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डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?
पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं.

Demat Account क्या है What is Demat Account in hindi

demat account kaise khulwae

How to open demat account शेयर बाजार में जब आप निवेश करने जाते हैं तो सबसे पहले आपसे डीमेट अकाउंट (Demat Account) के बारे में पूछा जाता है. जो लोग शेयर बाजार में पहली बार निवेश कर रहे हैं उनमें काफी कम लोगों को डीमेट अकाउंट की जानकारी (Demat account details in Hindi) होती है. कई लोग ये नहीं जानते कि डीमेट अकाउंट क्या होता है? (Demat account kya hai?) डीमेट अकाउंट कैसे खोला जाता है? डीमेट अकाउंट के क्या फायदे हैं? इस तरह की काफी सारी जानकारी निवेश करने वालों को नहीं होती है. अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने जा रहे हैं और डीमैट अकाउंट के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां आप डीमैट अकाउंट से जुड़ी सारी बातें जान पाएंगे.

डीमैट अकाउंट क्या है? (What is Demat Account?)

डीमैट अकाउंट से जुड़ा सबसे पहला सवाल जो हमारे दिमाग में आता है वो यही है कि डीमैट अकाउंट क्या होता है? Demat Account का full form “Dematerialized Account” होता है. ये एक तरह का अकाउंट होता है जो शेयर मार्केट में होने वाले transaction के काम आता है.

इसे समझने के लिए हम सेविंग अकाउंट का उदाहरण लेते हैं. सेविंग अकाउंट में हम कभी भी अपना पैसा जमा कर सकते हैं, कभी भी निकाल सकते हैं, और कोई उस पैसे को वहाँ से चोरी भी नहीं कर सकता. ये होता है सेविंग अकाउंट का काम. मतलब वो आपके पैसों का पूरा लेखा-जोखा संभालकर रखता है और जरूरत आने पर आपको वो पैसा रिटर्न भी करता है.

अब बात करते हैं Demat account की. इसका संबंध पैसों से नहीं बल्कि आपके खरीदे और बेचे गए शेयर से होता है. जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो ये शेयर आपके पास फिजिकल रूप में सीधे नहीं पहुंचता. इसे स्टोर करने के लिए Demat account खुलवाया जाता है. ताकि आपके खरीदे गए शेयर का पूरा लेखा-जोखा Demat अकाउंट में रहे. जब आप शेयर को बेचना चाहेंगे तो अपने Demat account से ही सीधे बेच पाएंगे.

मतलब Demat account एक ऐसा अकाउंट है जिसमें आप अपने खरीदे गए शेयर को स्टोर करके रख सकते हैं, उसमें उसका पूरा लेखा-जोखा होगा. जब आपकी मर्जी होगी तब आप उसे बेच पाएंगे. बिलकुल सेविंग अकाउंट में जमा पैसों की तरह.

Demat account कितने तरह के होते हैं? (Types of Demat Account)

शेयर बाजार डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? में ट्रेडिंग के लिए तीन तरह के डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल होता है. इन्हें निवेशक के प्रोफ़ाइल के हिसाब से तैयार किया जाता है. इसकी पूरी देखरेख ब्रोकरेज फर्म करती है. चलिये जानते हैं कौन से हैं वो तीन तरह के डीमैट खाते.

1) रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account)

शेयर बाजार में आने वाले वो निवेशक जो भारतीय हैं उन्हें रेगुलर डीमैट खाता दिया जाता है. आप इसे किसी भी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास कुछ जरूरी दस्तावेज़ दिखाकर खुलवा सकते हैं. इस खाते से Electronical रूप में शेयर का ट्रेड किया जाएगा.

2) रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account)

ये Demat account खासतौर पर NRI के लिए होते हैं. इसके माध्यम से वे शेयर बाजार में ट्रेड कर सकते हैं. इसके साथ ही वे विदेश में फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं. इस खाते को खुलवाने के लिए पासपोर्ट, वीजा, विदेश का पता, पासपोर्ट साइज फोटो और NRE bank account होना बेहद जरूरी है.

3) नॉन रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Non Repatriable Demat Account)

ये Demat account भी NRI के लिए ही होते हैं. इन्हें भी शेयर बाजार में निवेश करने के हिसाब से ही तैयार किया गया है. लेकिन इस अकाउंट के माध्यम से अकाउंट होल्डर विदेश में फंड ट्रांसफर नहीं कर सकता. इसके लिए NRO Bank Account की जरूरत होती है. इसे वो लोग खुलवा सकते हैं. जिनकी आय भारत और विदेश दोनों जगह से होती है.

कैसे खुलवाएं Demat account? (How to open a Demat Account Online?)

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए यदि आप Demat account खुलवाना चाहते हैं तो नीचे दिये गए स्टेप्स को फॉलो करें.डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

1) Demat Account Opening Documents

डीमैट खाता खुलवाने के लिए सबसे पहले तो आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज़ होने चाहिए.
– बैंक अकाउंट
– पैन कार्ड
– पहचान पत्र
– निवास प्रमाण पत्र
– कई मामलों में ITR की आवश्यकता भी होती है.
– पासपोर्ट साइज फोटो

2) Demat Account Charges

डीमैट खाता खुलवाने एवं रखरखाव के लिए आपको कुछ फीस या चार्जेस भी देने पड़ सकते हैं. इसलिए पहले इनके बारे में जान लेना जरूरी है.

A) वार्षिक रखरखाव शुल्क : ये आपके खाते को मेंटेन करने के लिए ब्रोकरेज फर्म हर साल लेती है.

B) संरक्षण शुल्क : ये भी आपके खाते और आपके transaction को सेफ और सिक्योर रखने के लिए ब्रोकरेज फर्म द्वारा लिया जा सकता है.

C) लेनदेन शुल्क : इसे लेना और न लेना पूरी तरह आपकी ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है. ये आपके प्रत्येक लेनदेन पर अपने हिसाब से चार्ज कर सकते हैं.

3) Demat Account Opening Process

जरूरी चीजे आपने इकट्ठी कर ली. चलिये अब जानते हैं कि आप कैसे Demat account ओपन कर सकते हैं.

Demat account open करना आज के समय में बेहद आसान है. आप इसे दो तरीके से खोल सकते हैं. पहला तो आप किसी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास जाकर, जरूरी दस्तावेज़ देकर खुद खुलवा सकते हैं. या फिर ऑनलाइन Zerodha या Upstox जैसे एप पर जाकर अपना Demat account open कर सकते हैं.

Demat Account के क्या फायदे हैं? (Benefits of Demat Account?)

Demat account होने से आपको कई तरह के फायदे होते हैं.

1) इसके होने से आपको शेयर को संभालने का या उसके खोने का कोई झंझट नहीं होता है. आपके Demat account में Electronic रूप में ये हमेशा के लिए सेव हो जाता है.

2) आपके शेयर आपके Demat account में रहते हैं तो आपके साथ धोखा होने के चांस भी कम हो जाते हैं. आप खुद अपने transaction पर पूरी नजर बनाए रखते हैं.

3) अगर आपके पास Demat account है तो आपको लोन भी आसानी से मिल जाता है.

4) Demat account आपके शेयर को खरीदने और बेचने में लगने वाले फिजूल के समय को भी बचाता है.

5) Demat account की मदद से आप ये आसानी से ट्रैक कर सकते हैं कि आपने कौन सा शेयर खरीदा था? आज उसका दाम क्या है? किसी ने आपके शेयर के साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं की है.

शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में मन बना रहे हैं तो सबसे पहले Demat account open करवाएं. इसके बिना शेयर बाजार की दुनिया में कदम भी न रखें. क्योंकि एक यही वो account है जिसमें आप अपने शेयर को रख पाएंगे और उन्हें ट्रैक कर पाएंगे.

शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी के बीच Demat Account की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी, फर्जीवाड़े से बचने को इन 8 बातों का रखें ख्याल

Safeguard against Demat Account Frauds: आपके डीमैट खाते डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.

शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी के बीच Demat Account की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी, फर्जीवाड़े से बचने को इन 8 बातों का रखें ख्याल

पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं.

Safeguard against Demat Account Frauds: पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए अब डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है. डीमैट खाते के जरिए फिजिकल शेयरों के ट्रांसफर में पहले कुछ दिन तक लग जाते थे जबकि डीमैट खाते के जरिए आसान तरीके से और जल्द शेयरों का लेन-देन होता है. हालांकि जैसे कुछ भी 100% परफेक्ट नहीं होता है, वैसे ही डीमैट खाते में भी फर्जीवाड़ा हो सकता है.

डीमैट खाते से जुड़े फर्जीवाड़े के कुछ मामले सामने आए हैं जैसे कि ब्रोकर्स ने बिना निवेशकों की सहमति के किसी ट्रेड पर मार्जिन फंड के कोलैटरल के रूप में प्रयोग करने के लिए ईटीएफ यूनिट्स को ट्रांसफर कर लिया. आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. भारत में सीडीएसएल और एनएसडीएल नामक दो डिपॉजिटरीज आपके शेयरों व सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखते हैं लेकिन इनका डीमैट खाताधारकों से सीधे कोई संपर्क नहीं होता है. ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) लाइसेंस स्टॉकब्रोकर्स और इंटरमीडियरीज को इश्यू करते हैं जो ग्राहकों को डीमैट खाते खोलने की सर्विस देते हैं.

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अकाउंट रिकॉर्ड मेंटेन रखें

जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.

जरूरी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रखें

हर डीमैट खाते का एक डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) बुकलेट होता है जिसे सुरक्षित रखना जरूरी है. जब आप एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं तो आपको इस स्लिप पर साइन करना होता है. ऐसे में इसे मजबूत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखें क्योंकि अगर आपका साइन किया हुआ यह स्लिप किसी अन्य शख्स के हाथ में चला गया तो इसका गलत प्रयोग हो सकता है.

ब्रोकरेज स्क्रूटनी

लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.

लंबे समय तक न हो यूज तो फ्रीज करवा लें खाता

कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख फायदा यह है कि आपको अपने निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई राशि नहीं कटेगी.

पॉवर ऑफ अटार्नी

ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.

मजबूत पासवर्ड रखें

डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.

एमसएमएस सुविधा

अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.

क्रेडिट टाइम को चेक करें

आमतौर पर आप जो भी स्टॉक खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)

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डीमैट अकाउंट क्या है | Demat Account kya hai

Demat Account kya hai

नमस्कर दोस्तों, कैसे हैं आप उम्मीद करता हूँ आप अच्छे होंगे आज के इस आर्टिकल में हम जानने वाले हैं डीमैट अकाउंट क्या है ( Demat Account kya hai ), डीमैट के फायदे और के नुकसान क्या है ? जब आप कोई शेयर को खरीदने जाते हैं, तो उस वक्त आपको डीमैंट अकाउंट के बारे में पूछा जाता है अगर आपके पास यह डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? खाता नहीं है तो आप कोई भी शेयर को खरीद नहीं सकते हैं, किसी भी शेयर को खरीदने के लिए आपके पास Demant अकाउंट होना अनिवार्य है. अगर आपको नहीं पता है ये डीमैट अकाउंट क्या है ? आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है बस आपको इस आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहना है. आपका यंहा इस खाते से सबंधित तमाम जानकरी मिलने वला है. तो आए इस आज के टॉपिक को शुरू करते हैं.

डीमैट अकाउंट क्या है

डीमैट खाता भी एक भोतिकी खाता की तरह होती है जिस तरह हमलोग अपने पैसे बैंक रखने के लिए saving/current अकाउंट का उपयोग करते है उसी तरह डीमैट अकाउंट भी किसी शेयर को खरदने के लिए उपयोग करते हैं और जब कभी कोई भी शेयर को बेचते हैं तो वो शेयर आपके डीमैट अकाउंट से कटोती होगी.यह मुख्य रूप से एक्ट्रोनिक खाता है जहा आपके शेयर को डिमैटरियलाइजड तरीके से रखे जाते हैं जिसका मतलब बनता है शेयर को डिजिटल फॉर्म में रखना. जिस तरह आप किसी भी दुकान में मोबाइल से money ट्रान्सफर करते हैं तो वो डिजिटल फॉर्म में ट्रान्सफर होता है. उसी तरह डीमैट अकाउंट में भी डिजिटल करेंसी होता है और किसी भी कम्पनी की शेयर को खरीदने के लिए वही करेंसी उपयोग करते हैं.

Damat Account in Hindi

पहले के समय में डीमैट खाता नहीं हुआ करता है उस समय टेक्नोलॉजी भी इतना विकसित नहीं था,तब बहुत कम लोग इसके बारे में जानते थे उस समय किसी को भी शेयर खरीदना होता था तब ब्रोकर ट्रेडर से शेयर को भोतिकी फॉर्म में देते थे मतलब उसे Document में देते थे यह इस बात का सबूत होता था कि अपने कम्पनी का शेयर में खरीदा है और जब उस शेयर को बेचना होता था तब आपके डॉक्यूमेंट कम्पनी के office में जाता था वहा पर ये देखते हैं की अपने उस शेयर को किनते में खरीदा था और समय इसकी वैल्यू किनती थी उस हिसाब से आपको पैसे दिए जाते थे, लेकिन इसमें कई महीने का समय लगता था इसके आलावा उस समय कई सारी समस्या होती थी जैसे वो डॉक्यूमेंट खो जाते थे या फट जाता था इसके साथ-साथ स्कैम भी बहुत ज्यादा होता था इसी वजह से आज डीमैट अकाउंट का निर्माण किया गया.

डीमैट के फायदे और के नुकसान

अभी तक आप न जाना डीमैट अकाउंट क्या है ? अब डीमैट के फायदे अगर काफी है तो डीमैंट के कुछ नुकसान भी है और जो की सभी में होते ही है चलो देख्नते है डीमैट के फायदे और के नुकसान

डीमैट के फायदे क्या है

डीमैट के फायदे की बात डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? करे तो इसके कई सरे फायदे है यहाँ पर हम कुछ फायदा के पॉइंट को डिस्कस करने वाले हैं.

जब आप डीमैट अकाउंट से शेयर खरीदते हैं तो वह डिजिटल माध्यम में होती है जिससे आपका शेयर कोई भी चोरी या नहीं कर सकता है क्योंकि यह इलेक्ट्रोनिक फॉर्म में रहता है जिससे यह बहुत सुरक्षित रहता है.

आप अपने डीमैट अकाउंट को जब चाहे तब ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं कभी भी और कहीं से भी.डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

पहले के समय में आप कोई भी शेयर को बेचते थे वो कई महीने लग जाता था प्रोसेस कोम्प्लेट करने में, लेकिन अब शेयर को बेचने में समय नहीं लगता है पहले के मुकाबले में.

डीमैट अकाउंट में डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? आप शेयर के अलवा कोई सारे एसेट्स को रख सकते हैं जैसे बांड, म्यूच्यूअल फंड्स, एक्सचेंज ट्रेड्स और सरकारी प्रतिभितियाँ इत्यादि.

डीमैट अकाउंट आगमन होने से पहले शेयर को डॉक्यूमेंट के जरिये ख़रीदे जाते थे जब आप किसी कम्पनी की शेयर को खरीदते थे तो आपको कुछ डॉक्यूमेंट दिए जाते थे उसमे यह भी डर रहता था की कही पेपर खोने ना जये या कहीं फट ना जाये इससे बहुत संभल कर रखना होता था इसके अलवा डॉक्यूमेंट सिग्नाचार करने में या किसी कागच करवाई में भी काफी लम्बे समय लगता था, लेकिन अब नहीं, अब आप अपने शेयर को इलेक्ट्रॉनिक रूप से डीमैंट अकाउंट में रख सकते हैं.

डीमैट के नुकसान क्या है

ऊपर हमने जाना डीमैट अकाउंट के फायदे के बारे में अब हम जानेगे इसके क्या क्या नुकसान हो सकते है.

इसका सबसे बड़ा नुकसान है की आपको टेक्नोलॉजी के बारे में जानकरी होना चाहिए अगर आपको टेक्नोलॉजी की जानकरी नहीं तो आपको समस्या हो सकती है. ऐसा बात नहीं है की आपको टेक्नोलॉजी में महारथ हासिल करना होगा कम से कम कंप्यूटर के बेसिक जानकरी होना अनिवार्य है, क्योंकि ऑनलाइन कई ऐसे फ्रोड भी होते हैं अगर आपको कंप्यूटर लैपटॉप या मोबाइल अच्छे चला सकते है तो आप खुद से शेयर चुन सकते हैं और Portfolio भी चेक कर सकते हैं.

अगर अपने डीमैट अकाउंट ओपन किया है तो आपको वार्षिक ब्रोकर या बैंक को भुगतान करना होता है अपने खता को रखरखाव करने के लिए, जो यहाँ पर इससे सबसा बड़ा नुकसान माना जाता है कुछ ब्रोकर या बैंक ऐसे होते हैं जो आपको free में रखरखाव डीमैट अकाउंट प्रोवाइड करते हैं इसलिए आपको खाता खोलने के से पहले आपको अच्छे से सोचना चाहिए.

इसेक आलावा अगर अपने अपने डीमैट अकाउंट को लॉग इन नहीं किया है तो आपका अकाउंट फ्रीज़ भी हो सकता है, फ्रीज़ से बचने के लिए आपको समय-समय पर लॉग इन डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? करना जरुरी है ताकि आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज़ न हो जाये.

डीमैट अकाउंट कैसे खुलता है

कई सारे लोगों के मन ये सवाल भी आते रहते हैं की इस खाता को कहाँ से ओपने करे और ओपने करने के लिए क्या- क्या डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है और कितने दिन में बन जाते जाते हैं. अगर आप भी ऐसे सोच रहे तो इस आर्टिकल में बने रहे यहाँ आपको सभी जानकारी मिलने वाला है. आज के समय में डीमैट अकाउंट को खोलना जायदा मुश्किल काम नहीं है आप बहुत ही आसानी से खोल सकते है.

आप डीमैट अकाउंट को दो तरीके से खोल सकते हैं एक ऑफलाइन के माध्यम से और दूसरा ऑनलाइन के माध्यम से, लेकिन हम ऑनलाइन के जरीये कैसे खुलते हैं ? इसके बारे में बाते करने वाले हैं. खाता खोलने के लिए आपका उम्र कम से कम 18 साल से ऊपर होना जरुरी है. खाता खोलने से पहले आपको ये अच्छे से निर्णय करना है की आप किस कम्पनी के या ब्रोकरेज फॉर्म के जरिए खाता खोलना चाहते हैं खाता खोलने के लिए आपको बैलेंस डालने की जरुरत नहीं है आप जीरो बैलेंस से भी खुल सकते हैं. डॉक्यूमेंट में आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटीटी कार्ड और एड्रेस प्रूफ इत्यादि लगता है. खाता खोलने के लिए आपको ब्रोकर की वेबसाइट पर जाना है और अकाउंट खोलने के लिए. फॉर्म में अपने सरे डेटल डालना है जैसे की नाम, पता,अकाउंट नंबर और यहाँ आपको उस अकाउंट की डिटेल देना है जो आप डीमैट अकाउंट से लिंक करना चाहते हैं.

उसके बाद आपको कैंसिल्ड चेक, आधार और पैन की स्कैन कॉपी फॉर्म में अपलोड करना है डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? साथ ही फोटो के स्कैंड दस्तखत भी देना होता है. आपका स्कैन्ड डॉक्यूमेंट और personal वेरिफिकेशन होने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

सबसे अच्छा डीमैट अकाउंट कौन सा है

भारत में सोलों साल डीमैट अकाउंट के यूजर आते रहते हैं, ऐसे में यदि आप भी अकाउंट खुलना चाहते हैं और आप सोच रहे हाँ कोन सा डीमैट अकाउंट ओपने करूँ, तो घबराने ने की कोई बात नहीं है. यहाँ पर मेने उनके लिस्ट नीचे दिए हैं जो अब भारत में बहुत पॉपुलर है.

क्या आपके डीमेट अकाउंट में हैं डीलिस्टेड कंपनी के शेयर, अब कैसे निकालें अपनी पूंजी?

स्वेच्छा से डिलिस्ट हुई कंपनी के शेयरों से पैसा निकालना आसान होता है.

स्वेच्छा से डिलिस्ट हुई कंपनी के शेयरों से पैसा निकालना आसान होता है.

आप डीमेट अकाउंट बंद करना चाहते हैं तो उसमें बैलेंस जीरो होना चाहिए. अगर डीमैट अकाउंट में किसी डीलिस्टेड कंपनी के शेयर . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 20, 2022, 17:55 IST

हाइलाइट्स

डीमैट अकाउंट बंद करने के लिए उसका बैलेंस जीरो होना चाहिए.
अगर किसी डीलिस्टेड कंपनी के शेयर आपके पास हैं तो उसे 2 तरह से बेच सकते हैं.
शेयरों को बेचने के लिए डीमेटेरियलाइज करना होता है.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में ट्रेड करने के लिए आपको डीमेट अकाउंट की जरूरत होती है. इसी के जरिए आप शेयरों की खरीद या बिक्री के लिए पैसों का लेदनदेन होता है. इसे बंद करने के लिए भी एक शर्त है कि डीमेट अकाउंट में अमाउंट शून्य होना चाहिए. इसका आसान तरीका होता है कि आप अपने सारे शेयर उठाकर किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दें या फिर सभी शेयरों को बेच दें.

लेकिन उस स्थिति में क्या करें जब आपके पास कोई ऐसा शेयर हो जो शेयर मार्केट से हट गया या हटा दिया गया हो. ऐसी स्थिति में भी आपको पैसा वापस मिलता है. इसके 2 तरीके होते हैं जिस पर हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे.

कंपनी जब अपनी मर्जी से डीलिस्ट हो
अगर कोई कंपनी स्वेच्छा से शेयर मार्केट से हट जाती है तो निवेशकों को रजिस्टर्ड ट्रांसफर एजेंट के पास जाकर ऑफलाइन प्रोसेस के तहत शेयर बेचने के लिए एक साल का समय मिलता है. कंपनी को वह कीमत देनी होगी जिस पर वह डीलिस्ट हुई थी. अगर एक साल से अधिक का समय हो चुका है तो शेयरधारक सीधे कंपनी से संपर्क कर सकता है और प्रवर्तकों को शेयर बेच सकता है. यह एक ऑफ मार्केट ट्रांजेक्शन होगी. इसके अलावा शेयरधारक को शेयर डीमेटेरीयलाइज करने होंगे. इसका मतलब है कि शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक से पेपर फॉर्म में लाना होगा. इसके लिए उन्होंने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के पास जाना होगा. इसमें 4-6 हफ्ते का समय लग सकता है.

स्वेच्छा से डीलिस्ट नहीं हुई कंपनी
अगर कंपनी स्वेच्छा से डीलिस्ट नहीं हई है तो आप शेयरों को रीमेटेरीयलाइज नहीं कर पाएंगे. ऐसे मामले में शेयरधारक अपने बैलेंस शेयरों को दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकता है. इसके लिए डिलिवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप की जरूरत होगी.

जाना पड़ सकता है डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट ऑफिस
अगर आपका आधार कार्ड आपके मोबाइल नंबर से जुड़ा हुआ नहीं है तो आपको क्लोजर रिक्वेस्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए डीपी ऑफिस जाना पड़ सकता है. हालांकि, ऐसा तब करना होगा जब आपका डीमेट जॉइंट अकाउंट हो.

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