आसान विदेशी मुद्रा

हालांकि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने सोमवार को रुपये की कीमत को स्थिर रखने के लिए कुछ देशों जैसे रूस और श्रीलंका के साथ व्यापार रुपये में करने की अनुमति दे दी है, जिससे काफी हद तक रुपये की कीमत पर असर पड़ेगा। क्योंकि भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है। रूस तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
Forex Reserves : लगातार तीसरे हफ्ते बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार, 550 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा
आरबीआई (RBI) ने अतीत में कहा था कि उसके रिजर्व में बदलाव बढ़ोतरी या हानि के पुनर्मूल्यांकन के साथ ही बाजार में दखल की वजह से हुआ है
Forex Reserves : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान बढ़कर 550.14 अरब डॉलर हो गया। यह लगातार तीसरे सप्ताह में बढ़ोतरी रही है। रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) यानी RBI द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक डेटा से यह बात सामने आसान विदेशी मुद्रा आई है। 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का रिजर्व 547.25 अरब डॉलर रहा था। अक्टूबर में 524 अरब डॉलर के दो साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद, डॉलर के आसान विदेशी मुद्रा अपने ऊपरी स्तरों से नीचे के साथ विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है।
‘फेमा’ अधिनियम के संबंध में जारी अधिसूचना
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक अधिसूचना जारी कर विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत के बाहर के किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का आदान-प्रदान अथवा उसे जारी करना) अधिनियम में अब तक किये गए 93 संशोधनों को एक ही अधिसूचना के आसान विदेशी मुद्रा अंतर्गत लाकर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम को सरल बना दिया है। विदित हो कि फेमा के मानदंडों को आसान बनाने से विदेशी निवेशकों के लिये देश में निवेश करना अपेक्षाकृत आसान हो जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- यह अधिनियम वर्ष 1999 से प्रभाव में आया था। वर्ष 1999 से अब तक इसमें 93 संशोधन हो चुके हैं।
- कोई भी व्यक्ति जो भारत में निवेश करना चाहता है, इस अधिसूचना के माध्यम से यह जाने में सक्षम होगा कि वह किस कंपनी में तथा कैसे निवेश कर सकता हैं।
- जारी नई अधिसूचना के तहत विदेशी निवेशों पर बनाए गए निम्नलिखित दो नियमों को एक साथ जोड़ दिया गया है-
विदेश में बसे अपनों को भेजना चाहते हैं विदेशी मुद्रा उपहार? ये क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंकिंग ऐप्स करेंगे मदद
विदेश में बसे अपने प्रियजनों के लिए विदेशी मुद्रा उपहार भेजना अब क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंकिंग के माध्यम से आसान हो गया है. एक नज़र उन स्टार्टअप्स पर जो ये सुविधा मुहैया करा रहे हैं.
जब आपके प्रियजन विदेश में रहते है और जिनके लिए आपके मन में प्रेमभावना हैं, तब उन लोगों के साथ भावना से जुड़े रहना मुश्किल लगता है, लेकिन एक ऐसी कृति है जिससे आप यह दूरी को कम महसूस कर सकते है. दुनिया भर में क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंक फॉरेक्स मार्कअप पर काबू पाने, लेन-देन के समय को कम करने और सबसे अधिक किफ़ायती तरीके से उपभोक्ताओं को सुविधा उपलब्ध हो इस दिशा में काम कर रहा हैं. आज के डिजिटल भुगतान के युग में, टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में मददगार साबित हो रही है और क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंक ने इस सटीक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके दुनिया भर में डिजिटल खर्च, साझाकरण और बचत को संभव बनाया है.
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moneyHop भारत का पहला क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंक है, जो एक साधारण चार-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से दुनिया भर में 0% मार्कअप पर अंतर्राष्ट्रीय स्थानांतरण को सक्षम बनाता है - गंतव्य, मुद्रा और राशि का चयन करें> एक डिजिटल केवाईसी पूरा करें> प्राप्तकर्ता का विवरण जोड़ें> ऑनलाइन भुगतान करें.
यह न केवल लाइव दरों पर लेनदेन को सक्षम बनाता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं है. फॉरेक्स कार्ड और डेबिट कार्ड के संयोजन की पेशकश करते हुए, moneyHop अपने उपयोगकर्ताओं को 6% ब्याज पर शून्य-बैलेंस, अंतर्राष्ट्रीय, बचत खाते रखने में सक्षम बनाता है. इसके अलावा, टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर यह सुनिश्चित कर सकता है कि लेन-देन जल्दी, समय पर निर्बाध रूप से हो. यह एक ऐसा मंच है जो लोगों को आर्थिक रूप से करीब लाने के लिए समर्पित है, जो क्रॉस-बॉर्डर आसान विदेशी मुद्रा क्षेत्र में बैंकिंग के लिए परेशानी मुक्त वातावरण बनाता है.
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Jupiter एक अन्य प्रमुख निओ-बैंक है जो क्रॉस-बॉर्डर प्रेषण सेवाएं भी प्रदान करता है और सभी अंतरराष्ट्रीय खरीद के लिए लगभग 3.5% शुल्क लेता है और किसी भी अन्य खर्च के लिए स्लैब-आधारित शुल्क लेता है. वे विभिन्न सेवाओं के माध्यम से बचत को प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें उनके डेबिट कार्ड और यूपीआई, एक म्यूचुअल फंड निवेश विकल्प, और मुफ्त स्वास्थ्य कवर के साथ एक वेतन खाता के माध्यम से खर्च से जुड़ी उनकी पुरस्कार प्रणाली शामिल है. यह सभी डेबिट कार्डों के लिए बस एकबार दिए जाना वाला शुल्क भी लेता है.
Fi Money एक आगामी क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंक है जो न्यूनतम से लेकर बिना किसी छिपे हुए शुल्क के भुगतान की अनुमति देता है. उपभोक्ता न्यूनतम शेष राशि के किसी भी शुल्क और 3% बचत के एक ब्याज खाता के साथ अपने प्लेटफॉर्म पर शुरुआत कर सकते हैं. वे एक ऐसा मंच हैं जिसका उद्देश्य धन प्रबंधन उपकरण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के निवेश और जमा विकल्पों की पेशकश करके धन प्रबंधन को आसान विदेशी मुद्रा डिजिटाइज़ करना है. वे 3% की बचत के साथ एक डिजिटल ब्याज खाता भी प्रदान करते हैं.
Forex Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई कमी, लेकिन गोल्ड रिजर्व बढ़ा
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट मुख्य रूप से एफसीए में आई कमी की वजह से हुई.
India Forex Reserves: 22 जुलाई, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब ड . अधिक पढ़ें
- पीटीआई
- Last Updated : July 30, 2022, 06:45 IST
विदेशी मुद्रा भंडार 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर पर
14.5 करोड़ डॉलर बढ़ा गोल्ड रिजर्व
1.426 अरब डॉलर घटी फॉरेन आसान विदेशी मुद्रा करेंसी एसेट
नई दिल्ली. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में फिर कमी आई है. 22 जुलाई, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले 15 जुलाई, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 7.541 अरब डॉलर घटकर 572.712 अरब डॉलर रह आसान विदेशी मुद्रा गया था. 8 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा आसान विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया था. इससे पहले 1 जुलाई, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 5.008 अरब डॉलर घटकर 588.314 अरब डॉलर रह गया था.
आसान विदेशी मुद्रा
देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सभी बातें आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार
दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आसान विदेशी मुद्रा IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का भुगतान आसानी से किया जा सकता है।