ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब

डॉलर के मुकाबले रुपया आज चार पैसे चढ़ा
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि निर्यातकों द्वारा डॉलर की बिकवाली के अलावा घरेलू इक्विटी बाजार में तेजी से रुपये को मजबूती मिली। रुपया सोमवार को 41 पैसे की गिरावट के साथ 59.68 के नए न्यूनतम स्तर पर बंद हुआ था।
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फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ो की ठगी करने वाले अन्तरराज्यीय गिरोह का खुलासा 4 गिरफ्तार
राजसमन्द/ पुलिस ने फोरेक्स ट्रेंडिग के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले अन्तरराज्यीय गिरोह का खुलासा करते हुए 4 जनो को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है । इस गिरोह का मास्टर माईंड खुद 10वीं फेल है जबकि गिरोह में बीई व बीटेक किये हुए लोगो को रख रखा है। इन्होंने
गूगल प्ले स्टोर पर आईटीसी ट्रेड नाम की फर्जी एप्लीकेशन तैयार कर रखी है जिसके द्वारा लोगों से ठगी की जाती है।
कहां-कहां की ठगी और कौन-कौन शामिल
एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार मुख्य आरोपी रेहान खान पुत्र अब्दुल शमद (19) सूरत, गुजरात का रहने वाला है। इसके साथ अमीश दुबे पुत्र प्रमोद दुबे (28) निवासी जिला रोहताश, बिहार, मोहम्मद जेद पुत्र मोहम्मद शोएब (23) एवं मदनी पुत्र इजाज कलुदी (20) निवासी सूरत गुजरात को भी गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह द्वारा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मुम्बई व अन्य राज्यों के कई लोगो को फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब पर ठगी का शिकार बना करोड़ों रूपयो की ठगी की जा चुकी है। जिनसे और भी मामले खुलने की संभावना है।
कैसे फंसाते थे लोंगो को
गिरोह के मास्टर माईन्ड रेहान द्वारा गुगल प्ले स्टोर पर आईटीसी ट्रेड नाम की फर्जी एप्लीकेशन बना रखी है, जिसमें फोरेक्स ट्रेडिंग की मार्केटिंग उतार चढाव को दर्शाता है जो स्वयं रिहान के हाथ में रहता है कब कितना शौ करना है व स्वयं करता है।
उसके बाद सर्वप्रथम अपने दोस्तों के परिचित जो पैसो की तंगी से जुझ रहे हो उनको टारगेट बनाता है और उनके बैंक खातें खुलवाकर उनके चैक बुक, एटीएम कार्ड , ऑन लाईन बैंकिंग के लाॅग इन आईडी पासवर्ड ले लेता है। जिसके बदले में उन्हे कुछ राशि दे देता है।
कैसे करते थे ठगी
19 वर्षीय रेहान गिरोह के दूसरे सदस्यों को कमीशन के आधार पर अपनी टीम में शामिल करता है। गिरोह के सदस्य जैद बैंलिम को रेहान लोगो के मोबाईल नम्बर व नाम की सूची उपलब्ध करवाता है।
उसके बाद जैद बैलिम टारगेट किये गये लोगों को फोरेक्स ट्रेडिंग करने के बारे में जानकारी देकर मुनाफे का लुभावना ऑफर देकर अपने जाल में फसाता है जैसे ही उसके द्वारा फोरेक्स ट्रेडिंग करने के लिये हाॅ भर दी जाती है तो रेहान के द्वारा दिये गये बैंक खाते में पीड़ित से पैसा जमा करा लेते ।
जैसे ही पैसा खातें में जमा होता है तो तुरन्त बाद रेहान उन खातों से पैसा अन्य बैंक खातों में ट्रान्सफर कर देता है। गिरोह का तीसरा सदस्य मदनी पैसा खातों में आते ही विड्राल कर लेता है।
क्या था पूरा प्रकरण
एसपी चौधरी ने बताया कि 29 जुलाई,2021 को राजनगर निवासी राकेश लड्ढा ने उनके कार्यालय में एक परिवाद पेश किया की फोरेक्स ट्रेड में पैसे इन्वेस्ट करने के नाम पर उससे करीब आठ लाख रूपयें की ठगी की गई व अब उनके द्वारा काॅल नहीं उठाया जा रहा है।
परिवाद की जांच में ठगी होना पाया जाने से अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्व थाना राजनगर पर धोखाधड़ी व आईटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजिबद्व किया जाकर सीओ राजसमन्द बैनी प्रसाद मीणा को जांच अधिकारी नियुक्त कर डीएसटी प्रभारक मुंशी मोहम्मद, साईबर सैल प्रभारी पवन सिंह एवं थानाधिकारी राजनगर प्रवीण सिंह के नेतृत्व में दो टीमों का गठन किया गया।
गठित टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुये त्वरित कार्रवाई कर हुये बेसिक पुलिसिंग व तकनीकी सहायता से चार ठगों को गुजरात से डिटेन कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब किया गया। जिन्हें कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेकर गहनता से पूछताछ की जा रही है।
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम
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एक परिवार ने हजारों लोगों से ठगे 100 करोड़!
नोएडा। फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर पोंजी स्कीम के जरिये उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, चंडीगढ़ समेत कई राज्यों के हजारों लोगों से करीब 100 करोड़ की ठगी का मामला सामने आने से हड़कंप मचा है। इसके लिए ठगों दुबई में सर्वर ले रखा था, जिसे इनका एक साथी वहीं बैठकर संचालित कर रहा था।
इस मामले में सेक्टर-20 थाने में नौ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें न्यू एरा वैल्थ मैनेजमेंट प्रालि के दोनों डायरेक्टर भाई महेंद्र वर्मा व संदीप वर्मा, उनके पिता चरण सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। महेंद्र की पत्नी राजेश, उनके बहनोई पवन व बहन मंजू के अलावा मौसी का दामाद संजय वर्मा भी इन नौ आरोपियों में शामिल हैं। अन्य दो आरोपी किशोर कुमार व सुभाष झा हैं।
पुलिस के अनुसार ठगे गये निवेशकों ने पूछताछ में बताया कि महेंद्र वर्मा की पत्नी राजेश पहले गुड़गांव में किसी बैंक में काम करती थी। इस दौरान वह डॉलर की ट्रेडिंग का काम करती थी। वहीं पर उसने फॉरेक्स ट्रेडिंग करना सीखा। महेंद्र ने राजेश से लव मैरिज की थी। शादी के बाद राजेश ने ही फॉरेक्स ट्रेडिंग का उसे आइडिया दिया। जिसके बाद उसने भाई के साथ मिलकर कंपनी खोलकर इस धंधे को शुरू किया। पोंजी स्कीम के तहत इस धंधे से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए बड़े होटलों में आयोजित की जाने वाली कॉन्फ्रेंस में इनके पिता चरण सिंह भी बराबर शामिल होते थे।
इसके अलावा वह ऑफिस में बैठकर निवेशकों को पैसा लगाने के लिए तैयार करने का काम भी करते थे। इनका बहनोई पवन इस काम में शादी से पहले से ही इनसे जुड़ा हुआ था।
आईआईटी ग्रेजुएट बताया जा रहा पवन इस काम में इनकी तकनीकी मदद किया करता था। बहन से शादी होने के बाद उसे इन लोगों ने बेंगलुरू में शिफ्ट कर दिया। संजय वर्मा इनकी मौसी का दामाद है जो इनका सबसे बड़ा एजेंट है। इसने ग्रेटर नोएडा व बुलंदशहर के कई लोगों का पैसा इस पोंजी स्कीम में लगवाया था।
गौरतलब है कि भारत में दूसरे देशों की करेंसी की ट्रेडिंग करना अवैध है। हालांकि अमेरिकी डॉलर, पाउंड, यूरो समेत अन्य देशों की करंसी को भारतीय रुपये में रजिस्टर्ड ब्रोकर के जरिये ट्रेडिंग जरूर की जा सकती है। इसको देखते हुए आरोपियों ने अपना सर्वर दुबई में लगाकर वेबसाइट बनाई, लेकिन कंपनी भारत में खोली। कंपनी ने निवेशकों से भारतीय करेंसी ली, लेकिन निवेश डॉलर में किया। इस तरह करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी दोनों भाइयों ने इस काम में अपने पूरे परिवार को लगा रखा था। जिनमें मुख्य आरोपी दोनों भाइयों में से एक की पत्नी, उनके पिता, बहन-बहनोई समेत एक अन्य रिश्तेदार भी शामिल थे।
निवेशकों के अनुसार आरोपियों ने बाद में फॉरेक्स एक्सचेंज में पैसा लगाना ही बंद कर दिया और सर्वर के माध्यम से वेबसाइट में फर्जीवाड़ा करके निवेश की हुई रकम को दिखा देते थे। आरोपियों ने ज्यादातर निवेशकों से पैसा कैश में लिया। नोटबंदी के दौरान कंपनी में निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश किया। चार्टर्ड अकाउंटेंट नवल किशोर के अनुसार, फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर का सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से रजिस्टर होना जरूरी है। बिना सेबी के रजिस्ट्रेशन के इस तरह का काम अवैध है। रजिस्टर्ड ब्रोकर के लिए भी बेस करेंसी को भारतीय रुपये के रूप में ही निवेश करवाना होगा।
आरोप है कि दोनों भाइयों ने कंपनी में निवेश किए जाने वाले पैसे को फॉरेक्स एक्सचेंज में न लगाकर हवाला के जरिए दुबई के एक बैंक में ट्रांसफर कर दिया। निवेशकों के पैसे से ही आरोपियों ने यू-ट्यूब पर एक न्यूज चैनल भी शुरू किया, जिसके उद्घाटन में कई बड़े राजनेता भी शामिल हुए थे। बाद में आरोपियों के भाग जाने पर इस चैनल का संचालन इस साल जून में बंद कर दिया गया। इस चैनल के 69 हजार से अधिक सब्सक्राइबर हैं। आरोपियों ने निवेशकों के पैसे से ही ऑडी, मर्सिडीज, फॉर्च्युनर जैसी महंगी गाड़ियां खरीदी थीं। कंपनी में 22 लाख रुपये निवेश करने वाले ग्रेटर नोएडा निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि आशंका है कि आरोपी यहां दफ्तर बंद कर बेंगलुरू में अपने बहनोई के पास भाग गए हैं। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि अब वह परिवार समेत दुबई भाग गए हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब
ईडी ने 108 करोड़ रुपये के ट्रेडिंग फ्रॉड मामले में चार लोगों को किया गिरफ्तार
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि जनता से 108 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में एक निजी फर्म के तीन निदेशकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि जनता से 108 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में एक निजी फर्म के तीन निदेशकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
अभियुक्तों की पहचान ब्लूमैक्स कैपिटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशक आर अरविंद, एस गोपालकृष्णन, एस भारतराज और तूतीकोरिन के उनके सहयोगी जे अमरनाथ के रूप में की गई। उन्हें एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें 12 दिनों की हिरासत में भेज दिया है।
ईडी ने ब्लूमैक्स कैपिटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की।
पुलिस को आम जनता से शिकायतें मिलीं कि उन्हें आरोपियों ने धोखा दिया, जिन्होंने उन्हें उच्च रिटर्न का वादा किया था और उन्हें विदेशी मुद्रा, वस्तुओं और सोने के व्यापार में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करने के लिए कहा था।
ईडी ने कहा कि पीड़ितों से करीब 108 करोड़ रुपये की ठगी की गई।
जांच एजेंसी को पता चला कि निदेशकों ने नकली सुविधाओं के साथ कंपनी की एक वेबसाइट बनाई थी, जो निवेशकों के पैसे के साथ गलत रियल ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब टाइम फॉरेक्स ट्रेडिंग दिखाती थी।
ईडी ने बताया कि, कंपनी की कार्यप्रणाली यह थी कि एक बार जब कोई व्यक्ति पैसे का निवेश ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब करेगा, तो उन्हें एक खाता प्रदान किया जाएगा और कंपनी की वेबसाइट को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि, जब कोई व्यक्ति अपने खाते में लॉग इन करता है, तो उसके अंदर दिखाई गई सबी चीजें झूठी होती है। वेबसाइट को विदेशी मुद्रा में वास्तविक व्यापार, व्यापार चार्ट के माध्यम से वस्तुओं आदि का झूठा चित्रण करके निवेशकों को गुमराह करने के लिए डिजाइन किया गया था।
अक्टूबर 2019 में, निदेशकों ने जानबूझकर अपनी कंपनी के सर्वर की झूठी हैकिंग का मंचन किया और उसके बाद निवेशकों को सूचित किया कि उनका पैसा व्यापार में खो गया है।
उन्होंने तब कुछ निवेशकों को आंशिक धन का सांकेतिक पुनर्भुगतान किया था, दूसरों को परेशानी में डाल दिया था।
ईडी की जांच से पता चला है कि, निवेशकों के पैसे को किसी भी व्यापारिक गतिविधियों में निवेश नहीं किया गया था, जैसा कि वादा किया गया था और अब गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों ने विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं के माध्यम से एक बड़ा हिस्सा डायवर्ट किया था और उनके नाम या उनके नाम पर नए व्यवसायों में निवेश किया था। साथ ही उन्होंने पत्नियों के नाम और गुप्त रूप से क्रिप्टो करेंसी में निवेश भी किया।
यह भी देखा गया कि तीनों निदेशकों ने मिलकर मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, हांगकांग, बेलीज और यूके में अपतटीय स्थानों में ब्लूमैक्स ग्लोबल लिमिटेड के नाम से कंपनियां और बैंक खाते शुरू किए और उनमें पैसा जमा किया।
इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न व्यवसायों को भी शुरू ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब किया था और धोखाधड़ी करने के लिए विदेशों में उनके नाम पर और अन्य असंबंधित व्यक्तियों के नाम पर बैंक खाते खोले थे।