बाइनरी ऑप्शंस

फोरेक्स भावना

फोरेक्स भावना
करियर और प्लेसमेंट
इस क्षेत्र में कॅरियर के बेशुमार अवसर उपलब्ध हैं। कोर्स खत्म होने के बाद इंटरनेशनल बैंकिंग, फोरेक्स और ट्रेजरी, कॉर्पोरेट लोन्स, फाइनेंशियल रिसर्च से सम्बंधित संस्थानों में नौकरी के कई विकल्प खुल जाते हैं। कई अंतरराष्ट्रीय बैंक्स अलग-अलग स्किल्स के कैंडिडेट्स को अच्छी सैलेरी में प्लेसमेंट देते हैं। ज्यादातर सार्वजनिक बैंक अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा के आधार पर क्लर्क और प्रोबेशनरी ऑफिसर्स के पदों के लिए वैकेंसी निकालते हैं। जो कैंडिडेट बदलते हुए वित्तीय परिवेश को समझने की कोशिश करते हैं, वे इस फील्ड में तेजी से सफल हो सकते हैं। कोर्स करने के बाद नौकरी की टेंशन नहीं रहती।

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ट्रेडिंग सिद्धांत

विदेशी मुद्रा से जुड़े सभी ट्रेडर्स सर्वोत्तम नतीजे हासिल करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, मुनाफ़े के साथ ट्रेड करने के लिए, ट्रेडर्स को कुछ विदेशी मुद्रा सिद्धांतों को जानने और उनका पालन करने की ज़रूरत है।

  • अपनी ट्रेडिंग रणनीति बनाएं। फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग के ज़रूरी कारकों पर आधारित अपनी ख़ुद की प्रणाली तैयार करें।
  • अपनी भावनाएं नियंत्रित रखें। अस्थिर भावनात्मक स्थिति सही निर्णय लेने में रुकावट डाल सकती है। अपनी भावनाओं और इच्छाओं को नियंत्रित करना सीखें।
  • अपना ऐतिहासिक डेटा रखें। लिखें कि ऑर्डर्स को खोलने/बंद करने का फोरेक्स भावना फ़ैसला आपने किन परिस्थितियों और किन कारणों से लिया और हर परिस्थिति पर अपनी टिप्पणी जोड़ें। अपने काम के नतीजों की नियमित रूप से समीक्षा करें।
  • अपनी गलतियों से सबक लें। विश्लेषण और गलतियों पर काम एक सफल ट्रेड के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से हैं। नुकसान के विश्लेषण में अपनी गलतियां ढूंढना बहुत ज़रूरी है। नुकसान के कारणों को समझने के बाद, आप इन गलतियों को दोहराने से बच सकते हैं।
  • बिना कारण ट्रेडिंग न करें। ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म को सिर्फ़ इसलिए न खोलें क्योंकि आपके पास करने के लिए कुछ नहीं है या आपको नींद नहीं आ रही है। ट्रेडिंग तब करें जब इसे करने की उचित वजह हो।
  • अपने हिसाब से काम करें और सोचें। किसी अन्य व्यक्ति से सहायता और संकेत मददगार हो सकते हैं, लेकिन फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करते समय नहीं। आप अनुभवी ट्रेडर्स की सलाह पर विचार कर सकते हैं, लेकिन बिना सोचे समझे इसका इस्तेमाल न करें। आप प्रगति सिर्फ़ तब करेंगे जब आप अपना विश्लेषण करेंगे, अपनी रणनीतियां तैयार करेंगे और सिर्फ़ अपने फ़ैसलों पर भरोसा करेंगे।
  • ट्रेडिंग तब करें जब आपको ख़ुद पर यक़ीन हो। परिस्थिति को बिना समझे ऑर्डर खोलने की बजाय बाज़ार में प्रवेश करने के लिए उपयुक्त समय का इंतज़ार करना बेहतर है। सही समय पर बाज़ार में प्रवेश करना और बाहर निकलना ज़रूरी है। अगर आपको ख़ुद पर यक़ीन नहीं है, तो जोखिम न उठाएं। कुछ खोए हुए पिप्स की तुलना जल्दबाज़ी में किए गए कदम से हुए बड़े नुकसान के साथ नहीं की जा सकती है। ऑर्डर थोड़ा बाद में खोलें: बाज़ार कहीं नहीं जा रहा है।
  • अपने जोखिम को सीमित करें। सिर्फ़ उतने ही धन का उपयोग करें, जिसके नुकसान से परिवार के बजट पर असर नहीं पड़ेगा।
  • अपनी सीमाएं जानें। ख़ुद को रोकना सीखें।
  • शुरुआती सफलता से होशियार रहें। कुछ सौ डॉलर के मुनाफ़े की ख़ुशी को अपने सिर पर न चढ़ना दें, कहीं आप वापस दो पर न पहुँच जाएं।
  • बाज़ार के खिलाफ़ ट्रेडिंग न करें। अगर अनुभव की कमी है, तो बेहतर होगा कि जोखिम न लें। एक ख़ास दिशा में मूल्य के चलने की प्रक्रिया में, बाज़ार में उतार-चढ़ाव होते हैं। अल्पकालिक फोरेक्स भावना फोरेक्स भावना उतार-चढ़ाव का उपयोग करने के बारे में जानने के लिए, आपको अनुभव हासिल करना होगा, और इस तरह आप जोखिम कम कर पाएंगे।

बैंकिंग में है करियर के बेहतरीन मौके, बस इन बातों का रखें ध्यान

नई दिल्ली : बैंकिग फोरेक्स भावना हमेशा से ही युवाओं के लिए एक बेहतरीन करियर अॉप्शन रहा है और शायद यहीं कारण है कि हमेशा से बैकिंग को अच्छे करियर के रुप में देखा जाता हैं। इसलिए आप भी पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस करके आप बैंकिंग और फाइनेंस की दुनिया में शानदार कॅरियर बना सकते हैं। आज हर गांव को बैंक से जोडऩे की पहल हो रही है। इस तरह बैंकिंग सेक्टर तेजी के साथ कदम बढ़ा रहा है। इसमें अवसर भी उसी तेजी के साथ पैदा हो रहे हैं। अगर आप बैंकिंग व फाइनेंस में पीजी डिप्लोमा करना चाहते हैं तो पहले वित्तीय जानकारी एवं बाजार की परिस्थितियों की फोरेक्स भावना अच्छी समझ होना जरूरी है। चूंकि बैंकों व वित्तीय संस्थानों में पैसों का लेन-देन होता है, ऐसे में आपके अंदर पैसों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने की क्षमता होनी चाहिए। साथ ही आपके अंदर मजबूत विश्लेषणात्मक कौशल होना भी जरूरी है।

US Dollar vs. Rupees: रुपया हुआ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ज्यादा कमजोर, जानिए कौन से स्तर पर पहुंचा

Why is the Indian Rupee falling against the US Doller: विदेशों में इस समय ग्रीनबैंक (Greenbank) की स्थिति मजबूत है वहीं घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली जारी है, इसके चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूपया 11 पैसे टूट गया और 70.85 (Provisional) पर बंद हुआ, इसका प्रभाव फोरेक्स भावना निवेशकों पर भी काफी पड़ा।

क्या कहना है फोरेक्स ट्रेडर्स का?

फॉरेक्स ट्रेडर्स की माने तो विदेशी पूंजी के लगातार आउटफ्लो (Outlooks) और कच्चे तेल की विश्व स्तरीय कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी के साथ-साथ जोखिम से बचने की भावनाओं ने सभी तरह की घरेलू इकाई फोरेक्स भावना को बहुत अधिक प्रभावित किया है।

मिल रही जानकारी के मुताबिक इंटरबैंक फोरेक्स मार्केट (I nterbank Forex Market ) में स्थानीय मुद्रा खुली 77.5 एक वही US dollar की अपेक्षा intra-day का उच्चतम स्तर था 77.79 और निम्नतम स्तर था 77.87।

क्यों हो रही है रुपए में गिरावट?

जानकारों के मुताबिक डॉलर इंडेक्स (Doller Index) में जो मजबूती आ रही है वही मुख्य कारण है रुपए में गिरावट का। इसके साथ-साथ जुलाई के महीने में जो रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी के संकेत आए थे उसकी वजह से भी रुपए में कमजोरी आती दिख रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर के मुकाबले तो रुपए में कमजोरी आई है, लेकिन अन्य करेंसी के मुकाबले फोरेक्स भावना अभी भी रुपए ने अपनी मजबूत पकड़ बना कर रखी है।

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