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निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

Investment Tips: 8 साल में ₹50 लाख पाने के लिए क्या करें, ये रही एक्सपर्ट की सलाह

SIP के जरिए हर महीने छोटे निवेश से भी लंबी अवधि में बड़ी रकम जुटाई जा सकती है. लंबी अवधि में SIP में कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है.

छोटी रकम के जरिए बड़ा फंड बनाने में म्‍यूचुअल फंड SIP से काफी मदद मिलती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ये निवेश का एक ऐसा ऑप्‍शन है, जिसके जरिए आप बड़े रिटर्न हासिल कर सकते हैं. अपनी मंथली सेविंग्‍स को हर महीने निवेश की आदत बना लें, तो आप भविष्‍य में लाखों रुपये का फंड आसानी से बना सकते हैं. SIP के जरिए निवेश काफी आसान है. इसमें निवेशक हर महीने 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकता है. लंबी अवधि तक SIP से कम्‍पाउंडिंग का जबरदस्‍त फायदा होता है. इसमें आप अपने टारगेट फंड के मुताबिक हर महीने निवेश की रकम का अनुमान लगा सकते हैं. लंबी अवधि में निवेशकों को SIP में औसतन 12 फीसदी या इससे ज्‍यादा का रिटर्न मिला है.

ये छह स्टॉक आपको शार्ट निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह टर्म में दे सकते हैं अच्छा रिटर्न, जानें क्या है टार्गेट प्राइस और स्टॉप लॉस

Tips for Good Retuns: यहां कुछ स्टॉक हैं जो निकट अवधि में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। ये मार्केट के एक्सपर्ट्स की सलाह है और इस पर अमल करने से पहले आप अपने सलाहकार से अवश्य मशविरा कर लिजिएगा।

ये छह स्टॉक आपको शार्ट टर्म में दे सकते हैं अच्छा रिटर्न, जानें क्या है टार्गेट प्राइस और स्टॉप लॉस

पिछले कुछ हफ्तों में घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है, जिससे शेयरों में रेंज-बाउंड मूवमेंट हो रहा है। हालांकि, इस सीमित मूवमेंट में उन निवेशकों के लिए पर्याप्त मुनाफामा कमाने के अवसर हैं शर्ट टर्म और लांग टर्म के लिए निवेश करते हैं। यहां कुछ स्टॉक हैं जो निकट अवधि में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। ये मार्केट के एक्सपर्ट्स की सलाह है और इस पर अमल करने से पहले आप अपने सलाहकार से अवश्य मशविरा कर लिजिएगा।

स्टॉक: चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट

सलाह: बेचें

टारगेट प्राइस: 600 रुपये

स्टॉप लॉस: 662 रुपये

'राइजिंग वेज' पैटर्न से ब्रेकडाउन के बाद इस स्टॉक ने एक सुधारात्मक चरण देखा है और पुलबैक मूव्स पर बिकवाली का दबाव देखा है। लगभग 600 रुपये के समर्थन के बाद, पिछले कुछ सत्रों में कीमतों में गिरावट देखी गई है और कीमतों में बढ़ोतरी की मात्रा कम है।

स्टॉक: एसआरएफ
सलाह: बेचें
टारगेट प्राइस: 1,900 रुपये
स्टॉप लॉस: 2,120 रुपये

हाल ही में एसआरएफ ने व्यापक दायरे में कंसॉलिडेट किया है और डेली चार्ट पर एक ट्राई एंगल पैटर्न बनाया है। मंगलवार के सत्र में, कीमतों ने पैटर्न के समर्थन छोर से एक ब्रेकडाउन दिया है और कैश सेगमेंट में वॉल्यूम प्राइस ब्रेकडाउन के साथ-साथ उच्च थे। यह निश्चित रूप से निकट अवधि में अच्छा संकेत नहीं देता है।

बजाज कंज्यूमर केयर
सलाह: खरीदें
टार्गेट प्राइस: 160
स्टॉप लॉस: 129 रुपये

बजाज कंज्यूमर में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली है। 129 रुपये, जो कि स्टॉप-लॉस है, पहले एक महत्वपूर्ण समर्थन स्तर के रूप में काम करता था, जहां से कीमतें उलटने लगी हैं। महत्वपूर्ण समर्थन बरकरार रहने तक सकारात्मक कार्रवाई 160 रुपये के लक्ष्य की ओर जारी रह सकती है।

कोरोमंडल इंटरनेशनल
सलाह: खरीदें
टार्रगेट प्राइस: 1,065
स्टॉप लॉस: 890 रुपये

उर्वरक कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल ने अभी-अभी अपने नए 52 सप्ताह को 999 रुपये के स्तर के करीब बनाया है। अभी भी 1,000 रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर जाने और तोड़ने के लिए ओवरहेड स्पेस है। 950 रुपये की ओर कोई भी गिरावट खरीदारी का अवसर हो सकती है। 890 रुपये वह स्तर है, जहां से आप स्टॉप लॉस लगा सकते हैं।

ट्रेंट

सलाह: खरीदें
टारगेट प्राइस: 1,350 रुपये
स्टॉप लॉस: 1,075 रुपये

ट्रेंट में प्राइस एक्शन से पता चलता है कि ट्रेडिंग 1,350-1,000 रुपये के दायरे में है। प्राइस एक्शन से पता चलता है कि कीमत 'एम' पैटर्न से बाहर हो रही है या जिसे हम डबल बॉटम पैटर्न के रूप में जानते हैं। 1,350-1,380 रुपये के स्तर पर रैली के लिए मूल्य को 1,140 रुपये पर रेजिस्टेंट से ऊपर तोड़ने और पकड़ने की जरूरत है। ऊपर की ओर, हम अक्टूबर के उच्च स्तर पर 1,350 रुपये पर कीमत रैली देख सकते हैं। 1,075 रुपये से नीचे के स्टॉप के साथ 1,150 रुपये से ऊपर खरीदें। 6-8 सप्ताह तक होल्ड किया जा सकता है।

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

अनुभवी निवेशकों के लिए सही हैं थीमैटिक और सेक्टर फंड्स

ऐसे फंड्स में निवेश करने के लिए सेक्टोरल साइकिल की समझ होना जरूरी है, इसलिए एक्सपर्ट्स नए निवेशकों को इनसे दूर रहने की सलाह देते हैं[ नरेंद्र नाथन .

ऐसे फंड्स में निवेश करने के लिए सेक्टोरल साइकिल की समझ होना जरूरी है, इसलिए एक्सपर्ट्स नए निवेशकों को इनसे दूर रहने की सलाह देते हैं

थीमैटिक और सेक्टर फंड्स के शानदार हिस्टॉरिकल रिटर्न को देखते हुए इनमें निवेश करने के इच्छुक रिटेल इनवेस्टर्स की संख्या आसमान छू रही है। पिछले साल टॉप परफॉर्मिंग कैटेगरी बनने के बाद इंटरनेशनल इक्विटी फंड्स में उनकी दिलचस्पी काफी बढ़ी है। इनके आउटपरफॉर्मेंस की सबसे बड़ी वजह ग्लोबल मार्केट में रैली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट रही। इसी तरह खासतौर पर HDFC बैंक और कोटक बैंक जैसे रिटेल लेंडर्स के चलते बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज फंड का परफॉर्मेंस पिछले तीन साल से काफी अच्छा रहा है। कैटेगरी एवरेज लेवल पर बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर फंड्स का रिटर्न पिछले एक और तीन साल में क्रमश: 15.64% और 15.54% चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। एनर्जी फंड्स के टॉप परफॉर्मेंस में सबसे ज्यादा योगदान पिछले पांच साल में रिलायंस इंडस्ट्रीज का रहा है।

हिस्टॉरिकल रिटर्न के पीछे न भागें

कुछ सेक्टर और थीमैटिक फंड्स का हिस्टॉरिकल रिटर्न शानदार रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन पर आंख मूंदकर दांव लगाना मुसीबत मोल लेने जैसा हो सकता है। 2017-18 में मिड और स्मॉल कैप स्कीमों के हाई हिस्टॉरिकल रिटर्न के पीछे भागते हुए इन पर दांव लगानेवाले रिटेल इनवेस्टर्स अब भी नुकसान में चल रहे हैं। इस तरह की परेशानी सेक्टर और थीमैटिक फंड्स में निवेश से बढ़ती है। जिन निवेशकों ने 2000 में IT फंड्स और 2007 में इंफ्रा फंड्स में पैसा लगाया था, वे बर्बाद हो गए थे। अच्छे हिस्टॉरिकल परफॉर्मेंस से बचने का सबसे अच्छा तरीका सबसे कमजोर फंड्स पर एक नजर डालना होगा। पिछले एक साल में मैक्सिमम रिटर्न देनेवाले इंटरनेशनल इक्विटी फंड का रिटर्न 10 साल के होल्डिंग पीरियड में सिर्फ 5.26% CAGR रहा है जो सबसे कम एवरेज कैटेगरी रिटर्न है। प्लूटस कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर अंकुर कपूर कहते हैं, 'ज्यादातर सेक्टर फंड में कॉन्संट्रेशन रिस्क सबसे ज्यादा होता है, इसलिए उनके परफॉर्मेंस में उतार चढ़ाव भी ज्यादा होता है।'

आम निवेशकों को दूर रहना चाहिए

सेक्टर फंड में इनवेस्टमेंट करने के लिए सेक्टोरल साइकिल की समझ होना जरूरी है। इसलिए एक्सपर्ट्स नए निवेशकों को इससे दूर रहने की सलाह देते हैं। प्राइमइनवेस्टर.इन की को-फाउंडर विद्या बाला कहती हैं, 'सेक्टर और थीमैटिक फंड में निवेश के लिए एंट्री और एग्जिट दोनों के लिए थोड़ी बहुत टाइमिंग स्ट्रैटेजी जरूरी होती है। इसलिए ये माहिर इनवेस्टर्स के लिए सही होते हैं।' निवेशकों में हिस्टॉरिकल रिटर्न के पीछे भागने की आदत होती है, इसलिए एंट्री टाइमिंग गलत होने का बड़ा रिस्क होता है और लालच के चलते एग्जिट में भी दिक्कत होती है। जो इनवेस्टर्स 2000 में IT फंड और 2007 में इंफ्रा फंड से निकल गए थे उन्हें औसत से ऊंचा रिटर्न मिला था। सेक्टर की जानकारी वर्षों तक नजर रखने या उसमें काम करने से होती है लेकिन निवेशकों को यह भी ध्यान रखना होता है कि निवेश का फैसला सेक्टर विशेष के प्रति उनके झुकाव या दुराव से प्रभावित नहीं होना चाहिए। कपूर कहते हैं, 'सेक्टर प्रोफेशनल्स को बेहतर नॉलेज के चलते बढ़त हासिल होती है लेकिन पूर्वाग्रह पर काबू नहीं रखने के चलते ये भी फंस जाते हैं।'

अगर आप जानकार निवेशक हैं, सेक्टर और थीमैटिक फंड में पैसा लगाना चाहते हैं तो ऐसे में मुश्किल सवाल यह उठता है कि इनमें कितना पैसा लगाना चाहिए। सबका मकसद अलग होता है इसलिए यह तय करना मुश्किल होता है। पहली कैटेगरी के निवेशक डायवर्सिफिकेशन के लिए थीमैटिक फंड में एंट्री करते हैं और इंटरनेशनल फंड वगैरह में पैसा लगाते हैं। विद्या कहती हैं, 'निवेशकों को डायवर्सिफाइड डोमेस्टिक इक्विटी फंड चेक करने के बाद दूसरे थीमैटिक या सेक्टर फंड्स पर नजर डालने से पहले ग्लोबल इक्विटी फंड्स चेक करना चाहिए।' इसलिए सबसे पहले ग्लोबल फंड्स को चेक करना चाहिए क्योंकि जियोग्राफिकल और करेंसी डायवर्सिफिकेशन का फायदा दिलाते हैं। इनमें आदर्श रूप से 10-20% तक निवेश किया जा सकता है। दूसरे तरह के निवेशकों का निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह मकसद रिटर्न बढ़ाना होता है। इन्हें पहले डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड के कोर पोर्टफोलियो में निवेश करना चाहिए और फिर पोर्टफोलियो रिटर्न बढ़ाने के लिए हॉट सेक्टर पर दांव लगाना चाहिए। सेक्टर फंड्स में निवेश सिर्फ माहिर निवेशकों को करना चाहिए और उसे 10% तक निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह सीमित रखना चाहिए।

किन सेक्टरों और थीम पर दांव लगाया जा सकता है?

ज्यादातर एक्सपर्ट्स मीडियम टर्म में अंडरपरफॉर्मेंस के चलते फार्मा सेक्टर पर बुलिश हैं। पिछले तीन से पांच साल के पीरियड में फार्मा का परफॉर्मेंस सबसे खराब रहा है। ज्यादातर कंपनियों की मुसीबतों की जड़ USFDA के नोटिस रहे हैं लेकिन अब इसका दबाव घट रहा है। दूसरा सेगमेंट PSE का है जिनके बारे में विद्या कहती हैं, 'अंडरपरफॉर्मेंस के चलते PSE स्पेस में डीप वैल्यू है और इसमें रिवाइवल के संकेत भी मिल रहे हैं।' हालिया आउटारफॉर्मेंस के बावजूद एक्सपर्ट्स बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर पर भी बुलिश हैं। बैंकों की NPA की समस्या कमोबेश खत्म हो गई है, कॉरपोरेट लेंडर्स के प्रॉफिट में रिवाइवल के संकेत मिल रहे हैं।

Multibagger Stock: इस हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के निवेशकों को 23 सालों निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह में मिला तगड़ा रिटर्न! 190 गुना तक बढ़ी पूंजी

Multibagger Stock: कैन फिन होम्स लिमिटेड ने अपने निवेशकों को करोड़पति बना दिया है. इस मल्टीबैगर स्टॉक ने 23 साल के अंदर अपने निवेशकों को 1 लाख रुपये का 1.90 करोड़ रुपये का रिटर्न दिया है.

By: ABP Live | Updated at : 27 Nov 2022 10:19 AM (IST)

Multibagger Stocks: एक्सपर्ट्स शेयर मार्केट (Share Market) में पैसा लगाने वाले निवेशकों को सही तरीके से जांच-पड़ताल करने की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा रिस्क शामिल होता है. मगर शेयर मार्केट में कई ऐसे स्टॉक्स हैं जिसमें निवेश करने पर इन्वेस्टर्स को तगड़ा रिटर्न मिलता है. आज हम आपको ऐसी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (Housing Finance Company) के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिसमें अपने निवेशकों को लंबी अवधि में तगड़ा रिटर्न दिया है. इस कारण इस शेयर को मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stocks) कहते हैं. यह शेयर है कैन फिन होम्स लिमिटेड (Can Fin Homes Ltd). इसमें अपने निवेशकों को 23 साल के दौरान 190 गुना तक का रिटर्न दिया है.

कब हुई कंपनी की स्थापना
कैन फिन होम्स लिमिटेड की मार्केट वैल्यू 6,970 करोड़ रुपये की है. इस कंपनी की स्थापना साल 1987 में की गई थी. इस कंपनी का प्रमोटर एक सरकारी बैंक है जिसका नाम है केनरा बैंक (Canara Bank). इस कंपनी को लोगों के घर के सपने को साकार करने के लिए बनाया गया था. कैन फिन होम्स लिमिटेड न सिर्फ लोगों के आशियाने का सपना पूरा किया है बल्कि उसे अपने निवेशकों को तगड़ा रिटर्न भी दिया है. पिछले 23 साल में कंपनी के शेयर्स में करीब 190 गुना तक का उछाल दर्ज किया गया है.

कब हुई कंपनी की लिस्टिंग
आपको बता दें कि कैन फिन होम्स लिमिटेड कंपनी की लिस्टिंग (Can Fin Homes Ltd Listing) साल 1999 में 24 नवंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में हुई थी. लिस्टिंग के वक्त कंपनी का प्राइस महज 2.73 रुपये प्रति शेयर था. अब इस शेयर की प्राइस 544.50 है. ऐसे में इस शेयर के प्राइस में करीब 190 गुना तक की बढ़ोतरी हुई है. इस शेयर्स में जिन निवेशकों ने लिस्टिंग के वक्त केवल 1 लाख रुपये निवेश किए थे, उन्हें अब पूरे 1.90 करोड़ रुपये का रिटर्न मिला है. ऐसे में इस शेयर्स ने अपने निवेशकों को करोड़पति बना दिया है.

शेयर्स में और तेजी का है अनुमान
कैन फिन होम्स के शेयर्स (Can Fin Homes Ltd Shares) में और तेजी का अनुमान है. ब्रोकरेज की रिपोर्ट की माने तो इसका टारगेट प्राइस 670 रुपये प्रति शेयर तक बढ़ सकता है. ऐसे में यह मौजूदा प्राइस से करीब 25 फीसदी ज्यादा है. ब्रोकरेज के अनुसार कंपनी में भविष्य में तगड़ी ग्रोथ की संभावना है. ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन शेयरों को खरीदने से निवेशकों को भविष्य में तगड़ा रिटर्न हासिल हो सकता है. इसके कंपनी की सितंबर में खत्म हुई तिमाही 123.64 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट रहा है. यह पिछले साल की इस तिमाही से 14.6 फीसदी ज्यादा है. पिछले साल सितंबर की तिमाही में नेट प्रॉफिट 123.64 रहा था.

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डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

Published at : 27 Nov 2022 10:19 AM (IST) Tags: Share Market Multibagger stocks Can Fin Homes Ltd हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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