प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार

प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार
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कराची में सख्त कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ व्यापार
नई दिल्ली/कराची, 31 जुलाई (आईएएनएस)। फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफपीसीसीआई) और कराची चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के अधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार कोविड -19 महामारी के बीच उद्योगों और व्यवसायों को बंद करने का फैसला करती है, तो श्रमिकों को वेतन देना असंभव है।
द न्यूज इंटरनेशनल ने एफपीसीसीआई के अध्यक्ष नासिर हयात मैग्गो के हवाले से एक बयान में कहा कि, पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची को व्यापक राष्ट्रीय हित में पूरी तरह से बंद नहीं किया जाना चाहिए।
वर्तमान स्थिति से बाहर का एकमात्र समाधान, व्यवसायों और रोजगार के अवसरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना, एसओपी के सख्त अनुपालन और कार्यबल के अनिवार्य टीकाकरण के तहत व्यावसायिक और आर्थिक गतिविधियों की अनुमति देना है।
उन्होंने कहा कि, अगर उद्योग और व्यवसाय प्रतिबंध के अधीन रहते हैं, तो हम वेतन का भुगतान नहीं कर पाएंगे।
एफपीसीसीआई को उम्मीद है कि सिंध सरकार से इसकी ठोस अपील के परिणामस्वरूप लिए गए सख्त फैसलों पर पुनर्विचार होगा और इस प्रांत में कोविड नियंत्रण के लिए अधिक अनुकूल वातावरण होगा और फिर भी सभी हितधारकों को लेकर आर्थिक और रोजगार के अवसरों की रक्षा होगी।
इस बीच, बिजनेसमैन ग्रुप (बीएमजी) के अध्यक्ष जुबैर मोतीवाला ने कहा कि व्यवसायों ने महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन रणनीति का कड़ा विरोध किया है, क्योंकि कोविड मामलों की संख्या को कम करने के लिए एकमात्र व्यावहारिक समाधान लोगों को जबरन टीका लगाना और एसओपी का सख्त कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।
मोतीवाला ने जोर देकर कहा कि सरकार को एक आक्रामक टीकाकरण अभियान चलाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सहायता लेनी चाहिए जिससे जनता को जल्द से जल्द टीका लगवाने के लिए मजबूर किया जा सके।
उन्होंने कहा कि, छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को लॉकडाउन और सीमित व्यावसायिक घंटों के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और कई व्यवसाय पूरी तरह से चरमराने के कगार पर हैं।
इसलिए सरकार को दुकानदारों और जनता की शिकायतों को कम करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
बीएमजी के अध्यक्ष ने कहा कि शायद, यह समय है कि सरकार को नागरिकों, विशेष रूप से छोटे दुकानदारों को मौद्रिक सहायता देने के बारे में सोचना चाहिए, जो अब कर्ज की स्थिति में हैं, और अपने व्यावसायिक प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार परिसर के मालिकों को किराए का भुगतान कर रहे हैं।
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नशे की प्रवृत्ति को रोकने व नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने के उद्धेश्य से सचिव/सिविल जज(सीनियर डिविजन) अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने बैठक ली
रूद्रपुर 16 नवम्बर 2019- नशे की प्रवृत्ति को रोकने व नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने के उद्धेश्य से सचिव/सिविल जज(सीनियर डिविजन) अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने ए.डी.आर. केन्द्र प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार रूद्रपुर के सभा कक्ष में आंठो तहसील हेतु गठित विशेष ईकाईयों के सदस्यों की बैठक ली उन्होने बताया नालसा (नशा पीड़ितों एवं नशा उन्मूलन के लिये विधिक सेवायें) योजना 2015 के क्रियान्वयन हेतु जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिले की आठो तहसीलों हेतु विशेष इकाइयों का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण द्वारा पूर्व में ड्रग बेचने वालो,ड्रग ट्रान्सपोर्टर व ड्रग विक्रेताओं आदि की पहचान करने हेतु पराविधिक कार्यकर्ताओं तथा एन.जी.ओ. की संयुक्त टीम बनाई गई है। इस टीम द्वारा जनपद में सर्वे कर रिपोर्ट प्रधिकरण के कर्यालय में उपलब्ध कराई गई। उन्होने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा नशे का व्यापार करने वाले सप्लायर व पैडलर्स के चिन्हीकरण के आधार पर आकस्मिक छापेमारी कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। उन्होने कहा इस कार्य को एक मिशन के रूप में ले ताकि समाज से इस बुराई का पूर्ण रूप से खात्मा हो सके।
बैठक में पैनल एडवोकेट रमेश चन्द्र शर्मा अखलाख अहमद पराविधिक कार्यकर्ता मुकेश चन्द्र, नसीर अहमद,सेवक सिंह मोहम्मद शाहिद,आमोद कुमार पाण्डेय वन विभाग, स्वास्थय विभाग व पुलिस अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।
एफडीआई के नए नियम पर बौखलाया चीन, भारत के लिए कही बड़ी बात
एफडीआई,fdi
एफडीआई को लेकर भारत में बदले गए नीति नियमों को लेकर चीन की बौखलाहट सामने आई है। एक समाचार एजेंसी के मुताबिक चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने को कहा कि कुछ खास देशों से डायरेक्ट विदेशी निवेश के लिए भारत के नये नियम डब्ल्यूटीओ यानि वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांन्त का उल्लंघन करते हैं और मुक्त व्यापार की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं।
एफडीआई को लेकर बदले गए नियमों को लेकर चीन की बौखलाहट सामने आई
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय पक्ष द्वारा विशिष्ट देशों से निवेश के लिए लागू किए नियम डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांत का उल्लंघन करती हैं और उदारीकरण तथा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एफडीआई यानि फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट के कुछ विशेष नियमों में बदलाव की घोषणा की है।
एफडीआई नियम मुक्त व्यापार की प्रवृत्ति के खिलाफ, चीनी ने कहा
अब नए नियमों के बाद भारत में के पड़ौसी देश चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश कंपनियां या व्यक्ति अब सरकारी रास्ते से ही भारत में निवेश कर पाएंगी। कोरोना महामारी के दौरान चीनी निवेश और भारतीय कंपनियों के टेकओवर को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
कोरोना वायरस महामारी संकट के देखते हुए भारतीय बाजार में काफी गिरावट आई है। कंपनियों के गिरते शेयर को देखते हुए चीनी कंपनियों ने भारत में काफी बड़ा निवेश किया हे।
ऐसे में चीनी कंपनियों को भारत में आने से रोकने के लिए काफी हंगामा हुआ था। ऐसे में सरकार को देश में मंदी से उबारने ओर नौकरियों को बचाने के लिए प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार यह कदम उठाना पड़ा है। प्रधानमंत्री के इस कदम पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन्हें धन्याद दिया था।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कौन-सा देश 1915 में ब्रिटेन के खिलाफ केंद्रीय बलों में शामिल हुआ?
Key Points
- युद्ध की शुरुआत में केंद्रीय शक्तियों में जर्मन साम्राज्य और ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य शामिल थे।
- तुर्क साम्राज्य बाद में 1914 में शामिल हुआ, उसके बाद 1915 में बुल्गारिया राज्य आया।
- अक्टूबर 1915 में, बुल्गारिया केंद्रीय शक्तियों में शामिल हो गया।
- जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी के पूर्व-युद्ध सहयोगी इटली ने 1915 में एंटेंटे के पक्ष से युद्ध में प्रवेश किया।
- 1918 तक, कई अन्य देश शामिल हो गए थे, जिनमें एंटेंटे के पक्ष में संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान शामिल थे।
Additional Information
- प्रथम विश्व युद्ध
- प्रथम विश्व युद्ध, जिसे महायुद्ध या वैश्विक युद्ध के रूप में भी जाना जाता है, यूरोप में हुआ एक घातक वैश्विक प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार संघर्ष था, जो 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था।
- यह इतिहास के सबसे बड़े प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार युद्धों में से एक है।
- मूल्य प्रभाव:
- बाजार में किसी उत्पाद या सेवा के लिए उपभोक्ता की मांग प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार पर मूल्य में बदलाव का प्रभाव।
- 1914 के बाद के छह वर्षों में औद्योगिक कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं और कीमतों में तेजी से भारतीय उद्योग को लाभ हुआ।
- कृषि कीमतों में भी वृद्धि हुई, लेकिन औद्योगिक कीमतों की तुलना में धीमी गति से।
- व्यापार की आंतरिक शर्तें कृषि के खिलाफ चली गईं।
- यह प्रवृत्ति अगले कुछ दशकों में जारी रही, विशेष रूप से महामंदी के दौरान वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के दौरान।
- औद्योगिक कीमतों में तेजी से वृद्धि के साथ-साथ भारतीय उद्योग के लिए व्यापार की आंतरिक शर्तों में सुधार से औद्योगिक उद्यमों को लाभ हुआ।
- प्रथम विश्व युद्ध ने संयुक्त राज्य अमेरिका को मंदी से बाहर निकालकर 44 महीने के आर्थिक उछाल में ले लिया।
- जर्मनी में अति मुद्रास्फीति और बेरोजगारी चौंका देने वाली थी।
Important Points
- यह व्यापक रूप से माना जाता है कि सर्बिया की यात्रा के दौरान आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या वह चिंगारी है, जिसने प्रथम विश्व युद्ध के संघर्ष को प्रज्वलित किया।
- यूरोपीय शक्तियां को 2 समूहों में विभाजित हो गई थी:
- सहयोगी शक्तियाँ और केंद्रीय शक्तियाँ।
- फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, रूस और जापान।
- जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, बुल्गारिया और तुर्क साम्राज्य।
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Last updated on Sep 22, 2022
Bihar Police Sub-Ordinate Service Commission (BPSSC) has activated the link to download the mark sheet of Bihar Police Sub Inspector on 21st August 2022. The candidates, who appeared for Bihar Police SI exam, must check their results before 4th September 2022. For Bihar Police vacancy 2020, the BPSSC had released as many as 1998 vacancies for the post of sub-inspector and 215 vacancies for the post of sergeant. Those who could not make it to the final merit list, should not lose their heart as the notification for 2022 is expected to be out very soon.
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कराची में सख्त कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ व्यापार
नई दिल्ली/कराची, 31 जुलाई (आईएएनएस)। फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफपीसीसीआई) और कराची चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के अधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार कोविड -19 महामारी के बीच उद्योगों और व्यवसायों को बंद करने का फैसला करती है, तो श्रमिकों को वेतन देना असंभव है।
द न्यूज इंटरनेशनल ने एफपीसीसीआई के अध्यक्ष नासिर हयात मैग्गो के हवाले से एक बयान में कहा कि, पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची को व्यापक राष्ट्रीय हित में पूरी तरह से बंद नहीं किया जाना चाहिए।
वर्तमान स्थिति से बाहर का एकमात्र समाधान, व्यवसायों और रोजगार के अवसरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना, एसओपी के सख्त अनुपालन और कार्यबल के अनिवार्य टीकाकरण के तहत व्यावसायिक और आर्थिक गतिविधियों की अनुमति देना है।
उन्होंने कहा कि, अगर उद्योग और व्यवसाय प्रतिबंध के अधीन रहते हैं, तो हम वेतन का भुगतान नहीं कर पाएंगे।
एफपीसीसीआई को उम्मीद है कि सिंध सरकार से इसकी ठोस अपील के परिणामस्वरूप लिए गए सख्त फैसलों पर पुनर्विचार होगा और इस प्रांत में कोविड नियंत्रण के लिए अधिक अनुकूल वातावरण होगा और फिर भी सभी हितधारकों को लेकर आर्थिक और रोजगार के अवसरों की रक्षा होगी।
इस बीच, बिजनेसमैन ग्रुप (बीएमजी) के अध्यक्ष जुबैर मोतीवाला ने कहा कि व्यवसायों ने महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन रणनीति का कड़ा विरोध किया है, क्योंकि प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार कोविड मामलों की संख्या को कम करने के लिए एकमात्र व्यावहारिक समाधान लोगों को जबरन टीका लगाना और एसओपी का सख्त कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।
मोतीवाला ने जोर देकर कहा कि सरकार को एक आक्रामक टीकाकरण अभियान चलाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सहायता लेनी चाहिए जिससे जनता को जल्द से जल्द टीका लगवाने के लिए मजबूर किया जा सके।
उन्होंने कहा कि, छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को लॉकडाउन और सीमित व्यावसायिक घंटों के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और कई व्यवसाय पूरी तरह से चरमराने के कगार पर हैं।
इसलिए सरकार को दुकानदारों और जनता की शिकायतों को कम करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
बीएमजी के अध्यक्ष ने कहा कि शायद, यह समय है कि सरकार को नागरिकों, विशेष रूप से छोटे दुकानदारों को मौद्रिक सहायता देने के बारे में सोचना चाहिए, जो अब कर्ज की स्थिति में हैं, और अपने व्यावसायिक परिसर के मालिकों को किराए का भुगतान कर रहे हैं।
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