स्टॉक मार्केट के कार्य

SEBI इस बात को सुनिश्चित करती है, स्टॉक मार्केट के अंदर और बाहर सब सही तरह से अपना काम करते रहे,
हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन बाजार की सपाट शुरुआत
वैश्विक बाजार से मिले संकेतों के बाद आज यानी 29 नवंबर को शेयर बाजार की सपाट शुरुआत हुई। सेंसेक्स 91.1 अंकों की गिरावट के साथ 62595.95 के स्तर पर नजर आ रहा है। वहीं निफ्टी 33 अंक यानी 0.18 फीसदी की गिरावट के साथ 18595.80 के स्तर पर नजर आ रहा है ।
ग्लोबल मार्केट की बात करें तो डाओ जोन्स 497 अंक यानी 1.45 फीसदी गिरावट पर है वहीं, S&P 500 में 1.54 फीसदी और नैस्डैक में 176 अंक यानी 1.58 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
एशियन बाजारों में भी गिरावट का ही माहौल है। जापान के निक्केई में 0.94 फीसदी और कोरिया के KOSPI में 0.20 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है।
खबरों के लिहाज से देखें तो आज HCL Tech, Lupin, Fusion Micro Fin, Five-Star, NBCC, PNB के शेयरों में एक्शन दिख सकता है, आइए एक नजर डालते हैं आज के ट्रेंडिंग स्टॉक पर-
ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी ने अपने बिजनेस के डिजिटल परिवर्तन के लिए स्विस फर्म SR Technics के साथ एक बहु-वर्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। बता दें, SR Technics सिविल एविएशन इंडस्ट्री को रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल की सेवा प्रदान करता है।
राज्य के स्वामित्व वाली निर्माण कंपनी को तत्कालीन रियल्टी फर्म आम्रपाली ग्रुप से 271.62 करोड़ रुपये के कार्य ऑर्डर प्राप्त हुए हैं।
सरकारी बैंक की योजना टियर-2 बांड जारी कर 4,000 करोड़ रुपये जुटाने की है। बैंकों ने यह फैसला ऐसे समय में किया है जब ऋण वृद्धि में लगातार तेज़ी देखि जा रहे है। जबकि जमा वृद्धि में लगातार कमी हो रही है।
कंपनी की प्रमोटर फर्म RRPR होल्डिंग ने अपनी इक्विटी कैपिटल का 99.5% हिस्सा अदाणी ग्रुप की स्वामित्व वाली VCPL को ट्रान्सफर कर दिया है।
इस बीच, 22 नवंबर को शुरू हुई अदाणी ग्रुप की खुली पेशकश में शेयरधारकों ने अब तक 5.3 मिलियन शेयर का टेंडर प्राप्त किया है। जोकि 16.7 मिलियन शेयरों का 31.78 % हिस्सा है।
कोयले की बढ़ती मांग को देखते हुए, कोल इंडिया ने 30 बंद खदानों को फिर से खोलने का प्रस्ताव दिया है। इन खदानों में उपयोग करने योग्य लगभग 600 मिलियन टन के खनन भंडार है। इसके अलावा, कंपनी ने कहा कि उसे खदान बंद करने की लागत उपभोक्ताओं पर डालने की आजादी दी गई है, लेकिन उसने अभी तक स्टॉक मार्केट के कार्य ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।
इसके अलावा Filatex Fashions, vedanta, Fusion Micro Finance, Five-Star Business Finance, Mankind Pharma, Lupin, Airlines आदि के स्टॉक्स भी आज ट्रेंड में बने रहेंगे।
SEBI Kya Hai , SEBI -THE REGULATOR
दोस्तो,
आज का हमारा Topic है,SEBI Kya Hai – SEBI The Regulator
और आज के इस टॉपिक में हम जानेंगे –
SEBI Kya hai (स्टॉक मार्केट के कार्य SEBI क्या है ?)
SEBI के क्या काम है ?
स्टॉक मार्केट में SEBI का क्या ROLE है ?
अगर आपके मन मे भी SEBI और SEBI से सम्बंधित कुछ इस तरह के सवाल है, तो आप इस Aricle को पूरा पढ़ते रहिये, क्योंकि मैं आज आपसे इसी के बारे में बात करने वाला हु,
SEBI Kya Hai (सेबी क्या है ?)
SEBI यानी The Securities Exchange Board of India, भारतीय स्टॉक एक्सचेंज नियामक संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी,
SEBI भारतीय संविधान, SEBI ACT 1992 द्वारा निर्मित संस्थान है, जो स्टॉक एक्सचेंज में होने वाले कारोबार का देख रेख करती है,
SEBI का प्रमुख उद्देश्य भारतीय स्टाक निवेशकों के हितों का बेहतर सुरक्षा प्रदान करना और स्टॉक स्टॉक मार्केट के कार्य एक्सचेंज के Development तथा उसे सुचारू रूप से चलाने के लिए नियम क़ानून की व्यवस्था और नियंत्रण करना है,
SEBI ,स्टॉक एक्सचेंज में शामिल तीन Groups के लिए जवाबदेह यानी Resposible है,
1- स्टॉक या SECURITIES ISSUE करने वाली कमपनी
2- स्टॉक या SECURITIES खरीदने वाले STOCK MARKET PARTICIPANTS
3- Stock Market में शामिल Intermediaries, जैसे स्टॉक ब्रोकर, बैंक, अन्य संस्थाए
SEBI का क्या काम है ?
आइये अब बात करते है ? SEBI के काम के बारे में,
SEBI एक POWERFUL संस्था है, और वो स्टॉक EXCHANGE के कार्यो को पूरी तरह CONTROL करती है, जहा तक SEBI द्वारा किये जाने वाले कार्यो की बात है, तो सेबी द्वारा किये जाने वाले कुछ प्रमुख कार्य है
1. Stock Exchange के लिए नियम और कानून बनाना,
2. स्टॉक मार्केट संबंधित कानून में संशोधन करना
3. सेक्योरिटीज मार्केट में निवेशको के हितों का संरक्षण,
4.स्टॉक एक्सचेंजो तथा किसी भी अन्य प्रतिभूति बाजार के व्यवसाय का नियमन करना।
5. स्टॉक ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, शेयर ट्रान्सफर एजेंट्स, ट्रस्टीज, मर्चेंट बैंकर्स, अंडर-रायटर्स, पोर्टफोलियो मैनेजर आदि के कार्यो का नियमन करना एवं उन्हें Registeredकरना।
6. Mutual Funds की सामूहिक निवेश योजनाओ को Registered करना तथा उनका नियमन करना।
7. प्रतिभूतियों बाजार से सम्बंधित अनुचित व्यापार व्यवहारों (Unfair Trade Practices) को समाप्त करना।
8.प्रतिभूति बाजार से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करना तथा निवेशकों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
9. Stocks की Insiders Trading पर रोक लगाना,
स्टॉक मार्केट में SEBI कीं भूमिका (ROLE OF SEBI)
हमने देखा SEBI KYA HAI, और उसके क्या काम है ?
आइये अब देखते है, स्टॉक मार्केट में SEBI की भूमिका , स्टॉक मार्केट को नियमित रूप से चलाने में SEBI की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, आज अगर स्टॉक मार्केट सही तरह से काम कर रहा है, तो इसके पीछे SEBI की सबसे प्रमुख भूमिका है, स्टॉक मार्केट के कार्य जो स्टॉक एक्सचेंज के कार्यो का नियमन और नियंत्रण करती है, SEBI के कारण ही एक छोटा निवेशक भी STOCK EXHANGE पर अपना भरोसा कर सकता है, क्योंकि SEBI का प्रमुख उद्धेश्य निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना है,
सभी STOCK MARKET PARTICIPANTS का एक ही मकसद होता है- स्टॉक निवेश से लाभ कमाना और पैसा बनाना, और जहाँ पैसा होता है, वहाँ लालच, बुराई, डर, सभी तरह की भावनाएं शामिल हो जाती है, और ज्यादा पैसे के लालच में लोग गलत तरीके से पैसा बनाने की कोशिश करते है, जैसे – हर्षद मेहता SCAM
इन्ही सब बातों को देखते हुए, स्टॉक मार्केट से अलग एक ऐसे संस्था की जरूरत महसूस होती है, जो कि ये तय और सुनिश्चित कर सके कि स्टॉक मार्केट में सभी शामिल प्रतिभागी सही काम कर रहे है,और किसी तरह का कोई गलत काम नही हो रहा हैं, और ऐसे महे SEBI इसी जरूरत को पूरा करती है,
SEBI इस बात को सुनिश्चित करती है, स्टॉक मार्केट के अंदर और बाहर सब सही तरह से अपना काम करते रहे,
SEBI द्वारा नियंत्रित की जाने वाली संस्थाए-
हमने देखा SEBI KYA HAI , उसके कार्यो और स्टॉक मार्केट में सेबी की क्या भूमिका है,
अब बात करते है सेबी कैसे Securities market को कण्ट्रोल करता है ,SEBI ने सेक्युरिट्स मार्केट को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिए आगे बताये गए संस्थाओ को Control करती है, और उनको कुछ set of rules देती है जिसके द्वारा वो सेक्युरिट्स से जुड़े अलग अलग सौदों को नियंत्रित करते है-
1. CREDIT Rating Agency
ये संस्थाए कॉर्पोरेट और गवर्नमेंट की लोन लेने की क्षमता का आंकलन करती है, जैसे- CRISIL, ICRA, CARE
2. Debentures Trustees
इसमे लगभग सभी भारतीय बैंक आ जाते है, जो कॉरपोरेट/कंपनियो को डिबेंचर्स बॉन्ड के बदले loan देती है, और ये डिबेंचर आम जनता द्वारा भी बैंक के माध्यम से खरीदे जा सकते है,
3. Depositories.
Depositories यानी वे संस्थाए जो शेयर सेक्युरिट्स को डिजिटल फॉर्म में सभी छोटे बड़े इन्वेस्टर का अलग अलग एकाउंट ओपन करके उनके एकाउंट में खरीदे गए शेयर्स को जमा करती है, जैसे NSDL और CDSL, जो DEMAT ACCOUNT की सर्विसेज देते है,
4. Depositories Participant
हम में से कोई भी DIRECTLY किसी DEPOSITERIES के पास अपना ACCOUNT नही खोल सकता है, हमे डिमैट एकाउंट ओपन करने के लिए DEPOSITERIES PARTICIPANTS के पास जाना होता है, जैसे- तमाम बैंक्स, और STOCK BROKERS
5. FII -FOREGIN INSTITUTIONAL INVESTORS
FII द्वारा किये जाने वाले TRANSACTION को भी SEBI नियंत्रित करती है,
6. MERCHANT BANKERS
MERCHANT BANKER कंपनी को IPO लाने में HELP करते है, जैसे- KARVY, AXIS BANK, ICICI BANK
इनके कार्यो का भी SEBI नियंत्रण करती है,
7.AMC (ASSET MANAGEMENT COMPANIES) – इसमे सभी MUTUAL FUND कंपनियां आ जाती है, जो लोगो से पैसे collect करके उन्हें स्टॉक मार्केट में निवेश करती है, इन सभी को SEBI का पास से लाइसेंस लेना होता है, और SEBI द्वारा बनाये गए नियमो के अनुसार काम करना होता है,
8.PMS- (Portfolio Management Services.)
PMS बिल्कुल MUTUAL FUND की तरह ही होता है, लेकिन इसमें कम से कम 25 लाख रुपये की निवेश की न्यूनतम सीमा है, जैसे- RELIGARE WEALTH, पराग पारिख, आदि,
9. STOCK BROKER AND SUB BROKERS
STOCK BROKER एक मुख्य कड़ी है, जिसके माध्यम से हम STOCK EXCHANGE पर स्टॉक खरीदने या बेचने का आर्डर देते है, SEBI सभी स्टॉक एक्सचेंज को लाइसेंस देने के साथ साथ उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यो के लिए अलग अलग नियम और कानून बनाकर, उनका नियंत्रण करती है,
SEBI Kya Hai – SUMMARY
अगर एक LINE में कहा जाए तो SEBI वह संस्था है, जो इस बात को सुनिश्चित करती है कि सभी PARTICIPANTS और INTERMEDIRIES अपना काम सही तरह से कर रहे है, और निवेशकों के स्टॉक मार्केट के कार्य सभी हितों की सुरक्षा की गारन्टी दी जा सकती है,
दोस्तों,
आशा करता हु, कि आप समझ पाए, SEBI Kya hai (SEBI क्या है ?), इसके क्या क्या कार्य है, और स्टॉक EXHANGE को सही तरह से चलाने में इसकी क्या भूमिका है,
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Stock Exchange-its meaning and 8 Important functions – In Hindi
स्टॉक एक्सचेंज का अर्थ (Meaning of Stock Exchange):
यह (Stock Exchange) पूंजी बाजार का एक अभिन्न अंग है जहां व्यापार व्यवस्थित तरीके से किया जाता है। अच्छी तरह से संरचित नियमों और विनियमों के अनुसार, व्यापारियों द्वारा प्रतिभूतियों को खरीदा और बेचा जाता है। शेयर बाजार (Stock Exchange) प्रतिभूतियों के मूल्यांकन में मदद करता है जो मांग और आपूर्ति के कारकों पर आधारित होते हैं।
परिभाषा (Definition):
एक संगठन या व्यक्तियों का निकाय, चाहे वह प्रतिभूतियों की खरीद, बिक्री और व्यवहार में व्यवसाय को विनियमित करने और नियंत्रित करने में सहायता के उद्देश्य से निगमित हो या नहीं।
–The Indian Securities Contracts (Regulation) Act of 1956
स्टॉक एक्सचेंज के कार्य (Functions of Stock Exchange):
स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) के कार्य इस प्रकार हैं
1. आर्थिक बैरोमीटर (Economic Barometer):
स्टॉक एक्सचेंज शेयर की कीमतों में सभी बड़े और छोटे बदलावों को रिकॉर्ड करता है। इसे अर्थव्यवस्था का तंत्रिका तंत्र कहा जाता है, जो अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है।
2. प्रतिभूतियों का मूल्यांकन (Valuation of Securities):
शेयर बाजार प्रतिभूतियों के मूल्यांकन में मदद करता है जो मांग और आपूर्ति के कारकों पर आधारित होते हैं। प्रतिभूतियों का मूल्यांकन निवेशकों, लेनदारों और सरकार को उनके अन्य कार्यों को करने में मदद करता है।
3. लेनदेन संबंधी सुरक्षा (Transactional Safety):
इसने सुनिश्चित किया कि स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार की जाने वाली प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध किया गया है, और प्रतिभूतियों की सूची कंपनी की स्थिति को सत्यापित करने के बाद की जाती है। सभी सूचीबद्ध कंपनियों को शासी निकाय द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों का पालन करना होगा।
4. आर्थिक विकास में योगदानकर्ता (Contributor to Economic Growth):
व्यापार की यह प्रक्रिया निरंतर विनिवेश और पुनर्निवेश से संबंधित है, जो पूंजी निर्माण और बाद में अर्थव्यवस्था के विकास के अवसर प्रदान करती है।
5. इक्विटी निवेश के प्रति जनता को जागरूक करना (Making the public aware of equity investment):
स्टॉक एक्सचेंज में एक सूचना प्रणाली शामिल होती है जो स्टॉक मार्केट के कार्य इक्विटी बाजारों में निवेश करने और लोगों को प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नए मुद्दों को शुरू करने में मदद करती है।
6. अटकलों की गुंजाइश प्रदान करता है (Offers scope for speculation):
व्यापारिक प्रतिभूतियों की स्वस्थ अटकलें प्रदान करके, स्टॉक एक्सचेंज प्रतिभूतियों और तरलता की मांग और आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
7. तरलता की सुविधा देता है (Facilitates liquidity):
प्रतिभूतियों की बिक्री और खरीद के लिए एक तैयार मंच प्रदान करके, स्टॉक एक्सचेंज निवेश के मामले में तरलता प्रदान करता है।
8. बेहतर पूंजी आवंटन (Better Capital Allocation):
स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों के लिए पूंजी के बेहतर आवंटन में मदद करता है ताकि अधिकतम लाभ अर्जित किया जा सके। लाभदायक कंपनियां अपने शेयरों का सक्रिय रूप से कारोबार करेंगी, और ऐसी कंपनियां इस बाजार से नई पूंजी जुटाने में सक्षम हैं।
विषय पढ़ने के लिए धन्यवाद
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सौंदर्य, स्वास्थ्य और जीवन शैली विकल्प
शेयर बाजार एक अर्थव्यवस्था में अलग-अलग व्यवसायों को कई अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में केवल 4,000 से कम सार्वजनिक रूप से कारोबार वाले स्टॉक हैं जिन्हें मोटे तौर पर 11 वैश्विक स्टॉक मार्केट के कार्य उद्योग वर्गीकरण (जीआईसीएस) में विभाजित किया जा सकता है।
कई विश्लेषक अक्सर बाजार के प्रदर्शन के लिए बैरोमीटर के रूप में एस एंड पी 500 इंडेक्स पर शून्य करते हैं और जैसे कि सबसे प्रभावशाली चालकों में से एक। यहां हम व्यवसायों के लिए दो सबसे बुनियादी प्रभावों को देखेंगे: 1) उपभोक्ता खर्च और 2) व्यवसाय संचालन।
शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था
बाजार के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाले व्यवसायों के इक्विटी शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, शेयर बाजार सभी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के कुल मूल्य को मापता है। व्यापक रूप से, इसे विल्शायर 5000 द्वारा दर्शाया जा सकता है, लेकिन आम तौर पर, अधिकांश विश्लेषक और निवेशक S&P 500 पर ध्यान केंद्रित करते हैं। समग्र अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को मापने के लिए दोनों इंडेक्स मूल्यवान उपकरण हो सकते हैं, हालांकि कभी-कभी स्टॉक भ्रामक हो सकते हैं।
आमतौर पर, शेयर बाजार और आर्थिक प्रदर्शन संरेखित होते हैं। इस प्रकार, जब शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहा होता है, तो यह आमतौर पर बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का कार्य स्टॉक मार्केट के कार्य होता है। आर्थिक विकास को कई तरीकों से मापा जा सकता है, लेकिन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुसरण करके सबसे प्रमुख में से एक है।
ऐतिहासिक रूप से, 1930 के दशक में ग्रेट डिप्रेशन के साथ-साथ 2007-2009 की ग्रेट मंदी से पहले बाजार में तेज गिरावट आई थी। हालांकि, कुछ मार्केट क्रैश, सबसे प्रसिद्ध 1987 में ब्लैक मंडे, के बाद मंदी नहीं आई।
स्टॉक मार्केट और उपभोक्ता खर्च
अक्सर, उपभोक्ता बुल मार्केट के दौरान अधिक खर्च करते हैं क्योंकि वे एक मजबूत अर्थव्यवस्था के प्रभाव से अधिक बना रहे हैं और जब वे अपने पोर्टफोलियो के मूल्य में वृद्धि देखते हैं तो वे धनवान महसूस करते हैं। भालू बाजारों के दौरान, अर्थव्यवस्था आमतौर पर उतना अच्छा नहीं कर रही है और खर्च घट रहा है। स्टॉक मूल्यों में एक साथ गिरावट भी निवेश अनुबंधों के मूल्य के रूप में धन और क्रय शक्ति के नुकसान के लिए भय पैदा करती है।
एक बढ़ता हुआ शेयर बाजार आमतौर पर एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ा होता है और इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ता है। शेयरों में निवेशकों का विश्वास अधिक खरीद गतिविधि की ओर जाता है जो कीमतों को अधिक बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। जब शेयर बढ़ते हैं, तो इक्विटी मार्केट में निवेश करने वाले लोगों को धन लाभ होता है। यह बढ़ी हुई संपत्ति अक्सर उपभोक्ता खर्च में वृद्धि करती है, क्योंकि उपभोक्ता अधिक सामान और सेवाएं खरीदते हैं जब उन्हें विश्वास होता है कि वे ऐसा करने के लिए वित्तीय स्थिति में हैं। जब उपभोक्ता अधिक खरीदते हैं, तो उन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने वाले व्यवसाय अधिक उत्पादन करने और अधिक बेचने का विकल्प चुनते हैं, राजस्व में वृद्धि के रूप में लाभ प्राप्त करते हैं।
स्टॉक मार्केट के नुकसान व्यक्तिगत और सेवानिवृत्ति पोर्टफोलियो दोनों में धन को नष्ट कर देते हैं। एक उपभोक्ता जो अपने पोर्टफोलियो के मूल्य में गिरावट देखता है, वह कम खर्च करने की संभावना रखता है। खर्च में यह कमी व्यवसायों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है - विशेष रूप से वे जो गैर-जरूरी सामान और सेवाओं को बेचते हैं, जैसे लक्ज़री कार और मनोरंजन, जिनके बिना पैसे की तंगी होने पर ग्राहक रह सकते हैं।
स्टॉक मार्केट और बिजनेस ऑपरेशंस
स्टॉक मार्केट की चाल कंपनियों को कई तरह से प्रभावित कर सकती है। शेयर मूल्य मूल्यों में वृद्धि और गिरावट कंपनी के बाजार पूंजीकरण को प्रभावित करती है और इसलिए इसका बाजार मूल्य। जितने अधिक शेयरों की कीमत होती है, उतनी ही अधिक कंपनी बाजार मूल्य में होती है और इसके विपरीत। स्टॉक मार्केट के कार्य सौदे के हिस्से के रूप में शेयरों को शामिल करने वाले विलय और / या अधिग्रहण पर विचार करते समय किसी कंपनी का बाजार मूल्य महत्वपूर्ण हो सकता है।
शेयर जारी करने के फैसले स्टॉक के प्रदर्शन से भी प्रभावित हो सकते हैं। यदि कोई स्टॉक अच्छा कर रहा है, तो कंपनी अधिक शेयर जारी करने के इच्छुक हो स्टॉक मार्केट के कार्य सकती है क्योंकि उनका मानना है कि वे उच्च मूल्य पर अधिक पूंजी जुटा सकते हैं।
शेयर बाजार का प्रदर्शन कंपनी की पूंजी की लागत को भी प्रभावित करता है। पूंजी की भारित औसत लागत पर पहुंचने पर कंपनियों को अपने ऋण और इक्विटी पूंजी दोनों की लागतों को औसत करना चाहिए, जिसका उपयोग कई विश्लेषण परिदृश्यों के लिए किया स्टॉक मार्केट के कार्य जाता है। अपेक्षित बाजार प्रदर्शन जितना अधिक होगा, इक्विटी पूंजी की लागत उतनी ही अधिक होगी। जैसे ही इक्विटी पूंजी की लागत बढ़ती है, वर्तमान मूल्य की गणना कम हो जाती है क्योंकि कंपनियों को उच्च छूट दर का उपयोग करना चाहिए।
कंपनियां अपने स्टॉक में पर्याप्त पूंजी निवेश भी कर सकती हैं जिससे स्टॉक गिरने पर समस्या हो सकती है। उदाहरण के लिए, कंपनियां शेयरों को नकद समकक्ष के रूप में रख सकती हैं या पेंशन फंड के समर्थन के रूप में शेयरों का उपयोग कर सकती हैं। किसी भी मामले में, जब शेयर गिरते हैं, तो मूल्य घटता है, जिससे फंडिंग की समस्या हो सकती है।
अंत में, स्टॉक मूल्यों में सकारात्मक वृद्धि भी संभावित रूप से किसी विशेष कंपनी या क्षेत्र के लिए नए हित उत्पन्न कर सकती है। यह संभवतः बिक्री से राजस्व वृद्धि में जोड़ सकता है या निवेशकों को आकर्षित कर सकता है।