NASDAQ वायदा

वायदा और विकल्प: वित्तीय साधनों को समझना
निस्संदेह, स्टॉक और शेयरमंडी भारत में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। हालाँकि, जब बड़े पैमाने पर बात की जाती है, तो एक बाजार जो इससे भी बड़ा होता हैइक्विटीज देश में इक्विटी डेरिवेटिव बाजार है।
इसे सरल शब्दों में कहें, तो डेरिवेटिव का अपना कोई मूल्य नहीं होता है और वे इसे a . से लेते हैंआधारभूत संपत्ति। मूल रूप से, डेरिवेटिव में दो महत्वपूर्ण उत्पाद शामिल हैं, अर्थात। वायदा और विकल्प।
इन उत्पादों का व्यापार पूरे भारतीय इक्विटी बाजार के एक अनिवार्य पहलू को नियंत्रित करता है। तो, बिना किसी और हलचल के, आइए इन अंतरों के बारे में और समझें कि ये बाजार में एक अभिन्न अंग कैसे निभाते हैं।
फ्यूचर्स और ऑप्शंस को परिभाषित करना
एक भविष्य एक हैकर्तव्य और एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर एक विशिष्ट तिथि पर एक अंतर्निहित स्टॉक (या एक परिसंपत्ति) को बेचने या खरीदने का अधिकार और इसे पूर्व निर्धारित समय पर वितरित करें जब तक कि अनुबंध की समाप्ति से पहले धारक की स्थिति बंद न हो जाए।
इसके विपरीत, विकल्प का अधिकार देता हैइन्वेस्टर, लेकिन किसी भी समय दिए गए मूल्य पर शेयर खरीदने या बेचने का दायित्व नहीं है, जहां तक अनुबंध अभी भी प्रभावी है। अनिवार्य रूप से, विकल्प दो अलग-अलग प्रकारों में विभाजित हैं, जैसे किकॉल करने का विकल्प तथाविकल्प डाल.
फ्यूचर्स और ऑप्शंस दोनों वित्तीय उत्पाद हैं जिनका उपयोग निवेशक पैसा बनाने या चल रहे निवेश से बचने के लिए कर सकते हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच मौलिक समानता यह है कि ये दोनों निवेशकों को एक निश्चित तिथि तक और एक निश्चित कीमत पर हिस्सेदारी खरीदने और बेचने की अनुमति देते हैं।
लेकिन, ये उपकरण कैसे काम करते हैं और जोखिम के मामले में फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए बाजार अलग हैफ़ैक्टर कि वे ले जाते हैं।
एफ एंड ओ स्टॉक्स की मूल बातें समझना
फ्यूचर्स ट्रेडिंग इक्विटी का लाभ मार्जिन के साथ प्रदान करते हैं। हालांकि, अस्थिरता और जोखिम विपरीत दिशा में असीमित हो सकते हैं, भले ही आपके निवेश में लंबी अवधि या अल्पकालिक अवधि हो।
जहां तक विकल्पों का संबंध है, आप नुकसान को कुछ हद तक सीमित कर सकते हैंअधिमूल्य कि आपने भुगतान किया था। यह देखते हुए कि विकल्प गैर-रैखिक हैं, वे भविष्य की रणनीतियों में जटिल विकल्पों के लिए अधिक स्वीकार्य साबित होते हैं।
फ्यूचर्स और ऑप्शंस के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि जब आप फ्यूचर्स खरीदते या बेचते हैं, तो आपको अपफ्रंट मार्जिन और मार्केट-टू-मार्केट (एमटीएम) मार्जिन का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन, जब आप विकल्प खरीद रहे होते हैं, तो आपको केवल प्रीमियम मार्जिन का भुगतान करना होता है।
एफ एंड ओ ट्रेडिंग के बारे में सब कुछ
ऑप्शंस और फ्यूचर्स क्रमशः 1, 2 और 3 महीने तक के कार्यकाल वाले अनुबंधों के रूप में कारोबार करते हैं। सभी एफएंडओ ट्रेडिंग अनुबंध कार्यकाल के महीने के अंतिम गुरुवार की समाप्ति तिथि के साथ आते हैं। मुख्य रूप से, फ़्यूचर्स का वायदा मूल्य पर कारोबार होता है जो आम तौर पर समय मूल्य के कारण स्पॉट मूल्य के प्रीमियम पर होता है।
एक अनुबंध के लिए प्रत्येक स्टॉक के लिए, केवल एक भविष्य की कीमत होगी। उदाहरण के लिए, यदि आप टाटा मोटर्स के जनवरी के शेयरों में व्यापार कर रहे हैं, तो आप टाटा मोटर्स के फरवरी के साथ-साथ मार्च के शेयरों में भी समान कीमत पर व्यापार कर सकते हैं।
दूसरी ओर, विकल्प में व्यापार अपने समकक्ष की तुलना में एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। इसलिए, अलग-अलग स्ट्राइक होने जा रहे हैं जो पुट ऑप्शन और दोनों के लिए एक ही स्टॉक के लिए कारोबार किया जाएगाबुलाना विकल्प। इसलिए, यदि NASDAQ वायदा ऑप्शंस के लिए स्ट्राइक अधिक हो जाती है, तो ट्रेडिंग की कीमतें आपके लिए उत्तरोत्तर गिरेंगी।
भविष्य बनाम विकल्प: प्रमुख अंतर
ऐसे कई कारक हैं जो वायदा और विकल्प दोनों को अलग करते हैं। इन दो वित्तीय साधनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे दिए गए हैं।
विकल्प
चूंकि वे अपेक्षाकृत जटिल हैं, विकल्प अनुबंध जोखिम भरा हो सकता है। पुट और कॉल दोनों विकल्पों में जोखिम की डिग्री समान होती है। जब आप एक स्टॉक विकल्प खरीदते हैं, तो केवल वित्तीय दायित्व जो आपको प्राप्त होगा, वह है अनुबंध खरीदते समय प्रीमियम।
लेकिन, जब आप पुट ऑप्शन खोलते हैं, तो आप स्टॉक के अंतर्निहित मूल्य की अधिकतम देयता के संपर्क में आ जाएंगे। यदि आप कॉल विकल्प खरीद रहे हैं, तो NASDAQ वायदा जोखिम उस प्रीमियम तक सीमित रहेगा जिसका आपने पहले भुगतान किया था।
यह प्रीमियम पूरे अनुबंध के दौरान बढ़ता और गिरता रहता है। कई कारकों के आधार पर, पुट ऑप्शन खोलने NASDAQ वायदा वाले निवेशक को प्रीमियम का भुगतान किया जाता है, जिसे ऑप्शन राइटर के रूप में भी जाना जाता है।
फ्यूचर्स
विकल्प जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन एक निवेशक के लिए वायदा जोखिम भरा होता है। भविष्य के अनुबंधों में विक्रेता और खरीदार दोनों के लिए अधिकतम देयता शामिल होती है। जैसे ही अंतर्निहित स्टॉक की कीमतें बढ़ती हैं, समझौते के किसी भी पक्ष को अपनी दैनिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए ट्रेडिंग खातों में अधिक पैसा जमा करना होगा।
इसके पीछे संभावित कारण यह है कि आप वायदा पर जो कुछ भी हासिल करते हैं वह स्वचालित रूप से दैनिक रूप से बाजार में चिह्नित हो जाता है। इसका मतलब है कि स्थिति के मूल्य में परिवर्तन, चाहे वह ऊपर या नीचे हो, प्रत्येक व्यापारिक दिन के अंत तक पार्टियों के वायदा खातों में ले जाया जाता है।
निष्कर्ष
बेशक, वित्तीय साधन खरीदना और समय के साथ निवेश कौशल का सम्मान करना एक अनुशंसित विकल्प है। हालांकि, इन फ्यूचर्स और ऑप्शंस निवेशों के जोखिम को देखते हुए, विशेषज्ञ इस महत्वपूर्ण कदम को उठाने से पहले खुद को आर्थिक और भावनात्मक रूप से तैयार करने का आश्वासन देते हैं। इसके अलावा, यदि आप इस दुनिया में काफी नए हैं, तो आपको लाभ बढ़ाने और नुकसान को कम करने के लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।
सेंसेक्स में 675 पॉइंट का उतार-चढाव: चौतरफा बिकवाली से 486 पॉइंट गिरा सेंसेक्स, 152 पॉइंट फिसलकर 15,728 पर रहा निफ्टी
वायदा बाजार में साप्ताहिक सेटलमेंट के दिन गुरुवार को शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव हुआ। बीएसई सेंसेक्स 486 पॉइंट (0.92%) की गिरावट के साथ 52,567 पॉइंट पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 152 पॉइंट (0.96%) के नुकसान के साथ 15,728 पर रहा। कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 675 पॉइंट जबकि निफ्टी में 257 पॉइंट का उतार-चढ़ाव हुआ।
एनएसई के कुल सक्रिय शेयरों में 1,068 शेयरों में कमजोरी रही, जबकि 641 शेयर मजबूती के साथ बंद हुए। घरेलू शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली हुई, जिसका असर छोटी और मझोली कंपनियों के स्टॉक इंडेक्स पर भी पड़ा। निफ्टी के मिड कैप इंडेक्स में 0.42% की गिरावट आई, लेकिन निफ्टी का स्मॉल कैप इंडेक्स 0.03% की मामूली गिरावट NASDAQ वायदा के साथ बंद हुआ।
जहां तक सेक्टर इंडेक्स की बात है तो IT (0.05%) को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। सबसे ज्यादा 2.19% की गिरावट मेटल सेक्टर इंडेक्स में आई। इसके अलावा PSU बैंक (1.96%), फार्मा (1.27%), फाइनेंशियल (1.22%) और मीडिया इंडेक्स (1.18%) की भी जोरदार पिटाई हुई।
इनवेस्ट19 के फाउंडर और सीईओ कौशलेंद्र सिंह सेंगर के मुताबिक, निफ्टी 16,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर पार नहीं कर पा रहा है। यह बाजार में अनिश्चितता बढ़ने का संकेत है। इसके NASDAQ वायदा NASDAQ वायदा अलावा, निफ्टी सीमित दायरे में कंसॉलिडेट कर रहा है। यह मार्केट पार्टिसिपेंट की धारणा को कमजोर कर रहा है।
सेंगर के मुताबिक, निफ्टी ने आज फ्लैट शुरुआत दी और पूरे कारोबारी सत्र में कमजोर बना रहा। बाजार में कमजोरी का जिम्मेदार TCS को भी माना जा सकता है। कंपनी आज शाम को पहली तिमाही के नतीजे जारी करने वाली है। निफ्टी का मेटल इंडेक्स 2% से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुआ। एनालिस्टों का कहना है कि कमोडिटी में तेजी का साइकिल जल्द खत्म हो सकता है।
मोतीलाल ओसवाल के (हेड-टेक्निकल & डेरिवेटिव्स रीसर्च) चंदन तापड़िया के मुताबिक, नेगेटिव रुझानों के साथ खुला निफ्टी बुधवार के बंद स्तर 15893 को पार करने में नाकाम रहा। उसके बाद स्टॉक इंडेक्स तेजी से गिरता हुआ 15,682 पॉइंट पर आ गया। इस बीच निफ्टी ने करीबी सपोर्ट लेवल को तोड़ दिया और पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में कमाई बढ़त खो दी।
निफ्टी 27 कारोबारी सत्रों से 15,450-15,915 के दायरे में घूम कर रहा है। लगातार खरीदारी या बिकवाली नहीं होने से इसको दिशा नहीं मिल पा रही है। यह 15,750 का लेवल पार करके उसके ऊपर बना रहता है तो 15,850 की तरफ बढ़ता नजर आएगा। इसके बाद यह 15,915 की तरफ बढ़ेगा लेकिन गिरावट आने पर पहले 15,600 और फिर 15,500 पर सपोर्ट लेगा। वायदा बाजार के सौदे इस हफ्ते इसके 15,500 से 15,900 के दायरे में रहने का संकेत दे रहे हैं।
JLR के चलते टाटा मोटर्स में गिरावट जारी
टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट आज भी आई। पिछले एक महीने में यह लगभग 12% गिरा है। जेएलआर को चिप की कमी को लेकर आ रही नेगेटिव खबरों की वजह से इस पर दबाव बना है।
TCS के जून क्वॉर्टर के वित्तीय परिणाम आज आएंगे
आज TCS के जून क्वॉर्टर के वित्तीय परिणाम आने वाले हैं। कंपनी के रेवेन्यू में लगभग 4% की तिमाही बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसमें सीजनल फैक्टर, स्ट्रॉन्ग ऑर्डर बुक और डिजिटल बिजनेस में ग्रोथ का बड़ा हाथ हो सकता है। सैलरी खर्च ज्यादा होने से मार्जिन में कमी आ सकती है, लेकिन दूसरे सोर्सेज से होने वाली आमदनी से प्रॉफिट मजबूत रह सकता है।
एशिया में तेज गिरावट
एशिया के शेयर बाजारों में तेज गिरावट रही। जापान का निक्केई 0.88% कमजोर हुआ। चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.79% की गिरावट आई। हांगकांग का हैंगसेंग 2.89% धराशायी हो गया। कोरिया का कोस्पी 0.99% नीचे बंद हुआ। ऑस्ट्रेलिया के ऑल ऑर्डनरी में लगभग 0.21% की बढ़त रही।
यूरोपीय बाजारों में मजबूती
गुरुवार को यूरोपीय बाजारों में गिरावट का रुझान रहा। दोपहर 3.30 बजे (भारतीय समय) ब्रिटेन के FTSE में 1.40% की गिरावट थी। फ्रांस के CAC में 1.80% की कमजोरी के साथ ट्रेड हो रहा था। जर्मनी के DAX में 1.25% का नुकसान था। बुधवार को अमेरिकी बाजारों में मजबूती रही थी। डाओ जोंस 0.30% चढ़कर बंद हुआ। नैस्डैक में 0.01% की मामूली बढ़ोतरी हुई। S&P 500 में 0.34% की तेजी रही।
FII और DII डेटा
NSE पर मौजूद प्रोविजनल डेटा के मुताबिक, बुधवार 7 जुलाई को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुद्ध रूप से 532 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे। यानी उन्होंने जितने रुपए के शेयर बेचे, उससे इतने ज्यादा रुपए के शेयर खरीदे थे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने शुद्ध रूप से 231 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे।
Stock Market: शेयर बाजार में हड़कंप, 4.82 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट, जानें कारण
वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और कंपनियों के उम्मीद के अनुरूप वित्तीय परिणाम नहीं रहने के बीच वायदा एवं विकल्प खंड में सौदे के निपटान के अंतिम दिन निवेशकों की बिकवाली से बाजार नीचे आया। बैंक, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों और ऊर्जा शेयरों में भारी बिकवाली दबाव रहा। मिडकैप और समॉलकैप (मझोली और छोटी कंपनियां) भी भारी नुकसान में रहें।
बाजार में दूसरे दिन गिरावट रही और तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,158.63 अंक यानी 1.89 प्रतिशत का गोता लगाकर 59,984.70 अंक पर बंद हुआ। यह इस साल 12 अप्रैल के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन सेंसेक्स 1,708 अंक टूटा था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 353.70 अंक यानी 1.94 प्रतिशत लुढ़क कर 17,857.25 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में आईटीसी 5.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रहा। कंपनी का बुधवार को जारी वित्तीय परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने से शेयर नीचे आया। आईटीसी के शुद्ध लाभ में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 10.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, एक्सिस बैंक, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहें।
इनमें 4.39 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, एल एंड टी, अल्ट्राटेक सीमेंट, एशियन पेंट्स , मारुति और बजाज फाइनेंस लाभ में रहें। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल छह शेयर ही लाभ में रहें। बाजार में बृहस्पतिवार को आयी गिरावट से निवेशकों को 4.82 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,60,48,949.80 करोड़ रुपये पर आ गया। रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ‘‘कमजोर वैश्विक रुख के साथ मुख्य रूप से वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के निपटान के अंतिम दिन खासकर वित्तीय शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया।’’ जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मंदड़िये बाजार पर लगातार हावी हैं। यूरोपीय सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले एशियाई और यूरोपीय बाजारों में कमजोर रुख का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।’’
वैश्विक स्तर पर निवेशकों को अमेरिका में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़े का इंतजार है। यह आज जारी किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे की भी प्रतीक्षा है जो अगले सप्ताह आएगा। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान के निक्की में गिरावट रही।
यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.11 प्रतिशत फिसलकर 82.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की तेजी के साथ 74.92 पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 1,913.36 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
इंदौर सराफा बाजार : शेयर मार्केट टूटने से सोने में पूछताछ बढ़ी, भाव में सुधार
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भारतीय शेयर मार्केट में मंगलवार को आई गिरावट के बाद सोने में छुटपुट मांग देखने को मिली है जिससे वायदा मार्केट के साथ ही हाजिर बाजार में भी सोने के दामों में आंशिक सुधार रहा। इंदौर में सोना केडबरी रवा 100 रुपये बढ़कर 52500 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय बुलियन वायदा मार्केट में सोना 5 डालर घटकर 1743 डालर प्रति औंस पर कारोबार करता देखा गया। इसके साथ ही कामेक्स पर चांदी वायदा भी टूटा है लेकिन इंदौर मार्केट में चांदी के दाम मजबूती पर टिके रहे। इंदौर में चांदी सोमवार के बंद भाव 56400 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रही। फिलहाल बाजार में उपभोक्ता मांग जेवर में बेहद कमजोर बनी हुई है।
कामेक्स पर सोना ऊपर में 1743 नीचे में 1734 डालर प्रति औंस और चांदी ऊपर में 19.11 नीचे में 18.96 डालर प्रति औंस पर कारोबार करता देखा गया।
इंदौर के बंद भाव:- इंदौर में सोना केडबरी रवा नकद में 52500 सोना (आरटीजीएस) 52650 सोना (91.60 कैरेट) 48225 रुपये प्रति दस ग्राम बोला गया। सोमवार को सोना 52400 रुपये पर बंद हुआ था। चांदी चौरसा 56400 चांदी कच्ची 56500 चांदी चौरसा (आरटीजीएस) 56400 रुपये प्रति किलो बोली गई। सोमवार को चांदी 56400 रुपये पर बंद हुई थी।
शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में आई तेजी, बाद में गंवाया लाभ
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। एशियाई बाजारों में तेजी के बीच घरेलू शेयर बाजार में दोनों ही मानक सूचकांकों ने शुक्रवार को सकारात्मक शुरुआत की लेकिन शुरुआती लाभ जल्द ही गवां भी दिया। इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 179.28 अंक चढ़कर 61,929.88 पर था।
दूसरी ओर व्यापक एनएसई निफ्टी 50.7 अंक की बढ़त के साथ 18,394.60 पर आ गया। हालांकि बाद में दोनों ही मानक सूचकांकों ने शुरुआती लाभ गवां दिया और नुकसान में कारोबार करने लगे। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 48.91 अंक टूटकर 61,701.69 पर आ गया वहीं निफ्टी 20.25 अंक की गिरावट के साथ 18,323.65 अंक पर था।
सेंसेक्स में एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस, लार्सन एंड टूब्रो और भारतीय स्टेट बैंक लाभ पाने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, टाइटन, टेक महिंद्रा और भारती एयरटेल नुकसान में रहे। अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो और हांगकांग के बाजार लाभ में कारोबार कर रहे थे जबकि शंघाई के बाजार नुकसान में रहे।
अमेरिकी बाजार भी बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए। पिछले सत्र में, तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 230.12 अंक या 0.37 प्रतिशत टूटकर 61,750.60 पर बंद हुआ था। दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 65.75 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,343.90 पर बंद हुआ था।
इसबीच अंतरराष्ट्रीय तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड 0.71 फीसदी की तेजी के साथ 90.42 डॉलर प्रति बैरल पर था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 618.37 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
शुरुआती कारोबार में रुपया 10 पैसे मजबूत
विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और भारतीय बाजारों में विदेशी पूंजी की आवक के बीच रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार में 10 पैसे मजबूत होकर 81.54 के भाव पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.59 के भाव पर खुला और थोड़ी ही देर में यह और तेजी के साथ 81.54 के स्तर तक भी पहुंच गया।
इस तरह पिछले बंद भाव के मुकाबले रुपये में 10 पैसे की मजबूती दर्ज की गई। पिछले कारोबारी दिवस पर रुपया 38 पैसे टूटकर 81.64 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत गिरकर 106.51 पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 90.33 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने बृहस्पतिवार को भारतीय बाजारों में 618.37 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी।
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