ट्रेडिंग संकेतों

विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी

विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी
गुप्ता ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार से वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण एशियाई करेंसी में लगातार गिरावट देखी जा रही है जबकि अमेरिकी डॉलर में मजबूती आने से डॉलर इंडेक्स उंचा उठा है. डॉलर इंडेक्स दुनिया की छह प्रमुख देशों की मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक है.

रुपये ने तोड़ा प्रति डॉलर 77 का लेवल, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा, यूएस फेड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी सहित इन फैक्टर्स का दिखा असर

रुपये में कमजोरी की मुख्य वजह वैश्विक स्तर पर डॉलर में मजबूती रही है, जिसमें पिछले हफ्ते यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के ब्याज दर में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के बाद मजबूती दिख रही है

Rupee hits record low : सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान रुपये ने डॉलर की तुलना में 77 का स्तर तोड़ दिया। इसके साथ ही रुपया प्रति डॉलर 77.58 के साथ अपने नए ऑल टाइम लो पर पहुंच गया।

इससे पहले रुपया का निचला स्तर 7 मार्च को रहा था, जब भारतीय करेंसी प्रति डॉलर 76.98 के स्तर पर पहुंच गई थी। अभी तक दिन में रुपया प्रति डॉलर 76.958-77.58 की रेंज में रहा है।

डॉलर में मजबूती का दिख रहा असर

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रुपये में कमजोरी की मुख्य वजह वैश्विक स्तर पर डॉलर विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी में मजबूती रही है, जिसमें पिछले हफ्ते यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के ब्याज दर में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के बाद मजबूती दिख रही है। यूएस फेड ने आने वाले महीनों में ब्याज दर में ज्यादा बढ़ोतरी का गाइडैंस भी जारी किया है।

यूएस ट्रेजरी यील्ड्स में लगातार बढ़ोतरी से डॉलर को मजबूती मिल रही है। पिछले दो दिन के दौरान 10 साल की यूएस ट्रेजरी में लगभग 14 बेसिस प्वाइंट्स की मजबूती दर्ज की गई है। डीलर्स ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी से भी रुपये पर दबाव बढ़ा है।

भारतीय मुद्रा के साल अंत तक 74 रुपये प्रति डॉलर तक लुढ़कने के आसार

डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को लुढ़क कर 72 रुपये प्रति डॉलर से नीचे आ गया जोकि इस साल का सबसे निचला स्तर है.

मुंबई: देश की अर्थव्यवस्था के हालात को लेकर बनी अनिश्चिता के माहौल के बीच घरेलू शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के दबाव से रुपये में लगातार कमजोरी देखी जा रही है.

डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को लुढ़क कर 72 रुपये प्रति डॉलर से नीचे आ गया जोकि इस साल का सबसे निचला स्तर है.

बाजार विश्लेषकों की माने तो मौजूदा घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए रुपये में और कमजोरी बढ़ने की संभावना है और देसी करेंसी 74 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को तोड़ सकता है.

इस साल की शुरूआत में घरेलू इक्विटी और डेब्ट बाजार में डॉलर की आमद बढ़ने के कारण रुपये में जबरदस्त मजबूती रही, लेकिन अब विपरीत स्थिति पैदा हो गई है. इसके अलावा, कच्चे तेल के दाम में नरमी रहने से भी रुपये को सपोर्ट मिला क्योंकि तेल का दाम बढ़ने से आयात के लिए ज्यादा डॉलर की जरूरत होती है.

नौवें दिन भी टूटा रुपया, ऐसा क्या हुआ कि लगातार कमजोर होती जा रही है देशी करेंसी, जानिए क्या होगा इसका असर?

नौवें दिन भी टूटा रुपया, ऐसा क्या हुआ कि लगातार कमजोर होती जा रही है देशी करेंसी, जानिए क्या होगा इसका असर?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: Jun 18, 2021 | 1:38 PM

Rupees slide against Dollar: पिछले कुछ समय से रुपए पर दबाव जारी है और डॉलर के मुकाबले यह लगातार फिसलता जा रहा है. लगातार आठ दिनों तक कमजोरी के साथ बंद होने के बाद आज सप्ताह के आखिरी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे की गिरावट के साथ 74.23 के स्तर पर खुला था. गुरुवार को रुपया 74.08 के स्तर पर बंद हुआ था.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा उम्मीद से पहले ब्याज दर बढ़ाए जाने का संकेत देने से विदेशों में डॉलर में मजबूती रही. इससे गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 76 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 74 रुपए के स्तर से नीचे चला गया. अंतर बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 73.65 पर कमजोर खुला. कारोबार के दौरान इसमें और गिरावट आई तथा अंत में यह अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 76 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ प्रति डॉलर 74.08 पर बंद हुआ. बुधवार को रुपया 73.32 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. कारोबार विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी के दौरान रुपए में 73.57 के उच्च स्तर और 74.08 के निम्न स्तर के बीच घट बढ़ हुई.

पिछले 8 कारोबारी सत्रों में 128 पैसे लुढ़का रुपया

गुरुवार तक के पिछले आठ कारोबारी सत्रों के दौरान रुपए में 128 पैसे की गिरावट आ चुकी है. अमेरिकी फेडरल की घोषणा के बाद से डॉलर इंडेक्स में तेजी देखी जा रही है. दोपहर के 1 बजे डॉलर इंडेक्स 0.11 फीसदी की तेजी के साथ 91.98 के स्तर पर पहुंच गया था. पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार डॉलर में तेजी देखी जा रही है. गुरुवार को इसमें 0.73 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी. इस समय 0.11 फीसदी की तेजी देखी जा रही है. यह इंडेक्स दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती को बतलाता है.

रुपए में गिरावट के ट्रेंड पर शेरखान बाय बीएनपी परिबास के शोध विश्लेषक सैफ मुकादम ने कहा, ‘‘डॉलर के मजबूत होने से रुपए में गिरावट रही. इसके साथ ही वैश्विश्क बाजारों में जोखिम से बचने और आर्थिक मोर्चे पर निराशाजनक आंकड़ों से रुपए पर दबाव रहा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने बाजार को यह संकेत देकर चकित कर दिया कि वह उम्मीद से पहले दर में वृद्धि कर सकता है. शुरुआती अनुमान के मुताबिक केन्द्रीय बैंक अपनी मानक दर को जो कि इस समय शून्य के करीब है 2023 के अंत तक बढ़ाकर 0.6 प्रतिशत तक ले जा सकता है. ’’

तेजी की उम्मीदों को लग सकता है झटका

कोविड की दूसरी लहर को देखते हुए बाजार भागीदारों का मानना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की उम्मीदों को झटका लगा है. ऐसे में डॉलर के मुकाबले रुपया 73.25 से लेकर 74.15 रुपए प्रति डॉलर के दायरे में रह सकता है.

दूसरी तरफ अमेरिकी फेडरल की तरफ से जारी बयान के बाद गुरुवार को कच्चे तेल में 1.76 फीसदी की गिरावट आई और यह 73.08 डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था. आज भी कच्चे तेल में गिरावट देखी जा रही है. दोपहर के 1.10 बजे कच्चा तेल 0.33 डॉलर की गिरावट के साथ 72.77 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर ट्रेड कर रहा था.

नौवें दिन भी टूटा रुपया, ऐसा क्या हुआ कि लगातार कमजोर होती जा रही है देशी करेंसी, जानिए क्या होगा इसका असर?

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TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: Jun 18, 2021 | 1:38 PM

Rupees slide against Dollar: पिछले कुछ समय से रुपए पर दबाव जारी है और डॉलर के मुकाबले यह लगातार फिसलता जा रहा है. लगातार आठ दिनों तक कमजोरी के साथ बंद होने के बाद आज सप्ताह के आखिरी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे की गिरावट के साथ 74.23 के स्तर पर खुला था. गुरुवार को रुपया 74.08 के स्तर पर बंद हुआ था.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा उम्मीद से पहले ब्याज दर बढ़ाए जाने का संकेत देने से विदेशों में डॉलर में मजबूती रही. इससे गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 76 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 74 रुपए के स्तर से नीचे चला गया. अंतर बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 73.65 पर कमजोर खुला. कारोबार के दौरान इसमें और गिरावट आई तथा अंत में यह अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 76 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ प्रति डॉलर 74.08 पर बंद हुआ. बुधवार को रुपया 73.32 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान रुपए में 73.57 के उच्च स्तर और 74.08 के निम्न स्तर के बीच घट बढ़ हुई.

पिछले 8 कारोबारी सत्रों में 128 पैसे लुढ़का रुपया

गुरुवार तक के पिछले आठ कारोबारी सत्रों के दौरान रुपए में 128 पैसे की गिरावट आ चुकी है. अमेरिकी फेडरल की घोषणा के बाद से डॉलर इंडेक्स में तेजी देखी जा रही है. दोपहर के विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी 1 बजे डॉलर इंडेक्स 0.11 फीसदी की तेजी के साथ 91.98 के स्तर पर पहुंच गया था. पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार डॉलर में तेजी देखी जा रही है. गुरुवार को इसमें 0.73 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी. इस समय 0.11 फीसदी की तेजी देखी जा रही है. यह इंडेक्स दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती को बतलाता है.

रुपए में गिरावट के ट्रेंड पर शेरखान बाय बीएनपी परिबास के शोध विश्लेषक सैफ मुकादम ने कहा, ‘‘डॉलर के मजबूत होने से रुपए में गिरावट रही. इसके साथ ही वैश्विश्क बाजारों में जोखिम से बचने और आर्थिक मोर्चे पर निराशाजनक आंकड़ों से रुपए पर दबाव रहा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने बाजार को यह संकेत देकर चकित कर दिया कि वह उम्मीद से पहले दर में वृद्धि कर सकता है. शुरुआती अनुमान के मुताबिक केन्द्रीय बैंक अपनी मानक दर को जो कि इस समय शून्य के करीब है 2023 के अंत तक बढ़ाकर 0.6 प्रतिशत तक ले जा सकता है. ’’

तेजी की उम्मीदों को लग सकता है झटका

कोविड की दूसरी लहर को देखते हुए बाजार भागीदारों का मानना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की उम्मीदों को झटका लगा है. ऐसे में डॉलर के मुकाबले रुपया 73.25 से लेकर 74.15 रुपए प्रति डॉलर के दायरे में रह सकता है.

दूसरी तरफ अमेरिकी फेडरल की तरफ से जारी बयान के बाद गुरुवार को कच्चे तेल में 1.76 फीसदी की गिरावट आई और यह 73.08 डॉलर के स्तर पर विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी बंद हुआ था. आज भी कच्चे तेल में गिरावट देखी जा रही है. दोपहर के 1.10 बजे कच्चा तेल 0.33 डॉलर की गिरावट के साथ 72.77 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर ट्रेड कर रहा था.

रुपये की गिरावट ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड, राहुल गांधी ने पीएम को याद दिलाया पुराना बयान

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क्रूड ऑयल की तेजी भारतीय रुपये के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.

Rupee Hits Record Low Against US Dollar : भारतीय करेंसी में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में 48 पैसे की गिरावट देखने को मिली और यह 78.85 पर बंद हुआ. यह डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है. इसके साथ ही रुपया लगातार पांचवें कारोबारी सेशन के दौरान नए रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर बंद हुआ है. जानकारों की राय में इस गिरावट के लिए क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी पूंजी का देश से लगातार पलायन जिम्मेदार है.

भाषण के बदले शासन पर ध्यान देना होगा : राहुल गांधी

रुपये में इस गिरावट के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी के एक पुराने बयान की तरफ इशारा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “सरकार और रुपए के बीच में कॉम्पिटिशन चल रहा है, किसकी आबरू तेज़ी से गिरती चली जा रही है, कौन आगे जायेगा.” – ये बात किसने कही थी? देश की अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत को गिरफ़्तार करने के लिए भाषण के बदले शासन पर ध्यान देना होगा. मगर ये प्रधानमंत्री के बस की बात नहीं है.”

दरअसल, राहुल गांधी ने जिस बयान का जिक्र किया है, वह नरेंद्र मोदी ने उस वक्त दिया था, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और देश में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार थी. उस वक्त मोदी ने रुपये में गिरावट आने पर मनमोहन सरकार के खिलाफ जो बयान दिया था, अब उसी का इस्तेमाल राहुल गांधी मोदी सरकार के विरुद्ध कर रहे हैं.

क्रूड में तेजी, FII की बिकवाली से गिरा रुपया : अनुज चौधरी

दरअसल मंगलवार को इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपया गिरावट के साथ 78.53 पर खुला. दिन के कारोबार के दौरान इसमें 48 पैसे की गिरावट देखने को मिली और फिर 78.85 पर बंद हुआ. बीएनपी परीबा से जुड़े रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के मुताबिक भारतीय रुपये में इस एतिहासिक गिरावट के लिए घरेलू इक्विटी बाजार की कमजोरी और क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी जैसे कारण जिम्मेदार हैं. इसके अलावा विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली किए जाने की वजह से भी रुपये पर दबाव बढ़ा है.

अनुज चौधरी के मुताबिक आने वाले दिनों में भी रुपये में गिरावट का रुझान बने रहने की विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी आशंका है, क्योंकि घरेलू बाजार में निवेशक जोखिम से बचना चाहेंगे. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की तरफ से बिकवाली का दबाव भी लगातार बना हुआ है, जो रुपये को नीचे की तरफ ले जाने का काम करेगा. तेल कीमतों में तेजी बने रहने की संभावना भी भारतीय करेंसी के लिए चुनौती बनी हुई है. चौधरी का अनुमान है कि निकट भविष्य में एक डॉलर का भाव 78 रुपये से लेकर 79.50 रुपये तक जा सकता है.

डॉलर का भाव 79.20 रुपये तक पहुंचने का खतरा : सचदेवा

रेलिगेयर ब्रोकिंग (Religare Broking) की वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च) सुगंधा सचदेवा रुपये में इस भारी गिरावट के लिए क्रूड के दाम में उछाल के साथ ही साथ घरेलू इक्विटी बाजार की कमजोरी को भी जिम्मेदार मानती हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में क्रूड की भारी मांग और चीन में महामारी के कारण लगाई गई पाबंदियों में ढील के चलते कच्चे तेल की कीमतों में अभी और तेजी देखने को मिल सकती है, जो भारतीय करेंसी के लिए बुरी खबर साबित हो सकती है. सचदेवा का मानना है कि मुश्किल आर्थिक हालात और बढ़ती महंगाई की वजह से सारी दुनिया में ग्रोथ घटने की चिंता बढ़ती जा रही है, जबकि डॉलर इंडेक्स इससे मजबूत हो रहा है. उनका अनुमान है कि आने वाले दिनों में रुपये में और गिरावट आ सकती है, जिससे एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 79.20 रुपये तक पहुंचने का खतरा है. हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करके रुपये में तेज उतार-चढ़ाव को संभालने की कोशिश करता रहेगा.

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