डिजिटल करेंसी क्या होती है

Digital Currency: आ गया भारत का अपना डिजिटल रुपया, जानें आपको इससे क्या होंगे फायदे
Digital Currency: भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार से डिजिटल रुपये की शुरुआत की है, इससे अब आपको कैश लेकर इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं होगी. जानिए क्या होंगे फायदे?
By: अजातिका सिंह | Updated at : 01 Nov 2022 08:21 PM (IST)
Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार 1 नवंबर से डिजिटल करेंसी यानी भारतीय रुपे की शुरुआत कर दी है. अपने पहले पायलट परीक्षण कार्यक्रम के जरिए डिजिटल रुपये का इस्तेमाल अब व्यापक रूप से किया जा सकेगा. इसके लिए रिजर्व बैंक ने नौ बैंकों- भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी- को इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया है.
डिजिटल रुपये के ज़रिए अब लोगों की कैश पर निर्भरता कम होगी और यह एक तरह से थोक खंड (Wholesale Transaction) के लिए अच्छा विकल्प भी साबित होगा. अभी तक ट्रांजेक्शन करेंसी, रुपये या चेक के माध्यम से या किसी बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से किया जाता है. लेकिन डिजिटल नोट में कोई हार्ड करेंसी की जरूरत नहीं होगी. वॉलेट टू वॉलेट आप ट्रांजेक्शन कर पाएंगे.
जानिए क्या डिजिटल करेंसी क्या होती है बताया एक्सपर्ट ने
नए प्रोजेक्ट की शुरुआत के साथ ही कई सवालों का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज ने आर्थिक विशेषज्ञ विजय सरदाना से उनकी राय जानी. सरदाना कहते हैं कि "मुझे लगता है कि काला धन इस प्रोजेक्ट के जरिए कम हो जाएगा, क्योंकि आगे आने वाले समय में सरकार उदाहरण के लिए पांच हजार से ज्यादा के ट्रांजेक्शन के लिए इसका इस्तेमाल अनिवार्य कर सकती हैं. सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी सरकार के पास रहेगी जिससे सभी के द्वारा होने वाले खर्चों पर सरकार की सीधी नजर रहेगी. हार्ड करेंसी पर निर्भरता कम हो जाएगी. ये सरकार की एक बहुत अच्छी शुरुआत है."
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Crypto Currency से कैसे अलग होगी डिजिटल करेंसी?
ये Rupee to Rupee ट्रांजेक्शन पर आधारित है, क्राइपो में मार्केट का उछाल- गिरावट भी मायने रखते हैं. ये RBI यानि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है और उनके द्वारा ही रेगुलेटेड है. वहीं क्रिप्टो प्राइवेट एंटरप्राइज हैं, जिसके चलते उसमे जोखिम बहुत होता है. यहां आरबीआई में 9 बैंक शामिल हैं जिसके जरिए जानकारी मिलेगी कि कहां हमें इसका लाभ मिल रहा है. अभी आपको कैश जमा करना पड़ता है, संभाल कर रखना पड़ता है, बैंकों में जमा करना होता है, करेंसी डैमेज भी होती है, डिजिटल करेंसी आ जाने से अब ऐसा नहीं होगा.
गूगल पे, पेटीएम, UPI जैसे ई-वॉलेट से कैसे अलग है?
ई-वॉलेट में लिमिट होती है, लेकिन इसमें डिजिटल करेंसी से बड़ा अमाउंट भी आप ट्रांसफर कर पाएंगे. लेकिन इसमें सिक्योरिटी का भी बड़ा कंसर्न होगा. जिससे इसका मिसयूज ना हो. जैसे गलत नंबर पर पैसे ट्रांसफर करने की सूरत में क्या किया जाएगा. इसका ब्योरा भी RBI द्वारा साफ किया जाएगा.
क्या ये आम लोगों के लिए नहीं है?
आम लोग आरबीआई के पहले से इजाजत दिए गए ई-वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन होल सेल में ई-वॉलेट से काम नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए इस प्रोजेक्ट को लाया गया है. जैसे शादी की शॉपिंग में होने वाले मोटे खर्च, मंडी में होने वाला खर्च इत्यादि, अब ये सब आसान हो जाएगा.
करेंसी नोट क्या खत्म हो जाएंगे?
नहीं, ऐसा नहीं होगा. लेकिन इससे सुविधा हो जाएगी. अभी आपके नोट फट जाएं या चोरी हो जाएं तो दिक्कत होगी. लेकिन डिजिटल करेंसी में ये सब परेशानी नहीं होगी. ट्रैवल करते समय कोई टेंशन नही होगी. अभी दो लाख -पांच लाख ट्रांसफर करने में मुश्किल आती है. जो अब आसान हो जाएगा. कैश ट्रांसफर को अपग्रेड करने का भी प्रयास किया जा रहा है.
Net banking से कैसे अलग है?
नेट बैंकिंग में पेमेंट चार्ज भी लगता है, इसमें कैश-टू-कैश ट्रांजैक्शन होगा. कोई चार्ज नहीं देना होगा.
RBI ने 9 बैंकों को ही इस प्रोजेक्ट के लिए क्यों चुना?
आरबीआई ने देखा होगा कि किस बैक का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत मजबूत है, किसकी साइबर सिक्योरिटी मजबूत है, किसकी पहुंच कितनी है- जैसे मापदंप आरबीआई ने देखे होंगे और उन्हें ही इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया होगा.
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Published at : 01 Nov 2022 08:10 PM (IST) Tags: Crypto currency RBI DIGITAL CURRENCY हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में डिजिटल करेंसी क्या होती है सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
Digital Currency Vs Cryptocurrency : क्या होती है डिजिटल करेंसी, यह क्रिप्टोकरेंसी से कितनी अलग है?
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने गुरुवार को केंद्रीय बैंक के डिजिटल करेंसी पेश करने के प्लान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
हाइलाइट्स
- डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है।
- जिस देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है।
- इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है।
नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने गुरुवार को बड़ा एलान किया। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) टी रवि शंकर ने इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पेश करेगा। उसने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल, आरबीआई (RBI) ने बहुत पहले ही अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का संकेत दे दिया था। दुनिया के कई दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक भी डिजिटल करेंसी शुरू करने की तैयारी में हैं। क्या आप डिजिटल करेंसी का मतलब जानते हैं? आइए इसका मतलब जानते हैं और यह भी जानते हैं कि यह क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलगा है।
क्या है डिजिटल करेंसी?
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है। जिस देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है। यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी शामिल होती है। इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है। भारत के मामले में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है-रिटेल (Retail) और होलसेल (Wholesale)। रिटेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती हैं। होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है। सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है। इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है। इससे जारी करने वाले देश में खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सॉवरेन मुद्रा में यानी उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के साथ यह सुविधा नहीं मिलती है।
दूसरा, फर्क यह है कि डिजिटल करेंसी की वैल्यू में क्रिप्टोकरेंसी की तरह उतार-चढ़ाव नहीं होता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में बहुत उतार-चढ़ाव होता है। बिटकॉइन इसका उदाहरण है। पिछले तीन महीने में बिटकॉइन की कीमत गिरकर आधा से कम रह गई है। तीसरा, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होती है। इसके लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। इसके उलट डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है।
What is Digital Currency (Bitcoin) in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन
पिछली पोस्ट में हमनें आपको बताया था कि Bitwalking एप्प के जरिये आप केवल पैदल चलकर डिजिटल करेंसी कमा सकते हैं और उसे मनचाहे खर्च भी कर सकते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि ये डिजिटल करेंसी क्या होती है अगर नहीं तो जानिये ये भविष्य की मुद्रा है - What is Digital Currency (Bitcoin) in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन
What is Digital Currency in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा
इसके कई नाम हैं ई-मुद्रा भी कह सकते हैं। यानि यह आपके नोटों की तरह नहीं होती है, केवल कंप्यूटर पर ही दिखाई देती है सीधे अापके जेब में नहीं आती है इसलिये इसे डिजिटल करेंसी, वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) कहते हैं, यह 2009 में लॉन्च हुई थी। इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है इसलिये इसे क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) भी कहा जाता है। दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) है। इसको जमा करना माइनिंग (Mining) कहलाता है। क्रिप्टो करेंसी को दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की करेंसी में कनवर्ट किया जा सकता है जैसे डॉलर, यूरो, रूपया आदि।
What is Bitcoin in Hindi - बिटकॉइन क्या है
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा यानि वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) है, आप केवल ऑनलाइन खरीददारी (Online Shopping) और लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे माइनिंग (Mining) द्वारा कमाया जाता है और इसे स्टोर करने के लिये बिटकॉइन वॉलेट (Bitcoin Wallet) की आवश्यकता होती है, इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने बनाया था। आज 1 Bitcoin लगभग 427 अमेरिकी डॉलर (US Dollar) यानि लगभग 28000 भारतीय रुपया(Indian Rupee) के बराबर है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि वर्ष 2014 में 1 Bitcoin की कीमत 1000 अमेरिकी डॉलर से भी ऊपर चली गयी थी। बिटकॉइन के भुगतान के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है।
What is Cryptography in Hindi - क्रिप्टोग्राफी क्या है
क्रिप्टोग्राफी एक प्रकार का कूट-लेखन (encode) है यानि जिसमें भेजे गये संदेश या बिटकॉइन या जानकारी को सांकेतिक शब्दों में बदलना होता है, जिससे उसे भेजने वाला या रिसिव करने वाला ही पढ जायें या खोल पायें, उदाहरण के लिये आपमें से जो लोग स्टेनोग्राफी (stenography) का एग्जाम (exam) की तैयारी कर रहे होगें उन्होंने शॉर्टहैंड (Shorthand) जरूर सीखा होगा, इसमें भी एेसा ही होता है कि आप शब्दों को अपने हिसाब से संकेतों में बदल देते हैं, जिससे या तो आप ही उसे पढ पाते हैं या दूसरा कोई व्यक्ति जो शॉर्टहैंड जानता हो, कुछ इसी तरह होती है क्रिप्टोग्राफी, इसमें भी बिटकॉइन के भुगतान हेतु कूट-लेखन द्वारा सुरक्षित किया जाता है।
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Explainer : डिजिटल रुपी क्या है और यह कैसे काम करती है, किप्टोकरेंसी से कितना अलग है भारत का डिजिटल रुपया
आरबीआई ने डिजिटल रुपये के ट्रायल के लिए 9 बैंकों को दिया नया प्लेटफॉर्म.
Digital Rupee-सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा डिजिटल करेंसी क्या होती है है. साधारण शब्दों में कहें तो, डिजिटल करेंसी आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं. भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी.
- News18Hindi
- Last Updated :डिजिटल करेंसी क्या होती है डिजिटल करेंसी क्या होती है November 01, 2022, 18:48 IST
हाइलाइट्स
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में डिजिटल रुपी लाने की घोषणा की थी.
होलसेल सेगमेंट के लिए रुपी पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया गया है.
डिजिटल रुपी को बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.
नई दिल्ली. भारत का पहला सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) पायलट प्रोजेक्ट आज यानि मंगलवार, 1 नवंबर से शुरू हो गया है.भारतीय रिजर्व बैंक ने (RBI) मंगलवार को होलसेल सेगमेंट को ध्यान में रखते हुए डिजिटल रुपी का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. आरबीआई की रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट चुनिंदा जगहों में एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने फरवरी में अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी.
आरबीआई का कहना है कि होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है. इनमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक HSBC बैंक शामिल हैं. डिजिटल करेंसी में कई देशों की रुचि है. हालांकि,केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब रहे हैं.
क्या है डिजिटल रुपी?
भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है. आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार “यह कागजी मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा. केवल इसका रूप अलग है. ” साधारण शब्दों में कहें तो, डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपये को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (contactless transactions) में डिजिटल करेंसी क्या होती है इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी. रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R) और होलसेल सीबीडीसी (CBDC-W). रिटेल सीबीडीसी संभवतः सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी, वहीं होलसेल सीबीडीसी का उपयोग चुनिंदा वित्तीय संस्थानों के लिए होगा.
डिजिटल रुपी के फायदे
CBDC का उपयोग करने के कई लाभ होंगे. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले साल लोकसभा को बताया, “डिजिटल रुपी के बहुत से फायदे होंगे. इससे न केवल नकदी पर निर्भरता कम होगी, बल्कि सीबीडीसी संभवत: अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और एक वैध भुगतान विकल्प की ओर ले जाएगी.” देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी. डिजिटल करेंसी को लोग अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे. इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.
लेनदेन की ज्यादा निगरानी
ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी. इस प्रकार देश में आने और डिजिटल करेंसी क्या होती है बाहर जाने वाले पैसे पर ज्यादा कंट्रोल होगा. इसके अलावा इससे नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा. कागज के नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा. डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी और यह कभी खराब नहीं होगी.
ज्यादा सुरक्षित
पारंपरिक डिजिटल लेनदेन के मुकाबले सीबीडीसी ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित है जिसमें सेंध डिजिटल करेंसी क्या होती है लगाना काफी मुश्किल है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में भुगतान तेजी से होता है. CBDC के उपयोग से कैशलेस अर्थव्यवस्था में और बदलाव आ सकता है. सीबीडीसी के उपयोग से कैशलेस भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और बैंकिंग परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आएगा.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी में मुख्य अंतर यह है कि क्रिप्टो पूरी तरह से निजी करेंसी है. यह लीगर टेंडर (वैध मुद्रा) नहीं है और इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती. न ही किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का इस पर कोई कंट्रोल होता है. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. जहां क्रिप्टोकरेंसी के रेट में उतार-चढाव आता रहता है, वहीं डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. आप डिजिटल रुपी को नकदी में बदल सकेंगे.
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What is Digital Currency (Bitcoin) in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन
पिछली पोस्ट में हमनें आपको बताया था कि Bitwalking एप्प के जरिये आप केवल पैदल चलकर डिजिटल करेंसी कमा सकते हैं और उसे मनचाहे खर्च भी कर सकते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि ये डिजिटल करेंसी क्या होती है अगर नहीं तो जानिये ये भविष्य की मुद्रा है - What is Digital Currency (Bitcoin) in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन
What is Digital Currency in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा
इसके कई नाम हैं ई-मुद्रा डिजिटल करेंसी क्या होती है डिजिटल करेंसी क्या होती है भी कह सकते हैं। यानि यह आपके नोटों की तरह नहीं होती है, केवल कंप्यूटर पर ही दिखाई देती है सीधे अापके जेब में नहीं आती है इसलिये इसे डिजिटल करेंसी, वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) कहते हैं, यह 2009 में लॉन्च हुई थी। इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है इसलिये इसे क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) भी कहा जाता है। दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) है। इसको जमा करना माइनिंग (Mining) कहलाता है। क्रिप्टो करेंसी को दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की करेंसी में कनवर्ट किया जा सकता है जैसे डॉलर, यूरो, रूपया आदि।
What is Bitcoin in Hindi - बिटकॉइन क्या है
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा यानि वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) है, आप केवल ऑनलाइन खरीददारी (Online Shopping) और लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। डिजिटल करेंसी क्या होती है इसे माइनिंग (Mining) द्वारा कमाया जाता है और इसे स्टोर करने के लिये बिटकॉइन वॉलेट (Bitcoin Wallet) की आवश्यकता होती है, इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने बनाया था। आज 1 Bitcoin लगभग 427 अमेरिकी डॉलर (US Dollar) यानि लगभग 28000 भारतीय रुपया(Indian Rupee) के बराबर है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि वर्ष 2014 में 1 Bitcoin की कीमत 1000 अमेरिकी डॉलर से भी ऊपर चली गयी थी। बिटकॉइन के भुगतान के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है।
What is Cryptography in Hindi - क्रिप्टोग्राफी क्या है
क्रिप्टोग्राफी एक प्रकार का कूट-लेखन (encode) है यानि जिसमें भेजे गये संदेश या बिटकॉइन या जानकारी को सांकेतिक शब्दों में बदलना होता है, जिससे उसे भेजने वाला या रिसिव करने वाला ही पढ जायें या खोल पायें, उदाहरण के लिये आपमें से जो लोग स्टेनोग्राफी (stenography) का एग्जाम (exam) की तैयारी कर रहे होगें उन्होंने शॉर्टहैंड (Shorthand) जरूर सीखा होगा, इसमें भी एेसा ही होता है कि आप शब्दों को अपने हिसाब से संकेतों में बदल देते हैं, जिससे या तो आप ही उसे पढ पाते हैं या दूसरा कोई व्यक्ति जो शॉर्टहैंड जानता हो, कुछ इसी तरह होती है क्रिप्टोग्राफी, इसमें भी बिटकॉइन के भुगतान हेतु कूट-लेखन द्वारा सुरक्षित किया जाता है।
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