शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है

वीकली मालामाल: 5 शेयरों ने दिया सबसे अधिक रिटर्न, आई ताबड़तोड़ वॉल्यूम
एक शेयर ने 40 फीसदी से अधिक तो बाकी 4 शेयरों ने 30 फीसदी से ऊपर का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है.
हम आपको बीते सप्ताह (20-24 जून) सबसे ज्यादा बढ़ने वाले 5 स्टॉक्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं. एक शेयर ने 40 फीसदी से . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 25, 2022, 11:50 IST
नई दिल्ली. 2022 शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए अभी तक तो अच्छा साबित नहीं हुआ है. ये ऐसा साल है कि राकेश झुनझुनवाला जैसे दिग्गज निवेशकों के पोर्टफोलियो में शामिल कई शेयर नेगेटिव रिटर्न दे रहे हैं. लेकिन कुछ शेयर ऐसे भी हैं, जो लगातार अच्छा रिटर्न दे रहे हैं. महीने की बात करें तो कुछेक ने पैसा डबल कर दिया है. सप्ताह की बात करें तो कुछ स्टॉक 30-40 फीसदी तक बढ़ गए हैं.
आज हम आपको बीते सप्ताह (20-24 जून) सबसे ज्यादा बढ़ने वाले 5 स्टॉक्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं. एक शेयर ने 40 फीसदी से अधिक तो बाकी 4 शेयरों ने 30 फीसदी से ऊपर का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. इनमें मेहई टेक्नोलॉजी लिमिटेड (Mehai Technology Ltd), मिनाक्षी टेक्सटाइल्स लिमिटेड (Minaxi Textiles Ltd), ली एंड नी सॉफ्टवेयर्स (एक्सपोर्ट्स) लिमिटेड (Lee & Nee Softwares (Exports) Ltd), निनटेक सिस्टम्स लिमिटेड (Nintec Systems Ltd), और रुद्र ग्लोबल इंफ्रा प्रोडक्ट्स लिमिटेड (Rudra Global Infra Products Ltd) के शेयर शामिल हैं.
मेहई टेक्नोलॉजी लिमिटेड (Mehai Technology Ltd)
मेहई टेक्नोलॉजी के शेयर ने बीते सप्ताह 41.9 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. बीएससी के ग्रुप बी में ट्रेड होने वाले इस शेयर ने शुक्रवार (24 जून) को 48.6 रुपये पर क्लोजिंग दी है. जबकि उससे पिछले सप्ताह यही स्टॉक 34.25 रुपये पर बंद हुआ था. आमतौर पर 1 हजार शेयर्स से कम वॉल्यूम रहने वाले इस शेयर में शुक्रवार को 7 लाख से अधिक शेयर्स खरीदे-बेचे गए हैं, जबकि गुरुवार को इसमें 58 हजार से अधिक शेयर्स ट्रेड हुए थे. इस शेयर ने मात्र एक ट्रेडिंग हफ्ते में 1 लाख रुपये के निवेश को 1 लाख 41 हजार रुपये बना दिया है.
मिनाक्षी टेक्सटाइल्स लिमिटेड (Minaxi Textiles Ltd)
मिनाक्षी टेक्सटाइल्स का पेनी स्टॉक कल शुक्रवार को 3.2 रुपये पर बंद हुआ है, जबकि इससे पिछले सप्हात इसने 2.33 रुपये पर क्लोजिंग दी थी, इस लिहाज से इसने 37.34 प्रतिशत का तगड़ा रिटर्न दिया है. यह शेयर बीएसई के एक्सटी (XT) ग्रुप में ट्रेड होता है. आपको यह जानकार हैरानी होगी कि शुक्रवार के दिन यह शेयर अपने लोअर सर्किट पर बंद हुआ है. शुक्रवार को यह 3.90 रुपये पर खुला और 3.20 रुपये पर बंद हुआ. आमतौर पर इसके 1 से डेढ़ लाख शेयर्स हैंड एक्सचेंज होते हैं, मगर शुक्रवार को लगभग 13 लाख से अधिक का वॉल्यूम आया है. इससे एक दिन पहले लगभग 8 लाख शेयर्स खरीदे-बेचे गए थे.
ली एंड नी सॉफ्टवेयर्स (एक्सपोर्ट्स) लिमिटेड (Lee & Nee Softwares (Exports) Ltd)
ली एंड नी सॉफ्टवेयर्स के शेयर ने लगातार चार दिन (21 से 24 जून तक) ऊपरी सर्किट पर क्लोजिंग दी है. पिछले सप्ताह 8.84 रुपये पर बंद होने वाले इस शेयर ने बीते सप्ताह (24 जून) को 11.8 रुपये पर क्लोजिंग दी है. इस लिहाज से इसका रिटर्न 33.48 फीसदी है. हालांकि ये शेयर अपने ऑल-टाइम हाई से काफी गिर चुका है. 12 जनवरी 2022 को इसने 30.95 रुपये का हाई बनाया था. इसके बाद 21 जून 2022 को इसने 7.70 रुपये का लो लगाया है.
निनटेक सिस्टम्स लिमिटेड (Nintec Systems Ltd)
निनटेक सिस्टम्स का शेयर बीते सप्ताह 33.24 प्रतिशत का रिटर्न दे चुका है. इस शुक्रवार (कल) इसने 49.7 रुपये पर क्लोजिंग दी है, जबकि उससे पिछले सप्ताह यह 37.3 रुपये पर बंद हुआ था. यह बीएससी की एम (M) कैटेगरी में ट्रेड होने वाला शेयर है. निनटेक सिस्टम्स एक ऐसा शेयर है जो सर्किट पर रहना पसंद करता है. यदि ऊपरी सर्किट चलते हैं तो फिर यह ऊपर सर्किट्स पर बंद होता है और नीचे के सर्किट्स लगें तो यह नीचले सर्किट्स पर बंद होता है. मतलब ये किसी दिन इसमें केवल खरीदार होते हैं और बेचने वाला कोई नहीं होता और किसी दिन इसमें सब बेचने वाले होते हैं और कोई खरीदने वाला नहीं होता.
रुद्र ग्लोबल इंफ्रा प्रोडक्ट्स लिमिटेड (Rudra Global Infra Products Ltd)
रुद्र ग्लोबल ने इस सप्ताह 33.14 फीसदी का रिटर्न दिया है. बीएसकी की बी (B) कैटेगरी का यह शेयर इस सप्ताह के अंतिम ट्रेडिंग दिन पर (24 जून को) 44.8 रुपये पर बंद हुआ है. पिछले सप्ताह यह 33.65 रुपये पर बंद हुआ था. इस शेयर ने हालांकि 47.95 रुपये का हाई लगाया था. इस शेयर ने 29 जनवरी 2018 में 260 रुपये का हाई लगाया था. 2022 की ही बात करें शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है तो इसका हाई 55.05 पैसे है, जोकि 26 अप्रैल को बना और लो 28.25 रुपये का है, जोकि इसने 17 जून को बनाया है.
(Disclaimer: यहां बताए गए स्टॉक्स साप्ताहिक राउंडअप का हिस्सा हैं. हम आपको इनमें निवेश करने या निवेश नहीं करने के लिए नहीं कह रहे. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह के लाभ या हानि के लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
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Stock market me volume kya hota hai
आपने बहुत बार निवेशकों के मुंह से जरूर सुना होगा कि इसका वॉल्यूम इतना बढ़ा या फिर इतना गिरा। उस समय आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर Stock market me volume kya hota hai / शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है।
तो चलिए आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको मैं बताऊंगा कि शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है। (Stock market me volume kya hota hai) इसके साथ साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है। आखिर शेयर मार्केट में वॉल्यूम की क्या भूमिका है।
शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है। (Stock market me volume kya hota hai)
स्टॉक मार्केट में हमें वॉल्यूम यह दिखलाता है, कि किसी एक निश्चित समय में कितने शेयर को खरीदा और बेचा गया है। या फिर उस समय में कितने शेयरों में ट्रेड किया गया है। अर्थात जितने शेयर को बेचा और खरीदा जाता है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है।
आपको बता दें, कि खरीदे हुए शेयर या फिर बेचे गए शेयर की संख्या जितनी अधिक होगी चार्ट में स्टॉक्स का उतना ही ज्यादा बढ़ जाएगा। और जितना ही अधिक लोग शेयर को बेचेंगे उतना ही अधिक उसका वॉल्यूम का कैंडल भी बढ़ता जाता है।
सरल शब्दों में कहा जाए तो एक निश्चित समय में ट्रेड किए गए शेयर की संख्या को वॉल्यूम कहा जाता है।
वॉल्यूम = शेयर के कुल नंबरों के संख्या।
इसका अर्थ यही हुआ की एक समय अंतराल के दौरान कितने शेयर को खरीदा और बेचा गया है। तब उन सभी शेयर को गिनने में जो संख्या आती है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है।
वॉल्यूम कितने समय में ट्रेड किया जाता है।
Stock market me volume kya hota hai– कोई भी टाइम के अंतराल में चाहे वह 1 दिन का हो, या फिर 1 महीने या फिर 1 साल का कुछ भी समय हो, उसके दौरान चाहे वह 1 मिनट हो या फिर आधे या फिर 1 घंटे का, उस समय में किसी भी कंपनी के जितने भी नंबर ऑफ शेयर को ट्रेड किया जाता है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है। वॉल्यूम को आप अपने ब्रोकर के हिसाब से उसमे उपस्थित हर टाइम फ्रेम में देख सकते हैं।
ट्रेडिंग वॉल्यूम –
Stock market me volume kya hota hai – वॉल्यूम को आपने समझा कि जितने शेयर को खरीदे और बेचे जाते हैं, उनकी कुल संख्या को वॉल्यूम कहा जाता है।
ठीक उसी तरह ट्रेड लेते समय जब आप या फिर कोई भी हर बार शेयर को खरीदते और फिर उन्हें बेचते हैं, तो उनकी कुल संख्या को ट्रेडिंग वॉल्यूम कहते हैं।
इसे एक उद्धरण के तौर पर समझते हैं, माना आपने आज स्टॉक मार्केट में किसी कंपनी के 20 शेयर को खरीदा है, और कुछ समय बीत जाने के बाद आपने उन शेयर को बेच दिया तो total trading volumes जो होगा वह 40 हो जायेगा। इसमें हाई वॉल्यूम को आप यह समझ सकते हो, की बहुत से शेयर को एक जगह से दूसरी जगह ट्रेड किया जा रहा है।
शेयर के अलावा वॉल्यूम कहां प्रयोग होता है–
वॉल्यूम केवल और केवल शेयर के लिए ही नहीं बल्कि बाकी इन्वेस्टमेंट के लिए भी मापा जाता है। जैसे फ्यूचर और ऑप्शन, गोल्ड, mcx आदि चीजों में भी वॉल्यूम का प्रयोग किया जाता है। जैसे स्टॉक में नंबर ऑफ शेयर जो निश्चित समय में किया जाता है, को वॉल्यूम कहते हैं।
ठीक उसी तरह फ्यूचर और ऑप्शन में वॉल्यूम को इस तरह देखा जाता है, कि कितने लोगों ने कॉन्ट्रैक्ट्स को एक जगह से दूसरी जगह भेजा हुआ है। इसके अलावा वॉल्यूम को अन्य फाइनेंस रिलेटेड इन्वेस्टमेंट में भी प्रयोग में शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है लाया जाता है।
वॉल्यूम का क्या काम है–
वॉल्यूम का काम मार्केट में लिक्विडिटी और एक्टिविटी को मापना है। लिक्विडिटी को आप कुछ इस तरीके से समझ सकते हो, कि आप शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है जितनी आसानी से स्टॉक को खरीद और बेच सकते हो उसे लिक्विडिटी कहते हैं।
इसका मतलब यह हुआ की जितना अधिक लिक्विडिटी होगी, उतने ही आसानी से हम स्टॉक को खरीद और बेच सकते हैं। साथ ही उसका वॉल्यूम भी हमको उतना ही अधिक देखने को मिलेगा। और जो स्टॉक्स अधिक लिक्विड होते हैं, उनमें वॉल्यूम भी उतना ही अधिक दिखता है।
वॉल्यूम क्यों महत्वपूर्ण है–
Stock market me volume kya hota hai –आपको हमेशा ट्रेड करते समय यह ध्यान में रखना चाहिए, कि इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी ट्रेडिंग सेशन के दौरान जब मार्केट ओपन होता है, और जब मार्केट क्लोज होता है, उस दौरान आपको वॉल्यूम बहुत अधिक देखने को मिलता है। और बीच के समय में मार्केट कुछ भी हो सकता है। याने की लिक्विडिटी कम या फिर अधिक। इसलिए इंट्राडे ट्रेडर के लिए वॉल्यूम का देखना बहुत ही जरूरी भी बन जाता है।
इसके साथ साथ जो लोग फंडामेंटल को देख कर के इन्वेस्टमेंट करते हैं, उनके लिए भी वॉल्यूम देखना बहुत जरूरी हो जाता है। क्योंकि वह बड़े टाइम फ्रेम में देख पाते हैं, की कितने लोग किस प्राइस पर Buy or Sell कर रहे हैं।
Penny Stock : 1 रुपये से बढ़कर 9.70 रुपये पर पहुंचा, 5 साल में बन गया मल्टीबैगर स्टॉक, 1 लाख को बना दिया 9.70 लाख
इंडिया.कॉम 3 दिन पहले [email protected] (India.com News Desk)
© Manoj Yadav | India.com Hindi News Desk Share Market Today: Realty stocks were showing a weak performance with Godrej Properties being the top loser (Photo: AFP)
Multibagger Stock : लीडिंग लीजिंग फायनेंस कंपनी के शेयर मल्टीबैगर शेयर साबित हुए हैं. लगभग 52 करोड़ के मार्केट कैप वाला स्मॉल-कैप स्टॉक 2022 में उन शेयरों में से एक है जिसने शेयरों के स्पिलिट करने की भी घोषणा की है. कंपनी के निदेशक मंडल ने इस वर्ष 1:10 स्टॉक विभाजन की घोषणा की और स्टॉक ने 22 सितंबर 2022 को पूर्व-विभाजन किया.
पिछले एक महीने में इस स्मॉल-कैप शेयर ने अपने शेयरधारकों को 25 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. हालांकि, इस शेयर का अपने शेयरधारकों को जबरदस्त रिटर्न देने का इतिहास रहा है, क्योंकि यह पिछले 5 वर्षों में लगभग 1 रुपये से बढ़कर 9.70 रुपये के स्तर पर पहुंच गया, और अपने लॉन्ग टर्म निवेशकों को 870 फीसदी का रिटर्न मिला है.
लीडिंग लीजिंग फायनेंस शेयर की प्राइस हिस्ट्री
पिछले एक महीने में, यह स्मॉल-कैप मल्टीबैगर पैनी स्टॉक लगभग 7.75 रुपये के स्तर से बढ़कर 9.70 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया है. इस अवधि में इसमें लगभग 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि पिछले छह महीनों में यह 6.80 रुपये से बढ़कर 9.70 रुपये प्रति शेयर के लेवल पर पहुंच गया. इस समय में इसमें लगभग 42 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. हालांकि, पिछले एक साल के पहले छह महीनों में शेयर साइडवेज ट्रेड कर रहा है. हालांकि, पेनी स्टॉक लगभग 1 रुपये (29 सितंबर, 2017) से बढ़कर 9.70 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है, इस समय इस शेयर में लगभग 870 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
1 लाख को बना दिया 9.70 लाख
स्टॉक पिछले 5 वर्षों में लगभग 1 रुपये से बढ़कर 9.70 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. अगर किसी निवेशक ने 5 साल पहले इस पैनी स्टॉक में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता, तो इसका 1 लाख रुपये आज 9.70 लाख रुपये हो गया होता.
शेयर विभाजन
इस मल्टीबैगर पैनी स्टॉक ने हाल ही में पूर्व-विभाजन का कारोबार किया क्योंकि निदेशक मंडल ने बीएसई सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों को मौजूदा 10 रुपये अंकित मूल्य के शेयरों 1 अंकित मूल्य में विभाजित करने का निर्णय लिया.
पिछले सप्ताह शुक्रवार को, यह स्मॉल-कैप मल्टीबैगर स्टॉक लगभग 52 करोड़ के मार्केट कैप के साथ समाप्त हुआ, जबकि शुक्रवार को इसका ट्रेड वॉल्यूम 2.93 लाख था. इसका 52-सप्ताह का उच्च स्तर 17.38 रुपये प्रति शेयर है, जबकि इसका 52-सप्ताह का निम्न स्तर 4.23 रुपये प्रति शेयर है. इस मल्टीबैगर पैनी स्टॉक का प्रति शेयर बुक वैल्यू 17.97 रुपये है.
Stock market me volume kya hota hai
आपने बहुत बार निवेशकों के मुंह से जरूर सुना होगा कि इसका वॉल्यूम इतना बढ़ा या फिर इतना गिरा। उस समय आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर Stock market me volume kya hota hai / शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है।
तो चलिए आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको मैं बताऊंगा कि शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है। (Stock market me volume kya hota hai) इसके साथ साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है। आखिर शेयर मार्केट में वॉल्यूम की क्या भूमिका है।
शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है। (Stock market me volume kya hota hai)
स्टॉक मार्केट में हमें वॉल्यूम यह दिखलाता है, कि किसी एक निश्चित समय में कितने शेयर को खरीदा और बेचा गया है। या फिर उस समय में कितने शेयरों में ट्रेड किया गया है। अर्थात जितने शेयर को बेचा और खरीदा जाता है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है।
आपको बता दें, कि खरीदे हुए शेयर या फिर बेचे गए शेयर की संख्या जितनी अधिक होगी चार्ट में स्टॉक्स का उतना ही ज्यादा बढ़ जाएगा। और जितना ही अधिक लोग शेयर को बेचेंगे उतना ही अधिक उसका वॉल्यूम का कैंडल भी बढ़ता जाता है।
सरल शब्दों में कहा जाए तो एक निश्चित समय में ट्रेड किए गए शेयर की संख्या को वॉल्यूम कहा जाता है।
वॉल्यूम = शेयर के कुल नंबरों शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है के संख्या।
इसका अर्थ यही हुआ की एक समय अंतराल के दौरान कितने शेयर को खरीदा और बेचा गया है। तब उन सभी शेयर को गिनने में जो संख्या आती है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है।
वॉल्यूम कितने समय में ट्रेड किया जाता है।
Stock market me volume kya hota hai– कोई भी टाइम के अंतराल में चाहे वह 1 दिन का हो, या फिर 1 महीने या फिर 1 साल का कुछ भी समय हो, उसके दौरान चाहे वह 1 मिनट हो या फिर आधे या फिर 1 घंटे का, उस समय में किसी भी कंपनी के जितने भी नंबर ऑफ शेयर को ट्रेड किया जाता है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है। वॉल्यूम को आप अपने ब्रोकर के हिसाब से उसमे उपस्थित हर टाइम फ्रेम में देख सकते हैं।
ट्रेडिंग वॉल्यूम –
Stock market me volume kya hota hai – वॉल्यूम को आपने समझा कि जितने शेयर को खरीदे और बेचे जाते हैं, उनकी कुल संख्या को वॉल्यूम कहा जाता है।
ठीक उसी तरह ट्रेड लेते समय जब आप या फिर कोई भी हर बार शेयर को खरीदते और फिर उन्हें बेचते हैं, तो उनकी कुल संख्या को ट्रेडिंग वॉल्यूम कहते हैं।
इसे एक उद्धरण के तौर पर समझते हैं, माना आपने आज स्टॉक मार्केट में किसी कंपनी के 20 शेयर को खरीदा है, और कुछ समय बीत जाने के बाद आपने उन शेयर को बेच दिया तो total trading volumes जो होगा वह 40 हो जायेगा। इसमें हाई वॉल्यूम को आप यह समझ सकते हो, की बहुत से शेयर को एक जगह से दूसरी जगह ट्रेड किया जा रहा है।
शेयर के अलावा वॉल्यूम कहां प्रयोग होता है–
वॉल्यूम केवल और केवल शेयर के लिए ही नहीं बल्कि बाकी इन्वेस्टमेंट के लिए भी मापा जाता है। जैसे फ्यूचर और ऑप्शन, गोल्ड, mcx आदि चीजों में भी वॉल्यूम का प्रयोग किया जाता है। जैसे स्टॉक में नंबर ऑफ शेयर जो निश्चित समय में किया जाता है, को वॉल्यूम कहते हैं।
ठीक उसी तरह फ्यूचर और ऑप्शन में वॉल्यूम को इस तरह देखा जाता है, कि कितने लोगों शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है ने कॉन्ट्रैक्ट्स को एक जगह से दूसरी जगह भेजा हुआ है। इसके अलावा वॉल्यूम को अन्य फाइनेंस रिलेटेड इन्वेस्टमेंट में भी प्रयोग में लाया जाता है।
वॉल्यूम का क्या काम है–
वॉल्यूम का काम मार्केट में लिक्विडिटी और एक्टिविटी को मापना है। लिक्विडिटी को आप कुछ इस तरीके से समझ सकते हो, कि आप जितनी आसानी से स्टॉक को खरीद और बेच सकते हो उसे लिक्विडिटी कहते हैं।
इसका मतलब यह हुआ की जितना अधिक लिक्विडिटी होगी, उतने ही आसानी से हम स्टॉक को खरीद और बेच सकते हैं। साथ ही उसका शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है वॉल्यूम भी हमको उतना ही अधिक देखने को मिलेगा। और जो स्टॉक्स अधिक लिक्विड होते हैं, उनमें वॉल्यूम भी उतना ही अधिक दिखता है।
वॉल्यूम क्यों महत्वपूर्ण है–
Stock market me volume kya hota hai –आपको हमेशा ट्रेड करते समय यह ध्यान में रखना चाहिए, कि इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी ट्रेडिंग सेशन के दौरान जब मार्केट ओपन होता है, और जब मार्केट क्लोज होता है, उस दौरान आपको वॉल्यूम बहुत अधिक देखने को मिलता है। और बीच के समय में मार्केट कुछ भी हो सकता है। याने की लिक्विडिटी कम या फिर अधिक। इसलिए इंट्राडे ट्रेडर के लिए वॉल्यूम का देखना बहुत ही जरूरी भी बन जाता है।
इसके साथ साथ जो लोग फंडामेंटल को देख कर के इन्वेस्टमेंट करते हैं, उनके लिए भी वॉल्यूम देखना बहुत जरूरी हो जाता है। क्योंकि वह बड़े टाइम फ्रेम में देख पाते हैं, की कितने लोग किस प्राइस पर Buy or Sell कर रहे हैं।