इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार

Investment Tips: लंबी अवधि में कमाना है बंपर मुनाफा, तो इक्विटी फंड में निवेश से पूरा कर सकता है आपका सपना
शेयर बाजार ने बीते कुछ सालों में भरपूर रिटर्न दिया है. अगर पिछले साल का आंकड़ा देखें तो निवेशकों को हर साल औसतन 14 फीसदी का मुनाफा हुआ है. दमदार मुनाफे के लिए अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो जरूरी नहीं कि सीधे शेयर खरीद लें. केवल 500 रुपए के शुरुआती निवेश से आप भी म्यूचुअल फंड में इक्विटी फंड्स के जरिए शेयर बाजार में एंट्री कर सकते हैं.
इक्विटी फंड का प्रदर्शन
इक्विटी फंड्स ने बीते 3 से 5 साल में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. इसमें क्वांट स्मॉल कैप फंड ने 5 साल में करीब 42 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर 3 साल में फंड का रिटर्न देखने को यह 21 फीसदी है. जबकि इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार इस दौरान बाजार ने कोरोना महामारी और जियो-पॉलिटिकल टेंशन को भी झेल रहा है. ABSL डिजिटल इंडिया फंड ग्रोथ ने निवेशकों को 3 साल में 40 फीसदी तक का रिटर्न दिया है.
इक्विटी फंड क्या है?
इक्विटी फंड को स्टॉक फंड भी कहते हैं. यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जो मुख्य रूप से स्टॉक या इक्विटी में निवेश करता है. इसमें आपके पैसे को फंड मैनेजर तय करता है कि रकम का निवेश किन-किन कंपनियों में लगाना है. इसमें फंड मैनेजर की मदद एक रिसर्च टीम करती है.
Mutual Fund: 5 साल में 10,000 की SIP से 14 लाख रुपये का रिटर्न, यहां जानिए पूरा डिटेल्स
म्यूचुअल फंड का एक बेहतरीन प्लान है. निवेशक क्वांट स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट प्लान-ग्रोथ (Quant Small Cap Fund Direct Plan – Growth) में निवेश कर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. मॉर्निंग स्टार ने ने इस फंड को 5 स्टार रेटिंग दी है.
Mutual Fund Investment : म्युचुअल फंड में निवेश को शेयर बाजार की उतार चढ़ाव से इतर सेफ और सिक्योर माना जाता है. हालांकि, इसमें लंबी अवधि के निवेश को ज्यादा तवज्जो दी जाती है. एक्सपर्ट लंबी अवधि के एसआईपी की सलाह भी देते हैं. जानकारों की राय के अनुसार लंबी अवधि के निवेश में जोखिम को कम करने में सहूलियत होती है. आम तौर पर 15 से 20 साल या उससे भी अधिक समय के लिए एसआईपी करने की कई जानकार सलाह देते हैं.
लांग टर्म निवेश के लिहाज से निवेशक इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसके 5-स्टार रेटिंग वाले एसआईपी और बेहतर रिटर्न देते हैं. इसी का एक उदाहरण है कि जिसके तहत 5 साल के अंदर 10 हजार की एसआईपी वाले निवेश पर 14 लाख का रिटर्न मिला है. आज हम आपको एक ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम की जानकारी दे रहे हैं जिसने 5 साल में 14 लाख का रिटर्न दिया है. इस प्लान का नाम है क्वांट स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट प्लान-ग्रोथ रिटर्न.
क्या है क्वांट स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट प्लान-ग्रोथ रिटर्न: म्यूचुअल फंड का एक बेहतरीन प्लान है. निवेशक क्वांट स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट प्लान-ग्रोथ (Quant Small Cap Fund Direct Plan – Growth) में निवेश कर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. मॉर्निंग स्टार ने ने इस फंड को 5 स्टार रेटिंग दी है. मिंट के मुताबिक, इस म्यूचुअल फंड की इस स्कीम का पिछला रिकार्ड काफी अच्छा है. बीते 5 सालों में फंड ने 23 फीसदी से लेकर करीब-करीब 35 फीसदी का रिटर्न दिया है.
रिटर्न कैलकुलेशन: इस फंड में अगर किसी निवेशक ने बीते 5 साल पहले 10 हजार रुपये मासिक की एसआईपी शुरू की होगी तो आज उसका रिटर्न 14 लाख रुपये से ज्यादा हो गया होगा. वहीं बीते 3 साल में यह फंड ने 54 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. यानी अगर कोई निवेशक 3 साल पहले 10 हजार रुपये की एसआईपी की होगी तो उसे अभी साढ़े 7 लाख रुपये का रिटर्न मिलेगा.
अगर 5 साल पहले इस फंड में निवेश किए गए 10,000 रुपये का मासिक एसआईपी अब बढ़कर 14.02 लाख हो गया होगा. पिछले 3 वर्षों में फंड ने 34.80% की श्रेणी के औसत से 54.24% का एसआईपी रिटर्न उत्पन्न किया है, इसलिए यदि किसी निवेशक ने इस फंड में 3 साल पहले 10,000 रुपये का एसआईपी शुरू किया था, तो यह अब लगभग 7.50 लाख में बदल गया होगा. क्वांट स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट प्लान-ग्रोथ को 1 जनवरी 2013 में लांच किया गया था.
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नोट: बाजार में किसी भी तरह का निवेश रिस्की होता है. इसलिए स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें. निवेशकों के किसी भी प्रकार के नफे-नुकसान के लिए Prabhatkhabar.com जिम्मेदार नहीं होगा.
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SIP के लिए 5 बेस्ट इक्विटी फंड, 5 साल में दिया 30% तक रिटर्न
अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं. लेकिन शेयर बाजार के बारे में आपको पूरी जानकारी नहीं है तो फिर म्यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. अगर आप शेयर बाजार में सीधे पैसा नहीं लगाकर कोई सुरक्षित तरीका खोज रहे हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड एसआईपी (SIP) बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. SIP की सबसे खास बात यह है कि इसके जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में एक मुश्त पैसे लगाने की बजाए मंथली बेसिस पर निवेश की सुविधा मिल जाती है. बाजार में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिनमें एसआईपी करने से निवेशकों को 5 साल में 20 से 30 फीसदी के करीब रिटर्न मिला है.
यानी सीधे तौर पर सिर्फ 5 साल में निवेशकों का पैसा डबल तक बढ़ गया है. नए निवेशकों के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड (SIP) बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. पिछले 5 वर्षों में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद कई म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को 30 फीसदी तक सालाना रिटर्न दिया है.
Mirae Asset Emerging Bluechip Fund
- रिटर्न (1 साल)- 60.53%
- रिटर्न (3 साल)- 33.55%
- रिटर्न (5 साल)- 23.94%
- कम से कम SIP: 1000 रुपये
Kotak Small Cap Fund
- 5 साल का SIP रिटर्न: 29%
- 5 साल में 5000 मंथली निवेश की वैल्यू: 6 लाख रुपये
- कम से कम SIP: 1000 रुपये
- 5 साल में एकमुश्त 1 लाख निवेश की वैल्यू: 2.66 लाख
- एसेट्स: 4765 करोड़
- एक्सपेंस रेश्यो: 0.52%
HDFC Small Cap Fund
- 5 साल का SIP रिटर्न: 23.68
- 5 साल में 5000 मंथली निवेश की वैल्यू: 5.30 लाख रुपये
- कम से कम SIP: 500 रुपये
- 5 साल में एकमुश्त 1 लाख निवेश की वैल्यू: 2.50 लाख
- एसेट्स: 12,460 करोड़
- एक्सपेंस रेश्यो: 0.87%
म्युचुअल फंड SIP रिटर्न के एक्सपर्ट के अनुसार कोई भी 35 साल के SIP पर 12 से 16 प्रतिशत तक के रिटर्न की उम्मीद कर सकता है. मान लीजिए कोई व्यक्ति 25 साल की उम्र 14,500 रुपये यानि रोजना 483 रुपये मंथली SIP के जरिए म्युचुअल फंड में इनवेस्टमेंट कर रहा है, अगर वह 60 साल की उम्र तक इसे जारी रखता है तो 12 प्रतिशत के औसत रिटर्न से 22,93,56,845 या 22.93 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस दौरान यह भी ध्यान रखना होगा कि हर साल अपने इनवेस्टमेंट में 10% की ग्रोथ भी रखनी होगी.
इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार
म्यूचुअल फंड की सामान्य श्रेणियाँ
- Post author: धन महोत्सव
- Post category: म्यूचुअल फंड
- Reading time: 3 mins read
आज म्युचुअल फंड निवेश करने का सबसे अच्छा माध्यम बन गया है क्योंकि यह हमें शेयर बाजार की जानकारी के बिना सीधे निवेश करने की आजादी देता है। म्यूचुअल फंड की सामान्य श्रेणियाँ (Common Categories of Mutual Funds) की बात की जाएं तो इक्विटी फंड, डेट फंड, मनी मार्केट फंड और हाइब्रिड फंड मुख्य है।
म्यूचुअल फंड की सामान्य श्रेणियाँ (Common Categories of Mutual Funds)
वैसे तो म्यूचुअल फंड को विशेषज्ञों द्वारा कई भागों में बांटा गया है और म्यूचुअल फंड के कई प्रकार होते है, लेकिन म्यूचुअल फंड की मुख्य रूप से चार श्रेणियां होती हैं जिनके बारे में हम यहां चर्चा कर रहे हैं।
जब भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपका निवेश ज्यादातर इन चार श्रेणियों से संबंधित होता है और आपको यही से सबसे अच्छा रिटर्न इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार मिलता है।
इक्विटी फंड (Equity Funds)
फंड हाउस द्वारा इक्विटी ओरिएंटेड स्टॉक में निवेश किए गए पैसे को इक्विटी फंड कहा जाता है। इन फंडों को उच्च जोखिम वाले और उच्च आय जनरेटर फंड के रूप में जाना जाता है।
इक्विटी फंड को 70 से 90% इक्विटी ओरिएंटेड फंड में निवेश किया जाता है ताकि उच्च जोखिम वाले निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सके।
इक्विटी म्यूचुअल फंड का लक्ष्य सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर बाजार पूंजीकरण में निवेश करके रिटर्न उत्पन्न करना है।
ये फंड बहुत जोखिम भरे होते हैं, इसलिए इन फंडों में निवेश करने से पहले आपको अपनी निवेश क्षमता को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि यह किसी भी समय ऊपर और नीचे हो सकते है और आपका निवेश समाप्त या डूब सकता है।
लंबी अवधि के लक्ष्य के लिए इक्विटी फंड उपयुक्त होते हैं। इसे मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के अनुसार भी विभाजित किया जा सकता है, यानी लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल या माइक्रो कैप फंड।
इक्विटी फंड अनिवार्य रूप से कंपनी के शेयरों में निवेश होते है और इनका उद्देश्य निवेशकों को इष्टतम पेशेवर प्रबंधन और कम जोखिम के साथ लाभ प्रदान करना है।
डेट फंड (Debt Funds)
डेट फंड एक म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो कॉरपोरेट और सरकारी बॉन्ड, डिबेंचर, डेट सिक्योरिटीज, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीडी), कमर्शियल पेपर (सीपी), ट्रेजरी बिल आदि जैसे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश होते है।
इन सभी उपकरणों की एक पूर्व-निर्धारित परिपक्वता तिथि और ब्याज दरें होती हैं।
डेट फंड में निवेश करने के कुछ प्रमुख लाभ है जैसे – कम लागत वाली संरचना, उच्च तरलता, स्थिर रिटर्न और उचित सुरक्षा।
डेट फंड म्यूचुअल फंड की सबसे लोकप्रिय श्रेणी है जो इक्विटी फंड की तुलना में कम अस्थिर और कम जोखिम भरा है, लेकिन यह बैंक सावधि जमा की तुलना में सर्वोत्तम रिटर्न प्रदान करने में सक्षम है।
इन फंडों को फिक्स्ड इनकम फंड के रूप में भी जाना जाता है और इनमें लगभग शून्य जोखिम होता है। डेट फंड उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो नियमित आय का लक्ष्य रखते हैं, लेकिन जोखिम से दूर रहते हैं।
अगर आप बैंक जमा से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं और अपने पैसे को 2 से 5 साल तक रोक कर रख सकते हैं, तो आप डेट फंड में निवेश कर सकते हैं जो आपको कुछ समय बाद अच्छा रिटर्न देगा और आपका पैसा भी लगभग सुरक्षित रहेगा।
मनी मार्केट फंड (Money Market Funds)
मनी मार्केट फंड निश्चित आय वाले म्यूचुअल फंड हैं जो कम परिपक्वता और न्यूनतम क्रेडिट जोखिम की विशेषता वाली ऋण प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
इन फंडों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि फंड मैनेजर को उधार अवधि के समायोजन के माध्यम से जोखिम को नियंत्रण में रखते हुए उच्च रिटर्न उत्पन्न करने की अनुमति मिलती है।
मनी मार्केट फंड्स को विभिन्न मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे डिपॉजिट सर्टिफिकेट, ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर्स आदि में निवेश किया जाता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार मनी मार्केट म्यूचुअल फंड की औसत परिपक्वता एक वर्ष होती है।
ये फंड सबसे कम-अस्थिर प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं और उच्च स्तर की तरलता बनाए रखते हुए एक वर्ष तक की अवधि में अच्छा रिटर्न देते हैं।
इन योजनाओं को उन निवेशकों के लिए आदर्श माना जाता है जो बहुत कम जोखिम उठा सकते हैं। चूंकि वे छोटी अवधि के उपकरणों में निवेश होते हैं, इसलिए अर्थव्यवस्था में ब्याज दर में बदलाव के प्रति बहुत संवेदनशील नहीं होते हैं।
ये अपेक्षाकृत सुरक्षित भी हैं क्योंकि मुद्रा बाजार के साधनों में जोखिम कम होता है। इसे म्यूचुअल फंड का सबसे कम जोखिम वाला वर्ग माना जाता है।
कम से कम 3-6 महीने के निवेश क्षितिज के लिए आदर्श और समान अवधि के बैंक सावधि जमा की तुलना में बेहतर रिटर्न देने में सक्षम है।
हाइब्रिड फंड (Hybrid Funds)
हाइब्रिड फंड एक प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं जो एक से अधिक प्रतिभूतियों में निवेश किये जाते हैं इसलिए हाइब्रिड फंड क्या है और क्या आपको इनमें निवेश करना चाहिए? इसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए।
ज्यादातर, ये इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज के संयोजन होते हैं और कभी-कभी इनमें गोल्ड या रियल एस्टेट फंड भी शामिल होते हैं। इन फंडों को एसेट एलोकेशन फंड और बैलेंस्ड फंड के रूप में भी जाना जाता है।
हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट फंड का मिक्सर होता है, यह मिक्सर 1:1 या 60-40 या 40-60 या कोई अन्य हो सकता है। यह पूरी तरह से फंड मैनेजर के निर्णय और निवेशकों के जोखिम पर निर्भर करता है।
फंड मैनेजर अपने सही फैसले के जरिए निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न देने की कोशिश करता है ताकि निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहे और ज्यादा से ज्यादा रिटर्न भी मिले।
हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट के मिक्सचर की वजह से इक्विटी से थोड़ा कम रिस्क होता है, जबकि डेट फंड से रिस्क ज्यादा होता है, लेकिन इसमें निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने की क्षमता होती है।
हाइब्रिड फंड म्यूचुअल फंड का वह वर्ग है जो निवेशकों को मध्यम रिटर्न के साथ मध्यम जोखिम प्रदान करता है।
अगर आप मध्यम जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और 3-5 साल के लिए अपना पैसा रख सकते हैं, तो हाइब्रिड फंड आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
ये हैं म्यूच्यूअल फण्ड की चार मुख्य कॉमन कैटेगरी, इन कैटेगरी को भी एक्सपर्ट्स ने कई हिस्सों में बांटा है, लेकिन कुल मिलाकर ये सभी इन चार कैटेगरी से संबंधित होते हैं।
जो निवेशक अपनी निवेश जोखिम को कम करना चाहता है तो उनके लिए म्यूचुअल फंड में निवेश एक सबसे अच्छा विकल्प है लेकिन यह बाजार के जोखिम पर निर्भर करता है, इसलिए अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करने से पहले कृपया आपको अपनी फंड योजनाओं के बारे में बुनियादी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
म्युचुअल फंड के प्रकार
जब भी कोई इन्वेस्टमेंट करने के लिए जानकारी लेना शुरू करता है तो उसमे उनको म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में भी जानकारी मिलती है म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) भारत के सबसे लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक है। भारत में म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म के अच्छी ग्रोथ मिलती है और इनमे अन्य इन्वेस्टमेंट के मुकाबले रिस्क भी कम होती है यही कारण है की भारत में म्यूच्यूअल फण्ड को अच्छा इन्वेस्टमेंट माना जाता है
म्युचुअल फंड (Mutual fund) क्या है?
म्यूचुअल फंड का सही अर्थ (Meaning of Mutual fund) एक से अधिक निवेशकों के पैसों से बना फंड है अर्थात एक ऐसा फंड जहां विभिन्न इन्वेस्टर्स के पैसों को एक ही जगह इकट्ठा कर इस फंड का बनाया जाता है।
म्युचुअल फंड के प्रकार
म्यूच्यूअल फंड की परिभाषा को समझने के बाद म्युचुअल फंड के प्रकार को जानना अति आवश्यक है। म्यूच्यूअल फंड कई प्रकार के होते हैं अतः हम निम्नलिखित रुप से आपको म्यूचुअल फंड के विभिन्न प्रकारों की जानकारी दे रहे हैं-:
सबसे पहले हम म्युचुअल फंड को दो भागों में विभाजित करेंगे जिसमें पहला भाग Asset Class है।
Asset class
Asset class के अंतर्गत निवेशक को एक या उससे अधिक Asset में निवेश करना होता है। इस क्लास के आधार पर मुख्य रूप से निम्नलिखित तीन म्युचुअल फंड के प्रकार है-:
इक्विटी म्यूचुअल फंड
जो निवेशक म्यूच्यूअल फंड के इक्विटी भाग में इंवेस्ट करते हैं तो वह इक्विटी म्यूचुअल फंड में प्रवेश करते हैं। Equity Mutual Fund के भी कई प्रकार है जैसे-:
Large cap Fund
शेयर बाजार कई Large मार्केट केपिटल कंपनियां होती है अतः ऐसी कंपनियों में किए जाने वाले निवेश Large Cap Fund कहलाते हैं। इन कंपनियों का मार्केट केपिटल 1 लाख करोड़ से अधिक होता है। यह अपने क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक होती है। चूंकि यह पुरानी तथा सुव्यवस्थित कंपनियां होती है इसलिए शेयर बाजार में आई मंदी का इन कंपनियों पर कम प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज, TCS और L&T आदि।
Mid Cap Fund
शेयर बाजार में कई मिड मार्केट कैपिटल कंपनियां मौजूद होती है अतः ऐसी कंपनियों में किए जाने वाले निवेश मिड कैप फंड कहलाते हैं। इन कंपनियों का मार्केट कैपिटल 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक तथा एक लाख करोड़ पर से कम होता है। Mid Cap Fund में जोखिम भार और निवेश वृद्धि ज्यादा नहीं होती है।
Small cap Fund
शेयर बाजार में कई Small मार्केट कैपिटल कंपनी में मौजूद है अतः ऐसी कंपनियों में किए जाने वाले निवेश Small cap Fund कहलाते हैं। यह 5 हजार करोड़ रुपए आधारित मार्केट कैपिटल कंपनियां होती है। यह नई कंपनियां होती है तथा इन्हें विकासशील श्रेणी की कंपनियों के रूप में रखा जाता है। चूंकि यह कंपनियां विकासशील श्रेणी में आती है इसलिए इसकी मार्केट ग्रोथ पॉसिबिलिटी ज्यादा होती है परंतु नई कंपनियां होने के कारण इसमें जोखिम भार भी अधिक होता है।
Sector Fund
शेयर बाजार में कई प्रकार के विशेष Sector Fund मौजूद होते हैं तथा यह केवल एक निश्चित सेक्टर में ही कार्य करते हैं। यदि निवेशक एक विशेष प्रकार के सेक्टर फंड में इन्वेस्ट करता है तो उसे भविष्य में जोखिम का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि ऐसे सेक्टर में केवल इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार एक ही भाग में पैसा लगाया जाता है और यदि उस सेक्टर की परिस्थितियां ठीक नहीं होती है तो जोखिम होना सामान्य है। इस तरह के सेक्टर में जोखिम का भार अधिक रहता है। उदाहरण के लिए रिलायंस मीडिया एंड एंटरटेनमेंट फंड केवल मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर में निवेश करता है। इसीलिए विशेष सेक्टर फंड में निवेश करने से पहले उस कंपनी के बारे में सही प्रकार से जांच कर लें।
Diversify Equity Fund
शेयर बाजार में उपस्थित विभिन्न सेक्टर और मार्केट केपिटल कंपनियों में किए जाने वाले निवेश Diversify Equity Fund कहलाते हैं। इस तरह के फंड में जोखिम कम पाया जाता है क्योंकि यहां निवेशक का पैसा विभिन्न विभागों में लगा होता है।
Dividend yield Scheme
जब कोई कंपनी अपना कुछ भाग कंपनी के शेयर होल्डर्स को देती है तो इसे Dividend yield Scheme कहा जाता है।
Equity linked Saving Scheme
शेयर बाजार में उपस्थित यह स्कीम टैक्स आधारित होती है। इस स्कीम में निवेशक को लगभग 3 साल के तक पैसे जमा रखने पड़ता है अतः तीन साल से पहले इसे तोड़ा नहीं जा सकता है। इस स्कीम के अंतर्गत निवेशकों को धारा 80c के अनुसार 1.5 लाख तक के रिटर्न पर इनकम टैक्स से छूट प्राप्त होती है।
Thematic Fund
शेयर बाजार में उपस्थित इस तरह के फंड विभिन्न थीम पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए भारतीय शेयर बाजार में मौजूद HDFC Housing Opportunity मकान संबंधित थीम जैसे Cement, Paint, Construction आदि में इंवेस्ट करती है।
Debt Mutual Fund
शेयर बाजार में उपस्थित इंस्ट्रूमेंट्स जैसे डेंचर, बॉन्ड और सर्टिफिकेट आफ डिपॉजिट आदि में किए जाने वाले निवेश को Debt Mutual fund कहा जाता है। इस तरह के इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से निजी कंपनियां तथा सरकार पैसे उधार लेती है और उन पैसों पर अच्छा रिटर्न ब्याज के साथ प्रदान करती है। इसमें इक्विटी फंड की तुलना में जोखिम और रिटर्न दोनों कम होते हैं। इक्विटी फंड की भांति इसके भी चार प्रकार हैं-:
Gilt Fund
वह फंड जो सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश होते हैं उन्हें Gilt Fund कहां जाता है। चूंकि सरकारी प्रतिभूतियां सरकार द्वारा जारी की जाती है इसलिए इसमें जोखिम कम पाया जाता है। इस तरह के निवेश में चाहे लाभ हो या हानि निवेशक को रिटर्न जरूर मिलता है क्योंकि यह सब सरकार के अंतर्गत सुनिश्चित किया जाता है।
Junk Bond Scheme
वह फंड जिनमें कॉरपोरेट बॉन्ड में पेश किया जाता है उन्हें Junk Bond Scheme कहा जाता है। इसमें डिफॉल्ट जोखिम तथा रिटर्न दोनों ज्यादा होते हैं।
Fixed Maturity Plans
यह फंड बैंक द्वारा जारी की जाने वाली फिक्स डिपाजिट की तरह ही होते हैं। इसमें भी फिक्स डिपाजिट की भांति एक निश्चित समय काल होता है जैसे 5 साल या 3 साल। इस तरह के प्लान के अंतर्गत कमर्शियल पेपर, कॉरपोरेट बॉन्ड और सर्टिफिकेट ऑफ डिपाजिट आदि में निवेश किया जाता है। इस तरह के प्लान में मिलने वाला रिटर्न ज्यादा होता है।
Liquid Scheme
यह फंड शेयर बाजार में उपस्थित फाइनेंस मनी मार्केट जैसी स्कीम में निवेश करते हैं। इसके अंतर्गत कंपनियां निवेशकों से शॉर्ट टर्म प्लान में इंवेस्ट करने के लिए पैसा उधार लेती है। इसके अंतर्गत कंपनियां सर्टिफिकेट ऑफ डिपाजिट, कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल्स और टर्म डिपॉजिट आदि में इंवेस्ट करते हैं।
Hybrid Fund
वह फंड जो 1 से अधिक स्कीम या विभाग आदि में निवेश करते हैं उन्हें Hybrid Fund कहा जाता है। इस तरह की इक्विटी और डेबट दोनों ही फंड में निवेश करते हैं। यह तीन प्रकार के होते हैं-:
Monthly Income Plan
इस फंड के अंतर्गत अधिकतर लगभग 60 से 90% के फंड को Debt Instruments मैं निवेश किया जाता है और बाकी शेष इक्विटी फंड में। चूंकि Debt इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्टमेंट की जाती है इसलिए यह फंड काफी सुरक्षित है। परंतु यह समझना बिल्कुल सत्य होगा कि इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार एमआईपी एक सुरक्षित निवेश है क्योंकि इसका कुछ हिस्सा इक्विटी फंड में भी निवेश किया जाता है इसलिए इसमें थोड़ा जोखिम होना सामान्य है।
Balanced Fund
इस फंड के अंतर्गत 65 से 85 प्रतिशत तक के फन को इक्विटी में इन्वेस्ट किया जाता है तथा बाकी का शेष हिस्सा Debt Instruments में निवेश किया जाता है। इक्विटी फंड में ज्यादा रिटर्न प्राप्त होता है परंतु इसमें उतना ही जोखिम भी है।
Arbitrage Fund
इस फंड के अंतर्गत ज्यादातर लगभग 65% भाग इक्विटी फंड में निवेश किया जाता है इसमें जोखिम ज्यादा होता है परंतु आपके पैसे सुरक्षित रहते हैं तथा रिटर्न कम ज्यादा होता रहता है।
म्युचुअल फंड का दूसरा भाग Structure है जिसके अंतर्गत 2 प्रकार है-:
Open Ended Fund
वह स्कीम जिसके अंतर्गत आप कभी भी फंड को भेज और खरीद सकते हैं। अधिकतर म्युचुअल फंड Open Ended Fund होते हैं।
Close Ended Fund
वह स्कीम जिसके अंतर्गत आप कभी भी फंड को बेच और खरीद नहीं सकते हैं।
इस आर्टिकल में हमने आपको म्युचुअल फंड के लगभग सभी प्रकारों की जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा।