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Swing Trading क्या है? | स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?

swing trading kya hai

दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदने और बेचने में इन्वेस्टमेंट करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है अगर नही, तो आइये आज हम आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी लेते है तो जो कैंडिडेट स्विंग ट्रेडिंग बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.

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Table of Contents

स्विंग ट्रेडिंग क्या है (What is Swing Trading in Hindi)

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जहाँ पर ट्रेडर्स शेयर्स को खरीदने के कुछ दिन के बाद बेचते हैं मतलब कि एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर्स खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद दाम बढ़ने पर शेयर्स को बेच देते है जिससे उन्हें कुछ न कुछ फायदा हो जाता है.

एक अच्छी स्विंग ट्रेडर की ओप्पोर्चुनिटी को ढूंढने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का और कभी-कभी फंडामेंटल एनालिसिस का भी उपयोग करता है साथ ही चार्ट के माध्यम से मार्केट ट्रेंड और पैटर्न्स का विश्लेषण करता है. स्विंग ट्रेडिंग को मंथली ट्रेडिंग भी कहा जाता है क्योंकि एक महीने के अंदर ही शेयर्स को खरीदना और बेचना होता है स्विंग ट्रेडिंग से महीने का 5% से 10% तक रिटर्न कमाया जा सकता है स्विंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग किया जाता है.

स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?

स्विंग ट्रेडिंग शुरू करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अमाउंट और डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है क्युकी ट्रेडिंग अकाउंट शेयर को खरीदने के लिए और डीमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए जरूरी है.

Swing Trading काम कैसे करती है?

स्विंग ट्रेडर का काम किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड शेयर्स की कीमत में उतार-चढ़ाव ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करना होता है. सिम्पल तौर पर एक स्विंग ट्रेडर उन शेयर्स पर विश्लेषण करता है जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है. अन्य तरह की ट्रेडिंग की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादा रिस्क होता है क्युकी इसमें गैप रिस्क शामिल होता है, अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक से ही बढ़ जाते हैं लेकिन अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन भी देखने को मिलती हैं इस तरह के रिस्क को ओवरनाईट रिस्क’ कहा जाता है.

स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग करने के निम्नलिखित फायदे है-

  • स्विंग ट्रेडिंग में शेयर्स को कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए होल्ड करके रखा जाता है इसलिएइंट्राडे की तुलना में लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है.
  • स्विंग ट्रेडिंग मेंट्रेडर्स को बाजार के साइडवेज़ होने पर एक अच्छा रिटर्न मिलता है.
  • स्विंग ट्रेडिंग जॉब या बिज़नेस करने वाले लोगो के लिए सबसे अच्छा होता हैं.
  • स्विंग ट्रेडिंग में छोटे-छोटे रिटर्न्स साल में एक अच्छा रिटर्न भी बन जाता है.
  • इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग करना आसान होता हैं क्युकी इसमें सिर्फ आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए.
  • इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम कुछ होता है.

स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग करने के कुछ नुकसान भी है-

  • स्विंग ट्रेडिंग में ओवरनाईट और वीकेंड रिस्क भी रहता है.
  • स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क भी शामिल होता है
  • अगर किसी तरह से मार्केट का अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी देय भी नुकसान हो सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे?

सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस: स्विंग ट्रेडिंग में सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस बहुत जरूरी होता है तो इसीलिये आप भी यही कोशिश यही करना कि सपोर्ट पर ब्रेकआउट के बाद शेयर्स ख़रीदे और रेजिस्टेंस पर ब्रेकडाउन पर बेच दे.
न्यूज़ बेस्ड स्टॉक: Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है एक स्विंग ट्रेडर ऐसे शेयर्स को चुनता है जिसमें बाजार की किसी खबर का असर हो और उस खबर के कारण वह स्टॉक किसी एक दिशा में ब्रेकआउट देने की तैयारी में हो या ब्रेकआउट दे चुका हो, वह खबर बुरी या अच्छी किसी भी प्रकार की हो सकती है खबर अच्छी हुई तो ऊपर की तरफ ब्रेक आउट होगा, नहीं तो नीचे की तरफ ब्रेडडाउन होगा.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निक्स: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको हमेशा हाई Liquidity शेयर्स को चुनना होता है इसके अलावा शेयर में एंट्री और एग्जिट के लिए MACD, ADX और Fast Moving Average का यूज किया जा सकता है.

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आज आपने क्या सीखा?

हमे उम्मीद है कि हमारा ये (swing trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.

हमारी ये (swing trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.

Career Tips: स्टॉक मार्केट में करियर कैसे बनाएं? इन्वेस्टमेंट के साथ ऐसे कमाएं रुपये

 भारतीय शेयर बाजार में टाटा मोटर्स, हीरो मोटरकॉर्प, टीवीएस, महिंद्रा जैसे ईवी सेक्टर में कुछ महत्वपूर्ण नाम हैं.

भारतीय शेयर बाजार में टाटा मोटर्स, हीरो मोटरकॉर्प, टीवीएस, महिंद्रा जैसे ईवी सेक्टर में कुछ महत्वपूर्ण नाम हैं.

Career Tips, Stock Broker Jobs: इन दिनों बहुत लोग स्टॉक मार्केट (Stock Market Jobs) में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई लोगों के लिए यह बतौर करियर ऑप्शन उभर कर सामने आया है. अगर आप स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो आप स्टॉक मार्केट से अच्छी तरह से परिचित होंगे (Investment). वहीं, जो व्यक्ति इन्वेस्टर और स्टॉक मार्केट के बीच काम करता है यानी उनके बीच में एक पुल की तरह रहता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहते हैं (Stock Broker Jobs). इस फील्ड में इन दिनों जॉब की कई संभावनाएं मौजूद हैं (Career In Stock Market).

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 05, 2021, 14:28 IST

नई दिल्ली (Career Tips, Stock Broker Jobs). अगर आप देश-दुनिया की खबरों में दिलचस्पी रखते हैं तो शेयर मार्केट (Share Market), स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) से जरूर परिचित होंगे. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए भी लोग अक्सर स्टॉक एक्सचेंज में पैसे निवेश करते हैं. इसे शेयर मार्केट कहा जाता है और जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है. इस फील्ड में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं (Stock Broker Jobs).

आपकी जानकारी के लिए बता दें, ब्रोकर के बिना शेयर मार्केट का बिजनेस अधूरा रहता है. स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच स्टॉक ब्रोकर एक कड़ी की तरह काम करता है. ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है (Stock Broker Work Profile). डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए भी स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है.

शेयर मार्केट में होते हैं 2 तरह के स्टॉक ब्रोकर
शेयर मार्केट में आमतौर पर दो तरह के स्टॉक ब्रोकर होते हैं (Stock Broker Jobs). अगर आप इसमें करियर बनाना चाहते हैं तो आपको इनके बारे में जरूर पता होना चाहिए.
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full Service Stock Broker) अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी (कौन सा शेयर कब खरीदें और कब बेचें), स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और आईपीओ में इन्वेस्टमेंट की फैसिलिटी जैसी सर्विस देते हैं. इस सर्विस की फीस ज्यादा होती है. फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छी मानी जाती है.

डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर
ये ब्रोकर (Discount Stock Broker) अपने क्लाइंट से बहुत कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. इनकी फीस कम होती है. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं. किसी का अकाउंट खोलने से लेकर इनके ज्यादातर काम ऑनलाइन ही होते हैं.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी योग्यता
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए फाइनेंशियल मार्केट का कोई भी कोर्स किया जा सकता है (Stock Broker Qualifications). कॉमर्स, एकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की नॉलेज आपके लिए काफी मददगार साबित होगी. इन विषयों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का ‘एनसीएफएम कोर्स’ (NCFM Courses) ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है. इससे चेक किया जाता है कि स्टॉक मार्केट प्रोफेशनल में फाइनेंशियल मार्केट के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज और स्किल्स हैं या नहीं. इसमें एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट को मैथ और इंग्लिश की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए (Stock Broker Skills).

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी स्किल्स
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए एकेडमिक क्वालिफिकेशन के साथ ही अच्छी एनालिटिकल स्किल, स्ट्रॉन्ग माइंड और रिसर्च स्किल्स होना जरूरी है (Stock Broker Qualifications). इनके अलावा स्टॉक ट्रेनिंग प्रैक्टिस रूल्स और प्रोसेस की जानकारी होने के साथ ही अलग-अलग सेक्टर और इंडस्ट्री की जानकारी भी होनी चाहिए. मार्केट में आने वाले नए प्रोडक्ट्स, उनके उतार-चढ़ाव से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी होना भी जरूरी है. इसी के प्रेशर हैंडल करना भी आना चाहिए.
इस फील्ड में एक्सपर्ट बनने के लिए अच्छी कंप्यूटर स्किल्स के साथ ही डिसीजन मेकिंग, टीम वर्क, रिसर्च एप्टिट्यूड और फाइनेंस इंडस्ट्री की जानकारी लाइफ में सक्सेस दिला सकती है (Stock Broker Skills).

स्टॉक ब्रोकर के लिए करियर की संभावनाएं
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस को बेस करते हुए इक्विटी डीलर, इक्विटी ट्रेडर (Trading Jobs), इक्विटी एडवाइजर, स्टॉक एडवाइजर, वेल्थ मैनेजर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर, सिक्योरिटी एनालिस्ट और रिस्क मैनेजर के तौर पर जॉब्स पा सकते हैं (Risk Manager Jobs). इस फील्ड में आपको स्टॉक एक्सचेंज, रेगुलेशन अथॉरिटी, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक और दूसरे इंस्टिट्यूट में भी जॉब की अपार संभावनाएं हैं (Stock Broker Career).

स्टॉक ब्रोकर की कमाई
स्टॉक ब्रोकर के तौर पर करियर बनाने के बाद आपकी सालाना सैलरी 2 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक हो सकती है. अगर दूसरों के अकाउंट के साथ ही आप पर्सनल इन्वेस्टमेंट भी करते हैं तो कमाई का जरिया दोगुना हो सकता है (Stock Broker Salary).

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स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें? How to invest in Stock Market in India.

स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले इच्छुक व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के documents और प्रक्रियाएं करनी पड़ती हैं जिनका वर्णन हम Step by step निम्नवत करेंगे। लेकिन उससे पहले व्यक्ति को शेयर बाज़ार की परिभाषा और शेयरों के प्रकार को समझना अति आवश्यक है। हमने तो अपने दैनिक जीवन में बहुत बार सुना है, शायद आपने भी अनेक लोगों के मुहं से सुना होगा की ‘’आज क्या हाल है शेयर बाज़ार का’’ ये सभी वे लोग होते हैं जिनका पैसा शेयर मार्किट में लगा होता है।

यदि आप भी इनमे से एक बनना चाहते हैं और जानना चाहते हैं की स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें। तो आज हम आपको बताने वाले हैं कुछ Simple se steps जिनका अनुसरण करके एक सामान्य व्यक्ति भी stock market me invest कर सकता है।

स्टॉक मार्किट में निवेश करने के लिए आसान कदम

स्टॉक मार्किट में निवेश करने के आसान कदम

स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें (How to invest in stock market in Hindi):

स्टॉक मार्किट में निवेश करने से पहले व्यक्ति को यह जान लेना बेहद जरुरी है की जिस प्रकार या जितनी जल्दी इससे Kamai होती है । ठीक उसी प्रकार एक छोटी सी गलती इसमें व्यक्ति के पैसों को डूबा भी सकती है। इसलिए व्यक्ति को शेयर बाज़ार के रिस्क के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।

1. बैंक खाता ओपन करें

वैसे तो आज के समय में हर व्यक्ति का किसी न किसी बैंक में कोई न कोई बैंक खाता अवश्य होता है लेकिन यदि नहीं है तो स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले किसी बैंक में अपना खाता खुलवाना होगा। क्योंकि Brokerage Company से व्यक्ति को कमाए गए पैसे चेक के रूप में दिए जा सकते हैं। और व्यक्ति तभी cheque clear कर पायेगा जब उसका किसी बैंक में खाता होगा।

2. पैन कार्ड बनवाइए

Permanent account number (PAN) किसी भी प्रकार की Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है कोई भी वित्तीय Transaction के लिए बेहद जरुरी होता है, इस 10 digit के नंबर को भारत सरकार का आयकर विभाग जारी करता है। हालाँकि PAN Card विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे बैंक में खाता खोलने के लिए, Mutual fund में Invest करने के लिए एवं बहुत सारे वित्तीय कार्य करने के लिए चाहिए होता है। इसलिए Stock market me invest करने के लिए भी PAN की आवश्यकता होती है।

3. ब्रोकर सेलेक्ट कीजिये

शेयर खरीदना और बेचना किसी अन्य वस्तु को खरीदने जैसा आसान बिलकुल नहीं है, की गए और खरीद लिए । इसके लिए स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले व्यक्ति को Broker का चयन करना होगा। Broker कोई व्यक्ति या कंपनी होती है जिन्होंने SEBI, NSE, BSE इत्यादि से यह कार्य करने के लिए License लिए हुए होते हैं। व्यक्ति को चाहिए की वह किसी विश्वसनीय व्यक्तिगत broker या कंपनी को चुने। इसके अलावा व्यक्ति विभिन्न कंपनीयों के साथ जुड़कर ऑनलाइन भी ट्रेडिंग कर सकता है।

4. डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करें

यदि व्यक्ति ने Broker का चयन कर लिया हो तो अगला Step स्टॉक मार्किट में निवेश करने के लिए Demat aur Trading account खोलने का है। Demat account में व्यक्ति के द्वारा ख़रीदे गए share stock करके रखे जायेंगे, और जो व्यक्ति के Stock portfolio में प्रकट होंगे। कोई भी व्यक्ति शेयर को भौतिक रूप से अपने पास नहीं रख सकता अर्थात इन्हें छू नहीं सकता ।

वे डीमेट के रूप में रखे जाते हैं इसलिए broker के माध्यम से ख़रीदे/बेचे जाने वाले Shares को रखने के लिए demat account की आवश्यकता पड़ती है। इसमें व्यक्ति को कभी भी भौतिक रूप से शेयर का प्रमाण पत्र नहीं मिलता है, लेन देन का Transaction केवल और केवल Demat account में ही reflect होता है।

5. डीपोजटरी के बारे में जानें

India में 1992 में हुए शेयर घोटाले के बाद सन 1996 के depository act के अंतर्गत भारत सरकार ने Demat accounts पर नज़र रखने हेतु दो depository companies National Security depository limited (NSDL) और Central depository services India limited (CDSL) को पंजीकृत किया हुआ है।

हालाँकि निवेशक को यह सेवा Broker द्वारा प्रदान की जाती है, लेकिन फिर भी स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले निवेशक को DP के बारे में जानना चाहिए। Bombay stock exchange (BSE) द्वारा प्रमोट की जाने वाली depository CDSL और National stock exchange द्वारा NSDL को प्रमोट किया जाता है । इन दोनों के साथ depositary participant के तौर पर विभिन्न छोटे मोटे Broker कंपनियां और बैंक जुड़े हुए हैं ।

6. बड़े निवेश के लिए UIN की आवश्यकता

स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाला व्यक्ति यदि एक बार में 100000 रूपये से अधिक का Trade करना चाहता है तो उसे unique identification number की आवश्यकता हो सकती है । और एक लाख से कम का Trade करने वाले नियमित निवेशक बिना UIN के भी Trade Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है कर सकते हैं।

7. शेयर खरीदना और बेचना

शेयर खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक मार्किट में निवेश कर चुके व्यक्ति को चाहिए की वह अपनी आवश्यकतानुसार Broker को फ़ोन करके शेयर खरीदने और बेचने को कहे। उदाहरणार्थ: माना ABC कंपनी के शेयर का मूल्य 450 रूपये प्रति शेयर है, और व्यक्ति चाहता है की जब यह Share का मूल्य 425 हो जाय तो वह उसे ख़रीदे।

इस स्थिति में व्यक्ति अपने Broker को फ़ोन करके कंपनी का नाम, ख़रीदे जाने वाली शेयरों की संख्या और प्रति शेयर मूल्य ब्रोकर को बताकर उसके लिए शेयर खरीदने को कह सकता है। और यही क्रिया शेयर बेचने के लिए भी की जा सकती है । इसमें स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाला व्यक्ति ब्रोकर को एक निश्चित मूल्य बताकर Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है कह सकता है की जब उसके शेयर का मूल्य यहाँ तक पहुँच जाये तो वह उन्हें बेच दे।

मोबाइल एप्प के माध्यम से स्टॉक मार्किट में निवेश करना

वर्तमान में टेक्नोलॉजी ने स्टॉक मार्किट में निवेश करना भी काफी आसान कर दिया है । क्योंकि आज के इस दौर में कोई भी इच्छुक व्यक्ति घर बैठे ही अपने मोबाइल एप्प के माध्यम से आसानी से स्टॉक मार्किट में निवेश कर सकता है। जेरोधा, पेटीएम मनी एवं अन्य भी कई ऐसी मोबाइल एप्प हैं, जो बेहद कम ब्रोकरेज पर लोगों को स्टॉक खरीदने और बेचने की सुविधा घर बैठे उनके मोबाइल में प्रदान कर रही हैं।

इस तरह की मोबाइल एप्प के माध्यम से भी स्टॉक मार्किट में निवेश करने के लिए बैंक खाता, पैन कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि का होना नितांत आवश्यक है। टेक्नोलॉजी की बदौलत वर्तमान में शेयर मार्किट से पैसे कमाने का इच्छुक व्यक्ति आसानी से घर बैठे स्टॉक मार्किट में निवेश कर सकता है।

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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।

career in share market: शेयर मार्केट में करियर बनाने के लिए कौन से कोर्स करें

Career in the Stock Market: स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो इसके लिए तमाम तरह के कोर्स भारत के कई संस्थानों में उपलब्ध हैं

How to make Career in the Stock Market: स्टॉक मार्किट की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो इनमें कई तरह के सर्टिफिकेट कोर्स भी मौजूद हैं. इसमें शनल स्टॉक एक्सचेंज का एनसीएफ़एम (NCFM ) का ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स भी उपलब्ध है. जिसे करके इस सेक्टर की जानकारी ले सकते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 05, 2022, 13:15 IST

हाइलाइट्स

कैंडिडेट अगर कॉमर्स स्ट्रीम से हैं तो उनके लिए यह फील्ड बेहतर होगा.
कॉमर्स में 12वीं में अगर 55 प्रतिशत अंक हैं तो इसमें स्नातक जैसी डिग्री हासिल कर सकते हैं
स्टॉक ब्रोकर कॉमर्स, एकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन आदि की पढ़ाई कर Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है सकते हैं

How to make Career in the Stock Market: स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो इसके लिए तमाम तरह के कोर्स भारत के कई संस्थानों में उपलब्ध हैं. इसमें करियर बनाने के लिए स्टॉक ब्रोकर कॉमर्स, एकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन आदि की पढ़ाई कर सकते हैं. इससे कैंडिडेट को स्टॉक मार्किट फील्ड की गहरी जानकारी होती है. इसमें ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं.

किस प्रोफाइल पर कर सकते हैं नौकरी

इस करियर में इक्विटी डीलर, इक्विटी ट्रेडर , इक्विटी एडवाइजर ,स्टॉक एडवाइजर, वेल्थ मैनेजर फाइनेंशियल एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर, सिक्योरिटी एनालिस्ट और रिस्क मैनेजर के तौर पर नौकरी के अपार मौके पा सकते हैं.

क्या है योग्यता

शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो कैंडिडेट अगर कॉमर्स स्ट्रीम से हैं तो उनके लिए यह फील्ड बेहतर होगा. कॉमर्स में 12वीं में अगर 55 प्रतिशत अंक हैं तो इसमें UG, PG जैसी डिग्री हासिल कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त कैंडिडेट को अपने फील्ड में प्रोफेशनल को विषय से संबंधित गहन जानकारी भी होनी चाहिए .

यह है नौकरी के क्षेत्र

इस फील्ड में कई सारे करियर विकल्प खुले हुए हैं. स्टॉक एक्सचेंज, रेगुलेशन अथॉरिटी, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक और दूसरे इंस्टीट्यूट में भी जॉब के काफी स्कोप हैं. अगर कैंडिडेट Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है का काम बेहतर रहा इस क्षेत्र में कैंडिडेट की ग्रोथ भी बहुत जल्दी होती है .

सैलरी

जहां तक सैलरी की बात है तो कैंडिडेट की शुरुआती सैलरी 2 से 3 लाख के मध्य हो सकती है. जो करीब 4 से 5साल के अनुभव के बाद बढ़ जाती है. इतने एक्सपीरियंस के बाद यह सैलरी करीब 9 लाख तक भी पहुंच सकती है. इसमें प्रमोशन भी अच्छे मिलते हैं .

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स्टॉक ब्रोकर दो तरह के होते हैं

फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर- यह ब्रोकर क्लाइंट्स को शेयर खरीदने और बेचने की सलाह देते हैं. स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और आईपीओ में निवेश की सुविधा प्रदान की जाती है . यह फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर हैं इसलिए इनकी कस्टमर सर्विस अच्छी मानी जाती है.

डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर– दूसरा होता है डिस्काउंट ब्रोकर, ये क्लाइंट से बहुत कम ब्रोकरेज में शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को स्टॉक खरीदने बेचने की जानकारी और शोध की सुविधा न के बराबर देते हैं.

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अगर आप नौसीखिए हैं तो जानिए शेयरों में ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? | How to Start Online Trading in Hindi

How to Start your Trading Journey: अगर आप भी एक नौसीखिए है और शेयर मार्केट की दुनिया में ट्रेडिंग करना चाहते है तो यहां कुछ पॉइंट्स दिए गए है, जो आपको यह समझाने में मदद करेंगे कि शेयरों में ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? (How to Start Online Trading in Hindi)

How to do Share Trading: मिलेनियल्स शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश की ओर रुचि बढ़ा रहे हैं। यह युवा लोगों के बीच भी अधिक लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि बाजार में निवेश करने से पहले किसी को इस बारे में संक्षिप्त जानकारी होनी चाहिए कि बाजार में चीजें कैसे काम करती हैं। शेयर मार्केट एक बहुत ही जटिल संरचना है। लेकिन ज्ञान के द्वारा एक जटिल संरचना को भी सरल बनाया जा सकता है। यहां कुछ पॉइंट दिए गए हैं जो आपके ट्रेडिंग यात्रा शुरू करने में मदद कर सकते हैं। तो आइए जानते है कि शेयरों में ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? (How to Start Online Trading in Hindi)

1) एक रणनीति सीखें

निवेश रणनीतियों से निवेशकों को यह तय करने में मदद मिलती है कि जोखिम, अवधि, रिटायरमेंट, उद्योग की पसंद आदि के अनुसार कहां और कैसे निवेश करना है। निवेशक उद्देश्य के अनुसार अपनी निवेश योजनाओं को सीख और तैयार कर सकते हैं। इनमें से कोई भी रणनीति अपनी ट्रेडिंग यात्रा को शुरू करने के लिए शुरुआत के रूप में सीख सकती है।

2) एक सेल्फ कन्फर्मेशन सिस्टम विकसित करें

किसी भी राशि का निवेश करने से पहले सेल्फ कन्फर्मेशन का अर्थ है खुद को आश्वस्त करना। लागू रणनीति पर लाभ अर्जित करने Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है के लिए आत्मविश्वास और आत्मविश्वास के साथ अपनी ट्रेडिंग यात्रा शुरू करने के लिए सेल्फ कन्फर्मेशन एक ट्रिगर है।

3) रिस्क मैनेजमेंट

हर रणनीति रिस्क और अनिश्चितताओं के साथ आती है। रिस्क हर निवेश में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि कोई भी निवेशक अनावश्यक जोखिम नहीं लेना चाहता और नुकसान में डूबना नहीं चाहेगा। कुछ प्रकार के रिस्क लेने वाले निवेशक हाई रिस्क लेने वाले, मध्यम रिस्क लेने वाले और लो रिस्क लेने वाले निवेशक हैं। रिस्क मैनेजमेंट का अर्थ है न्यूनतम जोखिम लेना और लाभ अर्जित करना। एक बार जब निवेशक जोखिम का प्रबंधन करना जानता है, तो अपने वांछित व्यापार और लाभ के करीब एक कदम आगे बढ़ना आसान हो जाता है। कोई भी चुन सकता है कि हाई रिस्क लेना है, मीडियम रिस्क लेना है या कम रिस्क पर काम करना है।

बाजार में व्यापार शुरू करने से पहले नियमों को जानना बहुत जरूरी है। ट्रेड के नियमों को लिखने से निवेशक को ट्रेडिंग का सहज अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी। बाजार में बने रहने के लिए रूल्स और रेगुलेशन का पालन करना अनिवार्य है।

5) बैक टेस्ट

ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का मूल्यांकन करने में ट्रेडर बैक टेस्टिंग का उपयोग करते हैं। बैक टेस्टिंग सिमुलेशन के लिए रीयल-टाइम डेटा का उपयोग करने के बजाय हिस्टोरिकल डेटा का उपयोग करके लेनदेन का पुनर्निर्माण करता है, जैसा कि व्यापारी पेपर ट्रेडिंग के लिए उपयोग करेंगे। यह देखना है कि अतीत में कोई रणनीति सफल होती है या नहीं। परीक्षण का पूरा उद्देश्य व्यापारियों के लिए यह समझना है कि उनके व्यापारिक जोखिमों को कैसे कम किया जा सकता है और लाभ बढ़ाने के लिए काम किया जा सकता है।

अगर यह सही तरीके से किया जाता है, तो पॉजिटिव बैक टेस्टिंग रिजल्ट यह प्रदर्शित कर सकते हैं कि भविष्य में एक निश्चित रणनीति सफल हो सकती है जो आपको एक ट्रेडिंग मॉडल में अधिक विश्वास दिलाएगी। लेकिन अगर रिजल्ट पॉजिटिव नहीं हैं, तो आप या तो रणनीति को बदल सकते हैं या इसे खत्म कर सकते हैं।

6) नियम को मॉडिफाई करें

निवेशक बाजार में बदलाव के अनुसार नियमों या तैयार की गई रणनीतियों में बदलाव कर सकता है। यहां तक ​​​​कि अगर कोई विशेष शेयर मौलिक रूप से महान है, तो संभावना है कि यह बाजार के प्रवाह के अनुसार अपनी प्रकृति को बदल सकता है। बाजार के रुझान के अनुसार नियमों को मॉडिफाई करना जरूरी है।

7) फिर से करें बैक टेस्ट

एक बार जब निवेशक नियमों को मॉडिफाई करता है तो निवेशक को फिर से टेस्ट करना पड़ता है। इससे Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने और अपने निवेश को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

8) छोटी पूंजी के साथ लाइव ट्रेडिंग

निवेशक छोटी पूंजी के साथ व्यापार करना शुरू कर सकता है जब वह पर्याप्त रूप से आश्वस्त हो और बाजार में काम करने के लिए हर संभव चीज को जानता हो। छोटी पूंजी के साथ व्यापार करने से निवेशक को लाइव ट्रेडिंग का अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा जो अंततः भविष्य की ट्रेडिंग एक्टिविटीज के Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है लिए मदद करेगा।

9) बड़ी पूंजी के साथ ट्रेडिंग शुरू करें

एक बार जब निवेशक ने छोटे पूंजी निवेश के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है, तो वह बाजार में बड़ी पूंजी निवेश करने और व्यापार का विश्लेषण करने की ओर देख सकता है।

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