दलाल नुकसान

दलाल स्ट्रीट हुई लाल: लगातार 9वें दिन टूटा बाजार, सेंसेक्स में 372 अंकों की गिरावट
शेयर बाजार में गिरावट का लंबा दौर चल रहा है. सोमवार को भी बाजार गिरकर बंद हुए. यह बाजार की लगातार 9वें दिन लाल निशान में क्लोजिंग हुई है.
आईटी को छोड़कर सभी सेक्टरोल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. (फोटो: रॉयटर्स)
शेयर बाजार में गिरावट का लंबा दौर चल रहा है. सोमवार को भी बाजार गिरकर बंद हुए. यह बाजार की लगातार 9वें दिन लाल निशान में क्लोजिंग हुई है. 8 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब बाजार लगातार 9 दिन गिरा है. आखिरी घंटे में बाजार में भारी बिकवाली के कारण सेंसेक्स 372 अंक टूटकर बंद हुआ. इससे पहले सेंसेक्स आज 37000 के नीचे तक फिसल गया था. वहीं, निफ्टी ने भी 11,150 तक का निचला स्तर छूआ.
कारोबार के अंत में बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 372.17 अंक यानि 0.99 फीसदी की कमजोरी के साथ 37,090.82 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 130.70 अंक यानि 1.16 फीसदी की कमजोरी के साथ 11,148.20 के स्तर पर बंद हुआ.
PSU बैंक और फार्मा शेयरों की पिटाई
सोमवार के कारोबार में निफ्टी के आईटी को छोड़कर सभी सेक्टरोल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. कारोबार के दौरान सबसे ज्यादा पिटाई पीएसयू बैंक और फार्मा शेयरों की हुई. वहीं, ऑयल एंड गैस, मेटल और पावर इंडेक्स में भी 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.
मिड और स्मॉलकैप में हावी बिकवाली
मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों में भी आज बिकवाली हावी रही. दिग्गज शेयरों के साथ मिडकैप की भी जोरदार पिटाई हुई. बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.80 फीसदी टूटकर 14125 के नीचे बंद हुआ. वहीं, स्मॉल कैप इंडेक्स 2.15 फीसदी टूटकर 13800 के करीब बंद हुआ. ऑयल और गैस शेयरों में भारी बिकवाली के कारण बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 2.25 फीसदी टूटकर बंद हुआ है.
बैंक शेयरों ने जबरदस्त पिटाई
आज के कारोबार में बैंकिंग शेयरों की जोरदार पिटाई हुई. पीएसयू बैंकों दलाल नुकसान में आज 7 महीने की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट देखने को मिली. पीएसयू बैंक शेयरों से लेकर प्राइवेट बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. निफ्टी का पीएसयू बैंक इंडेक्स 5 फीसदी टूटकर बंद हुआ. वहीं, प्राइवेट बैंक इंडेक्स 1.48 फीसदी टूटकर बंद हुआ. बैंक निफ्टी 1.31 फीसदी टूटकर 28650 के करीब बंद हुआ. बैंक निफ्टी के सभी 12 शेयरों में बिकवाली देखने को मिली.
आईटी सेक्टर में छाई हरियाली
आईटी को छोड़कर सभी सेक्टरोल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. निफ्टी का आईटी इंडेक्स 0.04 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ हरे निशान में बंद होने वाला सेक्टर रहा. निफ्टी के ऑटो इंडेक्स में करीब 2 फीसदी, एफएमसीजी इंडेक्स 1.02 फीसदी, मेटल इंडेक्स 1.8 फीसदी, फार्मा इंडेक्स में 4.4 फीसदी और रियल्टी इंडेक्स में करीब 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
इन शेयरों की हुई पिटाई
आज के कारोबार में सन फार्मा, आयशर मोटर्स, इंडियाबुल्स हाउसिं, यस बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील और इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल रहे. वहीं, भारती इंफ्राटेल, HDFC, HUL, टेक महिंद्रा और टाइटन में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली.
बिचौलियों का नुकसान, इसलिए कृषि कानूनों पर मचल रहा विपक्ष:जावड़ेकर
अपने गिरेबान में झांके विपक्ष, हमने 1,34,000 करोड़ रुपये किया कृषि बजट- जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने नए कृषि प्रावधानों का विरोध कर रहे विपक्षियों को निशाना बनाया है. उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों से खरीददारी में शामिल रहने वाले दलालों का नुकसान हो रहा है, इसलिए विपक्षी दल शोर मचा रहे हैं.
मैं विपक्षियों से कहता हूं कि वे अपने गिरेबान में झांककर देखें, 2009-10 में आपका कृषि बजट 12,000 करोड़ रुपये था. आज कृषि बजट 1,34,000 करोड़ रुपये हो गया है. दलालों का नुकसान हो रहा है, इसलिए यह लोग चिल्ला रहे हैं. कभी-कभी मुझे लगता है कि दलाल नुकसान विपक्षी दल, दलालों के भी दलाल बन गए हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि संसद में जो तीन कानून पास हुए हैं, उनसे खेती का भाग्य बदलने वाला है. खेती की मूलभूत समस्याओं का समाधान होने वाला है. जावड़ेकर ने यह बातें गोवा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं.
कृषि विधेयकों का हुआ कड़ा विरोध
बता दें हाल में पास हुए कृषि विधेयकों का पूरे देश में कड़ा विरोध हुआ है. यह विरोध हरियाणा और पंजाब में ज्यादा तेज था. विरोध कर रहे लोगों आरोप है कि नए प्रावधानों से एमएसपी व्यवस्था कमजोर होगी, जिससे किसानों को नुकसान होगा. बड़े व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किसानों का नुकसान किया जा रहा है.
वहीं प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदर्शन के मुद्दे पर कहा कि पूरे देश में अब इन प्रावधानों पर प्रदर्शन बंद हो चुके हैं. सिर्फ पंजाब में जारी हैं. ऐसा वहां की दलाल नुकसान सरकार की वजह से हो रहा है, जो इन प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रही है. जावड़ेकर का कहना है कि वास्तविकता में किसानों ने नए प्रावधानों का स्वागत किया है.
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अब दलाल से डीएल मत बनवाना
अब दलालों के जरिये ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने पहुंचे तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। शासन ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए हैं कि तमाम कैटेगरीज के लाइसेंस बनाते समय ट्रायल-ट्रेस्टिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए। इसके अलावा ट्रायल का डेटा पोर्टल पर भी अपलोड किया जाए। जिससे कोई भी व्यक्ति किसी दलाल से लाइसेंस न बनवा सके। यह भी कहा गया है कि परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस मुख्य चौराहों व मेन पब्लिक रूट्स पर सीसीटीवी कैमरे के साथ ही रडार व स्पीड इंटरसेप्टर टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें।
ओवरस्पीड व रैश ड्राइविंग पर नजर
चीफ सेक्रेटरी एसएस संधु रोड एक्सीडेंट को रोकने के लिए इनोवेटिव ऑप्शंस और हरसंभव प्रयासों पर जोर दिया है। बुधवार को उन्होंने सचिवालय में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली। सीएस ने कहा कि लोगों का जीवन बचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए तमाम विभागों को अपने लेवल पर व सामूहिक कॉर्डिनेशन से जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए। रोड एक्सीडेंट से संबंधित कायरें में किसी भी प्रकार की देरी न हो, नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इसके अलावा लाइसेंस जारी करते समय पूरी प्रक्रिया का सही तरीके से अनुपालन हो। कहा, रोड एक्सीडेंट का नियमित सुपरविजन हो। ओवरस्पीडिंग, रैश ड्राइविंग और सड़क सुरक्षा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर सक्रियता से एक्शन हो। जिससे रोड एक्सीडेंट के मामलों में गिरावट आए। इस दौरान डीजीपी अशोक कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
-पीडब्ल्यूडी व एनएचएआई ब्लैक स्पॉट और वलनरेबल एरियाज को कैटेगराइज करेंगे।
-ए, बी व सी श्रेणी में बांटकर रोड एक्सीडेंट के मामले होंगे कम।
-सड़क मार्गो पर होंगे साइकिल ट्रैक का निर्माण।
-इंडस्ट्रियल एरियाज में श्रमिकों के आने-जाने के लिए तैयार हों साइकिल ट्रैक।
-तमाम रूट्स पर स्पीड ब्रेकर व रम्बल स्ट्रीप बनाए जाएं।
-जिससे वाहनों की स्पीड कम हो और वाहन चालकों ने दिक्कत भी न हो।
-सड़क सुरक्षा की बेहतर कंपनी से थर्ड पार्टी ऑडिट होगा।
-कोर्ट व सड़क सुरक्षा दलाल नुकसान समिति के सुझावों पर इंप्लीमेंट होगा।
-बिना हेलमेट चार्ज लेकर नया हेलमेट दिया जाए।
-स्वास्थ्य व परिवहन विभाग हिल एरियाज में दुर्घटना में घायल लोगों के ट्रीटमेंट का समाधान ढूंढें।
-अवैध मीडियन्स तत्काल होंगे बंद।
-मुख्य मार्ग से 90 डिग्री पर सीधे मिलने वाले संपर्क मार्ग व रास्तों पर जरूरी सुरक्षा उपाय होंगे।
-हिल एरियाज में आवश्यकतानुसार क्रैश बैरियर लगाएं जाएंगे।
-डीएम को निर्देश, रोड एक्सीडेंट से संबंधित पेंडिंग मजिस्ट्रेटी जांच 2 माह में हों निस्तारित।
-हर ब्लॉक लेवल पर एसडीएम की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित होगा।
तीसरी बार वॉयलेशन तो लाइसेंस सस्पेंड
परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि सुरक्षा मानकों का दूसरी बार उल्लंघन करने वाले वाहन चालक के ड्राइविंग लाइसेंस को छह माह के लिए सस्पेंड किया जाए। तीसरी बार उल्लंघन करने पर एक वर्ष के लिए लाइसेंस को निलंबित कर दिया जाए।
ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन का सर्वे होगा
ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन, डाइविंग स्कूल और फिटनेस टेस्ट लेन बनवाने के लिए भूमि का तत्काल सर्वे किया जाए। जरूरत पड़े तो प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस की मदद भी ली जाएगी। सभी जनपदों में 'इन्सि्टट्यूट सोशल रेस्पोंसिबिल' इनिशिएटिव भी शुरू किया जाएगा। जिसके तहत इंजीनियरिंग संस्थानों में अध्यनरत छात्रों, रिटायरमेंट इंजीनियरों व समाज के सक्रिय और रचनात्मक नागरिकों को सड़क सुरक्षा के संबंध में बेहतरीन सुझाव और फीडबैक देने के लिए मंच प्रदान किया जा सके।
किसानों की मौत पर हरियाणा के मंत्री जेपी दलाल का विवादित बयान, बाद में मांगी माफी
किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौतों पर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विवादित बयान दिया है। दलाल ने कहा कि अगर वे किसान घर पर रहते तब भी उनकी मौत होती। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस ने इस बयान के लिए दलाल को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। हालांकि, विवाद बढ़ने पर दलाल ने कहा कि वो इस बयान के लिए खेद प्रकट करते हैं।
भिवानी में मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में दलाल ने कहा कि ये जो 200 किसान मरे है, अगर घर पर होते तब भी मरते। यहां नहीं मर रहे हैं क्या। उन्होंने कहा, "ये घर में होते तो भी मरते, यहां नहीं मर रहे क्या? मेरी बात सुन लो, लाख दो लाख में से 200 छह महीने में नहीं मरते क्या? कोई हार्ट अटैक हो के मर गया, कोई बुखार हो के मर गया।"
जब उनसे किसानों की मौत पर सवाल किया गया तो उन्होंन जवाब दिया, "मुझे ये बता दो कि हिंदुस्तान की एवरेज उम्र कितनी है और साल में कितने मरते हैं? उसी अनुपात में मरे हैं।" अगले सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "ये (किसान) एक्सीडेंट में नहीं मरे हैं। स्वेच्छा से मरे हैं।" वहीं जब उनसे संवेदना प्रकट करने को कहा गया तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "मरे हुए के प्रति मेरी पूरी-पूरी हार्दिक संवेदना है"
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दलाल के बयान को ट्वीट करते हुए मंत्रीमंडल से बर्खास्तगी की मांग की है। सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, आंदोलन में संघर्षरत अन्नदाताओं के लिए इन शब्दों का प्रयोग एक संवेदनहीन और संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है। शर्म, मगर इनको आती नहीं। पहले किसानों को पाकिस्तान व चीन समर्थक बताने वाले हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए।'
दलाल नुकसान
जयपुर
राजस्थान सियासी खींचतान के बाद बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। पायलट कैंप के विधायक रामनिवास गांवड़िया ने सीएम गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ को दलाल बताया है। परबतसर विधायक ने कहा कि सीएम गहलोत ने जूते- चप्पल उठाने वाले को आरटीडीसी का चैयरमेन बनाया है।विधायक गावड़िया ने हालांकि, गहलोत के करीबी धर्मेद्र राठौड़ का नाम नहीं लिया है, लेकिन इशारा उन्ही की तरफ माना जा रहा है। विधायक ने कहा कि वह बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोग जूते-चप्पल उठाकर राजनीति में आगे बढ़ जाते हैं। रविवार को गावड़िया ने कहा कि 'जूते-चप्पल उठाकर सेवा चाकरी की, उन्हें आरटीडीसी अध्यक्ष बना दिया। ये पार्टी का नुकसान कर रहे हैं। किसी की चापलूसी करके नेता बन जाए और किसी विधायक के क्षेत्र में जाकर पार्टी का नुकसान करें तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।' राठौड़ कोई जन नेता तो नहीं हैं। कागजी नेता हैं। इनके कहीं आने-जाने से क्या फर्क पड़ने वाला है? काबिलियत होती तो पार्टी टिकट भी देती है। लोगों के बीच जाते हैं तो जनता चुनाव भी जितवाकर भेजती है।
विधायक सोलंकी भी बता चुके हैं दलाल
बता दें, गावड़िया से पहले चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने भी गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ को दलाल बताया था। सोलंकी ने धर्मेंद्र राठौड़ पर सीधा हमला बोला था। सोलंकी ने कहा राठौड़ अवसरवादी है। मौका देखते ही पाला बदल लेते हैं। कभी बीजेपी के लिए दलाली करते थे। इसके बाद धर्मेंद्र राठौड़ ने राजधानी जयपुर में प्रेस वार्ता कर पायलट कैंप के विधायक सोलंकी को जयपुर जिला प्रमुख के चुनाव का हवावा दे गद्दार बताया था। राठौड़ ने कहा कि सोलंकी की गद्दारी की वजह से कांग्रेस बहुमत होते हुई भी जयपुर में जिला प्रमुख नहीं बना सकी।
फिर शुरू हुआ बयानबाजी का दौर
कई दिनों की खामोशी के बाद पायलट कैंप के हमलों से प्रदेश की राजनीति में एक बार आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। बता दें, 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस आलकमान ने पार्टी के नेताओं की बयानबाजी पर रोक लगाने के लिए एडवाइजरी जारी थी। दोनों खेमों के नेता कुछ दिन शांत रहे, लेकिन एक बार फिर बयानबाजी शुरू हो गई है।
The Naradmuni Desk
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