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डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?
नई अपडेट: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत (INDIA) स्वयं का डिजिटल रुपया लांच करने की तैयारी में है| यह भारत के लिए क्रन्तिकारी कदम हो सकता है, इससे अर्थव्यवस्था में असर देखने को मिलने की उम्मीद डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? है|

E Rupee क्या है (Indian Digital Currency) | E Rupee Digital Currency Explained in Hindi 2022-2023

E Rupee क्या है (Indian Digital Currency) : क्या आपने बिटकॉइन और एथेरियम जैसे काउंस के नाम सुने है? इससे मुख्य तौर पर क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है। हाल के समय इन क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बाजार में काफी सारी न्यूज आती रहती है जिसके चलते आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी सबसे ट्रेडिंग टॉपिक बन कर ऊबर कर आया है। इसी को मध्य नजर रखते हुए भारत सरकार ने इस वर्ष के शुरुवात में देश का बजट जारी करते हुए यह ऐलान किया था कि भारत सरकार भी आरबीआई से रेगुलेटेड डिजिटल करेंसी की शुरुवात वर्ष 2022 से 2023 के बीच में करेगी।

तो हाल ही में 1 नवंबर को आरबीआई ने देश का डिजिटल करेंसी E Rupee को लॉन्च कर दिया है। अगर आप भी यह जानना चाहते है कि यह E Rupee क्या है? यह E Rupee किस प्रकार से काम करेगा इन सभी विषयो पर हमने इस आर्टिकल के द्वारा चर्चा करने का प्रयास किया है।

E डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? Rupee (Indian Digital Currency) क्या है

E Rupee क्या है (Indian Digital Currency) : E Rupee एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जिसे सेंट्रल बैंक ऑफ डिजिटल करेंसी द्वारा जारी किया गया है। अगर हम इसे आसानी से आपको बताए तो E Rupee, उसी समान है जैसे नोटो को आरबीआई द्वारा छापा जाता है।

E Rupee को भी आरबीआई द्वारा ही रेगुलेट किया जाएगा। हमारे देश की केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में बजट को जारी करते समय इस बात की घोषणा की थी देश में डिजिटल करेंसी भी जारी होंगे। जिसे 1 नवंबर 2022 को जारी किया गया है।

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E Rupee किस तरह से काम करेगा

अब आप सोचते होंगे कि E Rupee का डाटा आरबीआई को कैसे मालूम चलेगा तो हम आपको बता दे कि यह E Rupee उन्ही सभी प्रिंसिपल और टेक्नोलॉजी पर काम करेगा जिस पर बिटकॉइन और एथेरियम जैसे क्रिप्टो करेंसी काम करते है। यह E Rupee भी ब्लॉकचैन टेक्नोलोजी पर काम करता है।

आपको बता दे कि E Rupee को कुछ ऐसे इस्तेमाल करने से रेग्यूलेट किया जाएगा जिससे आपके बैंक पासबुक पर भी इसकी जानकारी रिफ्लेक्ट करेगी।

E Rupee कहा पर इस्तेमाल किया जाएगा

अभी के लिए E Rupee को केवल पायलट प्रोजेक्ट के लिए लाया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट की बात करे तो इसमें होल सेल मार्केट जिस पर सरकार लेन देन करती है अभी केवल वही इस E Rupee का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे ही सेंट्रल बैंक ऑफ डिजिटल करेंसी पायलट टेस्टिंग का नाम से रही है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पहले ही कह चुकी है कि इस डिजिटल करेंसी को भारत के बाजार में लाने का मकसद केवल भारत के बाजार में मौजूद लेन देन के तरीके को बदल कर अच्छा बनाना है। E Rupee के कारण आने वाले समय में लोगो को मौजूदा करेंसी के अलावा एक और भुगतान का तरीका मिल पायेगा जिससे वो लेन देन कर पाने में सक्षम हो पायेंगे।

E Rupee Digital Currency के फायदे क्या है

E Rupee Digital Currency के ऐसे तो कई फायदे है जिसमे से कुछ के बारे में हमने विस्तार से बताने का प्रयास किया है। तो चलिए शुरू करते हैं।

  • डिजिटल करेंसी आने के बाद आपको अपने पास नोट रखने की चिंता खत्म करनी होगी। जिससे लोगो को अपने पैसे को लाने जाने में जो भी असुविधा होती है उससे भी गुजरना डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? नही पड़ेगा।
  • E Rupee को सेंट्रल बैंक को डिजिटल करेंसी द्वारा जारी किया जा रहा है। तो आप सभी के मोबाइल में वॉलेट ऐप के तौर पर मौजूद होगी जिससे आप कुछ ही समय के अंदर ट्रांजेक्शन कर पाने में सक्षम हो जाएंगे।
    डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?
  • E Rupee Digital Currency के आने के बाद आपको चेक, बैंक पासबुक की जरूरत ही नही होगी। आप इनके बिना भी लोगो के साथ ट्रांजेक्शन कर पाने में सक्षम हो पायेंगे।
  • E Rupee Digital Currency के आने के बाद बाजार में जो नकली नोट की समस्या आ जाती है लोगो को उससे भी राहत प्राप्त होगी।
  • E Rupee Digital Currency के आने के बाद से आरबीआई का जो करेंसी को छपवाने का जो खर्चा है वो भी नाममात्र ही होगा।
  • E Rupee Digital Currency ना डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? कभी फट पाएगा न ही मिटाया जा सकेगा और इसी उम्र हमेशा के लिए होगी जो हमे अभी के समय में इस्तेमाल होने के नोट के साथ नही देख पाते।
  • E Rupee Digital Currency बिटकॉइन और एथेरियम जैसे क्रिप्टो करेंसी से बेहतर साबित होंगे और इसमें किसी भी प्रकार का झोखिम नही होगा।

Cryptocurrency और E Rupee Digital Currency में अंतर क्या है

ऐसे देखा जाए तो Cryptocurrency और E Rupee Digital Currency दोनो ही ब्लॉक चैन की टेक्नोलॉजी पर कार्य कर रही है।

क्रिप्टो करेंसी की बात करे तो इसे किसी एक कंपनी के द्वारा रेग्यूलेट किया जा रहा है और सरकार का इस पर कोई भी नियंत्रण नहीं है जिसके चलते क्रिप्टो करेंसी का प्राइस काफी ज्यादा ऊपर नीचे होता रहता है वो अगर आप क्रिप्टो करेंसी में अपना पैसा लगाते है तो यह ज्यादा रिस्की साबित होता है।

वही E Rupee Digital Currency की बात करे तो यह सरकार द्वारा नियंत्रित होती है। E Rupee Digital Currency को आप बाद में नोटो में भी तब्दील कर सकते है। E Rupee Digital Currency के प्राइस की बात करे तो वो कोई घटता बढ़ता नही है।

सबसे मुख्य अंतर जो क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में है वो यह है कि क्रिप्टो करेंसी को लोग इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करते है वही E Rupee Digital Currency को लोग मुख्य तौर पर लेन देन के लिए इस्तेमाल करेंगे।

निष्कर्ष

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको E Rupee Digital Currency क्या है?, E Rupee किस तरह से काम करता है?, E Rupee कहा पर इस्तेमाल किया जा सकता है?, E Rupee Digital Currency के फायदे क्या है? और Cryptocurrency और E Rupee Digital Currency में अंतर क्या है?

इन सब विषयो पर विस्तार रूप से चर्चा की है। अगर आपको भी यह आर्टिकल पसंद आता है तो आप इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर कर सकते हैं वही अगर आपको आर्टिकल को पढ़ने के बाद किसी भी प्रकार का कोई सवाल या सुझाव आपके मन में आता है तो आप हमसे नीचे दिए गए कॉमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

Digital Currency vs UPI: आ गया डिजिटल रुपया, कैसे होगा इस्तेमाल, कितना है यूपीआई से अलग, जानिए हर सवाल का जवाब.

Digital Currency vs UPI: आ गया डिजिटल रुपया, कैसे होगा इस्तेमाल, कितना है यूपीआई से अलग, जानिए हर सवाल का जवाब.

Digital Currency vs UPI: वैसे तो आजकल हर जगह कैश कैरी करने की जरूरत रह नहीं गई है लेकिन देश की पेमेंट सुविधा को और भी आसान बनाने के लिए भारत सरकार आज यानि मंगलवार से डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रही है।

बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जल्द ही वो देश में अपनी डिजिटल करेंसी को रोलआउट करने वाले हैं और आज 1 नवंबर से इसकी शुरूआत की जा रही है।

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) का पहला पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल रुपया (Digital Rupee) मंगलवार को लॉन्च करने जा रहा है। इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्यूरिटी के लेनदेन में होगा। यह सिर्फ थोक कारोबार के लिए होगा।

एक महीने के अंदर इसको चुनिंदा व्यापारियों और ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जाएगा। यूं तो देश में यूपीआई (UPI) के जरिए डिजिटल ट्रांसेक्शन होते है लेकिन डिजिटल रूपी यूपीआई (UPI) से थोड़ा सा अलग है। पहले डिजिटल रूपी को समझते हैं, फिर यूपीआई (UPI) और इसके अंतर को समझेंगे।

Digital Currency vs UPI: 9 बैंक ले रहे डिजिटल रूपी में हिस्सा

Digital Currency vs UPI: RBI ने 7 अक्टूबर 2022 को कहा था कि वह जल्द ही इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान डिजिटल रुपए का इस्तेमाल सीमित रखा गया है।

पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों का विश्लेषण केंद्रीय बैंक दिया किया जाएगा। इसके बाद उसे व्यापक रूप से बाजार में लाया जाएगा। डिजिटल रुपये से बैंकों का ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम होगा।

रिजर्व बैंक के अनुसार फिलहाल देश के 9 बड़े बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहे हैं।

इस प्रोजेक्ट में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) हिस्सा लेने के सेलेक्ट किया गया है।

Digital Currency vs UPI: कैसे किया जाएगा इसका इस्तेमाल

Digital Currency vs UPI: आरबीआई की ओर से कुछ दिन पहले शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC (Central Bank Digital Currency) एक पेमेंट का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा।

इसकी वैल्यू लीगल टेंडर नोट यानि कि मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी।

सीधे शब्दों में समझें तो ये एक क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह होगा। आपके फोन में एक अलग ऐप होगा जिसके जरिए आपने कॉइन यानि कि डिजिटल रूपी को ट्रैक कर पाएंगे और इनका भुगतान कर पाएंगे। जैसे किसी अन्य क्रिप्टो करेंसी में यूपीआई (UPI) या अन्य माध्यमों से रूपयों को कॉइन में बदला जाता है उसी तरह यहां भी रूपयों को डिजिटल रूपी यानि कि डिजिटल कॉइन बदला जाएगा और इस लेखा जोखा आपके मोबाइल वालेट यानि कि उस ऐप पर दिखेगा।

Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) से कैसे अलग है डिजिटल करेंसी

Digital Currency vs UPI: आज हर व्यक्ति डिजिटल लेनदेन के नाम पर यूपीआई (UPI) या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करता है। जिसने देश को कैशलेश करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि डिजिटल करेंसी यूपीआई (UPI) से किस तरह अलग है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर, मिहिर गांधी बताते हैं, 'डिजिटल रुपया अपने आप में अंडरलाइंग भुगतान मोड होगा जिसका उपयोग करेंसी/कैश के बदले डिजिटल भुगतान के लिए किया जा सकेगा। UPI और IMPS आदि जैसे भुगतान फंड ट्रांसफर करने के लिए अंतर्निहित मुद्रा/नकदी का उपयोग करते हैं। इस मामले में, यह उम्मीद की जाती है कि डिजिटल रुपया से भुगतान सहज लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए हो सकता है। वर्तमान में, UPI भुगतान मौजूदा मुद्रा नोटों के डिजिटल समकक्ष का उपयोग करके किया जाता है। इसका मतलब है कि UPI के जरिए ट्रांसफर किया गया हर रुपया फिजिकल करेंसी से चलता है।

वहीं इसके अलावा नॉनब्लॉक्स ब्लॉकचैन स्टूडियो के संस्थापक और निदेशक विंशु गुप्ता के अनुसार कि यूपीआई (UPI) भुगतान वर्तमान में आरबीआई के साथ लेनदेन करने वाले बैंकों के निपटान पर निर्भर करता है, डिजिटल रुपी सीधे आरबीआई से लेनदेन करेगा, इसलिए इसे तुरंत सुलझा लिया जाएगा। बता दें कि UPI ट्रांजेक्‍शन सीधे बैंक से बैंक में होता है, यूपीआई (UPI) वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और आइडेंटिटी का इस्‍तेमाल करता है।

Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) की मौजूदगी के बीच इसकी क्या है जरूरत?

Digital Currency vs UPI: डिजिटल रुपए की घोषणा के बाद से एक असमंजस की सी स्थिति लगातार बनी हुई है कि जब पहले से यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल भुगतान माध्यम उपलब्ध हैं तो फिर 'डिजिटल रुपए' की जरूरत क्या है?

तो इसका जवाब हम आपको बता दें कि जब कोई ग्राहक यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल माध्यमों से भुगतान करता है तो इस स्थिति में बैंक को उसके हर रुपए की लेन-देन के लिए भौतिक करेंसी का मेंटेनेंस करना अनिवार्य होता है। जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के जरिए अधिकारिक मुद्रा होगी, जिसके लिए बैंकों को भौतिक मुद्रा के मेंटेनेंस की दुविधा नहीं रह जाएगी। इससे आरबीआई करेंसी की छपाई और वितरण पर होने वाले हजारों करोड़ रुपए के खर्च को भी बचा सकेगी।

Digital Currency vs UPI: इसके अलावा एक बड़ा अंतर यह भी है कि यूपीआई (UPI) अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों से किए डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? गए डिजिटल लेनदेन में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल है, जबकि डिजिटल रुपए में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल नहीं होगा और यह वित्तीय संस्थानों के बजाय केंद्रीय बैंक आरबीआई की प्रत्यक्ष गारंटी होगी। अर्थात कोई भी गलत ट्रासेक्शन होने पर किसी बैंक से कोई संपर्क नहीं करना पड़ेगा। जिम्मेदारी केंद्रीय बैंक की होगी।

साथ ही यूपीआई (UPI) व अन्य ट्रासेक्शन होने का पूरा रिकॉर्ड अब तक बैंक के पास रहता था लेकिन डिजिटल रूपी के मामले में पूरा लेखा जोखा सिर्फ केन्द्रीय बैंक के पास होगा।

India launch first time Digital Rupee

इस डिजिटल युग में पूरा विश्व कैशलेस की तरफ बढ रहा है। डिजिटल युग में तकनीक का निरंतर विकास से हर देश पीछे नही रहना चाहता है सभी देश इसका उपयोग करना चाहता है। इस कड़ी में हमारा देश भारत भी पीछे नही रहना चाहता है। क्योकि भारतीय रिजर्व बैंक भी रुपये के लेन देने को डिजिटल रुप में परिवर्तन करना चाहता है ताकि नगदी पर निर्भरता कम हो सके क्योकि नगदी की वजह से सरकार और जनता दोनो को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस नगदी से छुटकारा पाना के लिए देश का रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 1 नवम्बर को इसको लांच किया जा रहा है। क्योकि भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा फरवरी माह में इसको (Digital rupee) लाने की घोषणा किया गया है। यदि आप इस करेंसी का प्रयोग करते है तो आपको कैस ले कर जाने की कहीं जरुरत नही पड़ेगी। क्योकि इस करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है जिसको सरकार द्वारा मंजूरी प्राप्त है।

इसके लिए रिजर्व बैंक द्वारा होलसेल सेगमेंट पायलेट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए 9 बैंको की पहचान की है। इन 9 बैंक में SBI, BOB,Union Bank , HDFC,Yes Bank,ICICI,IDFC,Kotek Mahindra,HSBC, Bank शामिल है। अब देखते है हमारा देश डिजिटल करेंसी को आगे बढाने में कितना आगे निकलता है क्योकि बहुत सारे देश डिजिटल करेंसी को लांच किये लेकिन आगे नही बढ़ा सके।

डिजिटल करेंसी क्या होता है what is the Digital Rupee-

यह भारत का पहला डिजिटल करेंसी है जिसको रिजर्व बैंक द्वारा लांच किया है इसका नाम इन्होने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) या डिजिटल रुपी (DIGITAL RUPEE) नाम दिया गया है। इसे इस तरह भी कह सकते है कि वर्तमान में जो आप कागज का नोट प्रयोग कर रहें है उसी नोट को डिजिटल रुप में परिवर्तित कर दिया गया है। इस प्रकार के कैश को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। इसका छुपाना मुश्किल होगा।

डिजिटल करेंस के प्रकार kinds of Digital Rupee-

भारत में डिजिटल करेंसी दो प्रकार की होगीं

1-होलसेल सीबीडीसी

इस प्रकार के सीबीडीसी में बड़े ट्रांजैक्शन को अंजाम दे सकते है इसकी शुरुआत 1 नवम्बर से की गयी है।

2-रिटेल सीबीडीसी

इस प्रकार का करेंसी आम जनता के लिए होगां इस प्रकार के करेंसी को पेपर नोट के साथ बदल सकते है।

डिजिटल करेंसी का प्रयोग किस प्रकार करेगें Use of Digital Currency –

इस प्रकार के मनी को आप अपने मोबाइल वालेट में रख सकते है औऱ जिस प्रकार आप अन्य डिजिटल मनी का ट्रान्जेक्शन करते है उसी प्रकार आप इसका भी ट्रान्जेक्शन कर सकते है भविष्य में इस करेंसी को UPI से जोड़ने का प्लान चल रहा है। इसके बैलेंस को आप आसानी से चेक कर सकते है।

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में अंतर Difference Between cryptocurrency and Digital Currency-

क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी सरकार अथवा बैंक द्वारा मानीटर नही किया जाता है। जबकि डिजिटल करेंसी को रिजर्व बैंक द्वारा मानीटर किया जायेगा। इसे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।

क्रिप्टोकरेंसी को नगदी मुद्रा में बदल नही सकते है जबकि डिजिटल करेंसी को आप नगदी मुद्रा में बदल सकते है।

डिजिटल करेंसी की शुरुआत 1 नवम्बर 2022 को किया गया है ।

इसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपी नाम दिया गया है।

digital currency kya hai

digital currency kya hai. डिजिटल करेंसी क्या है। Digital currency के फायदे क्या है। Digital currency कब जारी करेगी RBI. इंडिया की अपनी डिजिटल currency. डिजिटल करेंसी क्या होती है। digital currency kya hai hindi mein इन सबको जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़े।

digital currency kya hai

डिजिटल करेंसी इन इंडिया

Digital currency को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया है। दरअसल RBI ( Reserve Bank of India) ने blockchain और अन्य टेक्नोलॉजी की मदद से साल 2022-2023 मैं digital currency जारी करेगा यह भारत की पहली और अधिकारी करेंसी होगी।

डिजिटल करेंसी मीन्स?

अभी तक देश में जितने भी digital currency यां Crypto Currency का चलन है सारी विदेशी है| इसलिए आप सभी के मन में एक सवाल होगा की आखिर digital currency कैसी होगी और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाएगा तो चलिए आपको आज की इस पोस्ट में digital currency के बारे में डिटेल में जानकारी देते हैं।

दरअसल डिजिटल रुपया सभी ट्रांजैक्शन में बहुत ही भौतिक करेंसी के बराबर ही होगा| डिजिटल करेंसी की कीमत फिजिकल रुपए के बराबर ही होगी|

digital currency kya hai | What is digital currency?

E Rupee एक cashless और digital payment system का मीडियम है जो SMS स्ट्रांग या QR कोड के रूप में प्राप्त होगा| यह एक तरह से गिफ्ट वाउचर के समान है जिसे बिना किसी क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड मोबाइल एप्लीकेशन यां इंटरनेट बैंकिंग के खास एक्सेप्टिंग से सेंटर यानी जो डिजिटल रूपी को स्वीकारते हो वहां पर इसे रिडीम यां अपनाया जा सकेगा|

हकीकत में digital currency की जो विशेषताएं हैं वह इसे virtual currency से बेहतर बनाती है यह एक तरह से वाउचर आधारित पेमेंट सिस्टम की तरह है|

Digital currency को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाना है|

‘डिजिटल करेंसी, को डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? हम डिजिटल रुपी, या डिजिटल मुद्रा भी कह सकते है’

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है? | Digital currency v/s cryptocurrency?

Digital currency देश में चलने वाली मुद्रा (फिएट करेंसी) का डिजिटल रूप होता है और इसे उस देश की सॉवरेन करेंसी में जब चाहे तब बदला जा सकता है जैसे-भारत में रुपया, US में डॉलर आदि में|

crypto currency की बात करें तो यह एक ऐसी करेंसी है जिसे हम छू यां देख नहीं सकते यानी यह फिजिकल या वर्चुअल करेंसी है जिसे ऑनलाइन वॉलेट में ही रखा जा सकता है| यह फिजिकल मोड में नहीं होती लेकिन एक digital coin के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में रखी जाती है|

RBI की digital Currency सरकारी रिजल्ट संस्था द्वारा सत्यापित होगी देश में लेनदेन के लिए कानूनी तौर पर भी मान्यता प्राप्त होगी वही क्रिप्टो में ये सुविधा देखने को नही मिलती|

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान किया है कि यह वर्चुअल संपत्तियों को ट्रांसफर करने पर होने वाली कमाई पर 30% के दर से टैक्स लगेगा और डिजिटल संपत्तियों के ट्रांजैक्शन में होने वाले नुकसान पर कोई छूट नहीं मिलेगी|

डिजिटल करेंसी के प्रकार (Types of Digital Currency)

Digital currency दो तरह की होती है –

1- Retail Currency (रिटेल करेंसी)

2- Wholesale Currency (होलसेल करेंसी)

1- Retail Currency (रिटेल करेंसी)- रिटेल करेंसी का उपयोग सभी व्यक्ति और कंपनियां कर सकती है |

2- Wholesale Currency (होलसेल करेंसी)-इस currency का उपयोग वित्तीय संस्थान (जैसे-बैंक आदि) के द्वारा किया जाता है |

डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है|

आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी कौन सी है?

2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में यह घोषणा की थी कि 2023 तक क्रिप्टो करेंसी जारी होगी। CBDC-central bank digital currency होगी। डिजिटल करेंसी को (RIB) नए financial year की शुरुआत में launch करेगा।

डिजिटल करेंसी के क्या हैं फायदे | Benefits Of Digital Currency?

Digital currency के लिए किसी भी व्यक्ति को बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं है, ये ऑफलाइन भी हो सकता है|

डिजिटल करेंसी पर सरकार की करी नजर रहेगी.

E arupee की ट्रैकिंग हो सकेगी, जो cash के साथ संभव नहीं है|

RBI के हाथ में होगा कि digital currency कितनी और कब जारी करनी है|

मार्केट में रुपए की अधिकता या कमी को मैनेज किया जा सकेगा|

इसकी वैल्यू में भी कोई उतार-चढ़ाव नहीं होता है|

इसे केंद्रीय बैंक जारी करता है और सरकार से मान्यता प्राप्त होती है इसलिए इस पर विश्वास किया जा सकता है|

इससे लोगों में नकद रुपयों की निर्भरता कम होगी जिससे सरकार के नकदी छापने में होने वाले खर्चों में बचत होगी|

इंडिया को digital बनाने की तरफ ये एक अच्छा कदम साबित होगा|

FAQ: About digital currency

डिजिटल करेंसी कब लॉन्च होंगी ?

वित्तमत्री निर्मला सीतारमण ने दिए गए बजट भाषण के अनुसार वित्त वर्ष 2022-2023 के स्टार्टिंग years में digital currency को जारी करेगा।

डिजिटल करेंसी कौन जारी करेगा?

RBI यानि भारतीय बैंक Reserve Bank of India की तरफ से digital currency जारी की जाएगी।

निष्कर्ष;

तो दोस्तों ये थी “digital currency kya hai” इन हिंदी के बारे में पोस्ट इस जानकरी के बारे में आपके क्या विचार है, भारत में अपनी खुद की indian digital currency होगी जो RBI अब जल्दी ही लॉन्च करेगी। इसके बारे में अपने विचार शेयर कर सकते है। उम्मीद है यह जानकरी आपको पसंद आएगी। अगर पोस्ट पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। अपने कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते है। धन्यवाद :

एम आर. वाघेला

नमस्ते दोस्तों: मैं एम आर वाघेला Indian Blog Help का ऑथर हूं। इस वेबसाइट के माध्यम से उपयोगी जानकारियां ❤️ आप तक पहुंचाता हूं। Follow Us FB Page | insta page

डिजिटल करेंसी क्या है in Hindi | क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है | Digital Currency in India

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI – Reserve Bank of India) ने डिजिटल करेंसी को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है | जहाँ आज से पहले हमारे देश में किसी चीज को खरीदने के लिए अधिकतर नगदी मुद्रा का इस्तेमाल होता रहा है, वही अब देश की मोदी सरकार द्वारा भारत में डिजिटल करेंसी को शुरू कर लेन-देन के तरीके को डिजिटल रूप दे दिया है | आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) टी रवि शंकर का कहना है, कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल मुद्रा को जारी करने वाली है, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी है |

RBI ने बहुत पहले ही डिजिटल करेंसी को शुरू करने का संकेत दे दिया था | इसके अतिरिक्त दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंक भी अपने-अपने देश में डिजिटल करेंसी को शुरू करने की तैयारी में है | यह डिजिटल करेंसी क्रिप्टो करेंसी से बिलकुल अलग होगी | इस डिजिटल करेंसी की सबसे खास बात यह होगी की इसे RBI द्वारा विनियमित किया जायेगा, जिससे लोगो को उनके पैसो के डूबने का खतरा भी नहीं होगा | यदि आप भी इस डिजिटल करेंसी के बारे अधिक जानकारी जानना चाहते है, तो इस पोस्ट में आपको डिजिटल करेंसी क्या है in Hindi, क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है, Digital Currency in India आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है |

डिजिटल करेंसी क्या है (What is Digital Currency)

यह डिजिटल करेंसी नगदी का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा,जिसे देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होगी | इस करेंसी को केवल देश की केंद्रीय बैंक (Central Bank) द्वारा ही जारी किया जा सकता है | देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी इसे शामिल किया जायेगा | इस डिजिटल मुद्रा की खास बात यह होगी की इसे सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में भी बदला जा सकेगा तथा यह भारत का डिजिटल रुपया होगा |

यह डिजिटल करेंसी दो तरह से होगी पहला रिटेल (Retail) और दूसरा होलसेल (Wholesale) | रिटेल डिजिटल मुद्रा को आम नागरिक तथा कंपनियों द्वारा प्रयोग में लाया जायेगा, जबकि होल सेल डिजिटल करेंसी को वित्तीय संस्थाओ द्वारा इस्तेमाल किया जायेगा|

नई अपडेट: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत (INDIA) स्वयं का डिजिटल रुपया लांच करने की तैयारी में है| यह भारत के लिए क्रन्तिकारी कदम हो सकता है, इससे अर्थव्यवस्था में असर देखने को मिलने की उम्मीद है|

डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कैसे होगा (How to Use Digital Currency)

भारत की डिजिटल करेंसी यानि सीबीडीसी (CBDC) -सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है | लेकिन मिली जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि RBI-बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी को जारी किया जायेगा,जिसके बाद यह आपको मिलेगी | इसके बाद आप जिसे पेमेंट करना चाहते है, उसे इससे भुगतान कर दे यह सीधे उसके अकाउंट में पहुंच जाएगी |

इसमें किसी तरह का वॉलेट नहीं होगा और न ही बैंक खाते की जरूरत होगी | यह बिलकुल नगदी (Cash) की तरह ही उपयोग में लायी जाएगी | फर्क सिर्फ इतना होगा कि यह टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिजिटल रूप में कार्य करेगी | यह नगद का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा |

क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है (What is Crypto Currency)

क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मुद्रा का एक रूप होता है | यह किसी सिक्के या नोट के रूप में आपकी जेब में न होकर पूरी तरह ऑनलाइन होती है | यह एक गैर कानूनी करेंसी होती है | जिसे किसी तरह की सरकारी मान्यता नहीं प्राप्त है, और न ही इसे किसी सरकारी या विनियामक अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाता है | इसमें व्यापार को बिना किसी नियमो के व्यापार किया जाता है |

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर (Difference Between Digital Currency and Cryptocurrency)

डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में सबसे बड़ा अंतर यह है, कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होती है, यह देश की केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती है | इसलिए यह पूरी तरह से जोखिमों के अधीन होती है | यह जारी किये गए देश में खरीदारी लेन-देन के रूप में प्रयोग में लायी जाती है | इस करेंसी को सॉवरेन मुद्रा (Sovereign Currency) यानि उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है | वही क्रिप्टो करेंसी में इस तरह की सुविधा नहीं उपलब्ध होती है |

क्रिप्टो करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी की वैल्यू में किसी तरह का उतार-चढाव नहीं होता है, जबकि क्रिप्टो करेंसी में उतार-चढ़ाव होते है, इसका एक उदाहरण बिटकॉइन है | बिटकॉइन की वैल्यू में आपको कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाते है | डिजिटल करेंसी को देश की केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है, वही क्रिप्टो करेंसी में को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है |

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