विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

एक सूत्र ने कहा, ''एफडीआई नीति में डिजिटल मीडिया के बारे में कोई जिक्र नहीं है। चूंकि यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है, हम इस पर गौर कर रहे हैं क्या यह एफडीआई सीमा के अंतर्गत आएगा या नहीं।
foreign direct investment (FDI): जम्मू-कश्मीर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को उपराज्यपाल ने मंज़ूरी दी
1.यह नीति जम्मू-कश्मीर में foreign investment को बढ़ाने में मदद करेगी।
2. इस नीति से जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी और अधिक निवेश भी पैदा करेगी।
3.जम्मू-कश्मीर सरकार की foreign investment के लिए multifunctional complexes को डेवलप करने की योजना है।
foreign direct investment (FDI): जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक परिषद (एसी) में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां के औद्योगिक क्षेत्र में विकास के लिए जम्मू-कश्मीर में न्यूनतम 51 % की foreign stake के साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रोत्साहन (FDI) की नीति को मंजूरी दे दी है। Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे जम्मू - कश्मीर सरकार की ओर से एक एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है जिसके मुताबिक, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में यहां हुई प्रशासनिक परिषद की मिटींग में बुधवार को जम्मू-कश्मीर में विदेशी निवेश की प्रोत्साहन नीति-2022 को राज्य में उद्योग क्षेत्र में अधिक विकास और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मंजूरी दी गई है।
इस बैठक में कौन कौन शामिल थे
आपको बता दें कि इस बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान
राजीव राय भटनागर
जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता
उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नितिश्वर कुमार शामिल हुए थे।
1. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू में प्रशासनिक परिषद की बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर में Industrial Area में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस नीति को लागू किया है।
2.यह नई नीति उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के foreign direct investment पर मार्गदर्शक ढांचे पर आधारित है।
3.यह नीति अगले 10 सालों के लिए बस लागू होगी।
4.जम्मू-कश्मीर में foreign direct investment नीति का लक्ष्य राज्य में 100 करोड़ रुपये से अधिक के foreign investment के साथ 51 % की न्यूनतम विदेशी हिस्सेदारी देना है।
यह नीति जम्मू-कश्मीर के विकास में कैसे मदद करेगी?
1.यह नीति जम्मू-कश्मीर में foreign investment को बढ़ाने में मदद करेगी।
2. इस नीति से जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी और अधिक निवेश भी पैदा करेगी।
3.जम्मू-कश्मीर सरकार की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति foreign investment के लिए multifunctional complexes को डेवलप करने की योजना है।
5.यहां इन ITटावर स्किम को पंपोर, सेम्पोरा, और प्रदर्शनी ग्राउंड, जम्मू में निजी खिलाड़ियों के उपयोग के माध्यम से डेवलप किया जाएगा।
6. इसके साथ ही सरकार ने यहां foreign investment के लिए सुलभ आवास परिसरों के निर्माण के लिए बडगाम और श्रीनगर में 17 स्थानों के 7 गांवों में लगभग 290 एकड़ जमीन के हस्तांतरण को मंजूरी दे दि है।
foreign direct investment या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एक ऐसा निवेश है जहां एक विदेशी देश का एक ऑर्गेनाइजेशन दूसरे देश में किसी व्यवसाय में अपने एक निश्चित हिस्सेदारी के साथ investment करता है। यह आमतौर पर एक देश में व्यापार विस्तार के लिए पूंजी जुटाने के लिए किया जाता है।
General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें
foreign direct investment (FDI): जम्मू-कश्मीर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को उपराज्यपाल ने मंज़ूरी दी
1.यह नीति जम्मू-कश्मीर में foreign investment को बढ़ाने में मदद करेगी।
2. इस नीति से जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी और अधिक निवेश भी पैदा करेगी।
3.जम्मू-कश्मीर सरकार की foreign investment के लिए multifunctional complexes को डेवलप करने की योजना है।
foreign direct investment (FDI): जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक परिषद (एसी) में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां के औद्योगिक क्षेत्र में विकास के लिए जम्मू-कश्मीर में न्यूनतम 51 % की foreign stake के साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रोत्साहन (FDI) की नीति को मंजूरी दे दी है। Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे जम्मू - कश्मीर सरकार की ओर से एक एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है जिसके मुताबिक, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में यहां हुई प्रशासनिक परिषद की मिटींग में बुधवार को जम्मू-कश्मीर में विदेशी निवेश की प्रोत्साहन नीति-2022 को राज्य में उद्योग क्षेत्र में अधिक विकास और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मंजूरी दी गई है।
इस बैठक में कौन कौन शामिल थे
आपको बता दें कि इस बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान
राजीव राय भटनागर
जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता
उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नितिश्वर कुमार शामिल हुए थे।
1. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू में प्रशासनिक परिषद की बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर में Industrial Area में विदेशी निवेश विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति को बढ़ावा देने के लिए इस नीति को लागू किया है।
2.यह नई नीति उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति Trade) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के foreign direct investment पर मार्गदर्शक ढांचे पर आधारित है।
3.यह नीति अगले 10 सालों के लिए बस लागू होगी।
4.जम्मू-कश्मीर में foreign direct investment नीति का लक्ष्य राज्य में 100 करोड़ रुपये से अधिक के foreign investment के साथ 51 % की न्यूनतम विदेशी हिस्सेदारी देना है।
यह नीति जम्मू-कश्मीर के विकास में कैसे मदद करेगी?
1.यह नीति जम्मू-कश्मीर में foreign investment को बढ़ाने में मदद करेगी।
2. इस नीति से जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी और अधिक निवेश भी पैदा करेगी।
3.जम्मू-कश्मीर सरकार की foreign investment के लिए multifunctional complexes को डेवलप करने की योजना है।
5.यहां इन ITटावर स्किम को पंपोर, सेम्पोरा, और प्रदर्शनी ग्राउंड, जम्मू में निजी खिलाड़ियों के उपयोग के माध्यम से डेवलप किया जाएगा।
6. इसके साथ ही सरकार ने यहां foreign investment के लिए सुलभ आवास परिसरों के निर्माण के लिए बडगाम और श्रीनगर में 17 स्थानों के 7 गांवों में लगभग 290 एकड़ जमीन के हस्तांतरण को मंजूरी दे दि है।
foreign direct investment या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एक ऐसा निवेश है जहां एक विदेशी देश का एक ऑर्गेनाइजेशन दूसरे देश में किसी व्यवसाय में अपने एक निश्चित हिस्सेदारी के साथ investment करता है। यह आमतौर पर एक देश में व्यापार विस्तार के लिए पूंजी जुटाने के लिए किया जाता है।
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क्या होता है FDI; किसे कहते हैं FPI, जानिए
नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। पिछले हफ्ते जब वालमार्ट-फ्लिपकार्ट डील की खबर आई तो प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआइ) भी एक बार फिर चर्चा में आ गया। एफडीआइ क्या है? इसके मायने क्या हैं? हमारी अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश किस प्रकार प्रभावित करता है? ‘’ के 10वें अंक में हम यही समझने का प्रयास करेंगे।
किसी विदेशी व्यक्ति या कंपनी द्वारा किसी भारतीय कंपनी में लगने वाले पैसे को विदेशी निवेश कहा जाता है। विदेशी निवेशक उस कंपनी के शेयर खरीद सकता है, बांड खरीद सकता है या खुद नया कारखाना लगा सकता है। लेकिन, यह पूंजी निवेश ‘रिपार्टिएबल बेसिस’ पर होता है। इसका मतलब यह है कि विदेशी निवेशक ने यहां जो भी पूंजी निवेश किया है, उसे वह निकालकर स्वदेश वापस ले जा सकता है।
सरकार डिजिटल मीडिया पर एफडीआई नीति लागू होने के बारे में स्पष्टीकरण जारी करेगी
सरकार डिजिटल मीडिया क्षेत्र पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति लागू होने के बारे में स्पष्टीकरण जारी कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मौजूदा एफडीआई नीति में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल मीडिया क्षेत्र के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
प्रिंट मीडिया क्षेत्र में सरकारी मंजूरी मार्ग के जरिये 26 प्रतिशत एफडीआई नीति की अनुमति है। इसी प्रकार, सरकारी मंजूरी से प्रसारण सामग्री सेवा कंपनिओं में 49 प्रतिशत विदेशी हिस्सेदारी की हासिल की जा सकती है।
भारत ब्रिटेन में सबसे ज्यादा निवेश करने वाला बना दूसरा सबसे बड़ा देश
भारत ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign direct investment – FDI) के जरिए निवेश करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निवेशक बन गया है। यूके सरकार के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (Department for International Trade) द्वारा 2019-2020 के लिए जारी किए गए आंतरिक निवेश आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 120 परियोजनाओं में निवेश किया और ब्रिटेन में 5,429 नए रोजगार सृजित किए। आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका ने ब्रिटेन विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति में 462 परियोजनाओं में निवेश किया और 20,131 रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए, जिसके साथ वह ब्रिटेन में एफडीआई में निवेश करने वाला सबसे बड़ा देश है।