IPO क्या होता है?

अगर हम वर्ष 2021 की बात करें तो अब तक 40 से ज्यादा कम्पनीज के IPO लॉंच हो चुके हैं। इसके तहत कम्पनी खुद को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्ट करवाती है। हालांकि इसके लिए कंपनी के पास न्यूनतम 10 करोड़ रुपए चुकता पूंजी होनी चाहिए।
LIC आईपीओ में पैसा लगाने से पहले जानें ये 15 पॉइंट्स, जानें कैसे लगा सकते हैं पैसा-किन्हें मिलेगा फायदा
By: ABP Live | Updated at : 21 Feb 2022 09:05 AM (IST)
Edited By: Meenakshi
एलआईसी आईपीओ (फाइल फोटो)
एलआईसी का आईपीओः LIC के आईपीओ के लिए हलचल तेज हो चुकी है, 13 फरवरी को देश की ये सबसे बड़ी सरकारी इंश्योरेंस कंपनी सेबी के पास अपना DRHP फाइल कर चुकी है. माना जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ 10 मार्च को आ सकता है. इसके साथ ही रिटेल निवेशकों के मन में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आईपीओ को लेकर उत्सुकता और बढ़ चुकी है.
एलआईसी के आईपीओ को लेकर यहां आपको कुछ खास बातें बताई जा रही हैं और इनके जरिए आपको अपने कई सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
1. एलआईसी के आईपीओ में एलआईसी पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10 फीसदी शेयर रिजर्व रखे जाएंगे लेकिन ये बात ध्यान रखने वाली है कि पॉलिसी होल्डर हो या रिटेल निवेशक हों, उनके पास डीमैट खाता होना जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी कंपनी के इक्विटी शेयर सिर्फ डीमैट के रूप में जारी होते हैं.
IPO में निवेश करने जा रहे हैं? तो इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना उठाना पड़ सकता है नुकसान
ईएसआई की अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना और कोविड 19 रिलीफ स्कीम की शर्तों में बदलाव हुआ है.
IPO- बहुत सारे रिटेल निवेशकों को आईपीओ का इंतजार होता है. ऐसे में आपको आईपीओ में निवेश करने से पहले ये जान लेना जरूरी हैं कि किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए. आईपीओ में जितना फायदा होने का चांस होता है उतना ही नुकसान होने का भी चांस होता है.
- News18Hindi
- Last Updated : November 18, 2021, 13:30 IST
नई दिल्ली. पेटीएम (Paytm) की ऑपरेटर कंपनी One97 communications के IPO की जितनी चर्चा थी, इसकी लिस्टिंग उतनी ही कमजोर हुई है. इससे निवेशकों के लाखों रुपये डूब गए. कंपनी के सीईओ विजय शेखर शर्मा खुद लिस्टिंग समारोह में भावुक हो गए. दरअसल, कोरोना महामारी के बावजूद इस साल आईपीओ मार्केट में IPO क्या होता है? धूम है. पहली छमाही में रिकॉर्ड आईपीओ आए हैं. इससे कई निवेशकों में भारी उत्साह नजर आ रहा है.
बहुत सारे रिटेल निवेशकों को आईपीओ का इंतजार होता है. ऐसे में आपको आईपीओ में निवेश करने से पहले ये जान लेना जरूरी हैं कि किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए. आईपीओ में जितना फायदा होने का चांस होता है उतना ही नुकसान होने का भी चांस होता है. आइए जानते हैं क्या होता है आईपीओ और इसमें निवेश करने से पहले किन बातों का रखा जाता है ध्यान…
IPO के प्रकार
यदि आप नए निवेशक हैं और शेयर मार्केट में नए आये है, तो आपको शुरू में कम्पनी पब्लिक करने की घोषणा के इर्द-गिर्द सभी शब्दजाल थोड़े चौंकाने और अजीब वाले लग सकते हैं। आपके इस भ्रम को दूर करने के लिए, कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले IPO मुख्यतया 2 प्रकार के होते है/[IPO Full Form In Hindi]
- निश्चित मूल्य की पेशकश/fixed price issue
- बुक बिल्डिंग पेशकश/book building issue
1. निश्चित मूल्य की पेशकश/fixed price issue
निश्चित मूल्य की पेशकश काफी सीधी और सरल है। कंपनी शुरू में सार्वजनिक पेशकश की कीमत की घोषणा पहले ही कर देती है। इसलिए, जब आप एक fixed Price शुरूवाती सर्वजनिक पेशकश में भाग लेते हैं, तो आपको पूर्ण भुगतान करना होता हैं।
क्या मुझे IPO में निवेश करना चाहिए?
किसी अपेक्षाकृत नई कंपनी के आईपीओ में अपना पैसा लगाना वास्तव में बहुत मुश्किल फैसला है। संशयवादी होना शेयर बाजार में एक सकारात्मक नजरिया है ।
इसके पीछे के कारण
कंपनी के पास साफ़ तौर से आपके निर्णय लेने के लिए पर्याप्त मात्रा में कोई पीछे का डेटा नहीं है,बारे में।
निवेशक के लिए जरूरी 5 टिप्स:-
यदि IPO क्या होता है? आपने कंपनी के लिए आईपीओ खरीदा है, तो आप उस कंपनी का कही ना कही आपके पास है । आप इसकी प्रॉफिट और नुकसान पर सीधा प्रभाव डालते है
- किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले हमेशा एक निवेश रणनीति की योजना बनाएं।
- आईपीओ में निवेश करने से पहले उस कंपनी की जमीनी, वित्तीय, भविष्य के पहलुओं को ध्यानपूर्वक study करें।
- यह आपके पोर्टफोलियो की यह संपत्ति है जिसमें रिटर्न को बढ़ाने की उच्चतम क्षमता है। दूसरी तरफ, यह आपके निवेश को बिना किसी इंडिकेशन के निचे ला सकता है। याद रखें शेयर बाजार की अस्थिरता के अधीन होते हैं
- आपको पता होना IPO क्या होता है? चाहिए कि एक कंपनी जो जनता को अपने शेयरों की पेशकश करती है, वह सार्वजनिक निवेशकों को सम्पति की प्रतिपूर्ति करने के लिए कर्जदार नहीं है
- IPO में निवेश करने से पहले आपको अपने संभावित नुकसान और फायदों के बारे में सोचना चाहिए। यदि आप इसे अच्छे से नहीं जानते हैं, तो किसी विशेषज्ञ की सलाह ले। यदि फिर भी कोई संदेह या सवाल है, तो अपने व्यक्तिगत वित्त सलाहकार से बात करें
आईपीओ के लिए आवेदन कैसे करें
आजकल, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के कारण आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के लिए आवेदन करना आसान हो गया है। और यदि आप एक नए निवेशक हैं, तो आपको आवेदन करने से पहले कुछ चीजें सीखनी चाइए जो काफी मददगार साबित हो सकती है
पहली महत्वपूर्ण बात पैसा है। चाहे वह एक निश्चित मूल्य हो या एक बुक बिल्डिंग आईपीओ, आपको Advance
भुगतान करना होगा, और उसके लिए, आपके पास पैसा होना चाहिए।
हालांकि, डीमैट खाते के बिना,आप शेयरों में निवेश नहीं कर सकते। तो, फिर आपको अपना डीमैट खाता खोलना पड़ेगा। डीमेट खाता खोलने के लिए अच्छा ब्रोकर का चयन करें।
आप डीमैट खाते का उपयोग आईपीओ के लिए ही नहीं, बल्कि सभी प्रकार के निवेश जैसे गोल्ड बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड, शेयर आदि प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया आवेदन करने का एक आसान तरीका है। आप इसे ब्रोकर की वेबसाइट पर निवेशक पोर्टल से या अपने बैंक के नेट-बैंकिंग प्लेटफॉर्म से ASBA Form डाउनलोड करके कर सकते हैं।
कोई कंपनी पब्लिक क्यों बनती है
कंपनी को अपने ग्रोथ और एक्सपेंसन के लिए कैपिटल बढ़ानी होती है ज्यादा फण्ड की जरूरत होती है कंपनी के ऑपरेशन बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है नए प्रोडक्ट तैयार करने के लिए और कंपनी के क़र्ज़ चुकाने के लिए पैसो की जरूरत होती है और पब्लिक कंपनी बनने से इतना पैसा बनाना काफी आसान हो जाता है IPO के जरिये कंपनी मार्किट में नए कस्टमर के बीच अपने प्रोडक्ट और सर्विसेस को पब्लिक कर सकती है IPO के जरिये कंपनी का एक्सपोज़र , प्रस्टीज और पब्लिक इमेज बढ़ती है जिससे कंपनी के सेल और प्रॉफिट इम्प्रूव होते है क्वाडली रिपोर्टिंग की वजह से कंपनी की ट्रांसपरेंसी बढ़ती है जो प्राइवेट कंपनी के मुकाबले ज्यादा अनुकूल साबित होती है IPO किसी कंपनी के लिए काफी बड़ा स्टेप होता है क्युकी इसके जरिये कंपनी बहुत सारा पैसा बना सकता है यानि IPO एक कंपनी के ग्रो और एक्सपैंड करने की ग्रेट अवसर ऑफर करता है यही रीज़न से कोई भी प्राइवेट कंपनी को पब्लिक कंपनी बनने का जिसकी वजह से प्राइवेट कंपनी पब्लिक बनना चाहती है IPO बड़ी कंपनी के लिए फण्ड रेजिंग मैथेड होता है जिसमे कंपनी पहली बार अपनी शेयर को पब्लिक को सेल करती है IPO क्या होता है? |
IPO के नुकसान
IPO के जिस तरह फायदे है उसी तरह कुछ नुकसान भी होते है जैसे IPO काफी महंगे होते है और प्राइवेट कंपनी के मुकाबले पब्लिक कंपनी को मेंटेन करना काफी मुश्किल होता है IPO के लिए कंपनी के लिए अपने फाइनेंसियल एकाउंटिंग टैक्स और बिज़नेस रिलेटेड जरुरी जानकारी डिस्क्लोज़ करना पड़ता है जो कॉम्पिटिटर के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है अगर मार्किट IPO प्राइज को एक्सेप्ट न करे तो फंडिंग रेज नहीं होगी ये रिस्क भी बना रहता है |
- Fixed Price Offering
- Book Building Offering
ये भारत में एक नई कांसेप्ट है इस पर कोई फिक्स प्राइस नहीं होता है बल्कि प्राइस बैंड या प्राइस रेंज होती है इसमें Lowest Price को Floor price कहा जाता है और Highest Price को Cap IPO क्या होता है? IPO क्या होता है? Price कहा जाता है इसमें इन्वेस्टर शेयर के लिए बोली (bid) लगा सकते है और bids को evaluate करने के बाद स्टॉक की प्राइस फिक्स की जाती है |
इसे हम एक उदाहरण से समझते है जैसे किसी कंपनी में अपना IPO लांच किया जिसकी प्राइस रेंज 250 रूपये से लेकर 300 रूपये तक है इसमें floor price 250 रूपये होगा और Cap Price 300 रूपये होगा और अब अगर अलॉटमेंट प्राइस 275 रूपये हुआ तो जिन इन्वेस्टर ने 275 रूपये या उससे ऊपर की Bid लगाई होगी उन्हें अलॉटमेंट मिल जायेगा |
- सबसे पहला स्टेप्स है एक अंडर राइटर या इन्वेस्टमेंट बैंक को हायर डील का सभी डिटेल्स अमाउंट और सिक्योरिटी के डिटेल्स को तैयार करना
- IPO के लिए रजिस्ट्रेशन करना
- SEBI से वेरिफकेशन IPO क्या होता है? करवाना
- स्टॉक एक्सचेंज में एप्लीकेशन लगाना
- IPO को अड्वरटीसिंग कराना
- Fixed Price issue या Book Building issue के जरिये IPO की प्राइस आरम्भ करना
- शेयर्स अलॉट करना
आईपीओ कितने प्रकार का होता है?
आईपीओ को दो भागों में बांटा जाता है, जो कि उनकी कीमतों के निर्धारण के आधार पर होता है।
1. फिक्स प्राईस इश्यू या फिक्स प्राईस आईपीओ (FIX PRICE ISSUE OR FIX PRICE IPO)
2. बुक बिल्डिंग इश्यू या बुक बिल्डिंग आईपीओ (BOOK BUILDING IPO)
फिक्स प्राईस इश्यू या फिक्स प्राईस आईपीओ (FIX PRICE ISSUE OR FIX PRICE IPO)
इसके तहत कम्पनी द्वारा निर्धारित फिक्स प्राइस पर ही IPO को सब्सक्राइब किया जा सकता है या फिर आईपीओ लेने के लिए रिक्वेस्ट डाली जा सकती है। इसमें अगर प्राइस कम हो तो उसे फ्लोर IPO क्या होता है? प्राईस (FLOOR PRICE) कहा जाता है।
बुक बिल्डिंग इश्यू या बुक बिल्डिंग आईपीओ (BOOK BUILDING IPO)
इसके तहत कम्पनी द्वारा प्राईस बैंड (PRICE BAND) डिसाइड किया जाता है। आईपीओ की प्राईस बैंड डिसाइड हो जाने के बाद इसे जारी किया जाता है। IPO क्या होता है? इसके बाद कम्पनी द्वारा डिसाइड किए गए प्राईस बैंड में से इनवेस्टर अपनी बिड सब्सक्राइब करते हैं। इसके अगर प्राइस ज्यादा हो तो उसे कैप प्राईस (CAP PRICE) कहा जाता है।
आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है?
अब बात करते हैं आईपीओ में इनवेस्टमेंट की। दरअसल, कोई भी कंपनी, जो आईपीओ जारी करने वाली होती है, अपने IPO को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है। यानी कि यदि आपको किसी कम्पनी का IPO लेना है तो आपके पास 3 से 10 दिनों के बीच का समय होता है। यह अवधि कम ज्यादा भी हो सकती है। कुछ कम्पनीज तो दिन दिन का ही समय देती है।
अब सवाल यह है कि आईपीओ में इनवेस्ट कैसे करें? या फिर आईपीओ कैसे खरीदें? तो आप इन दिनों के भीतर कम्पनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या किसी रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के जरिए आईपीओ में इनवेस्ट कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपके पास एक डीमेट अकाउंट होना जरूरी होता है। यहां पर यह भी देखना होता है कि IPO फिक्स प्राईस इश्यू है या फिर बुक बिल्डिंग इश्यू। जिस तरह का IPO होता है, आपको उसी में इनवेस्ट करना होता है। यह प्रारंभिक मार्केट भी कहलाता है।
IPO कैसे अलॉट होता है?
यह प्रक्रिया आईपीओ ओपनिंग क्लोज होने के बाद की होती है, इसके तहत कम्पनी अपने इनवेस्टर्स को IPO अलॉट करती है। यह प्रक्रिया इस तरह काम करती है कि जब कोई आईपीओ बहुत अधिक ओवरसब्सक्राइब हो जाता है यानी कि ज्यादा आवेदन आ जाते हैं तो लकी ड्रॉ के जरिए अलॉटमेंट होता है। यह एक कंप्यूटरीकृत व्यवस्था होती है, इसमें पक्षपात की संभावना नहीं रहती है।
आप जितने ज्यादा IPO क्या होता है? आवेदन डालेंगे या बीड सब्सक्राइब करेंगे, आपके अलॉटमेंट के चांस उतने ही बढ़ जाएंगे। इसके बाद जब अलॉट हुए शेयर, स्टॉक एक्सचेंज (STOCK MARKET) में लिस्ट हो जाते हैं, तब यह सेकेंड्री मार्केट में खरीदे और बेचे जाते हैं।
IPO कैसे फायदेमंद है?
सामान्य शब्दों में कहे तो यह जल्दी मुनाफा प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है। जिस प्रकार हम किसी कम्पनी में निवेश करते हैं तो उसे डबल होने या अच्छा मुनाफा मिलने जैसा होने में काफी लम्बा समय लग जाता है। लेकिन IPO में ऐसा नहीं है, इसके आपको स्लॉट मिलने के दो तीन बाद ही अच्छा खासा मुनाफा मिल सकता है। IPO क्या होता है? जैसे जैसे आपके शेयर की वैल्यू बढ़ती है आपको अधिक मुनाफा मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती है। हालांकि यह जोखिम भरा भी रहता है, जरूरी नहीं कि आपका शेयर फायदे में ही जाए, कई बार ऐसा भी संभव है कि जिस राशि में आपने शेयर खरीदा होता है, उससे आपको कई राशि भी मिल सकती है।
ऐसे में जरूरी है कि आप किसी भी कम्पनी का शेयर लेने से पूर्व उसके लाभ हानि की अच्छे से पड़ताल कर लें, फिर ही IPO का निर्णय लें।