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एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है

एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दुनिया की तीसरे सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज FTX ने अमेरिका में दिवालिया प्रक्रिया के तहत आवदेन कर दिया है। ये ऐसे समय पर किया गया है, जब बिनेंस से डील टूटने के चलते कंपनी फंड की कमी का सामना कर रही थी। एफटीएक्स के साथ जुड़े हुए हेज फंड अल्मेडा रिसर्च और उससे जुड़ी हुई अन्य कंपनियां भी इस आवेदन का हिस्सा है।

Binance-FTX Deal : Bitcoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी में आई 16% तक की गिरावट, क्या है मुद्दा?

बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स (crypto exchange FTX) के फाइनेंशियल क्राइसिस में फंसने के बाद क्रिप्टो में गिरावट देखने को मिल रही है

Cryptocurrencies : बिटकॉइन, इथेरियम, पॉलीगोन सहित ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसीज में भारी बिकवाली के चलते पिछले 24 घंटों के दौरान 16 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है। एक बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स (crypto exchange FTX) के फाइनेंशियल क्राइसिस में फंसने के बाद क्रिप्टो में गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, बाइनेंस – एफटीएक्स डील रद्द होने से संकट और भी बढ़ गया है।

क्या है मुद्दा?

खबरों के मुताबिक, हाल में बाइनेंस के सीईओ चैंगपेंग झाओ और एफटीएक्स के फाउंडर-सीईओ सैम बैंकमैन-फ्रायड ने सौदे का ऐलान किया। इसके अलावा बैंकमैन फ्रायड ने यह भी ऐलान किया कि बाइनेंस एफटीएक्स के अमेरिका से बाहर के कारोबार को खरीदेगी, लेकिन यह सौदे कितने में है, इसका खुलासा नहीं हुआ। इस ऐलान के बाद एफटीएक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की नेटिव टोकन (FTT) के भाव 24 घंटे में 76.4 फीसदी टूट गए।

ED जांच की आंच, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX के बैंक खाते कुर्क

WazirX के बैंक खाते कुर्क

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 05 अगस्त 2022,
  • (अपडेटेड 05 अगस्त 2022, 6:49 PM IST)
  • WazirX के दावों में आ रहा फर्क
  • फिनटेक कंपनियों ने की हेरा-फेरी

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Zanmai Lab Pvt. Ltd. के डायरेक्टर्स में से एक के परिसरों की तलाशी ली है. ये कंपनी वजीरएक्स पर मालिकाना हक रखती है. जांच एजेंसी ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कंपनी से जुड़े बैंक खातों को कुर्क कर दिया है. बताया जा रहा है कि इन खातों में कुल 64.67 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस है.

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जांच एजेंसी का कहना है कि कई फिनटेक कंपनियों में चीनी कंपनियों का निवेश है और वो आरबीआई से एनबीएफसी का लाइसेंस नहीं ले सकी. ऐसे में कर्ज का कारोबार करने के लिए उन्होंने MoU का रास्ता अपनाया और बंद हो चुकी एनबीएफसी कंपनियों के साथ करार किया, ताकि उनके लाइसेंस पर काम कर सकें.

फिनटेक कंपनियों ने की हेरा-फेरी

जब इस मामले में आपराधिक जांच शुरू हुई, तो इनमें से कई फिनटेक कंपनियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी और इससे कमाए गए भारी मुनाफे के पैसे की हेरा-फेरी की. जांच में ये भी पाया गया कि फिनटेक कंपनियों ने इस पैसे से बड़े स्तर पर क्रिप्टो करेंसी खरीदी और फिर इन पैसों को विदेश भेज दिया. ईडी का कहना है कि अभी इन कंपनियों और वर्चुअल एसेट का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है.

WazirX के दावों में आ रहा फर्क

जांच एजेंसी ने इस मामले में क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों को समन जारी किए हैं. ये देखा गया है कि सबसे ज्यादा पैसों का लेन-देन वजीरएक्स के साथ हुआ और खरीदे गए क्रिप्टो एसेट किसी अनाम विदेशी वॉलेट में डाइवर्ट कर दिए गए.

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

CRYPTOCURRENCY EXCHANGE ADS. तो इस IPL सीजन के दौरान दूरी बनाएंगे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, नहीं करेंगे विज्ञापन

Updated: March 24, 2022 12:07 PM IST

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Cryptocurrency News: GST council, however, might not decide on the rate of tax in this week (File Photo)

CRYPTOCURRENCY EXCHANGE ADS: भारत में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने सामूहिक रूप से इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान विज्ञापन नहीं करने का फैसला किया है. पिछले साल, CoinDCX, WazirX और CoinSwitch Kuber के साथ-साथ अन्य ने आईपीएल और क्रिकेट टी -20 विश्व कप के लिए टीवी विज्ञापन पर सामूहिक रूप से लगभग 90 करोड़ रुपये खर्च किए थे.

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Economic Times में प्रकाशित खबर के मुताबिक, क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के चीफ एक्जीक्यूटिव निश्चल शेट्टी ने ट्विटर पर एक डायरेक्ट मैसेज के जरिए इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों ने आईपीएल में विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा, “एक उद्योग के रूप में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि आईपीएल विज्ञापनों में फिर से आने से पहले हमारे पास जिम्मेदार विज्ञापन के लिए सख्त दिशानिर्देश हों.”

शेट्टी ने कहा कि यह निर्णय ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC) द्वारा लिया गया था, जिसमें दो दर्जन से अधिक क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो-संबंधित कंपनियां सदस्य हैं. बीएसीसी इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया का हिस्सा है.

बता दें, क्रिप्टो एक्सचेंजों ने आईपीएल 2021 में टीवी विज्ञापनों पर 40 करोड़ रुपये खर्च किए थे.

FTX में हुई बड़ी गड़बड़ी

समाचार एजेंसी एपी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि FTX में चल रही दिक्क्तों के पीछे कंपनी कुछ हद तक खुद ही जिम्मेदार है। अमेरिका का डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन जांच कर रहे हैं कि क्या कंपनी के परिचालन में कोई आपराधिक कृत्य किया गया है। वहीं, जांच में इस बात ध्यान केंद्रित किया जा रहा है कि क्या FTX में ग्राहकों के फंड का उपयोग अल्मेडा रिसर्च में ट्रेडिंग करने के लिए किया है।

FPI investment rise in indian share market in november (Jagran File Photo)

FTX के धाराशायी होने पर समाचार एजेंसी रायटर्स ने मामले से जुड़े लोगों के हवाले से बताया कि कंपनी ने ग्राहकों के कुछ फंड में कम से कम एक बिलियन डॉलर की धनराशि गायब है। क्रिप्टो एक्सचेंज के संस्थापक सैम बैंकमैन- फ्राइड ने बड़ी चालाकी से ग्राहकों का 10 बिलियन डॉलर का फंड अपनी कंपनी अल्मेडा रिसर्च में ट्रांसफर किया था।

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