निवेश की पेशकश

इस प्रकार, दिए गए चरणों से, हम कह सकते हैं कि ऑफ़लाइन प्रक्रिया के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करने की प्रक्रिया आसान है। हालांकि, इसके लिए काफी मात्रा में कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है।
पाकिस्तान की बीजिंग और रियाद को संयुक्त निवेश की पेशकश
जेद्दा, 21 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के योजना, विकास और विशेष पहल मंत्री अहसान इकबाल ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के आधार पर चीन और सऊदी अरब को संयुक्त निवेश की पेशकश की है।
जेद्दा, 21 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के योजना, विकास और विशेष पहल मंत्री अहसान इकबाल ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के आधार पर चीन और सऊदी अरब को संयुक्त निवेश की पेशकश की है।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की ओर निवेश की पेशकश से मंत्री ने सऊदी अरब के साथ सीपीईसी-शैली का आर्थिक सहयोग स्थापित करने की इच्छा भी व्यक्त की।
जेद्दा में पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास में पाकिस्तानी समुदाय के साथ एक बैठक के दौरान निवेश की पेशकश बोलते हुए इकबाल ने कहा : हम सऊदी अरब के साथ भी सीपीईसी-शैली का आर्थिक सहयोग स्थापित करना चाहते हैं। सीपीईसी के आधार पर चीन और सऊदी अरब को संयुक्त निवेश की पेशकश की गई है। अहसान ने पाकिस्तान के डिफॉल्ट की ओर जाने की अफवाहों को भी खारिज कर दिया और कहा: देश के डिफॉल्ट करने की खबरें सच नहीं हैं।
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FD में निवेश करने के हैं ये पांच बड़े नुकसान, पैसा लगाने से पहले जान लें
Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 22, 2022 16:41 IST
Photo:INDIA TV FD में निवेश करने के हैं ये पांच बड़े नुकसान
FD Rate: 'निवेश' एक ऐसा शब्द जिसके सुनाई देने के बाद दिमाग में सिर्फ एक ही नाम आता है और वो है FD, यानि Fixed Deposit। आमतौर पर लोग इसमें पैसा इन्वेस्ट भी करते हैं, लेकिन उन्हें इससे होने वाले नुकसान के बारे में कोई अंदाजा नहीं होता है। आज हम आपको FD निवेश के पांच बड़े नुकसान के बारे में बताने वाले हैं।
1. ब्याज पर देना होता है टैक्स
FD पर मिलने वाले ब्याज को आप अपने अकाउंट में सीधे नहीं क्रेडिट करा सकते हैं। प्राप्त ब्याज पर पूरी तरह से टैक्स वसूला जाता है। जब आप अपना आईटीआर फाइल करते हैं तो एफडी से मिलने वाले ब्याज को एक इनकम के तौर पर काउंट किया जाता है और निवेश की पेशकश सरकार इसपर आपसे टैक्स लेती है।
एफडी से मिलने वाले ब्याज पर भी टीडीएस लगता है। बैंक इसे प्रत्येक वर्ष के अंत में अर्जित ब्याज से घटाते हैं। हालांकि, जमाकर्ता के पास टीडीएस से बाहर निकलने और परिपक्वता पर सभी ब्याज का भुगतान करने का विकल्प होता है। फॉर्म निवेश की पेशकश 26एएस, जमाकर्ता के पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है और एफडी के लिए किए गए सभी टीडीएस कटौतियों को दिखाता है।
टैक्स कंडिशन | टैक्स रेट |
जब किसी दिए गए बैंक में सभी एफडी से ब्याज 10,000 रुपये से कम हो | कुछ नहीं |
जब ब्याज लाभ 10, 000 रुपये से अधिक निवेश की पेशकश हो जाए | 10% |
जब FD करने वाला अपने पैन कार्ड का डेटा प्रदान नहीं करता हो | 20% |
जब FD करने वाले की कुल आय और उसके सभी स्रोतों से होने वाली कमाई एक वर्ष में 2,50,000 से अधिक न हो | कुछ नहीं |
3. कम ब्याज दर
जबकि एफडी आपको 10% की अधिकतम ब्याज दर की पेशकश कर सकता है। कई बार इतना ब्याज भी नहीं मिलता है, जबकि म्यूचुअल फंड सहित अन्य निवेश के रास्ते रिटर्न की पेशकश करते हैं जो 20% या 30% से अधिक हो सकते हैं। लेकिन म्युचुअल निवेश की पेशकश फंड (एमएफ) के साथ एक समस्या ये है कि ये अधिक जोखिम से जुड़े हुए हैं, जो अधिक जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं, वे म्युचुअल फंड में निवेश करके अधिक लाभ कमा सकते हैं।
कभी-कभी महंगाई दर एफडी की निवेश की पेशकश ब्याज दर से भी अधिक हो सकती है। इतना ही नहीं अगर आप तय सीमा से पहले अपनी राशि बैंक से निकालते हैं तो एक पैसा भी आपको जमा राशि से अधिक बैंक के तरफ से नहीं दी जाती है।
5. ब्याज निवेश की पेशकश दर में कोई वृद्धि नहीं
एफडी में पूरे कार्यकाल में एक समान ब्याज मिलता है, यानि आपको बैंक ने जितना पर्सेंट देने का वादा किया है उससे एक भी रुपया अधिक नहीं देती है।
एफडी पहले केवल छोटी अवधि की बचत के लिए अच्छी थी, लेकिन अब उनकी अवधि अधिक है। जबकि टैक्स-मुक्त विकल्प के लिए उसे नहीं काउंट किया जा सकता है। लेकिन पीपीएफ में निवेश टैक्स के दायरे से बाहर आता है।