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क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड?

क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड?
प्योर कमोडिटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड अपने कमोडिटी की कीमतों को ट्रैक करते हैं. यानी की जब गोल्ड ईटीएफ में निवेश किया जाता है, उस दौरान उनकी कीमतों में उतार चढ़ाव से रिटर्न तय होते क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? है. ठीक उसी तरह सिल्वर ईटीएफ में ध्यान देना है, जब आप निवेश करते हैं उस समय सिल्वर की क्या कीमत है और बेचते हुए सिल्वर की कीमतों का अंतर ही रिटर्न होगा. यह कितना फायदेमंद क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? रहेगा, इससे पहले जानते है सिल्वर ईटीएफ क्या है.

Gold etf

जानें क्या है सिल्वर ETF और इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा?

जानें क्या है सिल्वर ETF और इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकिता चौहान

Updated on: Jan 18, 2022 | 6:20 AM

भारत में गोल्ड और सिल्वर खरीदना काफी शुभ माना जाता है. वहीं बात अगर निवेश की हो, तो गोल्ड में निवेश करना भविष्य के मद्देनजर काफी फायदेमंद माना जाता है. दरअसल लॉन्ग टर्म में अगर क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? निवेश किया जाए तो अच्छा रिटर्न भी मिलता है. गोल्ड के अलावा चांदी में ईटीएफ (ETF) के जरिए निवेश किया जा सकेगा. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) 5 जनवरी, 2022 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. इसके तहत सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) में 19 जनवरी तक निवेश किया जा सकता है. बता दें इसमें 100 रुपये से लेकर लाखों रुपये तक की चांदी खरीद सकते हैं, वहीं बेचा भी जा सकता है. लेकिन इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा यह सवाल हर किसी के मन में होगा.

सिल्वर ईटीएफ ( Silver ETF) क्या है?

दरअसल गोल्ड की तरह ही सिल्वर में निवेश किया जा सकता है. इसके तहत आपको शेयर्स की तरह चांदी में निवेश करने का मौका मिलेगा. लेकिन, ईटीएफ के जरिए निवेशकों को फिजिकल सिल्वर में निवेश का मौका नहीं मिलेगा. इसके तहत निवेशक सिल्वर ईटीएफ में पैसा लगा सकेंगे. फिलहाल ऐसा गोल्ड ईटीएफ में होता रहा है.

दरअसल इस दौरान निवेशक को देखना है कि, आने वाले फंड किस सिल्वर को ट्रैक कर रहे हैं, यानी की वह लोकल सिल्वर की कीमतें हैं या फिर इंटरनेशनल सिल्वर की कीमतों को. इस दौरान ध्यान रखे कि, ईटीसीडी में स्कीम के कॉर्पस का 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं किया जा सकता है. बता दें, सिल्वर ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ की तरह ही सिल्वर ईटीएफ में भी ज्यादा फर्क नहीं होगा, यानी की अगर बात रिटर्न को लेकर की जाए तो ज्यादा फर्क नहीं रहेगा.

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।

गोल्ड ईटीएफ क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।

निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश

जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।

क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

जानें क्या है सिल्वर ETF और इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा?

जानें क्या है सिल्वर ETF और इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकिता चौहान

Updated on: Jan 18, 2022 | 6:20 AM

भारत में गोल्ड और सिल्वर खरीदना काफी शुभ माना जाता है. वहीं बात अगर निवेश की हो, तो गोल्ड में निवेश करना भविष्य के मद्देनजर काफी फायदेमंद माना जाता है. दरअसल लॉन्ग टर्म में क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? अगर निवेश किया जाए तो अच्छा रिटर्न भी मिलता है. गोल्ड के अलावा चांदी में ईटीएफ (ETF) के जरिए निवेश किया जा सकेगा. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) 5 जनवरी, 2022 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. इसके तहत सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) में 19 जनवरी तक निवेश किया जा सकता है. बता दें इसमें 100 रुपये से लेकर लाखों रुपये तक की चांदी खरीद सकते हैं, वहीं बेचा भी जा सकता है. लेकिन इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा यह सवाल हर किसी के मन में होगा.

सिल्वर ईटीएफ ( Silver ETF) क्या है?

दरअसल गोल्ड की तरह ही सिल्वर में निवेश किया जा सकता है. इसके तहत आपको शेयर्स की तरह चांदी में निवेश करने का मौका मिलेगा. लेकिन, ईटीएफ के जरिए निवेशकों को फिजिकल सिल्वर में निवेश का मौका नहीं मिलेगा. इसके तहत निवेशक सिल्वर ईटीएफ में पैसा लगा सकेंगे. फिलहाल ऐसा गोल्ड ईटीएफ में होता रहा है.

दरअसल इस दौरान निवेशक को देखना है कि, आने वाले फंड किस सिल्वर को ट्रैक कर रहे हैं, यानी की वह लोकल सिल्वर की कीमतें हैं या फिर इंटरनेशनल सिल्वर की कीमतों को. इस दौरान ध्यान रखे कि, ईटीसीडी में स्कीम के कॉर्पस का 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं किया जा सकता है. बता दें, सिल्वर ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ की तरह ही सिल्वर ईटीएफ में भी ज्यादा फर्क नहीं होगा, यानी की अगर बात रिटर्न को लेकर की जाए तो ज्यादा फर्क नहीं रहेगा.

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

क्या होता है ईटीएफ?

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ईटीएफ का मतलब है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। एक ऐसा फंड जो स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध है और जिसे एक स्टॉक (शेयर) की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है। एक प्रकार से यह अलग-अलग शेयरों का एक समूह है जिसमें वही शेयर शामिल होते हैं जो बीएसई सेंसेक्स या एनएसई निफ्टी में होते हैं। इसका मूल्य रियल टाइम में बदलता रहता है और आप इसे कारोबारी दिवस में किसी समय खरीद या बेच सकते हैं। म्युच्युअल फंड से यह इस मामले में भिन्न होता है क्योंकि इसे सिर्फ दिन में एक बार बाजार बंद होने के बाद खरीदा-बेचा जा सकता है। ईटीएफ में शेयर , वस्तु और बांड्स सहित कई प्रकार के निवेश हो सकते हैं। इस आधार पर ईटीएफ कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे- बांड्स ईटीएफ जिसमें सरकारी बांड्स , कारपोरेट बांड्स और म्युनिसिपल बांड्स शामिल हैं। इसी प्रकार उद्योग आधारित ईटीएफ हो सकते हैं जो किसी एक उद्योग को ट्रैक करते हैं। इनमें बैंकिंग , प्रौद्योगिकी या तेल व प्राकृतिक गैस और उस क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों पर आधारित होते हैं। कमोडिटी ईटीएफ जो सोना या कच्चे तेल जैसी वस्तुओं में निवेश करते हैं। इसी तरह करेंसी ईटीएफ जो विदेशी मुद्रा में निवेश करते हैं। हालांकि निवेशकों को ईटीएफ के लिए ब्रोकरेज चार्ज देने होते हैं। ईटीएफ का सबसे अच्छा उदाहरण ‘ एसपीडीआर एसएंडपी 500 ’ ईटीएफ है जो अमेरिकी शेयर बाजार के सूचकांक एसएंडपी 500 इंडेक्स को ट्रैक करता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा और जाना-पहचाना ईटीएफ है। असल में ईटीएफ की शुरुआत ही अमेरिका से 1993 में हुई। शुरुआत में निवेशकों का रुझान ईटीएफ में निवेश की ओर नहीं था। लेकिन ईटीएफ ने दुनियाभर में व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों के लिए निवेश का एक बड़ा अवसर प्रदान किया। ईटीएफ का मूल्य उसमें निहित शेयर या वस्तु के नेट एसेट वैल्यू यानी एनएवी पर आधारित होता है। हमने ऊपर पढ़ा कि ईटीएफ एक प्रकार का इंडेक्स फंड होता है। इसलिए यहां इंडेक्स फंड का मतलब भी समझना जरूरी है। एक इंडेक्स फंड एक प्रकार का म्युच्अल फंड है जो बिल्कुल शेयर बाजार के सूचकांक जैसा दिखता है। ईटीएफ के फंड मैनेजर शेयर बाजार के सूचकांक में शामिल शेयरों के अनुपात में निवेश करते हैं ताकि बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में निवेशकों का जोखिम कम रहे। यह निवेशकों के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है। निवेशक का पहला फायदा यह होता है कि वह परोक्ष रूप से उन ब्लूचिप कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है जिन्हें मिलाकर शेयर बाजार का सूचकांक बना है। चूंकि शेयर बाजार के सूचकांक में शामिल कंपनियां कम से कम 20 से 25 सेक्टर की होती हैं , इसलिए उनके निवेश में विविधता होती है।

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