ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है

LIC IPO Listing Day Strategy: एलआईसी की लिस्टिंग पर क्या करें निवेशक? खरीदें या बेचकर निकल जाएं?
LIC Listing Day Strategy: बाजार के भारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए एलआईसी के शेयरों की लिस्टिंग स्ट्रेटजी को लेकर निवेशकों के मन में काफी उलझन है.
एलआईसी के शेयरों का अलॉटमेंट फाइनल हो चुका है और लिस्टिंग अब अगले हफ्ते मंगलवार को होगी. (Image- Reuters)
LIC Listing Day Strategy: देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) के शेयरों का अलॉटमेंट फाइनल हो चुका है और लिस्टिंग मंगलवार, 17 मई को होगी. 6 दिनों तक खुले रहे इस इश्यू को निवेशकों ने 2.95 गुना सब्सक्राइब किया. लेकिन अब निवेशक काफी असमंजस में हैं कि लिस्टिंग के दिन क्या रणनीति अपनाई जाए. शुक्रवार को ग्रे मार्केट में एलआईसी का भाव 949 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 9 रुपये के डिस्काउंट यानी 940 रुपये पर रहा, जिससे निवेशकों की उलझन और बढ़ गई है.
एलआईसी के आईपीओ के लिए सरकार ने प्रति शेयर 902-949 रुपये का प्राइस बैंड रखा था, जबकि फाइनल इश्यू प्राइस 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. स्पेशल डिस्काउंट की वजह से एलआईसी के पॉलिसीधारकों को ये शेयर 889 रुपये में और रिटेल निवेशकों को 904 रुपये में मिलेंगे. इस इश्यू के बारे में मार्केट एनालिस्ट का रुझान मिला-जुला है. कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक एलआईसी का शेयर 10 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हो सकता है, तो कुछ इसकी लिस्टिंग डिस्काउंट पर होने की आशंका जाहिर कर रहे हैं.
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LIC के शेयरों की लिस्टिंग पर क्या हो रणनीति?
- एक्सिस सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स का मानना है कि बाजार में तेज उतार-चढ़ाव का असर एलआईसी की लिस्टिंग पर दिख सकता है. एक्सिस सिक्योरिटीज के मुताबिक एलआईसी के शेयर डिस्काउंट पर लिस्ट हो सकते हैं और लिस्टिंग गेन मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं. हालांकि पॉलिसीहोल्डर्स और खुदरा निवेशकों को शेयर डिस्काउंट पर मिले हैं तो उन्हें कुछ लिस्टिंग गेन मिल सकता है.
- निवेश सलाहकार संदीप सभरवाल का मानना है कि एलआईसी की लिस्टिंग इश्यू प्राइस के मुकाबले 5-10 फीसदी प्रीमियम पर हो सकती है. सभरवाल के मुताबिक अगर एलआईसी के शेयर इश्यू प्राइस के आस-पास लिस्ट होते हैं तो यह लांग टर्म निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर मौका हो सकता है.
- आईपीओ एक्सपर्ट आदित्य कोंडवार के मुताबिक एलआईसी के आईपीओ के लेकर पॉजिटिव और निगेटिव दोनों है. ऐसे में लिस्टिंग के बाद कारोबारी माहौल कैसा रहता है, उसके हिसाब से ही आगे की रणनीति बनाएं.
- कैपिटलवाया ग्लोबल रिसर्च के एनालिस्ट अखिलेश जाट का मानना है कि अगर मार्केट वोलेटाइल बना रहता है तो एलआईसी के शेयर डिस्काउंट भाव पर लिस्ट हो सकते हैं. उन्होंने निवेशकों को इसमें लांग टर्म के लिए निवेश की सलाह दी है क्योंकि इंश्योरेंस कारोबार की प्रकृति लांग टर्म है.
देश का सबसे बड़ा आईपीओ
एलआईसी का 21 हजार करोड़ रुपये का इश्यू देश का सबसे बड़ा आईपीओ है. इससे पहले यह रिकॉर्ड पेटीएम के नाम पर था जिसने पिछले साल 2021 में आईपीओ के जरिए 18300 करोड़ रुपये जुटाए थे. एलआईसी के आईपीओ के जरिए सरकार ने अपनी हिस्सेदारी इसमें 3.5 फीसदी कम की है.
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
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नोटबंदी से ग्रे मार्केट की उधारी पर कम हुई ब्याज दर
ग्रे मार्केट में उधार रकम देने या रीयल एस्टेट में इनवेस्ट करने वाले इनवेस्टर्स को दोहरा झटका लगा है। सरकार के 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद ग्रे मार्केट में उधार देने पर इंटरेस्ट बहुत कम हो गया है।
जानकारों का कहना है कि अपनी नकदी या ब्लैक मनी पर इंटरेस्ट से बड़ी आमदनी हासिल करने वाले इनवेस्टर्स में से कुछ को नुकसान होना तय है।
उधार देने के इन जरियों के लिए कोई कानूनी संरक्षण मौजूद न होने की वजह से ऐसे इनवेस्टर्स अपनी जान-पहचान वाले लोगों या बहुत से मामलों में केवल एक समुदाय के अंदर ही कर्ज देते हैं। मुंबई के एक इनवेस्टर ने बताया, 'कुछ कारोबारी समुदायों में इस तरह की उधारी चलती है और वे केवल कारोबारियों या समुदाय से जुड़े डिवेलपर्स को ही कर्ज देते ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है हैं।'
एक टैक्स कंसल्टेंट ने कहा, 'अधिकतर मामलों में उधार दी जाने वाली रकम एक स्थान पर एकत्र की जाती है और मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा करना मुश्किल है क्योंकि अभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड पड़ने का डर है। ग्रे मार्केट का एक बड़ा हिस्सा मुश्किल में है।' उधारी देने वाले वर्गों में कैश ट्रांजैक्शंस बहुत कम हो गई हैं, लेकिन इसका असर रियल एस्टेट जैसे अन्य इनवेस्टमेंट्स पर भी दिख रहा है।
कैश के जरिए प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने वाले इनवेस्टर्स भी रियल एस्टेट में फंस गए हैं। नोट बंद होने के केवल एक सप्ताह के अंदर इनवेस्टर्स प्रॉपर्टी के प्राइस पर लगभग 20 पर्सेंट का डिस्काउंट देने के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि अगर उन्हें प्रॉपर्टी के प्राइस का 70 पर्सेंट भी चेक से मिलता है तो उनके लिए इनकम टैक्स की स्क्रूटनी में आने से बचने के लिए यह बेहतर होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि अब वे बेनामी प्रॉपर्टीज रखने वालों पर शिकंजा कसेंगे।
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आज से खुला Dreamfolks का IPO, पैसा लगाएं या नहीं? जानिए ग्रे मार्केट में क्या है भाव
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Wednesday, 24 August, 2022
मुंबई: Dreamfolks Services Limited का IPO आज से खुल रहा है. अगर ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है आप इस इश्यू में पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो आपको इस IPO के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं, क्या इसमें आपको पैसा लगाना चाहिए. चलिए समझते हैं.
Dreamfolks का IPO आज से खुला
सबसे पहले तो ये बता दें कि आप Dreamfolks Services Limited के IPO में आज से लेकर 26 अगस्त तक बोली लगा सकते हैं. कंपनी ने IPO का प्राइस बैंड ₹308 से ₹326 रुपये प्रति शेयर फिक्स कर दिया है. IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है, जिसमें 2 रुपये की फेस वैल्यू पर उसके प्रमोटर्स लिबर्टा पीटर कलात, दिनेश नागपाल और मुकेश यादव द्वारा 1.72 करोड़ इक्विटी शेयर बेचे जाएंगे. इस IPO के तहत कोई भी नया शेयर नहीं जारी होगा.
Dreamfolks IPO लॉट साइज
लॉट साइज का मतलब एक बार में आपको न्यूनतम कितने शेयर लेने होंगे, इससे कम शेयर आप नहीं ले सकते. इस IPO का लॉट साइज 46 शेयरों का है. यानी आपको अपर प्राइस बैंड पर एक लॉट के लिए 14996 रुपये खर्च करने होंगे. IPO के शेयरों का आवंटन 1 सितंबर 2022 को हो सकता है. इस पब्लिक इश्यू को NSE और BSE दोनों पर लिस्ट करने का प्रस्ताव है. IPO की लिस्टिंग 6 सितंबर, 2022 को हो सकती है. चूंकि कंपनी को इससे एक पैसा नहीं मिलेगा, इसलिए इस ऑफर का 75% हिस्सा संस्थागत खरीदारों (QIBs) के लिए रिजर्व है. बाकी के 10 परसेंट रिटेल और 15 परसेंट गैस संस्थागत निवेशकों के हिस्से में आएगा.
ग्रे मार्केट में छा गया IPO
ग्रे मार्केट में कंपनी के अनलिस्टेड शेयर को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और यह शेयर ग्रे मार्केट में 65 रुपये प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. इस तरह ये अपर प्राइस बैंड से 21.50 परसेंट प्रीमियम पर है.
Dreamfolks IPO में क्या करें
इस इश्यू में आपको पैसा लगाना चाहिए या नहीं, इसे समझने के लिए आपको सबसे पहले बताते हैं कंपनी की कुछ अच्छी और कुछ बुरी चीजों के बारे मे हैं. अच्छी बात ये है कि Dreamfolks एक यूनीक बिजनेस मॉडल के साथ काम करती है, ये भारत की नहीं दुनिया की ऐसी पहली कंपनी है जो इस बिजनेस मॉडल के साथ लिस्ट होने जा रही है. लाउंज बिजनेस में कंपनी लीडर है, उसका 95 परसेंट मार्केट शेयर है. कंपनी के प्रमोटर्स काफी अनुभवी हैं, उन पर किसी तरह के कोई कानूनी मामले नहीं हैं.
कंपनी का बिजनेस मॉडल असेट लाइट मॉडल है, मतलब कंपनी को असेट बनाने में कोई खर्च नहीं करती है, इसलिए कंपनी पूरी तरह से कर्जमुक्त है. कंपनी के लिए ग्रोथ की अपार संभावनाएं हैं, लाउंज बिजनेस भारत ही नहीं पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है. क्योंकि हवाई यात्री भी तेजी से बढ़ रहे हैं, नए नए एयरपोर्ट्स खुल रहे हैं. खराब बात ये है कि 1700 करोड़ मार्केट कैप वाली कंपनी के प्रमोटर्स अपनी 33 परसेंट हिस्सेदारी बेच रहे हैं. साथ ही वैल्यूएशन भी काफी महंगे है. मार्केट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इश्यू में लिस्टिंग गेन लेकर निकल जाना बेहतर होगा.
कंपनी क्या करती है
Dreamfolks एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं देने के का काम करती. ये देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट सर्विस एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है, घरेलू लाउंज एक्सेस मार्केट में इसकी हिस्सेदारी 80 परसेंट है. कंपनी की तरफ से ग्राहकों को लाउंज, खाना, स्पा, मीट एंड असिस्ट और ट्रांसफर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं दी जाती हैं. कंपनी इस कोराबार में 2013 से है. कंपनी का असेट-लाइट बिजनेस मॉडल भारत में काम करने वाले ग्लोबल कार्ड नेटवर्क और क्रेडिट कार्ड - डेबिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को एयरपोर्ट लाउंज ऑपरेटर्स और एयरपोर्ट से जुड़ी दूसरी सेवाएं मुहैया कराने वालों के साथ एक समान टेक प्लेटफॉर्म पर लाकर जोड़ती हैं.
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ग्रे मार्केट पर सस्ते फोन कैसे खरीदें
प्रौद्योगिकी एक सांस्कृतिक क्रांति के दौर से गुजर रही है, जिसमें कई गैजेट कट्टरपंथी 'ग्रे मार्केट' पर उपलब्ध सस्ते, अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विकल्पों के पक्ष में कला के राज्य से दूर, उच्च अंत प्रौद्योगिकी हैं।
हालांकि, ग्रे मार्केट वेबसाइटों की विश्वसनीयता पर चिंताएं हैं, जहां खरीदार आश्चर्यजनक रूप से सस्ते दामों पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद पा सकते हैं।
उत्पादों की वैधता पर सवाल निराधार नहीं हैं, क्योंकि कई उपयोगकर्ता अनुभवों ने वास्तविक सौदे के रूप में बेचे जाने वाले अत्यधिक ठोस नकली की खोज को विस्तृत किया है।
लेकिन उपयोगकर्ताओं को काफी कम कीमतों पर प्रामाणिक उत्पादों को याद किया जा सकता है। शुक्र है, DESIblitz ग्रे मार्केट पर खरीदने के पेशेवरों और विपक्षों के माध्यम से मार्गदर्शन करने के लिए यहां है।
ग्रे मार्केट ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है क्या है?
ब्लैक मार्केट के लिए अपनी व्युत्पत्ति की समानता के बावजूद, प्रसिद्ध ऑफ-द-ग्रिड कुछ भी बाजार में जाता है जहां लोग ड्रग्स, हथियार और अन्य अवैध सामग्री खरीद सकते हैं, ग्रे मार्केट अवैध नहीं है।
बल्कि, ग्रे मार्केट एक ऑनलाइन चैनल है जो अनधिकृत वितरकों को सामान खरीदने और बेचने की सुविधा देता है जो सामान्य रूप से यूके में उपलब्ध नहीं होते हैं।
ऐसे उत्पाद जो चीन और एशिया के लिए अनन्य हैं, आप ग्रे मार्केट में भारी रियायती दर पर अंतर्राष्ट्रीय उत्पाद पा सकते हैं।
हालांकि इन उत्पादों को ब्रिटेन में बेचने का इरादा नहीं है, लेकिन ऐसा करना अवैध नहीं है।
क्या ग्रे मार्केट पर खरीदना एक अच्छा विचार है?
ग्रे मार्केट के बारे में बात करते समय कई सवाल उठते हैं। क्या यह कानूनी है? क्या ये असली उत्पाद हैं? क्या मेरे पार्सल ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है इसे सीमा शुल्क के माध्यम से बनाएंगे? अगर मैं फट गया तो क्या होगा?
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ये वैध चिंताएं हैं, खासकर जंगली पश्चिम के संबंध में जो ऑनलाइन मार्केटप्लेस हैं, लेकिन शुक्र है कि ये ऐसे सवाल हैं जिनका आसानी से जवाब दिया जा सकता है।
वैधता का मुद्दा आपके देश के स्वयं के आयात सीमा शुल्क कानूनों के अनुसार है, लेकिन अधिकांश मामलों के लिए ग्रे मार्केट के माध्यम से तकनीक आयात करते समय कोई कानूनी मुद्दे नहीं हैं।
अधिकांश ग्रे मार्केट खुदरा विक्रेताओं के लिए, जैसे Coolicool और गीक खरीदप्रस्ताव पर उत्पाद कानूनी रूप से सही हैं, लेकिन यह हमेशा आपके देश के आयात कानूनों की जाँच करने के लायक है।
ग्रे मार्केट पर खरीदने के फायदे
इस तरह से तकनीक खरीदने के दो प्रमुख लाभ हैं: मूल्य और उपलब्धता।
कोई भी यह तर्क नहीं दे सकता था कि सस्ता होने के लिए स्मार्टफ़ोन या टैबलेट प्राप्त करना एक बुरी बात है, और अक्सर इन उत्पादों को महत्वपूर्ण छूट पर खरीदा जा सकता है।
इसका कारण बिक्री के इच्छित क्षेत्र के लिए नीचे आता है। यूएस और यूके में बेचे जाने वाले उत्पाद विनिमय दरों के कारक होने पर भी अलग-अलग कीमतों पर दिखाई देते हैं क्योंकि इन देशों में अलग-अलग बिक्री कर कानून हैं।
यूके में टेक आधारित उत्पाद उत्पाद के कुल मूल्य के 20% पर मूल्य वर्धित कर के अधीन हैं। दूसरी ओर, भारत में वैट है जो 5% -15% से कहीं भी क्षेत्र में भिन्न होता है।
हालांकि सीमा शुल्क में विचरण को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
सीमा शुल्क शुल्क कई कम करने वाले कारकों पर निर्भर करते हैं, लेकिन आप पाएंगे कि कई वितरक वेबसाइटें, विशेष रूप से कूलिकूल, यूरोपीय संघ ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है के देशों में गोदाम हैं, सीमा शुल्क की लागत को कम करते हैं।
यदि आपकी पसंद का वितरक EU क्षेत्र के बाहर है तो माल की लागत के शीर्ष पर आयात वैट के कुछ रूप का भुगतान करने की उम्मीद है।
उपलब्धता एक और लाभ है, जहां लोग उन उत्पादों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं जो घरेलू खुदरा चैनलों के माध्यम से उपलब्ध नहीं हैं।
यदि आप प्रतिस्पर्धी चश्मे के साथ एक सस्ते स्मार्टफोन की तलाश में हैं, तो अक्सर आपका सबसे अच्छा विकल्प ग्रे मार्केट वेबसाइटों के माध्यम से खरीदना होता है, जिनके पास चीनी और दक्षिण एशियाई निर्माताओं जैसे कि हुआवेई, श्याओमी और उमी के उपकरणों तक पहुंच होती है।
यदि आप ग्रे मार्केट से खरीदारी करते हैं तो क्या देखना है
नॉक-ऑफ उत्पाद ऑनलाइन ग्राहकों के लिए एक समस्या है। कुछ खुदरा विक्रेताओं, जैसे कि कूलिकूल, यह विश्वास दिलाता है कि उनके सभी उत्पाद 100% प्रामाणिक हैं, लेकिन अक्सर नकली भी उत्सुक प्रेक्षक को चकमा दे सकते हैं।
अक्सर आप यह नहीं बता पाएंगे कि उत्पाद तब तक नकली है जब तक आप इसे प्राप्त नहीं करते हैं, और ग्रे मार्केट खुदरा विक्रेताओं की वापसी नीति के साथ लगभग गैर-मौजूद है, यह एक महंगी गलती हो सकती है।
अनौपचारिक खुदरा विक्रेताओं से खरीदारी करते समय आपको कई चीजें देखनी चाहिए।
कीमत एक बड़ी है। जबकि ऑनलाइन खरीदने का मुख्य लाभ कम कीमत पर आइटम प्राप्त करने की क्षमता है, आप उन सौदों पर ठोकर खा सकते हैं जो सच होना बहुत अच्छा लगता है। सुनिश्चित करें कि आप कुछ सौदों को देखते हुए मूल्य निर्धारण की तुलना करते हैं।
उदाहरण के लिए, सैमसंग गैलेक्सी एस 7, आमतौर पर £ 600- £ 700 के लिए रिटेल करता है, हालांकि आप कुछ बिंदु पर लाइन को सस्ता के लिए पाएंगे।
यदि आप एक रिटेलर को एक के लिए £ 200- £ 300 चार्ज करते हुए पाते हैं, तो संभावना है कि यह काफी कम निर्मित गुणवत्ता के साथ एक दस्तक है।
रिटेलर द्वारा सूचीबद्ध स्पेसिफिकेशन्स के साथ लिस्टेड स्पेसिफिकेशन्स को चेक करने के लिए एक और आसान ट्रिक है। कोई भी विसंगतियां यह संकेत दे सकती हैं कि रिटेलर उत्पाद के बारे में झूठ बोल रहा है।
सुरक्षित और जिम्मेदार ऑनलाइन शॉपिंग
अंततः ग्रे मार्केट वेबसाइटें अमेजन जैसी मुख्यधारा की साइटों के समान विश्वसनीय हैं। यदि आप सतर्क हैं और पहले से कुछ पढ़ रहे हैं, तो आप उच्च स्तरीय तकनीक पर एक अविश्वसनीय सौदा प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
उत्पादों को आम तौर पर अच्छी तरह से पैक किया जाता है, और कुछ ग्राहकों को आयात शुल्क के साथ संघर्ष करना होगा, अधिकांश साइटें मुफ्त शिपिंग प्रदान करती हैं।
हालांकि, यदि आप अच्छे सौदे और कम जोखिम की तलाश में हैं, तो कई निर्माता सीधे अपनी वेबसाइट से बेचते हैं। उदाहरण के लिए, चीनी स्मार्टफोन कंपनी वनप्लस £ 200- £ 300 के लिए कस्टम एंड्रॉइड ओएस के साथ उच्च अंत वाले स्मार्टफोन पेश करती है।
जब तक आप कुछ शोध करते हैं, ग्रे मार्केट सस्ती तकनीकी खरीद के लिए एक अमूल्य उपकरण हो सकता है। यदि संदेह में है, तो एक विशेषज्ञ से परामर्श करें। यह एक बड़ी खरीद करने से पहले आंखों की दूसरी जोड़ी पाने के लिए चोट नहीं करता है।