मिड कैप फंड्स क्या हैं

Big returns by Mid cap: मिडकैप का बिग रिटर्न
Midcap mutual funds: अक्सर देखा जाता है कि जब बाजार में रैली हो तो लार्जकैप की तुलना में मिडकैप से बेहतर रिटर्न मिलता है। यही देखा गया है हाल के मिड कैप फंड्स क्या हैं म्यूचुअल फंड स्कीम के संबंध में। वैसे तो मिडकैप में घरेलू निवेशकों को दिलचस्पी बनी रहती है। हालांकि, निवेशक बहुत ज्यादा रिस्क यानी जोखिम नहीं उठाना चाहते और इसलिए सीधे-सीधे मिडकैप में निवेश करने से बचते हैं। लेकिन ऐसे म्यूचुअल फंड की स्कीम जो मिड कैप में निवेश करती हो उसमें पैसा लगाना बेहतर समझते हैं। जानते हैं कुछ ऐसे म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में जो मिडकैप स्टॉक्स में पैसे लगाती हैं और 3, 5, 10, 15 और 20 सालों में अच्छा खासा रिटर्न दे रही हैं।
यदि सबसे बेहतरीन रिटर्न के विषय में पूछा जाए तो ₹1 लाख के 20 साल के निवेश में ₹76 लाख का रिटर्न मिला है, यानी इन 20 सालों में 24% सालाना की दर से रिटर्न मिल चुका है। जानते हैं कुछ ऐसे ही मिडकैप फंड के बारे में।
निपॉन इंडिया ग्रोथ
3 सालों में 24.15% की दर से रिटर्न मिला है, जहां अधिकतम अवधि 20 सालों के लिए 24.19% की दर से रिटर्न मिल है। इसने 5 सालों में 14.97%, 10 सालों में 16.27%, और 15 सालों में 12.70% की दर से रिटर्न दिया है।
अधिकतम समय सीमा 20 सालों के एसआईपी को लें तो ₹5000 प्रतिमाह के हिसाब से निवेश की कुल रकम होती है ₹1,88,22,514 और ₹1 लाख का एकमुश्त निवेश करने पर बने ₹76 लाख।
सुंदरम् मिडकैप
इसकी न्यूनतम समय सीमा 3 सालों में रिटर्न की दर 17.98% और अधिकतम समय सीमा 20 सालों में 23.94% की रिटर्न दर रही है। 5 सालों में 8.96%, 10 सालों में 16.08%, और 15 सालों में 13.24% की दर से रिटर्न मिला।
सुंदरम् मिडकैप फंड में अधिकतम समय 20 सालों के लिए ₹5000 प्रतिमाह का निवेश होने पर कुल रकम होती है ₹1,88,06,133। वहीं ₹1लाख के एकमुश्त निवेश के बने ₹72.68 लाख।
फ्रेंकलिन एंड प्राइमा
इसका न्यूनतम समय 3 सालों में 16.59% रिटर्न दर है, जबकि अधिकतम समय सीमा 20 सालों में 22.16% की रिटर्न दर रही है। 5 सालों में 10.51%, 10 सालों में 17.50%, और 15 सालों में 12.71% से रिटर्न मिला है।
फ्रेंकलिन इंडिया प्राइमा के 20 सालों के एसआईपी को लें तो ₹5000 प्रतिमाह के हिसाब से निवेश की कुल रकम हो जाती ₹1,48,27,900 है। वहीं ₹1लाख के एकमुश्त निवेश से ₹55.13 लाख का रिटर्न मिला है।
टाटा मिडकैप ग्रोथ
इस मिडकैप फंड की न्यूनतम सीमा 3 सालों में रिटर्न की दर है 19.93% और अधिकतम समय 20 सालों में 20.35% की दर रही है। 5 सालों में रिटर्न 12.87%, 10 सालों में 17.79% और 15 सालों में रिटर्न की दर 12.68% रही है।
टाटा मिड कैप ग्रोथ फंड के 20 सालों के एसीपी के अनुसार ₹5000 प्रतिमाह के निवेश की कुल रकम हो जाती है ₹1,28,44,901। वही एकमुश्त ₹1 लाख के निवेश बने ₹41 लाख।
क्वांट मिडकैप
न्यूनतम समय सीमा 3 सालों के रिटर्न की दर 33.96% है। वहीं अधिकतम समय सीमा 20 सालों के लिए रिटर्न की दर 12.88% रही है। 5 सालों में 19.72%, 10 सालों में रिटर्न 15.57%, और 15 सालों में 10.13% की दर से रिटर्न मिला है।
क्वांटम मिडकैप 20 सालों की एसआईपी के अनुसार ₹5000 प्रतिमाह निवेश मिड कैप फंड्स क्या हैं की कुल रकम हो जाती है ₹62,26,485। एकमुश्त, वहीं एकमुश्त ₹1 लाख के बने ₹11.32 लाख।
Top 2 Midcap Mutual Funds for Beginners in 2022
Midcap mutual funds: अक्सर देखा जाता है कि जब बाजार में रैली हो तो लार्जकैप की तुलना में मिडकैप से बेहतर रिटर्न मिलता है। यही देखा गया है हाल के म्यूचुअल फंड स्कीम के संबंध में। वैसे तो मिडकैप में घरेलू निवेशकों को दिलचस्पी बनी रहती है। हालांकि, निवेशक बहुत ज्यादा रिस्क यानी जोखिम नहीं उठाना चाहते और इसलिए सीधे-सीधे मिडकैप में निवेश करने से बचते हैं। लेकिन ऐसे म्यूचुअल फंड की स्कीम जो मिड कैप में निवेश करती हो उसमें पैसा लगाना बेहतर समझते हैं। जानते हैं कुछ ऐसे म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में जो मिडकैप स्टॉक्स में पैसे लगाती हैं और 3, 5, 10, 15 और 20 सालों में अच्छा खासा रिटर्न दे रही हैं।
यदि सबसे बेहतरीन रिटर्न के विषय में पूछा जाए तो ₹1 लाख के 20 साल के निवेश में मिड कैप फंड्स क्या हैं ₹76 लाख का रिटर्न मिला है, यानी इन 20 सालों में 24% सालाना की दर से रिटर्न मिल चुका है। जानते हैं कुछ ऐसे ही मिडकैप फंड के बारे में।
निपॉन इंडिया ग्रोथ
3 सालों में 24.15% की दर से रिटर्न मिला मिड कैप फंड्स क्या हैं है, जहां अधिकतम अवधि 20 सालों के लिए 24.19% की दर से रिटर्न मिल है। इसने 5 सालों में 14.97%, 10 सालों में 16.27%, और 15 सालों में 12.70% की दर से रिटर्न दिया है।
अधिकतम समय सीमा 20 सालों के एसआईपी को लें तो ₹5000 प्रतिमाह के हिसाब से निवेश की कुल रकम होती है ₹1,88,22,514 और ₹1 लाख का एकमुश्त निवेश करने पर बने ₹76 लाख।
सुंदरम् मिडकैप
इसकी न्यूनतम समय सीमा 3 सालों में रिटर्न की दर 17.98% और अधिकतम समय सीमा 20 सालों में 23.94% की रिटर्न दर रही है। 5 सालों में 8.96%, 10 सालों में 16.08%, और 15 सालों में 13.24% की दर से रिटर्न मिला।
सुंदरम् मिडकैप फंड में अधिकतम समय 20 सालों के लिए ₹5000 प्रतिमाह का निवेश होने पर कुल रकम होती है ₹1,88,06,133। वहीं ₹1लाख के एकमुश्त निवेश के बने ₹72.68 लाख।
फ्रेंकलिन एंड प्राइमा
इसका न्यूनतम समय 3 सालों में 16.59% रिटर्न दर है, जबकि अधिकतम समय सीमा 20 सालों में 22.16% की रिटर्न दर रही है। 5 सालों में 10.51%, 10 सालों में 17.50%, और 15 सालों में 12.71% से रिटर्न मिला है।
फ्रेंकलिन इंडिया प्राइमा के मिड कैप फंड्स क्या हैं 20 सालों के एसआईपी को लें तो ₹5000 प्रतिमाह के हिसाब से निवेश की कुल रकम हो जाती ₹1,48,27,900 है। वहीं ₹1लाख के एकमुश्त निवेश से ₹55.13 लाख का रिटर्न मिला है।
टाटा मिडकैप ग्रोथ
इस मिडकैप फंड की मिड कैप फंड्स क्या हैं न्यूनतम सीमा 3 सालों में रिटर्न की दर है 19.93% और अधिकतम समय 20 सालों में 20.35% की दर रही है। 5 सालों में रिटर्न 12.87%, 10 सालों में 17.79% और 15 सालों में रिटर्न की दर 12.68% रही है।
टाटा मिड कैप ग्रोथ फंड के 20 सालों के एसीपी के अनुसार ₹5000 प्रतिमाह के निवेश की कुल रकम हो जाती है ₹1,28,44,901। वही एकमुश्त ₹1 लाख के निवेश बने ₹41 लाख।
क्वांट मिडकैप
न्यूनतम समय सीमा 3 सालों के रिटर्न की दर 33.96% है। वहीं अधिकतम समय सीमा 20 सालों के लिए रिटर्न की दर 12.88% रही है। 5 सालों में 19.72%, 10 सालों में रिटर्न 15.57%, और 15 सालों में 10.13% की दर से रिटर्न मिला है।
क्वांटम मिडकैप 20 सालों की एसआईपी के अनुसार ₹5000 प्रतिमाह निवेश की कुल रकम हो जाती है ₹62,26,485। एकमुश्त, वहीं एकमुश्त ₹1 लाख के बने ₹11.32 लाख।
10 हजार की SIP को मिड कैप फंड्स क्या हैं 5 साल में 12 लाख रुपये में बदलने वाले म्यूचुअल फंड्स, जानिए इनके बारे में
हम आपको बता रहे हैं 3 ऐसे ही म्यूचुअल फंड के बारे में, जो 5 स्टार रेटेड हैं और 5 साल में 10,000 रुपये की एसआईपी को 12 लाख रुपये में बदल डाला है. ये तीन फंड्स हैं-
SIP Money Making Tips: वित्तीय विशेषज्ञों की मानें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड से सर्वाधिक लाभ कमाने के लिए लंबे समय के लिए उसमें बने रहना जरूरी है. कंपाउंडिंग का फायदा उठाकर इसमें अपना निवेश दोगुना-तिगुना किया जा सकता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में कम समय में अधिक रिटर्न देने की क्षमता देखी गई है. लंबे दिनों तक निवेश किया जाए तो महंगाई को मात देने वाला रिटर्न आसानी से प्राप्त किया जा सकता है. हम आपको बता रहे हैं 3 ऐसे ही म्यूचुअल फंड के बारे में, जो 5 स्टार रेटेड हैं और 5 साल में 10,000 रुपये की एसआईपी को 12 लाख रुपये में बदल डाला है. ये तीन फंड्स हैं- क्वांट मिड कैप फंड डायरेक्ट ग्रोथ (Quant Mid Cap Fund Direct Growth), क्वांट एक्टिव फंड डायरेक्ट ग्रोथ (Quant Active Fund Direct Growth), पीजीआईएम इंडिया मिडकैप फंड डायरेक्ट ग्रोथ (PGIM India Midcap Opportunities Fund Direct Growth).
क्वांट मिड कैप फंड मिड कैप फंड्स क्या हैं डायरेक्ट ग्रोथ (PGIM India Midcap Opportunities Fund Direct Growth)
इस फंड की शुरुआत 1 जनवरी 2013 को हुई थी. 9 सितंबर तक इसके पास 621 करोड़ रुपये का एयूएम यानी ऐसेट्स अंडर मैनेजमेंट है. पिछले एक साल में इस फंड ने 23.65 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि शुरुआत से अब तक इसका वार्षिक औसत रिटर्न 17.46 प्रतिशत रहा है. 5 साल में इसने 30.97 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया है. ऐसे में इस अवधि में यह फंड 10,000 रुपये की एसआईपी को 12.83 लाख में बदल देता.
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क्वांट एक्टिव फंड डायरेक्ट ग्रोथ (Quant Active Fund Direct Growth)
इस फंड की भी शुरुआत 1 जनवरी 2013 को हुई थी. फंड के पास 30 जून 2022 तक 2,644 करोड़ रुपये का असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) है. इसका बेंचमार्क निफ्टी 500 मल्टीकैप है. इसका औसत वार्षिक ग्रोथ 21.08 फीसदी है और पिछले एक साल में इसने 14 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर 5 साल पहले इसमें 10,000 रुपये की एसआईपी शुरू की गई होती, तो आज यह रकम 12.72 लाख रुपये होती. इन पांच सालों में फंड ने 30.मिड कैप फंड्स क्या हैं 62 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया है.
पीजीआईएम इंडिया मिडकैप अपॉर्चूनिटीज फंड डायरेक्ट ग्रोथ (PGIM India Midcap Opportunities Fund Direct Growth)
यह फंड 2 दिसंबर 2013 को शुरू हुआ था. इस 5 स्टार फंड के पास 30 जून 2022 तक 6614 करोड़ रुपये का एयूएम था. इस फंड का बेंचमार्क निफ्टी मिडकैप 150 है. फंड ने पिछले 5 साल में 31.40 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया है. इस अवधि के लिए फंड में 10,000 रुपये की शुरू की गई एसआईपी अब तक 12.96 लाख रुपये दे जाती.
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क्या स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स का बेहतर प्रदर्शन कायम रहने वाला है ?
छोटे और मिड-कैप फंड बाजार पूंजीकरण पर आधारित फंडों के पदानुक्रम के आधार पर होते हैं और इस प्रकार वे किसी के म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं। यहां तक कि सबसे अच्छे म्यूचुअल फंड जिन्होंने हाल ही में अच्छा प्रदर्शन किया है, वे छोटी और मिड-कैप फंड श्रेणी से धन हैं क्योंकि वे थोड़े समय में उच्च रिटर्न देने का इरादा रखते हैं।
लेकिन क्या कोई पूरी तरह से उन पर भरोसा कर सकता है और इन फंडों का बेहतर प्रदर्शन जो कि बड़े निवेशकों के मुकाबले टिकाऊ है? यह सवाल प्रत्येक निवेशक के दिमाग में सवाल है।
सितंबर 2012 में बाजारों में सबसे अधिक नुकसान हुआ जब छोटे और मिड-कैप फंड अपर्याप्त मांगों और कंपनियों पर दबाव डालने के उच्च लाभ के कारण सबसे कम रिकॉर्ड में थे। लेकिन वित्तीय संकट के दौरान बाजार में कमी के बाद छोटे कैप स्टॉक और मिड कैप वाले लोगों ने बड़े कैप फंडों को पूरी तरह से बेहतर प्रदर्शन किया है।
2014-2015 के बीच स्माल कैप और मिड-कैप म्यूचुअल फंड इक्विटी फंड श्रेणी में 30% रिटर्न देने का सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। जबकि लार्ज कैप धन को विविधता देती है, सिर्फ 14 प्रतिशत की वापसी दर्ज की गई।
स्माल कैप और मिड-कैप फंडों द्वारा बाजारों में यह प्रदर्शन क्यों देखा गया था?
इन फंडों का शानदार प्रदर्शन दो कारणों से हुआ था -
- जब अर्थव्यवस्था ने अपनी गति को फिर से शुरू करना शुरू किया, तो छोटी और मिड-कैप फंड कंपनियों की तेजी से वसूली हुई क्योंकि वे इस बाजार पदानुक्रम के नीचे हैं। इसलिए, उनके कामकाजी पूंजी जरूरतों, ऋण और ब्याज दर में तेजी लाने के लिए उनके पास कुछ बढ़िया नकदी प्रवाह था जिससे तेजी से राजस्व उत्पादन हुआ।
- इन कंपनियों की शेयर कीमतें तब बढ़ीं जब बाजार फिर से स्थिर हो रहा है घरेलू भागीदारी भी बढ़ती है जो इन कंपनियों के साथ पूंजी प्रवाह में वृद्धि सुनिश्चित करता है।
इसलिए, धन और निवेश की आपूर्ति हुई जहां विकास के महान अवसर थे। लेकिन फिर, बाजार में एक चर्चा हुई है कि आने वाले सालों में यह प्रदर्शन कितना विश्वसनीय है। अध्ययनों से पता चलता है कि अगर आपके पोर्टफोलियो में उच्च गुणवत्ता वाले छोटे कैप और मध्यम कैप फंड हैं, तो वे प्रतिभूतियां हैं जो लाभ वृद्धि, सुरक्षा और उच्च वेतन-भुगतान दिखाती हैं, वे अब भी बड़े-कैप प्रतियोगियों को बेहतर प्रदर्शन करेंगे और इस प्रकार टिकाऊ हैं निवेश के लिए।
छोटे और मिड-कैप फंड से संबंधित आने वाले वर्षों में म्यूचुअल फंड खरीदने के दौरान ध्यान रखने योग्य चीजें:
- आपको छोटी और मिड-कैप कंपनियों में निवेश करने की सोच रखनी चाहिए क्योंकि अच्छी कमाई के उचित माध्यम है|
- लेकिन छोटे कैप इंडेक्स के बावजूद बड़े पैमाने पर बढ़ रहे हैं और उनके पास जबरदस्त अवसर हैं, इनसे जुड़े उच्च जोखिम के कारण अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
- किसी को उन कंपनियों का चयन करना चाहिए जो बढ़ते बाजारों में सक्रिय हैं, उनके प्रबंधन के आधार पर अत्यधिक गतिशील और नवाचार क्षमताओं के आधार पर।
- स्माल कैप शेयरों पर भी विचार किया जाना चाहिए क्योंकि उनके पास घरेलू राजस्व का उच्च अनुपात है और इस प्रकार वे आसानी से मजबूत स्थानीय अर्थव्यवस्था से लाभ उठा सकते हैं।
- किसी को उन फंडों में निवेश करना चाहिए जिनके पास कम कारोबार अनुपात (0.5 से कम) और जो विभिन्न जीवन-चक्रों के माध्यम से किए जाते हैं।
- इसके अलावा, यदि आप समय के लंबे क्षितिज के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं, तो आप निश्चित रूप से मिड-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं।
मूल धारणा का कहना है कि आर्थिक सुधार एक और पांच साल तक चल सकता है, कमाई की वृद्धि से उच्च रिटर्न दिखने की उम्मीद है क्योंकि बाजार में लगभग 15% की उम्मीद है। कमाई की वृद्धि इसलिए, आप अपने पोर्टफोलियो में स्माल कैप और मिड-कैप फंडों में 25-30 प्रतिशत निवेश के लिए जा सकते हैं और उच्च रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।
Large Cap or Mid Cap Funds: लार्ज कैप और मिड कैप के फंड्स क्या होते हैं? जानें दोनों के बीच का फर्क
Difference Between Large cap and Mid cap Funds: बाजार में निवेश करने से पहले कुछ बातों की समझ होना जरूरी है। ऐसे ही दो टर्म्स हैं मिड कैप और लार्ज कैप, जानिए क्या होता है इनका अर्थ।
म्यूच्यूअल फंड्स कैसे काम करते हैं यह समझना एक नए इन्वेस्टर के लिए थोड़ा मुश्किल लग सकता है। एक इन्वेस्टर होने के नाते, आप किसी ऐसे इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में इन्वेस्ट करना नहीं चाहेंगे जिसे आप नहीं समझते हैं। इसी तरह, आप कुछ मौके तलाशने की कोशिश भी मिड कैप फंड्स क्या हैं करेंगे जो आपके पैसे को स्थिर तरीके से बढ़ने में मदद करने का वादा कर सके। इसे आप मार्केट में मौजूद सभी प्रकार के इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस को अच्छी तरह समझने के बाद ही सुनिश्चित कर पाएंगे।
आप इस मामले में गाइडेंस के लिए एक फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद ले सकते हैं लेकिन अपने फाइनेंशियल हेल्थ के बारे में थोड़ी सी जानकारी रखना कभी बुरा नहीं होता है। म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय, इसके सभी पहलुओं को समझना जरूरी है। इस आर्टिकल में, हमने लार्ज कैप और मिड कैप फंड्स की तुलना की है।
बैकग्राउंड
सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने भारत में म्यूच्यूअल फंड्स को फिर से वर्गीकृत करने के लिए जो कदम उठाया उससे तरह-तरह के म्यूच्यूअल फंड स्कीम्स को पहचानना और उनकी तुलना करना इन्वेस्टरों के लिए ज्यादा आसान हो गया। SEBI के इस आदेश के परिणामस्वरूप सभी म्यूच्यूअल फंड्स को व्यापक तौर पर पांच स्कीम केटेगरी में डाला गया है: इक्विटी, डेब्ट, हाइब्रिड, सॉल्यूशन-ओरिएंटेड और अन्य।
इनमें से, इक्विटी स्कीम्स को 10 भागों में बांटा गया है जैसे लार्ज कैप फंड्स, मिड कैप फंड्स, स्मॉल कैप फंड्स, मल्टीकैप फंड्स, इत्यादि। दूसरी तरफ, डेब्ट स्कीम्स को 16 भागों में और हाइब्रिड स्कीम्स को 6 भागों में बांटा गया है। इक्विटी म्यूच्यूअल फंड स्कीम्स उन इन्वेस्टरों के लिए हैं जो कंजर्वेटिव इन्वेस्टरों की तुलना में ज्यादा रिस्क लेना चाहते हैं और अच्छे रिटर्न वाले एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की तलाश में रहते हैं।
इक्विटी स्कीम्स में तरह-तरह का रिस्क होता है क्योंकि इसमें किया जाने वाला इन्वेस्टमेंट, स्टॉक मार्केट से जुड़ा होता है। इनमें से, लार्ज कैप फंड्स में इन्वेस्ट किए जाने वाले पैसे को मार्केट कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से भारत की सबसे कंपनियों में इन्वेस्ट किया जाता है, इसलिए इन्हें ज्यादा स्टेबल या स्थिर और कम रिस्की माना जाता है जबकि मिड कैप फंड्स में इन्वेस्ट किए जाने वाले पैसे को उन कंपनियों में इन्वेस्ट किया जाता है जो आगे चलकर लार्ज कैप कंपनी बन सकती हैं लेकिन जो वर्तमान में ज्यादा रिस्की होती हैं।
लार्ज कैप फंड्स क्या हैं?
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, लार्ज कैप फंड्स में इन्वेस्ट किए जाने वाले पैसे को मार्केट कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में इन्वेस्ट किया जाता है। SEBI के मानदंडों के अनुसार, लार्ज कैप कंपनियों को मार्केट कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से टॉप 100 कंपनियों के रूप में परिभाषित किया जाता है।
ये अलग-अलग क्षेत्रों में लम्बे समय से सबसे अच्छे रिकॉर्ड बनाने वाली प्रतिष्ठित कंपनियां होती हैं। इसके परिणामस्वरूप, ये कंपनियां स्टेबल या स्थिर होती हैं और मध्यम गति से बढ़ती हैं जिससे ये मिड कैप और स्मॉल कैप फंड्स की तुलना में कम वोलेटाइल या अस्थिर होती हैं। बड़ी कंपनियों के रेवन्यू, प्रॉफिट, और मार्केट शेयर सबसे ज्यादा होते हैं। उनका कॉर्पोरेट गवर्नेंस और लीगल कंप्लायंस भी ऊंचे दर्जे का होता है।
चूंकि ऐसी कंपनियों पर कई तरह के अनगिनत शेयरधारकों का मालिकाना होता है इसलिए उनके शेयर की कीमत में हेरफेर किए जाने की सम्भावना भी कम रहती है। जब मार्केट, वोलेटिलिटी से होकर गुजरता है तो लार्ज कैप फंड्स उस हिसाब से वोलेटाइल नहीं होते हैं जिस हिसाब से मिड कैप और स्मॉल कैप फंड्स होते हैं।
इसलिए, लार्ज कैप इन्वेस्टर्स काफी हद तक निश्चिन्त रहते हैं और उन्हें लम्बे समय में अपने पैसे का अच्छा मोल मिलता है। इसका दूसरा पहलू यह है कि लार्ज कैप फंड्स में उतनी ज्यादा विस्फोटक वृद्धि देखने को नहीं मिल सकती है जितनी मिड कैप और स्मॉल कैप में मिल सकती है।
मिड कैप फंड्स क्या हैं?
मिड कैप फंड्स में इन्वेस्ट किए जाने वाले पैसे को मुख्य रूप से उन कंपनियों में इन्वेस्ट किया जाता है जो मझोले आकार की होती हैं। SEBI की परिभाषा के अनुसार, मार्केट कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से ये 101 से 250 के रैंक वाली कंपनियां होती हैं। यदि एक इन्वेस्टर, मिड कैप म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट करता है तो उनके पैसे को मझोले आकार की कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्ट किया जाता है जिनमें आगे चलकर लार्ज कैप कंपनी बनने की क्षमता या संभावना होती है।
ये उन इन्वेस्टरों के लिए ठीक होते हैं जो ज्यादा रिस्क उठाना चाहते हैं क्योंकि मिड कैप फंड्स, लार्ज कैप फंड्स की तुलना में ज्यादा वोलेटाइल या अस्थिर होते हैं। चूंकि इसमें भयानक रिटर्न मिलने की भी सम्भावना रहती है इसलिए इस तरह के फंड्स, लम्बे समय के लिए इन्वेस्ट करने और ज्यादा रिस्क उठाने की चाह रखने वाले इन्वेस्टरों के लिए सबसे अच्छे होते हैं।
अंत में
एक शुरूआती इन्वेस्टर के लिए, इस बात का फैसला करना आसान नहीं भी हो सकता है कि उसे लार्ज कैप और मिड कैप फंड्स में से किसमें इन्वेस्ट करना चाहिए। लेकिन, कोई भी फैसला करते समय अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों, इन्वेस्टमेंट पीरियड, और रिस्क उठाने की क्षमता को जरूर ध्यान में रखना चाहिए।
यदि आपकी रिस्क उठाने की क्षमता कम है तो आप लार्ज कैप फंड्स में इन्वेस्ट करने के बारे में सोच सकते हैं। यदि आपकी रिस्क उठाने की चाहत या क्षमता अधिक है तो आप छोटी कंपनियों पर दांव लगा सकते हैं जिनके बढ़ने की सम्भावना है। कोई भी संदेह होने पर इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह जरूर लें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)
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मिड-कैप म्यूचुअल फंड में बनेगा पैसा, 1 साल में मिल सकता है 100% तक बंपर रिटर्न
Mutual Fund: मिडकैप शेयर पिछले साल के मुकाबले निवेशकों के ज्यादा पसंदीदा रहे हैं. निफ्टी मिडकैप इंडेक्स ने 71.13 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
- Harsh Chauhan
- Updated On - April 5, 2021 / 07:16 PM IST
Mutual Fund: इस बार मिडकैप शेयर पिछले साल के मुकाबले निवेशकों के ज्यादा पसंदीदा रहे हैं. निफ्टी मिडकैप इंडेक्स ने 102 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि इसकी तुलना में निफ्टी 50 इंडेक्स में 71.13 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन मिडकैप शेयरों में सीधे निवेश करना हर किसी के लिए नहीं है. इसके लिए स्टॉक लेने से पहले व्यावसायिक मॉडल और वित्तीय विवरणों को समझना होगा. इसके लिए अच्छी नॉलेज होना जरूरी है. अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके पास इस तरह की नॉलेज नहीं है तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है. आप अभी भी मिड-कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करके मिड-कैप स्टॉक द्वारा मिलने वाले बेहतरीन रिटर्न का फायदा उठा सकते हैं. इसके लिए आइए पहले समझते हैं कि मिड कैप इक्विटी फंड क्या हैं.
मिड कैप इक्विटी फंड
मिड-कैप फंड एक प्रकार के इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) हैं जो मिड-साइज़ कंपनियों में निवेश करते हैं. मानदंडों के अनुसार, जिन कंपनियों को उनके बाजार पूंजीकरण के आधार पर 101 से 250 तक रैंकिंग दी जाती है, उन्हें मिड कैप कंपनियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. मिड-कैप म्यूचुअल फंड्स, मिड-कैप कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी-संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में अपनी कुल संपत्ति का न्यूनतम 65 प्रतिशत निवेश करते हैं.
ये फंड मिड-कैप कंपनियों में उच्च विकास क्षमता के साथ निवेश करते हैं, लेकिन इन कंपनियों द्वारा एक निश्चित पैमाने और स्थिरता प्राप्त करने के बाद से छोटे कैप से जुड़े जोखिमों को प्रदर्शित नहीं किया जाता है. मिड कैप म्यूचुअल फंड लार्ज कैप फंड्स की तरह जोखिम भरे नहीं होते हैं और बिना बड़े कैप के मुकाबले ज्यादा रिटर्न देते हैं.
जोखिमों को समझना
लार्ज-कैप फंड्स की तुलना में मिड-कैप इक्विटी फंड्स बहुत अधिक अस्थिर होते हैं. वे जोखिम उठाते हैं, हालांकि वे अच्छा फायदा भी देते हैं. अगर आपके पास उच्च जोखिम लेने की क्षमता है तो आप मिड-कैप फंड में निवेश कर सकते मिड कैप फंड्स क्या हैं हैं. हालांकि निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता का मूल्यांकन जरूर कर लें. मिड कैप इक्विटी फंड में निवेश तभी करें अगर बाजार में उतार-चढ़ाव का आप पर ज्यादा असर नहीं होता है और आप लंबे समय तक निवेशित रहने की योजना बनाते हैं.
कंपाउंडिंग का मिलता है फायदा
मिड-कैप फंड निवेशकों को शानदार कंपाउंडिंग लाभ देते हैं. हालांकि, इसके लिए समय की जरूरत होती है क्योंकि ये फंड अस्थिर होते हैं और इसलिए लंबी अवधि के लिए निवेशित रहने से अच्छे रिटर्न हासिल करने में मदद मिलती है. वे मिड-कैप कंपनियों में निवेश करते हैं जो विकास के चरण में हैं, जबकि उनमें से कुछ कल की लार्ज-कैप कंपनियां होंगी. इसलिए, मिड-कैप कंपनियों में निवेश करने से मिलने वाले फायदे के लिए 5 साल से अधिक का समय का निवेश होना जरूरी है.
बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली मिडकैप स्कीम
अब जब आप समझ गए हैं कि वास्तव में मिड-कैप इक्विटी फंड व उनके साथ जुड़े जोखिम के लिए आपका एक निश्चित समय के लिए निवेश करना जरूरी है. ऐसे में अब आइए शीर्ष पांच मिड-कैप इक्विटी फंड योजनाओं को देखें:
देना होगा टैक्स
जब आप मिड कैप फंड की इकाइयों को भुनाते हैं, तो आप टैक्स योग्य पूंजीगत लाभ कमाते हैं. वहीं जिस दर पर आप पर टैक्स लगाया जाएगा वह उस अवधि पर निर्भर करता है जिसके लिए आप स्कीम में निवेश कर रहे हैं. होल्डिंग अवधि और टैक्स की दरें इस प्रकार हैं:
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) – एक वर्ष तक की होल्डिंग अवधि. एसटीसीजी पर 15% कर लगता है.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) – एक वर्ष से अधिक की होल्डिंग अवधि. एलटीसीजी पर कोई टैक्स नहीं है. वहीं 1 साल में 1 लाख रुपये के ऊपर, LTCG पर इंडेक्सेशन के लाभ के बिना 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है.
(उपरोक्त सूची केवल सूचना के उद्देश्य के लिए है. निवेश करने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर करें.)