टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं

अगर आप ट्रेडर है और ट्रेड करते हैं तब आपको सपोर्ट का और रेजिस्टेंस का बहुत अच्छी तरीके से ज्ञान होना चाहिए।
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शेयर बाजार टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं अनिश्चितता का बाजार है यहाँ पर हर एक चीज अनिश्चित इसको अंग्रेजी में बोलते हैं uncertain .
जब कोई चीज निश्चित नहीं है तब आप उसको टिप्स के जरिए कैसे निश्चित बना सकते हैं.
स्टॉक मार्केट एनालिसिस का गेम है.
क्योंकि जहां पर एनालिसिस ही आपके काम आती है और स्टॉक मार्केट अनुमान के आधार पर चलता है अनुमान क्या कहता है कि कल मार्केट गिरेगा या अनुमान यह कहता है कि कल मार्केट बढ़ेगा लेकिन कोई भी दावा नहीं कर सकता अगर दावा करता है तो टिप्स देने वाला करता है.
चलिए कुछ टिप्स हम बताते हैं जो आपको करनी है स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने से पहले करने से पहले।
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सबसे पहली टिप्स आप किसी से भी टिप्स ना लें.
ना ही किसी टिप्स देने वाले को टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं फॉलो करें। फॉलो करने का मतलब वह आपसे बोलता है कि आप हमारी कॉल को कुछ दिन तक फ्री में इस्तेमाल करें आप हमारे टेलीग्राम पर आए या आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े ऐसा बिल्कुल भी ना करें चाहे वह आपसे करोड़ों रुपए बनाने का वादा क्यों ना करें इससे आप पूरी तरीके से दूर रहें।
आप किसी को अपना मेंटर बना सकते हैं आप जैसे आप किसी पुराने व्यक्ति प्रचलित उनकी किताबें पढ़ सकते हैं या उनके पुराने वीडियो देख करके उनसे सीख सकते हैं आप सबसे अच्छा आप उनकी किताबें पढ़ें तो उससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
टीवी वाले विज्ञापन से दूर रहे टीवी वाली कॉल से भी दूर रहें क्योंकि यह लोग जो स्टॉक चर्चा में बना रहता है या जो स्टॉक बहुत तेजी से बढ़ रहा होता है यह लोग टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं सिर्फ उसी की चर्चा करते हैं उसी पर डिस्कशन करते हैं जो स्टॉक गिर जाता है यह लोग उस पर चुप्पी साध लेते हैं और उस पर बात नहीं करते।
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इससे पहले वाले स्टेप में मैंने बताया कि आप मेंटर की strategy को फॉलो करें लेकिन उससे बड़ी बात यह है कि आप मेंटर की strategy को ना फॉलो करके अपनी खुद की strategy बनाएं टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं मतलब की सिर्फ उनके बताए गए बातों को ही फॉलो करें।
हमेशा ट्रेडिंग के बनाए गए जो रूल है उनको फॉलो करें प्रॉफिट की तरफ बिल्कुल भी आपका ध्यान नहीं जाना चाहिए आपका ध्यान हमेशा पैसा बचाने की तरफ जाना चाहिए आपका पैसा अगर बचा रहेगा तब आपका प्रॉफिट अपने आप आता रहेगा या आना शुरु करेगा धीरे-धीरे इसलिए स्टॉक मार्केट में आपको हमेशा पैसा बचाने की तरफ ध्यान देना चाहिए और पैसा बचाने के लिए अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए।
Share market chart kaise samjhe | शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस
Share market chart kaise samjhe– दोस्तों अगर आपको सही समय पर अच्छा मुनाफा कमाई करना है तो शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस करना जरुर आना चाहिए। इससे आप कम समय में ही अपने नुकशान को कम करके बहुत अच्छा रिटर्न कमाई कर चकते हो।
अगर आप बिना सीखे टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हो तो आप एकतरह से जुआ खेल रहे हो इससे आपको नुकशान होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं। आपको पता होना चाहिए कब स्टॉक को खरीदना चाहिए और कब प्रॉफिट कमाई करके बेचना चाहिए।
इसी को जानने के लिए आपको Share Market के चार्ट को अच्छी तरह समझना बहुत जरुरी हैं। क्यूंकि इसी से ही आपको पता लगेगा स्टॉक ऊपर या नीचे जाने की कितने ज्यादा संभावना हैं।
Share market chart kaise samjhe
ज्यादातर रिटेल निवेशक किसी भी चार्ट को खोलते ही उनके मन में इस चार्ट में देखे किया और शुरु कहा से करे ये सवाल जरुर आता हैं। शेयर मार्केट में किसी भी चार्ट को समझने के लिए सबसे पहले बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत पड़ती हैं। उसके बाद ही काम आएगा आपका विश्लेषणात्मक कौशल जो आपको प्रयोग करना होगा उस चार्ट में।
Chart का Trend देखना चाहिए:- किसी भी स्टॉक के चार्ट अच्छी तरह से समझने के लिए आपका सबसे पहला काम होना चाहिए उस शेयर के Trend किस तरफ जा रहा हैं। उसको अच्छी तरह से देखना बहुत जरुरी हैं। वैसे तो चार्ट में 3 तरह का Trend देखने को मिलेगा। इन तीनो Trend के अन्दर से कोई ना कोई एक Trend में वो स्टॉक या Chart जरुर फॉलो कर रहा होगा। और इन ट्रेन्ड में काम करने के तरीका भी अलग अलग होता हैं।
- Up Trend:- इस Trend का मतलब है Higher Top and Higher Bottom। जब भी चार्ट इस Trend को फॉलो करेगा आपको लगातार स्टॉक सीढ़ी की तरह ऊपर जाते ही नजर आएगा। तब आपको हमेसा उस स्टॉक को खरीदना चाहिए।
शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे और कमाई
रिस्क और रिवॉर्ड विश्लेषण:- अगर आप ऊपर दिए गए स्टेप को फॉलो करके कोई चार्ट को सेलेक्ट किया हो तो आपको उस चार्ट का Support और Resistant को ध्यान से देखना चाहिए। उसके बाद आपका Stop Loss वोही होना चाहिए जहा उस चार्ट ने हाल ही में कोई Support लेके ऊपर की तरफ गया हैं।
जहा पर Support लिया है स्टॉक ने, वहा आपको Stop Loss लगाना चाहिए। लेकिन ध्यान में रखना चाहिए आपका Stop Loss बहुत दूर ना हो। अगर आपको लगता है की टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं रिस्क बहुत कम है और रिवॉर्ड बहुत ज्यादा मिल चकता है तभी आपको उस चार्ट में ट्रेड लेना चाहिए।
पतियोगी स्टॉक के चार्ट:- आप जिस भी स्टॉक के चार्ट को सेलेक्ट किया हो बाकि पतियोगी कंपनी को भी देखना चाहिए कैसा पदर्शन कर रहा हैं। आपको ध्यान में रखना चाहिए वो स्टॉक उस सेक्टर में बाकि पतियोगी कंपनी से बेहतर पदर्शन दिखा रहा हैं।
हैवानियत की इंतेहा: खेल में खलल पड़ने पर प्रेग्नेंट डॉग को पीट-पीटकर मारने वाले 4 स्टूडेंट अरेस्ट
पुलिस ने इंजीनियरिंग के 4 छात्रों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में एक गर्भवती कुत्ते को पीट-पीट कर मार डालने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने बताया कि कुत्ते के भौंकने से वे परेशान थे। वो उनके खेल के बीच भी बाधा बन जाता था। इस घटना का आरोपियों ने वीडियो भी बनाया था।
नई दिल्ली. पुलिस ने डॉन बॉस्को टेक्निकल इंस्टीट्यूट के 4 छात्रों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में एक गर्भवती कुत्ते(pregnant dog) को पीट-पीट कर मार डालने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं का कहना है कि आरोपियों ने बताया कि कुत्ते के भौंकने से वे परेशान थे। वो उनके खेल के बीच भी बाधा बन जाता था। जब वो खेल रहे होते थे, तब वो मैदान में आ जाता था। इस घटना का आरोपियों ने वीडियो भी बनाया था। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो डॉग लवर्स ने खासी नाराजगी दिखाई थी। पढ़िए क्या है पूरा मामला.
इंडीकेटर्स के प्रकार (Type of Indicators)
Indicators दो प्रकार के होते है –
- Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स )
- Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)
अब आइये इसे डिटेल में समझने की कोशिस करते है –
1 . Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)
हिंदी में Lead का का अर्थ होता है – नेतृत्व, और इस तरह लीडिंग इंडीकेटर्स ऐसे इंडीकेटर्स होते है, जो price को लीड करते है,
और ये leading इंडीकेटर्स हमें किसी स्टॉक के भाव में आने वाले तेजी या मंदी (Trend Reversal) की एडवांस सुचना देते है, लेकिन लीडिंग इंडीकेटर्स द्वारा दिए जाने वाले सभी इंडिकेशन यानि signal सही नहीं होते है, और इसलिए हमें पूरी तरह से इंडीकेटर्स के ऊपर भरोसा नहीं करना चाहिए,
Leading Indicators और Oscillators (ओसिलेटर)
सभी Leading indicators को oscillators कहा जाता है, oscillators का अर्थ है – एक सीमा (Boundary) के अन्दर Price ऊपर या नीचे होना, इस ऊपर या नीचे के रेंज को हम oscillation range कहा जाता है,
और इस तरह Leading Indicators को टेक्निकल एनालिसिस के चार्ट में दो वैल्यू (oscillation range) के बीच दिखाया जाता है, जैसे – 0 से 100 के बीच का वैल्यू
और सबसे प्रमुख लीडिंग इंडीकेटर RSI (Relative Strength Index ) इसका सबसे अच्छा example है, RSI को हमेशा 0 से 100 के बीच दिखाया जाता है, ये न तो 0 से नीचे जा सकता है और न 100 से ऊपर,
Momentum (Use in Indicators)
Momentum किसी स्टॉक के price में होने वाले Change का प्रतिशत (Rate) होता है, Momentum ये बताने की कोशिश करता है कि किस Rate से प्राइस में बदलाव हो रहा है,
जैसे – अगर किसी स्टॉक का price एक week में 15 % change हो रहा है, तो इस change को fast momentum कहा जा सकता है,
और इस change के मुकाबले अगर किसी दुसरे स्टॉक में 2 महीने में 15 % price change हो रहा, तो उसे slow momentum कहा जायेगा,
ध्यान देने वाली बात ये है कि – किसी स्टॉक में जितना जल्दी price change देखने को मिलता है, तो इस change को उतना अधिक momentum माना जाता है,
आशा करता हु कि TECHNICAL ANALYSSIS के ये टॉपिक, आपको जरुर पसंद आया होगा, और आपसे REQUEST कि आप अपने सुझाव, सवाल और कमेंट को निचे जरुर लिखिए,
Types of stock analysis :
स्टॉक एनालिसिस के दो मुख्य प्रकार होते हैं । उनमें से पहला प्रकार Fundamental Analysis और दूसरा Technical Analysis होता है ।
हम सबसे पहले फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानकारी लेते हैं । फंडामेंटल एनालिसिस कंपनी की पूरी इंफॉर्मेशन होती है जैसे कि कंपनी के डायरेक्टर कौन है कंपनी के सीईओ कौन है कंपनी किस सेक्टर से बिलॉन्ग करती है कंपनी का Market Capital कितना है इससे कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में हमें पता चलता है । बाद में कंपनी के फाइनेंसियल मैनेजमेंट के बारे में भी पता होना बहुत जरूरी होता है जैसे कि कंपनी की बैलेंस शीट, कंपनी का प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, लेजर स्टेटमेंट Etc .
कंपनी के हर 3 महीने में Quarterly Results आते हैं उसकी जानकारी से हमें यह पता चलता है कंपनी प्रॉफिट में है यह लॉस में हैं । कंपनी का ग्रोथ रेट कैसा है यह हमें फंडामेंटल एनालिसिस से पता चलता है अगर कंपनी प्रॉफिट में है तो कंपनी को कितने करोड़ का प्रॉफिट हुआ है और अगर कंपनी लॉक में है तो कंपनी को कितने करोड़ को लॉस हुआ है यह क्वार्टरली रिजल्ट्स से पता टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं चलता है । अगर किसी क्वार्टर में कंपनी को लॉस हुआ है तो नेक्स्ट क्वार्टर में कंपनी टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं ने अपना कितना लॉस कवर किया है इसका भी कंपनी के शेयर प्राइस पे फर्क पड़ता है ।