकि, जो वादा किया गया था वो नहीं पूरा किया गया। चूंकि बिटकॉइन की कीमतों में व्यापक रुप से वृद्धि हुई जिससे की निवेशकों को भारी रिटर्न मिलना था, भारद्वाज ठगी करने लगा।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “चूंकि बिटकॉइन्स लोकप्रिय होने के साथ उसकी कीमत में भी इजाफा हो गया, जिसने भी अपना पैसा निवेश के रुप में लगाया था भारद्वाज को उसे 10 गुना वापस करना था, इसलिए उसने लौटाना बंद कर दिया और कई निवेशकों को धोखा भी दिया।

प्रत्येक बार जब भी बिटकॉइन का लेनदेन किया जाता है उस लेनदेन का ब्योरा धारकों को मोबाइल-फोन-एप्लिकेशन-आधारित ई-वॉलेट पर दिखता था। ऐप निवेशकारों के बीटककॉइन बैलेंस, बाज़ार में इसका वर्तमान मूल्य और अन्य लेन-देन विवरणों के बारे में जानकारी देता है। वॉलेट के माध्यम से कोई भी बिटकॉइन बेच या खरीद सकता है।

जब वादा किया हुआ रिटर्न उनके ई-वॉलेट में वापस नहीं आता है तब निवेशकों ने यह महसूस किया कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह गलत था।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हालांकि, भारद्वाज की कंपनी द्वारा बिटकॉइन निवेशकों के खाते में स्थानांतरित करने का दावा किया गया था लेकिन अभी तक कभी भी निवेशकों की वॉलेट में रिटर्न आता नहीं दिखा था।” बाद में यह पता चला कि किसी भी निवेशक के खाते में स्थानांतरण कभी हुआ ही नहीं और जिसके चलते सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का धोखा दिया गया।”

“दूसरे पुलिस अधिकारी ने कहा कि ” पोंजी योजना के माध्यम से, भारद्वाज ने करोड़ों रुपये कमाकर भारत के साथ-साथ विदेश में भी बहुत सी संपत्ति खरीदी।

एक बार जब निवेशकों को यह एहसास हुआ कि उन्हें पैसों के लिए उपयोग किया गया था तब भारद्वाज के निवेशकों ने पुलिस के साथ शिकायतों को दाखिल करना शुरू कर दिया और बदले के लिए change.org पर एक याचिका शुरू कर दी जिसमें भारद्वाज की गिरफ्तारी की मांग रखी गई।

भारद्वाज ने दिल्ली, पुणे, नांदेड़, मुंबई और कोल्हापुर से निवेशकों को कथित रुप से ठगा है। इस ठगी का एक मामला दिल्ली में प्रशांत विहार में दर्ज किया गया है, जबकि कई अन्य दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को सौंपे गए हैं।

पिछले साल, महाराष्ट्र पुलिस ने कथित 2,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जाँच के लिए प्रवर्तन निदेशालय को शामिल किया था। भारद्वाज के खिलाफ एक तलाशी का नोटिस जारी किया गया है, जो अभी तक अधिकांश मामलों में अपराधी घोषित होना बाकी है।

‘घोटाले’ के पीछे का शख्स

भारद्वाज महाराष्ट्र के नांदेड़ में महात्मा गाँधी मिशन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस से स्नातक है। खबरों के अनुसार, वह 35-40 साल का है।

सूत्रों के अनुसार, भारद्वाज के पिता वित्त मंत्रालय में एक कर्मचारी थे, जिन्होंने पहले अर्थशास्त्र में दिलचस्पी बढ़ाई थी। स्टॉक ब्रोकर बनने से पहले उन्होंने कुछ समय के लिए इंफोसिस के साथ काम किया।

आखिरकार, वह बिटकॉइन माइनिंग में चले गए तथा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में कुछ शुरुआती खिलाड़ियों में से एक बन गए, जो वास्तविक बिटकॉइन की पेशकश करते हैं। वर्तमान में, भारद्वाज क्रिप्टोकरेंसी परिचालन की एक श्रृंखला के मालिक है, जो कि बिटकॉइन माइनिंग और प्रसंस्करण के साथ काम करते है, कुछ उत्पादों में गेन बिटकॉइन, जीबी माइनर्स और सबसे हाल ही में एमसीएपी की पेशकश की गई थी ।

जैसा कि बिटकॉइन में लोकप्रियता बढ़ी, भारद्वाज को समाचार चैनलों और सेमिनारों पर कई टॉक शो पर, क्रिप्टोकरेंसी क्या थी, वे कैसे काम करते थे और वे कैसे माइनिंग करते थे, विशेषज्ञों से बात करने के लिए आमंत्रित किया गया।

गेन बिटकॉइन, जीबीमाइनर्स क्या है?

हालांकि अधिकांश व्यापारियों ने बिटकॉइन की बिक्री और खरीददारी में सौदा किया है, भारद्वाज की कंपनी ने क्राइटोकरेंसी का दावा किया, एक प्रक्रिया जिसके माध्यम से नए बिटकॉइन परिसंचरण में लाए जाते हैं। क्लाउड माइनिंग, बिटकॉइन माइनिंग की एक विधि है और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे और बिजली की आवश्यकता है।

गेन बिटकॉइन का दावा है कि इसके बिटकॉइन-माइनिंग फार्म चीन में हैं और दुनिया भर के निवेशक इसे बनाए रखने के बिना हार्डवेयर का उपयोग कर सकते हैं। गेन बिटकॉइन ने निवेशकों से मिले धन के साथ माइनिंग मशीन खरीदने का दावा किया है।

हांगकांग में स्थित एक अन्य कंपनी, जीबीमाइनर्स (गेन बिटकॉइन माइनर्स), भारत से पहले बिटकॉइन-माइनिंग पूल होने का दावा करती है। माइनिंग पूल अपने संसाधनों को जमा करने और पुरस्कार साझा करने वाले माइनर्स का एक समूह है।

क्या है Bitcoin और Cryptocurrency, कैसे होती है इसकी माइनिंग?

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे अवैध माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। कई लोग तो ऐसा मानते हैं कि, सिर्फ Bitcoin ही एक क्रिप्टोकरेंसी है। जबकि मार्केट में कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं। हालांकि, आज भी ज्यादातर लोग Bitcoin में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। इसलिए हम समझें कि आखिर क्या है Bitcoin? साथ ही विस्तार से इससे जुड़े तथ्य।

क्या है शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं Bitcoin?

Bitcoin करेंसी तो है, लेकिन यह एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसे 'सातोशी नकामोति' ने 2008 में बनाया था, लेकिन किसी को यह आज तक नहीं पता चल पाया है कि यह कोई इंसान है, या ऑर्गनाइज़ेशन है। सातोशी Bitcoin की एक कोड भी है। इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। हम यह कह सकते हैं कि Bitcoin एक कोड है। इसे एक डिजिटल डॉक्यूमेंट भी कहा जा सकता है। इसे ख़रीदा भी जा सकता है। हालांकि रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसके बाद भी भारत में Bitcoin को ख़रीदा जा सकता है। सातोशी नकामोति ने दुनिया में टोटल 2.1 करोड़ Bitcoin बनाये हैं। Bitcoin सोने के भाव में बिकता है। इसके कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक तरह की करेंसी है। लेकिन इसे केवल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन ही बनाना संभव है।

Bitcoin की ग्रोथ :

अगर हम Bitcoin की ग्रोथ देखें तो इसकी शुरुआत में कोई ग्रोथ नहीं हुई थी। 2009 में Bitcoin को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी। ना कोई उसे खरीदता था न ही बेचता। इतना ही नहीं 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची। यह केवल लगभग 32 पैसे पर आकर रुक गया था। 2010 यह 18 से 20 रुपये तक ही पंहुचा था। ऐसे ही 2012 में इसकी कीमत 850 रुपये, 2014 में 31000 रुपयेऔर 2014 में इसकी कीमत 58000 रुपये, 2017 में 61722 रुपयेतक पहुंची, लेकिन 2012 से 2017 तक इसकी ग्रोथ देखे तो यह 87000% तक पहुंच गई थी। हालांकि, उसके बाद से Bitcoin में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा, लेकिन अब काफी समय से इसमें गिरावट का दौर ही जारी है। बता दें, मार्केट में करीब डेढ़ करोड़ Bitcoins आ चुके हैं।

कैसे माइनिंग होता है Bitcoin ?

Bitcoin जारी करने की प्रक्रिया “माइनिंग” कहलाती है। Bitcoin को माइन करने के लिए 2 key होती हैं। एक भेजने के लिए और दूसरी प्राप्त करने के लिए। इसका सिस्टम ठीक एक लाटरी जैसा होता है। लाटरी सिस्टम से जो कोई जटिल गणित के सवाल का उत्तर दे पाएगा उसको कुछ Bitcoin इनाम में मिलेंगे। जैसे-जैसे Bitcoin बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे गणित के सवाल और भी जटिल होते जाते हैं। Bitcoin से जुड़ा लेनदेन बिटकॉइन से जुड़े हर इंसान को पता रहता है लेकिन किसने ख़रीदा और किससे ख़रीदा इस बात की गोपनीयता बनी रहती है। इससे धोखाधड़ी की शिकायतें कम हो जाती हैं। आप Unocoin द्वारा Bitcoin खरीद सकते हैं।

Bitcoin के लेन-देन का लेज़र:

Bitcoin के लेन-देन का एक लेज़र बनाया जाता है। यह एक ओपन लेज़र होता है। शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं इसके लेज़र से पूरी जानकारी (पहले बिटकॉइन से लास्ट तक) प्राप्त की जा सकती है। बिटकॉइन का जो सबसे लम्बा लेज़र मेंटेन करता है उसी का लेज़र माना जाता है और उसे ही इनाम के तौर पर बिटकॉइन मिलते हैं। ऐसे बहुत लोग लेज़र मेंटेन करते हैं। बिटकॉइन का लेज़र मेंटेन करने के लिए भी आपको कुछ इनाम दिया जाता है। लेज़र मेंटेन करने से आप धोखाधड़ी के शिकार नहीं होते है। Bitcoin का कोड बहुत कठिन होता है। जिसे हैक करना बहुत मुश्किल है।

Bitcoin से लेनदेन :

कई लोग यह सोचते हैं कि यह एक न दिखने वाली करेंसी है तो क्या इससे लेन-देन संभव होगा? तो हम आपको बताते हैं कि, जी हाँ Bitcoin से लेन-देन बिलकुल संभव है। Bitcoin द्वारा सबसे पहले पिज्जा खरीदा गया था और आज लगभग 1 लाख से भी ज्यादा व्यपारी Bitcoin से लेन-देन करते हैं। Bitcoin का भुगतान किसी ऐप के द्वारा भी किया जा सकता है। Dell, PayPal, Microsoft, जैसी कंपनिया भी Bitcoin को स्वीकार करती हैं। Bitcoin के लेनदेन का एक नुकसान यह है कि इससे कहीं-कहीं ड्रग्स का भी लेनदेन किया जा रहा है। क्योंकि इससे पता नहीं चलता की कौन खरीद रहा है कौन बेच रहा है।

Bitcoin से जुड़ी कुछ बातें:

दिसम्बर 2017 में Bitcoin की वैल्यू एक लाख डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी।

देशभर के Bitcoin एक्सचेंजों पर IT विभाग ने दिसम्बर 2017 में छापेमारी की थी।

Bitcoin की कीमत में भारी गिरावट भी दर्ज की जाती है।

कभी-कभी Bitcoin में निवेश करना मंहगा पड़ जाता है।

Bitcoin लोगो को बहुत जल्दी आकर्षित करता है।

हम Bitcoin को पेमेंट सिस्टम भी कह सकते हैं।

Bitcoin से एक बार अमिताभ बच्चन को 100 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ था लेकिन इसमें गिरावट आने से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा था।

आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है कि Bitcoin बढ़ता कैसे है।

अगर आपके पैसे Bitcoin द्वारा डूब गए तो इसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।

Charlie Munger ने कहा था कि, 'Bitcoin एक बीमारी की तरह है।'

Warren Buffet ने 2014 में कहा था कि, 'Bitcoin एक धोका साबित हो सकता है।'

Benjamin Graham ने कहा था कि, 'Bitcoin लोगों को धोखे में लेकर डूबेगी।'

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