कुशल बाजार

अप्रैल-नवंबर, 2022 के दौरान रिकॉर्ड कोयला उत्पादन और परिवहन
Dump trucks haul coal and sediment at the Black Butte coal mine outside Rock Springs, Wyoming, U.S. April 4, 2017. REUTERS/Jim Urquhart
अप्रैल-नवंबर 2022 के दौरान भारत का कोयला उत्पादन प्रभावशाली ढंग से 17.13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 524.20 मिलियन टन (एमटी) हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 447.54 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के लिए कोयले का उत्पादन वित्त वर्ष, 23 के नवंबर तक 412.63 मीट्रिक टन दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान उत्पादन 353.41 मीट्रिक टन रहा था, जो 16.76 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
कोयला उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक नीलामी के लिए 141 नए कोयला ब्लॉक पेश किये हैं और मंत्रालय देश की विभिन्न कोयला कंपनियों के साथ नियमित रूप से संवाद कर रहा है और उनके उत्पादन की निगरानी कुशल बाजार कर रहा है। घरेलू उत्पादन और परिवहन को बढ़ाने के लिए किए गए कुशल बाजार चौतरफा प्रयासों के बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोग करने वाला देश है और बिजली की मांग सालाना 4.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
मंत्रालय ने एमएमडीआर (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत खनिज रियायत (संशोधन) नियम, 1960 में भी संशोधन किया है, ताकि कैप्टिव खानों की पट्टेदार कंपनियां को संयंत्र की जरूरतों को पूरा करने के बाद कोयले या लिग्नाइट के कुल अतिरिक्त उत्पादन का 50 प्रतिशत तक बेचने की अनुमति दी जा सके। संशोधन ने कैप्टिव कोयला ब्लॉकों की खनन क्षमता का अधिक उपयोग करने तथा अतिरिक्त कोयले को बाजार में जारी करने का मार्ग प्रशस्त किया है, जिसके कारण अप्रैल-नवंबर’22 के दौरान कैप्टिव और अन्य कंपनियों द्वारा कोयले के उत्पादन कुशल बाजार में 33.41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा वित्त वर्ष 22 की इसी अवधि के दौरान 53.27 मीट्रिक टन के उत्पादन की तुलना में उत्पादन 71.07 मीट्रिक टन हो गया है।
कोयला मंत्रालय तेज परिवहन सुनिश्चित करने के लिए पीएम-गति शक्ति के तहत सभी प्रमुख खानों के लिए रेल संपर्क अवसंरचना को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है। परिणामस्वरूप, वित्त वर्ष, 22 की समान अवधि के दौरान 519.26 मीट्रिक टन की तुलना में अप्रैल-नवंबर 22 के दौरान कुल कोयले का परिवहन 557.95 मीट्रिक टन रहा और इसमें 7.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पूरे देश में विभिन्न सेक्टर को कोयले के परिवहन में निरंतरता और कुशल मात्रा को दर्शाता है।