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फिक्स्ड कैपिटल

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What does 'management of fixed capital,imply ? Explain briefly any three factors determining the amount of fixed capial.

Solution : Management of fixed capital means the management of fixed assets for the business and financing long-term projects. Fixed capital represents long-term investment.
It is rquired for purchasing fixed assets such as land and buliding.plant and machinery, motor vechicles, furniture etc. These assets and improve the growth prospects of the business.

Pre Budget Meeting : वित्त मंत्री सीतारमण की इंडस्ट्री लीडर्स के साथ मीटिंग, CII ने की सिफारिश

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश में होने वाली सभी वितीय गतिविधियों और वित्त मंत्रालय पर ध्यान रखती है। वह जरूरत पड़ने पर कई तरह के बदलाव भी करती है या बदलाव के लिए विचार भी करती है। साथ ही समय-समय पर जानकारी भी देती है। इसके लिए उन्हें कई बड़े लोगों से मुलाकात फिक्स्ड कैपिटल भी करनी होती है। वहीँ, आज सोमवार को उन्होंने इंडस्ट्री लीडर्स और क्लाइमेट चेंज और इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग कर प्री-बजट मीटिंग की शुरुआत कर दी है।

प्री-बजट मीटिंग की शुरुआत :

दरअसल, साल 2023-24 का बजट 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाला है। जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में आज यानी सोमवार से प्री-बजट मीटिंग की शुरुआत हो चुकी है। इस मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ और भी कई लोग शामिल हुए। इस मीटिंग में बजट तैयार करने के लिए स्टेकहोल्डर्स से 2023-24 के सुझाव मांगे गए। बता दें, आज हुई मीटिंग में वित्त मंत्री सीतारमण के साथ ही केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, भागवत किशनराव कराड, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन, वित्त मंत्रालय के अन्य विभागों के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन भी नज़र आए।

अगले दिन की योजना ?

बताते चलें, आज हुई इस मुलाकात और चर्चा के बाद अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इ योजना में 22 नवंबर को एग्रीकल्चर और एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, फाइनेंशियल सेक्टर और कैपिटल मार्केट के प्रतिनिधियों से मिलने वाली है। इसके बाद 24 नवंबर को वह स्वास्थ्य, शिक्षा, जल और स्वच्छता फिक्स्ड कैपिटल सहित सामाजिक क्षेत्र के एक्सर्ट के अलावा सर्विस सेक्टर और ट्रेड बॉडीज के प्रतिनिधियों से मिलेंगी। वहीँ, 28 नवंबर को ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों और अर्थशास्त्रियों के साथ मीटिंग होने की खबर है।

CII ने की सिफारिश :

बताते चलें, प्री बजट मीटिंग की शुरुआत से भी पहले कंफेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (CII) ने इनकम टैक्स की दरों में कमी का प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के पास होने से लगभग 5.83 करोड़ इंडिविजुअल्स को फायदा हो सकता है। इन लोगों ने असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किया था। CII ने सिफारिश करते हुए कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर सबसे ज्यादा 28% GST स्लैब में कटौती करने को लेकर भी एक प्रस्ताव रखा है।

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पहली बार कई रियायतें, एससी-एसटी व महिलाओं को एक्स्ट्रा बेनेफिट

पहली बार कई रियायतें, एससी-एसटी व महिलाओं को एक्स्ट्रा बेनेफिट

रांची : नई उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में कई ऐसी बातें हैं तो राज्य में निवेश करनेवाले उद्यमियों को पहली बार लाभ कमाने का मौका दे रही हैं। पिछली बार 2016 में व्यवसायियों को जो प्रस्ताव दिए गए थे उससे पांच फीसद अधिक हर मामले में है और एससी, एसटी एवं महिला उद्यमियों को सामान्य निवेशकों से पांच फीसद अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। उद्योगपतियों को वित्तीय निवेश में राहत दी जा रही है तो टैक्स भुगतान में भी। यही नहीं, उत्पादों का पेटेंट लेने में खर्च होनेवाली राशि में भी सरकार 50 फीसद तक वहन करेगी। स्टार्टअप के साथ उद्योग जगत में प्रवेश करनेवालों के लिए यह सुनहरा मौका होगा।

कई प्रस्तावों में फेरबदल

पूर्व में दिए गए प्रस्तावों में कुछ फेरबदल भी किए गए हैं। पहले जहां सभी प्रकार के उद्योगों के निबंधन पर स्टांप ड्यूटी माफ था वहीं अब स्टांप ड्यूटी वापस लौटाने का प्रविधान किया गया है। गुणवत्ता एवं पेटेंट से संबंधित मामलों में जहां पहले सरकार से 50 प्रतिशत तक मदद फिक्स्ड कैपिटल दी जाती थी वहीं इसे बढ़ाकर शत-प्रतिशत कर दिया गया है। स्टेट जीएसटी पर भी पूर्व में देय 75 फीसद लाभ को बढ़ाकर सौ फीसद कर दिया गया है।

2016 की नीति - दो करोड़ तक के फिक्स्ड कैपिटल निवेश के हिसाब से 20 फीसद सब्सिडी, एससी-एसटी और महिलाओं को 5 फीसद अधिक लाभ।

2021 की नीति - एक करोड़ के कैपिटल निवेश पर छोटी कंपनियों को 25 प्रतिशत सब्सिडी तो 5 करोड़ के निवेश पर मध्यम उद्योगों को इतना ही लाभ।

2016 की नीति - 20 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 20 प्रतिशत तक सब्सिडी। कई हिस्सों में बांटकर दिया जाता था लाभ। मशीनों, प्रदूषण नियंत्रण और कर्मचारियों के कल्याण जैसे मानक तय थे।

2021 की नीति - 30 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 30 फीसद सब्सिडी का लाभ सीधे मिलेगा। महिलाओं, एससी और एसटी उद्यमियों को 5 प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ देने का वादा।

2016 की नीति - 20 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 20 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ। इसकी गणना प्लांट एवं मशीनरी पर खर्च, कैप्टिव पावर, प्रदूषण नियंत्रण जैसे मानकों के आधार पर।

2021 की नीति - 30 करोड़ रुपये तक के कैपिटल फिक्स्ड कैपिटल निवेश पर 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। महिलाओं, एसटी व एससी बिरादरी को पांच प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ।

गुणवत्ता प्रमाणपत्र और पेटेंट निबंधन

2016 की नीति - बीआइएस एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से गुणवत्ता प्रमाणीकरण एवं पेटेंट प्राप्त करने में 10 लाख रुपये तक की कुल लागत पर 50 फीसद तक सहयोग।

2021 की नीति - अब कंपनियों को शत-प्रतिशत खर्च का भुगतान किया जाएगा। सभी प्रकार की कंपनियों के लिए इसकी ऊपरी सीमा अभी भी 10 लाख रुपये ही रखी गई है।

हमने उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए तमाम सुविधाएं देने की बात कही है। झारखंड में उद्योगों की संख्या फिक्स्ड कैपिटल बढ़ाने और पुराने उद्योगों को पटरी पर लाने का काम तेजी से शुरू हो गया है और यह एक मुकाम तक पहुंचेगा। कई उद्यमियों ने नई नीति की सराहना भी की है।

आईपीओ की तरह एनएफओ में निवेश का मौका, परिपक्वता वाले साधन में पैसा लगाने का मौका

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बिज़नेस न्यूज डेस्क - ज्यादातर एनएफओ इक्विटी और फिक्स्ड इनकम पर आधारित होते हैं। जैसे-जैसे शेयर बाजार अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर फिक्स्ड कैपिटल पहुंच रहा है, बढ़ते बॉन्ड ब्याज के बीच खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी शेयरों में निवेश करने में बढ़ रही है। ऐसे में म्यूचुअल फंड कंपनियां भी इक्विटी और फिक्स्ड इनकम पर आधारित नए फंड ऑफर (NFO) ला रही हैं। वर्तमान में कई एनएफओ खुले हैं। इनके अलावा केंद्र सरकार दिसंबर के पहले हफ्ते में ही अपना मशहूर भारत बॉन्ड ईटीएफ भी लेकर आ रही है। इस ETF का प्रबंधन एडलवाइस म्यूचुअल फंड द्वारा किया जाता है। इसकी पहली किस्त 2019 में जारी की गई थी और फिलहाल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 50,000 करोड़ रुपए है। बीएफसी कैपिटल के खुशाल कोहली कहते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में सीधे रिटर्न और सुरक्षा के लिए निवेश किया जाता है, जबकि भारत सरकार का बॉन्ड ईटीएफ अपने एएए-रेटेड पोर्टफोलियो के साथ आपको एफडी जैसी सुरक्षा और अनुमानित रिटर्न देता है।

रिकॉर्ड स्तर पर एयूएम म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) अक्टूबर में रिकॉर्ड 39.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। सितंबर में यह 38.4 लाख करोड़ थी। इसमें इक्विटी का फिक्स्ड कैपिटल एयूएम 15.2 लाख करोड़ रुपए रहा। कुछ वित्तीय योजनाकारों का मानना ​​है कि पिछले वर्ष की तुलना में ब्याज दरों में तेजी से वृद्धि हुई है। निवेशक इस अवसर का उपयोग लंबी परिपक्वता वाले उपकरणों में निवेश करके कर सकते हैं। उन्हें यहां 7.4 से 7.6 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है। वर्तमान में खुले कुछ इक्विटी एनएफओ में एचडीएफसी बिजनेस साइकिल फंड, केनरा रोबेको मिड कैप फंड, व्हाइटओक लार्ज कैप फंड, जेएम मिड कैप फंड और यूनियन मल्टीकैप फंड शामिल हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है कि आप जल्दी सेवानिवृत्त होने या अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम क्यों न हों। सही योजना चुनने से मदद मिलेगी। फ्रीडम एसआईपी यह सुविधा प्रदान करता है। यह आपके भविष्य को सुरक्षित करने के साथ-साथ आपको आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाता है।

Pre Budget Meeting : वित्त मंत्री सीतारमण की इंडस्ट्री लीडर्स के साथ मीटिंग, CII ने की सिफारिश

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश में होने वाली सभी वितीय गतिविधियों और वित्त मंत्रालय पर ध्यान रखती है। वह जरूरत पड़ने पर कई तरह के बदलाव भी करती है या बदलाव के लिए विचार फिक्स्ड कैपिटल भी करती है। साथ ही समय-समय पर जानकारी भी देती है। इसके लिए उन्हें कई बड़े लोगों से मुलाकात भी करनी होती है। वहीँ, आज सोमवार को उन्होंने इंडस्ट्री लीडर्स और क्लाइमेट चेंज और इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग कर प्री-बजट मीटिंग की शुरुआत कर दी है।

प्री-बजट मीटिंग की शुरुआत :

दरअसल, फिक्स्ड कैपिटल साल 2023-24 का बजट 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाला है। जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में आज यानी सोमवार से प्री-बजट मीटिंग की शुरुआत हो चुकी है। इस मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ और भी कई लोग शामिल हुए। इस मीटिंग में बजट तैयार करने के लिए स्टेकहोल्डर्स से 2023-24 के सुझाव मांगे गए। बता दें, आज हुई मीटिंग में वित्त मंत्री सीतारमण के साथ ही केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, भागवत किशनराव कराड, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन, वित्त मंत्रालय के अन्य विभागों के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन भी नज़र आए।

अगले दिन की योजना ?

बताते चलें, आज हुई इस मुलाकात और चर्चा के बाद अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इ योजना में 22 नवंबर को एग्रीकल्चर और एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, फाइनेंशियल सेक्टर और कैपिटल मार्केट के प्रतिनिधियों से मिलने वाली है। इसके बाद 24 नवंबर को वह स्वास्थ्य, शिक्षा, जल और स्वच्छता सहित सामाजिक क्षेत्र के एक्सर्ट के अलावा सर्विस सेक्टर और ट्रेड बॉडीज के प्रतिनिधियों से मिलेंगी। वहीँ, 28 नवंबर को ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों और अर्थशास्त्रियों के साथ मीटिंग होने की खबर है।

CII ने की सिफारिश :

बताते चलें, प्री बजट मीटिंग की शुरुआत से भी पहले कंफेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (CII) ने इनकम टैक्स की दरों में कमी का प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के पास होने से लगभग 5.83 करोड़ इंडिविजुअल्स को फायदा हो सकता है। इन लोगों ने असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किया था। CII ने सिफारिश करते हुए कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर सबसे ज्यादा 28% GST स्लैब में कटौती करने को लेकर भी एक प्रस्ताव रखा है।

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