बाइनरी ऑप्शंस

स्वैप क्या है और इसके प्रकार

स्वैप क्या है और इसके प्रकार

स्वैप मशीन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंस्वाइप मशीन एक छोटी सी मचिन है जो बैंक द्वारा मिलती है। या आपने कई बैंकों में देखा भी होगा। जिसमे आप अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को स्वाइप करके पैसे निकाले जाते है। यदि आपके पास भी पैसे का लेन देन करने की कोई Shop है तो आप भी स्वाइप मशीन ले सकते है।

क्रेडिट और डेबिट को हिंदी में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकें(नामे) डेबिट और जमा (क्रेडिट) बहीखाता और लेखा. की औपचारिक शर्तें हैं। एक नाम (डेबिट) लेन-देन एक परिसंपत्ति (ऐसेट) या किसी खर्च के लेन-देन, कोइ जमा (क्रेडिट) एक ऐसे लेन-देन की ओर संकेत करता है जो देयता या लाभ का कारण होगा।

कार्ड स्वाइप कैसे करे?

इसे सुनेंरोकेंकार्ड स्वाइप होते वक्त सुनिश्चित कर लें कि पेमेंट मशीन (पीओएस) के साथ किसी तरह का उपकरण न जुड़ा हो. नई दिल्ली: क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करते वक्त आपको चौकस रहने की जरूरत है. खासकर कार्ड स्वाइप होते वक्त सुनिश्चित कर लें कि पेमेंट मशीन (पीओएस) के साथ किसी तरह का उपकरण न जुड़ा हो.

इसे सुनेंरोकेंस्वाइप मशीन एक छोटी सी मचिन है जो बैंक द्वारा मिलती है। या आपने कई बैंकों में देखा भी होगा। जिसमे आप अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को स्वाइप करके पैसे निकाले जाते है। इसके द्वारा पैसा Transfer और Pay करना बहुत आसान है।

पॉइंट ऑफ सेल मशीन से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंPOS एक कम्प्यूटराइज्ड मशीन है जिसका उपयोग कैश रजिस्टर के स्थान पर किया जाता है. POS मशीन डेबिट/क्रेडिट कार्ड को पढ़ना, खरिदी की पुष्टि करना और ग्राहक को सामान की रसीद देने का काम करती है. मगर, यह काम व्यापार तथा लोकेशन के हिसाब से परिवर्तित हो सकता है. इस POS मशीन की फुल स्वैप क्या है और इसके प्रकार फॉर्म Point of Sale होती है.

Sop का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंएसओपी का क्या मतलब होता है? एसओपी अर्थात एक मानक संचालन प्रक्रिया एक ऐसा लिखित दस्तावेज होता है, जो किसी ऑर्गेनाइजेशन या संगठन के अन्दर कार्य करनें वाली टीमों और सदस्यों को कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करने के बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश प्रदान करनें का कार्य करता है।

Sop का फुल फॉर्म क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंSOP Full Form फुल फॉर्म Standard Operating Procedure होता है। इसकी हिंदी में फुल फॉर्म मानक संचालन प्रक्रिया होती है। यह किसी भी एक निर्धारित कार्य को पूरा करने के लिए दिए गए दिशा निर्देश या निर्देशों का सही ढंग से पालन या संग्रह किया जाता है।

पीओएस मशीन का फुल फॉर्म क्या है?

इसे सुनेंरोकेंPoint of Sale एक प्रकार की Computerised मशीन है जिसका उपयोग कैश को गिनने के लिए एवं अन्य खरीदारी सम्बंधित कार्यों जैसे Purchase receipt बनाने के लिए भी किया जाता है। POS का उपयोग आजकल Cash Register के स्थान पर किया जाने लगा है।

Browser Swap Lite

नेटवर्क स्वैप + डोमेन स्वैप + ब्राउज़र जंप + ब्राउज़र लॉन्चर = बहुत बढ़िया!

कभी आपने चाहा कि आप किसी विशेष वेब ब्राउजर पर हमेशा किसी खास वेब ब्राउजर को खोल सकते हैं, चाहे जिस भी एप / विजेट से आपने लिंक पर क्लिक किया हो?

क्या होगा यदि आपका फोन मोबाइल डेटा से कनेक्ट होने पर एक वेब ब्राउज़र को स्वचालित रूप से चुनने की क्षमता रखता है और दूसरा वाईफाई पर?

डेस्कटॉप संस्करण के लिंक पर क्लिक करने के बावजूद, आपको कितनी बार किसी साइट के मोबाइल संस्करण पर धकेल दिया गया है?

क्या अन्य साइटों को आपको मोबाइल संस्करण पर ले जाने की अनुमति देते हुए हमेशा अपनी पसंद के किसी विशेष साइट के डेस्कटॉप संस्करण पर जाना अच्छा नहीं होगा?

अपने वेब ब्राउज़र के लिए बुद्धिमान साथी ऐप, ब्राउज़र स्वैप लाइट का परिचय।

ब्राउज़र स्वैप लाइट आपके पसंदीदा वेब ब्राउज़र को बदलने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है। इसके बजाय यह आपके सभी ब्राउज़रों के साथ काम करेगा और आपके सभी वेब ब्राउज़िंग सत्रों पर पूर्ण नियंत्रण देगा। यह निम्नलिखित विशेषताएं प्रदान करता है:

1. नेटवर्क स्वैप (जीएसएम और सीडीएमए समर्थित)

यह सुविधा आपको 2G कनेक्शन पर एक डिफ़ॉल्ट वेब ब्राउज़र सेट करने की अनुमति देती है, जबकि 3 जी / 4 जी पर एक अलग और साथ ही वाईफाई के लिए एक तिहाई। उदाहरण के लिए:

वाईफाई - डॉल्फिन ब्राउज़र एचडी (ऐडवर्ड्स के साथ महान ब्राउज़र, उच्च गति कनेक्शन के लिए उपयुक्त)
3G / 4G - Android ब्राउज़र (डिफ़ॉल्ट ब्राउज़र, अधिकांश उपयोगकर्ताओं के लिए ठीक काम करता है)
2 जी - ओपेरा मिनी (कम गति कनेक्शन के लिए सबसे अच्छा है या जब आपको बैंडविड्थ बचाने की आवश्यकता होती है, तो यह टर्बो मोड का उपयोग करके पृष्ठों को बहुत तेज़ी से लोड करता है, लेकिन कभी-कभी पृष्ठ रेंडरिंग खराब दिखता है)

सुनिश्चित करें कि आप बस अपने इच्छित किसी भी ब्राउज़र को खोल सकते हैं और बस ब्राउज़ करना शुरू कर सकते हैं। लेकिन उन लिंक के बारे में जो आप अपने फेसबुक, ट्विटर, Google+ और अन्य सामान्य विजेट पर क्लिक करते हैं? वे लिंक आपको सीधे आपके डिफ़ॉल्ट वेब ब्राउज़र पर ले जाते हैं, चाहे आपके कनेक्शन प्रकार और गति की परवाह किए बिना। ब्राउज़र स्वैप लाइट के साथ, अब आप कॉन्फ़िगर कर सकते हैं कि किस ब्राउज़र को उन सभी क्लिकों को संभालना चाहिए, किस प्रकार के कनेक्शन के तहत (2 जी / 3 जी / वाईफाई)।

डोमेन स्वैप के साथ आप चुन सकते हैं कि किस वेब ब्राउज़र को किसी विशेष वेबसाइट को लोड करना चाहिए। उदाहरण के लिए:

google.com - मिरेन ब्राउज़र
news.google.com - डॉल्फिन ब्राउज़र मिनी
facebook.com - ओपेरा मोबाइल

यहां तक ​​कि यह पूर्ण लिंक भी खोजता है जो कि छोटे यूआरएल जैसे bit.ly, t.co, fb.me, tinyurl.com और अधिक (130 से अधिक url शोर्टिंग सेवाओं का समर्थन) में परिवर्तित हो गए हैं

ब्राउज़र जंप का उपयोग करके आप लिंक के सभी सामान्य कॉपी-पेस्ट के बिना एक वेबसाइट को एक वेब ब्राउज़र से दूसरे में स्थानांतरित कर सकते हैं। वेब ब्राउज़र में शेयर मेनू का उपयोग करें और सूची से ब्राउज़र कूद का चयन करें। अब आप सभी स्थापित वेब ब्राउज़रों की एक सूची देख सकते हैं, जिसमें से आप यह चुन सकते हैं कि आप वर्तमान में खोली गई वेबसाइट के साथ किस ब्राउज़र पर कूदना चाहते हैं। इतना सरल है। कोई और अधिक कॉपी / पेस्ट करना और खोलना / बंद करना।

4. ब्राउज़र लॉन्चर

जब आप ब्राउज़र स्वैप लाइट स्थापित करते हैं, तो आपको अपने ऐप ड्रॉअर में 2 ऐप मिलेंगे - ब्राउज़र स्वैप लाइट और ब्राउज़र लॉन्चर। ब्राउज़र स्वैप लाइट मुख्य कॉन्फ़िगरेशन ऐप को खोलेगा जो आपको सभी ब्राउज़र सेटिंग्स को नियंत्रित करने देगा। ब्राउज़र लॉन्चर जो आपके पसंदीदा ब्राउज़र को आपके द्वारा कॉन्फ़िगर की गई नेटवर्क स्वैप सेटिंग के आधार पर लोड करेगा। उदाहरण के लिए यदि आप वाईफाई पर हैं और वाईफाई चालू होने पर ओपेरा मोबाइल खोलने के लिए नेटवर्क स्वैप कॉन्फ़िगर किया है, तो ब्राउजर लॉन्चर पर क्लिक करने से ओपेरा मोबाइल खुल जाएगा, ब्राउजिंग शुरू करने के लिए तैयार है।

ब्राउज़र स्वैप लाइट पूरी तरह से मुफ़्त है और आपको 15 दिनों के लिए उपरोक्त सभी सुविधाओं तक अप्रतिबंधित पहुंच प्रदान करता है और उसके बाद प्रत्येक लिंक को खोलने से पहले 20 सेकंड की प्रतीक्षा अवधि होगी। बिना देरी के असीमित उपयोग के लिए, कृपया ब्राउज़र स्वैप खरीदें, जो एंड्रॉइड मार्केट पर भी उपलब्ध है। ब्राउज़र स्वैप लाइट में आपके द्वारा की गई सभी सेटिंग्स और कॉन्फ़िगरेशन स्वचालित रूप से ब्राउज़र स्वैप पर भी ले जाए जाएंगे, ताकि आपको फिर से सब कुछ कॉन्फ़िगर न करना पड़े।

नीचे दिए गए वेब ब्राउज़र के साथ ब्राउज़र स्वैप लाइट का परीक्षण किया गया है। यहां तक ​​कि अगर आपका पसंदीदा वेब ब्राउज़र इस सूची में नहीं है, तो यह निश्चित रूप से ठीक काम करेगा। यदि नहीं, तो कृपया हमें बताएं।

पुलिस की पाठशाला, क्या है नये किस्म का साइबर अपराध?

रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
सिम स्वैप’……………
आज हम आपको एक नए प्रकार के साइबर अपराध के बारे में जानकारी देते हैं। संभवतः इस प्रकार की जानकारी आप तक पहली बार पहुंचेगी। यहां पर बात हो रही है सिम स्वैप की। सिम से तो हर कोई परिचित है ही कि यह हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण चीज है।

एक छोटी सी कहानी यह कि एक व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर अलग.अलग नम्बरों से कुछ मिस्ड कॉल आते हैं और उसके बाद उनके मोबाइल पर से नेटवर्क चले जाते हैं। कुछ समय बाद या कुछ दिन के बाद पता चलता है कि उसके खाते से करोड़ों की धनराशि निकल चुकी है।

सामान्यतः हम सभी की जानकारी में होता ही है कि ओटीपी के बिना ट्रांसेक्शन हो नहीं सकता अंतर्राष्ट्रीय डेबिट क्रेडिट कार्ड द्वारा की गयी लेन देन को छोड़ कर, यहां पर जिस कहानी का जिक्र किया जा रहा है, उस व्यक्ति के खाते से करोड़ों रुपए कैसे चले गए? उस व्यक्ति के खाते से जो भी लेनदेन हुआ यानि कि अन्य खाते में जो पैसे गए उसमें किसी भी कार्ड का उपयोग नहीं किया गया, परन्तु पैसे ट्रांसफर हुए हैं!
कैसे हुए होंगे? यदि पैसे ट्रांसफर हुए हैं तो इसके लिए निश्चित ही ओटीपी का होना आवश्यक है।

अब ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि ओटीपी इन ठगों को कैसे मिला?
जबकि उक्त व्यक्ति का सिम कार्ड उन्हीं के पास उनके मोबाइल में था। और उनके द्वारा अपना ओटीपी भी कहीं शेयर नहीं किया गया, शेयर भी करते कैसे उनको तो ओटीपी भी नहीं आया था।

इस संदर्भ में संक्षिप्त उत्तर यही स्वैप क्या है और इसके प्रकार है कि इस व्यक्ति का सिम स्वैप हुआ था या इनका सिम स्वैप किया गया था, जैसा भी समझें.

’प्रश्न यह कि क्या होता है सिम स्वैप?

सिम स्वैप का मतलब अगर आपको अपने पुराने सिम कार्ड को बदलकर उसी नंबर से नया कार्ड लेना हो तो स्वैप क्या है और इसके प्रकार इस प्रक्रिया को सिम स्वैप कहते हैं।

सिम स्वैप एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसकी आवश्यकता मोबाइल धारकों को कभी न कभी पड़ती ही है और हम इस सिम स्वैप की प्रक्रिया को सामान्य जीवन में कई बार कर चुके होते हैं,
जैसे कि-
1 जब हमारा मोबाइल चोरी या गुम हो जाता है तब उसी नम्बर की दूसरी सिम लेने के लिए।
2 जब सिम कार्ड टूट.फूट या कट कर खराब हो जाता है।
3 कई बार हम नए प्रकार का एंड्रॉयड फोन ले लेते हैं और पुराने वाले फोन से सिम नये फोन में डालना चाहते हैं परंतु अब सिम को या तो कटवाना पड़ता है, पर न कटने के चक्कर में उसी नंबर का नया डमी सिम बनवाना पड़ता है।
4 जब एक सर्विस प्रोवाईडर से दूसरे सर्विस प्रोवाईडर में पोर्ट करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए बीएसएनएल से जियो या जियो से एयरटेल।

पर ठग इसी सिम स्वैप का गलत फायदा उठा सकते हैं।

इस कार्य के लिए कुछ व्यक्ति को टारगेट किया जाता है और उसकी तमाम निजी जानकारियां जुटाई जाती हैं, फिर इस जानकारी की सहायता से उक्त व्यक्ति के सिम कार्ड को बंद करवा स्वैप क्या है और इसके प्रकार कर अपने पास रखी एक खाली सिम में उस नम्बर को चालू करवा लिया जाता है।

सिम स्वैप के लिए ठगों ने ऊपर प्रारम्भ की गई कहानी में वर्णित उस व्यक्ति के मोबाइल को हैक करके तमाम निजी जानकारी जैसे नाम पता, आधार कार्ड आईडी नंबर, बैकिंग जानकारियां इत्यादि ज्ञात कर ली थी, पर किसी का भी फोन ऐसे ही हैक नहीं हो जाता।
इसके लिए जाने अनजाने में वह व्यक्ति भी स्वयं जिम्मेदार अवश्य रहता है जैसे कि-
उस व्यक्ति ने कभी किसी असुरक्षित वेबसाइट का उपयोग किया हो या संक्रमित ऐप एसएमएस या ईमेल के संक्रमित लिंक या फिसिंग वेबसाइट पर गए होंगे और अपनी बैंकिंग व अन्य डिटेल्स डाल दी होंगी, जिससे तमाम निजी एवं गुप्त जानकारी ठगों के पास पहुंच गयी होगी।

सारी निजी जानकारी के बाद ठगों को सिर्फ ओटीपी की जरूरत थी, उसके लिए उन्होंने सिम स्वैपिंग का सहारा लिया।

इस प्रकार की सब जानकारी जब ठगों के हाथ में आ जाती है तो वे कस्टमर केयर को उस नम्बर का मालिक बनकर फोन लगते हैं। यहां काम आती हैं ऐसी तमाम निजी जानकारी जो ठगों ने किसी भी व्यक्ति के बारे में जुटाई थी।

इन निजी जानकारियों को लेकर ठग कस्टमर केयर वालों को यह विश्वास दिला देते हैं कि अमुक नम्बर का मालिक ही फोन कर रहा है और उसका मोबाइल गुम हो गया है या उसकी पहले वाली सिम खराब हो गई या कुछ भी इस प्रकार से विश्वास दिलाते हैं,
इसलिए वे पुराने सिम को बंद करा देते हैं और ठगों के पास जो खाली सिम रहता है, उसे उसी नम्बर से चालू कर देते हैं।
अब नम्बर खुद ठगों के पास आ जाता है तो वे आसानी से ओटीपी प्राप्त कर ठगी को अंजाम देते हैं।
पीड़ित को ठगी होने का पता तब चलता है जब वह अपना मोबाइल देखता है।
चूंकि उसका सिम बंद हो चुका होता है इसलिए मोबाइल में नेटवर्क नहीं आएगा।
नेटवर्क नहीं आता देखकर भी आदमी इसे नेटवर्क की खराबी समझकर कुछ समय ऐसे ही जाने देता है।
जब तक कारण पता लगता है, कारण यह कि अपने घर के अन्य सदस्यों या अपने दोस्तों के मोबाइल पर उसी कम्पनी का सिम होने पर नेटवर्क के होने की दशा में तब तक देर हो चुकी होती है।
सिम स्वैप करने के बाद ठग उस व्यक्ति के नम्बर पर बार बार इसलिए कॉल कर रहे थे ताकि ये कन्फर्म हो जाए कि उस व्यक्ति के पास जो सिम है वह बंद हुआ कि नहीं और ठगों के पास जो उसी नम्बर का सिम था वह चालू हुआ या नहीं।
क्योंकि मोबाइल नेटवर्क में कभी भी 1 नम्बर के 2 सिम एक साथ चालू नही रह सकते।

सिम स्वैप की धोखाधड़ी से बचने के उपाय’……….

1 हमेशा नेट बैंकिंग अपने खुद के मोबाइल या कम्प्यूटर पर ही करें।नेट कैफै के कम्प्यूटर या ऐसे कम्प्यूटर या लैपटॉप पर बिल्कुल न करेंख्, जो सार्वजनिक तौर पर उपयोग में लाया जाता हो।
2 पब्लिक वाईफाई जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैन्ड, पब्लिक वाईफाई हॉटस्पॉट, बिना पासवर्ड के वाईफाई आदि में नेट बैंकिंग का उपयोग फ्री फोकट के चक्कर में बिल्कुल भी न करें।
3 बैंक या किसी भी वेबसाईट के यूआरएल वेबसाईट स्वैप क्या है और इसके प्रकार का अड्रेस में एचटीटीपी जरूर होना चाहिए। अगर सिर्फ एचटीटीपी है पी के बाद एस नहीं है, तो इन वेबसाइट में न जाएं। ये वेबसाइट इनक्रेप्टेड नहीं होती और आप जो भी डिटेल्स वेबसाइट मे डालते है उसे हैकर आसानी से देख सकता है।
4 बैंक के वेबसाइट का यूआरएल सही से डालें कोई स्पेलिंग मिस्टेक न हो। मिलते जुलते या स्पेलिंग मिस्टेक वाले यूआरएल फिसिंग वेबसाइट हो सकते हैं। फिसिंग वेबसाइट किसी मूल वेबसाइट जैसे किसी बैंक की वेबसाइट की हूबहू नकल होती है। इसमें जाने पर आपको लगेगा कि आप अपने बैंक की वेबसाइट पर हैं, पर यह नकली वेबसाइट होती है और इसमें आपके लॉगिन आइडी पासवर्ड इत्यादि डालते ही यह इस नकली वेबसाइट के मालिक के पास चला जाता है।
5 यूआरएल टाइप करके ही डालें। किसी एसएमएस ईमेल या अन्य वेबसाइट में दिए गए यूआरएल पे क्लिक करके बैंक की वेबसाइट में न जाएं।
6 अपने मोबाईल पर प्ले स्टोर से ही एप डाउनलोड करें, किसी अन्य वेबसाइट से ना करें और कम्प्यूटर में क्रेकड माडल सॉफ्टवेयर इंस्टॉल न करें।
7 मोबाइल और कम्प्यूटर में एंटीवायरस इंस्टॉल अवश्य करें
8 जहां जरूरी न स्वैप क्या है और इसके प्रकार हो उस वेबसाइट पर निजी जानकारियां साझा न करें।
9 निजी जानकारी वाले आईडी कार्ड जैसे आधार कार्ड आदि की फोटोकापी कराते समय सुनिश्चित करें कि फोटोकापी दुकान में न छोड़ें।
10 अपना फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि की प्रोफाइल को पब्लिकली न रखें और किसी अनजान को फ्रेंड न बनाएं।
11 टू स्टैप वेरिफिकेशन का उपयोग करें जैसे गूगल एथेंटिकेटर।
12 सिम कार्ड पर लिखा हुआ नम्बर किसी को न बताएं।
13 ओटीपी कभी भी किसी को न बताएं। फोन पर बैंक मैनेजर बनकर आपकी निजी जानकारी जैसे आधार, नाम, पता, डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी अकाउंट नंबर, आइडी पासवर्ड, ओटीपी आदि मांगने वालों से दूर रहें। फोन पर कोई भी बैंक या उनसे सम्बन्धित व्यक्ति कभी भी कोई भी इस प्रकार की निजी जानकारी नहीं मांगते।
14 मोबाइल मे नेटवर्क ज्यादा देर तक गायब रहें तो सर्विस प्रोवाइडर को फोन कर सुनिश्चित करें क्या समस्या है। अगर किसी ने सिम स्वैप की रिक्वेस्ट की होगी तो सही समय मे पता लगने पर नम्बर ब्लॉक करा कर फ्रॉड से बच सकते हैं।
15 बैंक ट्रांजैक्शन अलर्ट के लिए एसएमएस के साथ.साथ ईमेल अलर्ट भी रखे।

सिम स्वैप घोटाले से खुद को कैसे बचाएं और यह इतना खतरनाक क्यों है?

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे स्कैमर्स आपको लक्षित करने के लिए उपयोग करते हैं जिनसे आप परिचित हो सकते हैं, जैसे कि आपके कंप्यूटर में घुसपैठ करने के लिए मैलवेयर, या ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने के लिए स्वैप क्या है और इसके प्रकार फ़िशिंग, लेकिन ऐसे अन्य तरीके हैं जो सिम स्वैप घोटाले के समान सामान्य नहीं हैं। इसके बारे में पहले सुना था, लेकिन यह हैकिंग और स्कैम के अन्य तरीकों की तरह ही खतरनाक है। इसका क्या मतलब है जानने के लिए पढ़ें? आप इस प्रकार की धोखाधड़ी से खुद को कैसे बचाते हैं?

एक सिम क्या है?

सिम अक्षर सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल के लिए एक संक्षिप्त नाम हैं, और जैसा कि सभी जानते हैं, यह एक छोटी चिप है जिसे फोन में रखा जाता है और आप इसे एक से अधिक फोन के बीच आसानी से स्विच कर सकते हैं। सिम कार्ड अद्वितीय हैं और बहुत कम डेटा संग्रहीत कर सकते हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण डेटा है जो आपके वाहक के साथ आपकी सदस्यता की पहचान करता है।

जब तक आपका सिम सक्रिय है, कोई अन्य व्यक्ति या सिम आपके फोन नंबर को अपने डिवाइस पर सक्रिय नहीं कर सकता है, इसलिए यदि आप फोन स्विच करते हैं, तो भी आपका नंबर तब तक रहेगा जब तक आपके पास वह सिम है।

सिम स्वैप धोखाधड़ी

सिम स्वैप घोटाले के लिए, जिसे के रूप में भी जाना जाता है सिमजैकिंग या स्वैप क्या है और इसके प्रकार सिम स्वैपिंग, एक घोटाला जो तब होता है जब कोई पीड़ित के फोन नंबर को लेने और अपने फोन पर इसे सक्रिय करने का प्रयास करता है, इस प्रकार इन दिनों अधिकांश वेबसाइटों द्वारा आवश्यक दो-चरणीय सत्यापन का फायदा उठाता है, और सक्रियण संदेश उनके फोन पर आता है। अपने फोन को।

सिम स्वैप करते समय कैसे होती है धोखाधड़ी

इसके लिए हैकर को आपके करीब होने और आपका फोन लेने और वास्तव में सिम को बदलने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन स्कैमर्स को उस व्यक्ति के बारे में पहले से पर्याप्त जानकारी मिल जाती है, और फिर स्कैमर इस जानकारी का उपयोग पीड़ित के वाहक से संपर्क करने और समझाने की कोशिश करेगा। उन्हें पीड़ित के फोन नंबर को एक नए सिम कार्ड में स्थानांतरित करने के लिए जो उसे प्राप्त होता है, या सिम कार्ड को ई-सिम कार्ड में बदल दिया जाता है, इसलिए उसे इसे प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इसे ई-मेल के माध्यम से प्राप्त करना है।

वह यह कैसे करते हैं? स्कैमर्स विभिन्न तरीकों का उपयोग करेंगे, वे किसी के डिवाइस से जानकारी एकत्र करने के लिए मैलवेयर का उपयोग कर सकते हैं या फ़िशिंग ईमेल भेज सकते हैं जिसमें स्कैमर कहते हैं कि वे ग्राहक सेवा हैं और उन्हें आवश्यक डेटा मांगते हैं।

धोखेबाज एक बहुत ही सरल तरीके का उपयोग कर सकता है, जैसे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करना और गुप्त रूप से वह जानकारी एकत्र करना जो उन्हें वाहक से बात करने के लिए आवश्यक है। इसलिए आपको किसी भी अनौपचारिक या अविश्वसनीय बातचीत में बहुत अधिक जानकारी पोस्ट नहीं करनी चाहिए।

सिम स्वैप धोखाधड़ी के परिणाम

आईफोन में तोड़ो

अगर कोई इस तरह से आपका फोन नंबर प्राप्त कर सकता है तो यह घोटाला कई समस्याएं पैदा करता है। स्कैमर न केवल आपके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, आदि तक पहुंच सकता है, बल्कि आपके ईमेल, या यहां तक ​​कि आपके बैंक खातों और आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य निवेश प्लेटफॉर्म तक भी पहुंच सकता है।

फिर स्कैमर आपके दोस्तों और परिवार को फ़िशिंग शुरू करने के लिए आपकी प्रोफ़ाइल का उपयोग कर सकता है, बैंक हस्तांतरण कर सकता है, या यहां तक ​​​​कि आपको उन्हें वह पैसा देने के लिए ब्लैकमेल भी कर सकता है जो वे चाहते हैं।

आपको कैसे पता चलेगा कि आप सिम एक्सचेंज धोखाधड़ी के शिकार हैं?

यह पता लगाने का सबसे तेज़ तरीका है कि आपके सिम कार्ड की अदला-बदली हुई है या नहीं, यह है कि आपका डिवाइस नेटवर्क कनेक्टिविटी खो दे, और आप सेल्युलर कॉल करने, टेक्स्ट भेजने या रोमिंग डेटा का उपयोग करने में सक्षम नहीं होंगे।

पता लगाने का दूसरा तरीका यह है कि जब कोई स्कैमर दो-चरणीय सत्यापन प्रक्रिया का उपयोग करके आपके खातों में प्रवेश करने का प्रयास करता है। जीमेल जैसे प्लेटफॉर्म आपको बताएंगे और अगर उन्हें लगता है कि किसी को आपके खाते तक नहीं पहुंचना चाहिए था।

जब आप सोशल मीडिया स्वैप क्या है और इसके प्रकार प्लेटफॉर्म या आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य खातों में कुछ बदलाव देखना शुरू करते हैं, तो आपको पता चल सकता है कि एक और तरीका है। और यदि आपको ऐसे लेन-देन या पोस्ट दिखाई देते हैं जिन्हें आपने पोस्ट नहीं किया है, तो हो सकता स्वैप क्या है और इसके प्रकार है कि कोई अन्य व्यक्ति आपके खाते का उपयोग कर रहा हो।

अगर मैं सिम स्वैप का शिकार हूं तो मैं क्या करूं?

यदि आप देखते हैं कि आपके सिम में समस्याएँ आने लगी हैं, तो फ़ोन को बंद करने का प्रयास करें और फिर इसे फिर से खोलें और यदि त्रुटि बनी रहती है कि आप दूरसंचार नेटवर्क से कनेक्ट नहीं हैं, तो आपको तुरंत अपने मोबाइल सेवा वाहक से संपर्क करना चाहिए।

सिम स्वैप धोखाधड़ी को रोकने के लिए मैं क्या कर सकता हूं?

अच्छी बात यह है कि कोई भी कार्रवाई करने से पहले आपको सिम स्वैप में ठगे जाने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। आप यह सुनिश्चित करना शुरू कर सकते हैं कि आप इन हमलों से सुरक्षित हैं।

आप वाहक से बात करके शुरू कर सकते हैं, उनसे पूछ सकते हैं कि इस प्रकार की धोखाधड़ी के खिलाफ उनके पास कौन से सुरक्षा उपाय हैं और आपके फ़ोन नंबर को किसी भिन्न सिम कार्ड पर ले जाने से पहले उन्हें किस प्रकार की जानकारी की आवश्यकता है।

अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को अधिक सुरक्षित और निजी बनाना बेहतर होगा, क्योंकि बहुत अधिक जानकारी पोस्ट करना न केवल खतरनाक है, बल्कि फेसबुक पर कुछ हालिया डेटा उल्लंघनों के साथ, आप अपनी जानकारी को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के लिए किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भरोसा नहीं कर सकते। आपको अधिकांश लोगों को ऑनलाइन और वास्तविक जीवन दोनों में बहुत अधिक जानकारी देने से बचना चाहिए।

आप अपने सबसे महत्वपूर्ण खातों, जैसे कि आपके बैंक खातों में लॉग इन करने के लिए अलग-अलग ईमेल खाते खोलने और अपने सबसे निजी ईमेल खाते का उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं, जिसके बारे में लगभग कोई नहीं जानता है।

आपके पास आने वाले ईमेल से सावधान रहें। और याद रखें कि एक तरीका जो स्कैमर्स आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं वह फ़िशिंग है, जहां वे आपकी निजी जानकारी प्राप्त करने के लिए एक वैध कंपनी का रूप धारण करते हैं। फ़िशिंग आपके विचार से अधिक सामान्य और आसान है, इसलिए हमेशा किसी भी ईमेल में संवेदनशील जानकारी देने से बचें। कंपनी को कॉल करें या उनकी पहचान की पुष्टि करने के लिए सीधे उनसे मिलें।

क्या आप इस हैक के बारे में जानते हैं? क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने पहले इसका अनुभव किया हो? हमें टिप्पणियों में बताएं।

स्वैप क्या है और इसके प्रकार

वीडियो: बबल सॉर्ट बनाम चयन सॉर्ट

बुलबुला प्रकार और चयन प्रकार के बीच मुख्य अंतर यह है कि बुलबुला सॉर्ट बार-बार आसन्न तत्वों को स्वैप करके संचालित होता है यदि वे गलत क्रम में हैं, जबकि चयन सॉर्ट एक सरणी को बार-बार असंगत भाग से न्यूनतम तत्व ढूंढकर और सरणी की शुरुआत में रखकर सॉर्ट करता है।

सॉर्ट करना एक व्यवस्थित क्रम में डेटा को व्यवस्थित करने की विधि है। यह डेटा तत्वों को जल्दी से खोजने में मदद करता है। सॉर्टिंग एल्गोरिदम कई क्षेत्रों में उपयोगी हैं जैसे मशीन लर्निंग, और बड़े डेटासेट को हेरफेर करने के लिए बड़ा डेटा विश्लेषण। विभिन्न सॉर्टिंग एल्गोरिदम हैं।बबल सॉर्ट और चयन सॉर्ट उनमें से दो हैं।

प्रमुख क्षेत्रों को कवर किया

1. बबल सॉर्ट क्या है
- परिभाषा, कार्यशीलता
2. चयन सॉर्ट क्या है
- परिभाषा, कार्यशीलता
3. बबल सॉर्ट और चयन सॉर्ट के बीच अंतर क्या है
- प्रमुख अंतर की तुलना

मुख्य शर्तें

एल्गोरिथम, बिग डेटा, बबल सॉर्ट, मशीन लर्निंग, चयन सॉर्ट

बबल सॉर्ट क्या है

बबल सॉर्ट एक छँटाई एल्गोरिथ्म है, जो बढ़ते क्रम में तत्वों को सॉर्ट करता है। यह बार-बार आसन्न वस्तुओं की तुलना करता है। और, यदि बाईं ओर आइटम दाईं ओर स्थित आइटम से बड़ा है, तो आइटम स्वैप करते हैं।

एक उदाहरण इस प्रकार है।

5 पर विचार करें और 8. दो संख्याओं को 5 1 के रूप में स्वैप करना आवश्यक नहीं है; इसके बजाय, हम दो आइटम स्वैप करते हैं। अब सूची इस प्रकार है।

अब 8 और 6 पर विचार करें। 8> 6 के रूप में, हम उन दो नंबरों को स्वैप करते हैं। सूची इस प्रकार है।

अब 8 और 9 पर विचार करें। संख्याओं को 8 2 के रूप में स्वैप करना चाहिए। पहला पुनरावृत्ति पूरा करने के बाद, सूची नीचे के रूप में दिखाई देती है।

सबसे बड़ी वस्तु सबसे सही स्थिति में है। अब, हमें केवल ५ १ ६ ९ २ पर विचार करना है। हम ५ और १ की तुलना कर सकते हैं। ५> १ के रूप में, हम मानों को स्वैप करते हैं। फिर, पहले की तरह, हम उसी प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं। पुनरावृति पूरा करने के बाद सूची इस प्रकार है।

अब, 8 और 9 सूची में सबसे बड़े आइटम हैं, लेकिन वे पहले से ही क्रमबद्ध हैं। अब हमें 1 5 6 पर विचार करना होगा। यह प्रक्रिया जारी है और अंत में, हम एक क्रमबद्ध सूची प्राप्त कर सकते हैं।

चयन सॉर्ट क्या है

चयन सॉर्ट एक छँटाई एल्गोरिथ्म है जो बढ़ते क्रम में तत्वों को सॉर्ट करता है। सरणी के अनसोल्ड भाग में सबसे छोटे तत्व को खोजने के बाद, यह उस तत्व को सूची में पहले स्थान पर स्वैप करता है।

एक उदाहरण इस प्रकार है।

हम न्यूनतम मान 7 के रूप में लेते हैं। हम मान की जाँच करते हैं। यह 7. से कम नहीं है। इसलिए, हम जाँचते हैं। यह 7. से कम है। अब, न्यूनतम मान है 5. अब, विचार करें 4. यह इससे कम है न्यूनतम मान (5)। इसलिए, अब न्यूनतम मूल्य 4. है। अगला, हम संख्या 9 पर विचार करते हैं। यह वर्तमान न्यूनतम मूल्य (4) से कम नहीं है। तो, हम अगले तत्व पर जाते हैं, जो है 2. यह वर्तमान न्यूनतम मूल्य (4) से कम है। अब न्यूनतम मूल्य 2 है। हम 7 स्वैप कर सकते हैं और 2. अब सूची इस प्रकार है।

अब, 2 पहले से ही क्रमबद्ध है, और यह सूची में सबसे छोटी संख्या है। बाकी अनसुलझी सूची है। अब हमें 8 5 4 9 को सॉर्ट करना चाहिए। हम 8 को न्यूनतम मान मानते हैं। मान 5 न्यूनतम मान (8) से कम है। तो, अब न्यूनतम मूल्य 5 है। फिर, मूल्य 4 न्यूनतम मूल्य से कम है। अब न्यूनतम मूल्य 4 है। फिर 9 न्यूनतम मूल्य से कम नहीं है। इसलिए, हम अगले तत्व पर विचार करते हैं। 7. यह न्यूनतम मूल्य से कम नहीं है। अब न्यूनतम 4 है। इसलिए, हम मूल्य 4 और मूल्य को स्वैप करते हैं। 8 (1) सेंट तत्व सूची में)। अब सूची इस प्रकार है।

अब, 2 और 4 क्रमबद्ध हैं। हम 5 8 9 को सॉर्ट कर सकते हैं। हम 5 को न्यूनतम मूल्य मानते हैं और उपरोक्त प्रक्रिया को दोहराते हैं और अंत में एक सॉर्ट की गई सूची प्राप्त करते हैं।

बबल सॉर्ट और चयन सॉर्ट के बीच अंतर

बबल सॉर्ट एक सरल सॉर्टिंग एल्गोरिथ्म है जो सूची के माध्यम से लगातार कदम रखता है और तत्वों को सॉर्ट करने के लिए आसन्न जोड़े की तुलना करता है। इसके विपरीत, चयन सॉर्ट एक छँटाई एल्गोरिथ्म है जो सूची में सबसे छोटा मान (आरोही क्रम पर विचार) लेता है और इसे सरणी में उचित स्थिति में ले जाता है। इस प्रकार, यह बुलबुला प्रकार और चयन प्रकार के बीच मुख्य अंतर है।

कार्यक्षमता

बबल सॉर्ट आसन्न तत्वों की तुलना करता है और तदनुसार स्वैप करता है जबकि चयन सॉर्ट अनसोल्ड सब-एरे से न्यूनतम तत्व का चयन करता है और इसे सॉर्ट किए गए सबर्रे की अगली स्थिति में रखता है।

दक्षता

इसके अलावा, बुलबुला सॉर्ट और चयन प्रकार के बीच एक और अंतर यह है कि बुलबुला सॉर्ट की तुलना में चयन सॉर्ट कुशल है।

इसके अलावा, गति बुलबुला सॉर्ट और चयन प्रकार के बीच एक और अंतर है। बुलबुला सॉर्ट की तुलना में चयन प्रकार तेज है।

इसके अलावा, बुलबुला सॉर्ट और चयन प्रकार के बीच एक और अंतर यह है कि बुलबुला सॉर्ट आइटम विनिमय का उपयोग करता है जबकि चयन सॉर्ट आइटम चयन का उपयोग करता है।

निष्कर्ष

सारांश में, बुलबुला सॉर्ट और चयन प्रकार के बीच मुख्य अंतर यह है कि बुलबुला क्रम आसन्न तत्वों को बार-बार स्वैप करके संचालित होता है यदि वे गलत क्रम में हैं। इसके विपरीत, चयन सॉर्ट एक सरणी को बार-बार अनसरे हिस्से से न्यूनतम तत्व ढूंढकर और सरणी की शुरुआत में रखकर सॉर्ट करता है।

रेटिंग: 4.46
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 122
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *