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Best Credit Card in India 2022-23, बेस्ट क्रेडिट कार्ड इन इंडिया
क्रेडिट कार्ड का अधिक से अधिक लाभ उठाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप ऐसे कार्ड का चयन करें जो आपकी खर्च करने की शैली और जीवनशैली के अनुकूल हो। हालांकि, सभी उपलब्ध विकल्पों में से सिर्फ एक क्रेडिट कार्ड चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हमने विभिन्न कार्ड जारीकर्ताओं से भारत में उपलब्ध शीर्ष 10 क्रेडिट कार्डों की एक सूची तैयार की है, इसके बाद प्रत्येक श्रेणी में शीर्ष क्रेडिट कार्ड, जिनमें पुरस्कार, कैशबैक, पुरस्कार, यात्रा और प्रीमियम सुविधाओं वाले कार्ड शामिल हैं।
2022-23 के लिए शीर्ष 10 भारतीय क्रेडिट कार्ड
टॉप 10 क्रेडिट कार्ड | वार्षिक शुल्क | बसे उपयुक्त | सर्वश्रेष्ठ विशेषता |
एक्सिस बैंक ऐस एक उच्च समय सीमा की तुलना करें क्रेडिट कार्ड | रु. 499 | कैशबैक | बिल भुगतान, डीटीएच और मोबाइल रिचार्ज पर 5% कैशबैक |
एसबीआई कार्ड एलीट | रु. 4,999 | खरीदारी, यात्रा और फिल्में | वेलकम ई-गिफ्ट वाउचर; क्लब विस्तारा और ट्राइडेंट प्रिविलेज सदस्यता; मानार्थ मूवी टिकट |
एचडीएफसी रेगलिया क्रेडिट कार्ड | रु. 2,500 | यात्रा और खरीदारी | मानार्थ लाउंज का उपयोग; 4 इनाम अंक प्रति रु। 150 खुदरा खर्च पर खर्च किए गए |
फ्लिपकार्ट एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड | रु. 500 | ऑनलाइन शौपिंग | वेलकम बेनिफिट के तौर पर फ्लिपकार्ट वाउचर; फ्लिपकार्ट और मिंत्रा पर 5% कैशबैक |
अमेज़न पे आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड | Nil | ऑनलाइन शॉपिंग और कैशबैक | Amazon के खर्च पर 5% तक का कैशबैक |
सिटी प्रीमियर माइल्स एक उच्च समय सीमा की तुलना करें क्रेडिट कार्ड | रु. 3,000 | ट्रेवल | एयरलाइन लेनदेन पर 10X रिवार्ड पॉइंट तक |
एचडीएफसी मिलेनिया क्रेडिट कार्ड | रु. 1,000 | क्श्बैक | पार्टनर ब्रांड्स पर 5% तक कैशबैक |
स्टैंडर्ड चार्टर्ड डिजीस्मार्ट क्रेडिट कार्ड | रु. 49 per month | ऑनलाइन शौपिंग | पार्टनर ब्रांड्स पर 20% तक की छूट |
बीपीसीएल एसबीआई कार्ड ऑक्टेन क्रेडिट कार्ड | रु. 1,499 | फ्यूल | बीपीसीएल पेट्रोल पंपों पर खर्च किए गए ईंधन पर 7.25% वैल्यू बैक |
एचडीएफसी बैंक डायनर्स क्लब प्रिविलेज क्रेडिट कार्ड | रु. 2,500 | यात्रा और जीवन शैली | अमेज़न प्राइम, एमएमटी ब्लैक, डाइनआउट पासपोर्ट आदि की मानार्थ सदस्यता |
ऊपर बताए गए भारत में शीर्ष 10 क्रेडिट कार्डों के अलावा सबसे बड़े क्रेडिट कार्ड कई क्रेडिट कार्ड श्रेणियों में भिन्न होते हैं। इसके अलावा, हमने निम्नलिखित श्रेणियों में भारत में शीर्ष एक उच्च समय सीमा की तुलना करें 25 क्रेडिट कार्डों की एक सूची प्रदान की है: पुरस्कार, कैशबैक और खरीदारी, यात्रा, ईंधन और प्रीमियम। हमने कार्ड के मुख्य फायदों, हमारी सिफारिशों के कुछ औचित्य और प्रत्येक श्रेणी के लिए भारत एक उच्च समय सीमा की तुलना करें में सर्वश्रेष्ठ क्रेडिट कार्ड पर चर्चा की है।
भारत में सर्वश्रेष्ठ कैशबैक क्रेडिट कार्ड Best Cashback Credit card in India
यहां शीर्ष क्रेडिट कार्ड हैं जो कुछ विशिष्ट कंपनियों के साथ-साथ अन्य सभी ऑनलाइन खरीद पर ऑनलाइन खरीदारी पर सम्मानजनक कैशबैक प्रदान करते हैं।
1. Axis Bank Ace Credit Card, एक्सिस बैंक ऐस क्रेडिट कार्ड
जोइंनिंग फी : रु. 499, एनुअल फी रु. 499
कम वार्षिक शुल्क पर उच्च कैशबैक दर चाहने वाले पहली बार कार्डधारकों के लिए, एक्सिस बैंक ऐस क्रेडिट कार्ड एक शानदार विकल्प है। हवाई अड्डे के लाउंज तक पहुंच और डाइनिंग छूट जैसे अतिरिक्त लाभों के अलावा, कार्ड बिल भुगतान और ऑनलाइन भोजन वितरण पर 5% तक कैशबैक प्रदान करता है। तथ्य यह है कि इस कार्ड से आप कितना कैशबैक कमा सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है, यह इसकी सबसे मजबूत विशेषता है।
एक्सिस बैंक ऐस क्रेडिट कार्ड के बेनिफिट्स
बीएसएफ स्थापना दिवस: पीएम मोदी ने की बीएसएफ के कार्यों की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 58वें स्थापना दिवस पर बीएसएफ जवानों को बधाई दी और उनके काम की सराहना की। सीमा सुरक्षा बल की स्थापना वर्ष 1965 में देश की सीमाओं की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी। यह बल केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, स्थापना दिवस पर सभी बीएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों को बधाई देता हूं। यह एक ऐसा बल है जिसका भारत की रक्षा करने और साथ देश की सेवा करने का एक उत्कृष्ट रिकॉर्ड है। उन्होंने आगे कहा कि मैं प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों के दौरान बीएसएफ के महान कार्यों की भी सराहना करता हूं।
सीमा सुरक्षा बल का गौरवशाली इतिहास
बीएसएफ की स्थापना 1965 में की गई थी। यह बल पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगती भारत की 6386.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। सीमा सुरक्षा बल का गौरवशाली इतिहास है। इस बल ने हर विपत्ति के समय अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है। इसी तरह बीएसएफ ने 1971 को भारत पाकिस्तान युद्ध में अपनी वीरता का परिचय दिया। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा की बात हो या फिर नागालैंड, पंजाब या कोई अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्र की रक्षा करना हो, सब में हमारे वीर जवानों ने अपनी बहादुरी और पराक्रम का परिचय दिया है।
बढ़ती आबादी को भोजन उपलब्ध कराने की दुनिया की क्षमता खतरे मेंः एफएओ
खाद्य एवं कृषि का भविष्य (द फ्यूचर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर) शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2050 तक कृषि क्षेत्र पर दुनिया की 10 अरब आबादी को खिलाने का बोझ होगा। अगर मौजूदा ट्रेंड को बदलने के विशेष प्रयास नहीं किए गए तो इतनी बड़ी आबादी के लिए भोजन उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती होगी
Team RuralVoice WRITER: Sunil Kumar Singh
बढ़ती आबादी को भोजन उपलब्ध कराने की विश्व की क्षमता खतरे में पड़ती जा रही है। अगर बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरण बदलाव नहीं किए गए तो दीर्घकालिक कृषि खाद्य प्रणाली को हासिल कर पाना नामुमकिन होगा। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
खाद्य एवं कृषि का भविष्य (द फ्यूचर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर) शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2050 तक कृषि क्षेत्र पर दुनिया की 10 अरब आबादी को खिलाने का बोझ होगा। अगर मौजूदा ट्रेंड को बदलने के विशेष प्रयास नहीं किए गए तो इतनी बड़ी आबादी के लिए भोजन उपलब्ध करा पाना बड़ी चुनौती होगी।
रिपोर्ट में कृषि खाद्य प्रणाली की मौजूदा और उभरते ट्रेंड का विश्लेषण किया गया है। साथ ही इसमें यह भी आकलन करने की कोशिश की गई है कि भविष्य में ट्रेंड कैसा रह सकता है। रिपोर्ट में उन मुद्दों और समस्याओं की भी पहचान की गई है जिनका आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों के उपभोग और कृषि उत्पादन पर असर होगा।
रिपोर्ट में नीति नियंताओं से यह आग्रह किया गया है कि वे अल्पावधि की जरूरतों से ऊपर उठकर सोचें। इसके मुताबिक दूरदृष्टि की कमी, टुकड़ों-टुकड़ों में अपनाए गए दृष्टिकोण और महज तात्कालिक समाधान के उपाय सबके लिए भारी पड़ेंगे। इसलिए एक ऐसे दृष्टिकोण की जरूरत है जिसमें दीर्घकालिक लक्ष्य और सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता दी गई हो।
इसमें कहा गया है कि बढ़ती आबादी, बढ़ता शहरीकरण, मैक्रोइकोनॉमिक अस्थिरता, गरीबी और असमानता, भू राजनीतिक तनाव और युद्ध, प्राकृतिक संसाधनों को लेकर बढ़ती प्रतिस्पर्धा और जलवायु परिवर्तन सामाजिक आर्थिक प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (टिकाऊ विकास के लक्ष्य) के अनेक बिंदुओं की तरफ हम नहीं बढ़ रहे हैं। इन लक्ष्यों को तभी हासिल किया जा सकता है जब कृषि खाद्य प्रणाली को उचित तरीके से बदला जाए।
रिपोर्ट में 18 सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरण कारकों की पहचान की गई है जिन्हें ‘ड्राइवर’ कहा गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे यह कारक कृषि खाद्य एक उच्च समय सीमा की तुलना करें प्रणाली में होने वाली विभिन्न गतिविधियों को आकार देते हैं। इनमें खेती के अलावा खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य पदार्थों का उपभोग भी शामिल है। इसमें गरीबी और असमानता, भू-राजनैतिक अस्थिरता, संसाधनों की कमी तथा जलवायु परिवर्तन को महत्वपूर्ण कारकों में रखा गया है और कहा गया है कि भविष्य का खाद्य कैसा होगा वह इस बात पर निर्भर करेगा कि हम इन कारकों का प्रबंधन किस तरीके से करते हैं। अगर हालात अभी की तरह बने रहे तो खाद्य असुरक्षा, संसाधनों की कमी और अस्थिर आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि विकास के टिकाऊ लक्ष्य (एक उच्च समय सीमा की तुलना करें एसडीजी) को हासिल करने के रास्ते से दुनिया काफी अलग हट गई है। इसमें कृषि खाद्य के लक्ष्य को हासिल करना भी शामिल है। ऐसे अनेक कारण हैं जो निराशा बढ़ाने वाले हैं, लेकिन रिपोर्ट में यह उम्मीद भी जताई गई है कि अगर सरकारें, उपभोक्ता, बिजनेस, अकादमिक जगत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब भी गंभीरता पूर्वक कार्य करें तो दीर्घकालिक बदलाव लाना संभव है।
मंत्रियों के निजी स्टाफ की संख्या सीमित होनी चाहिए, केरल हाईकोर्ट ने कहा
कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि मंत्रियों के निजी कर्मचारियों की संख्या की एक सीमा होनी चाहिए और यह मुख्यमंत्री, मुख्य सचेतक और विपक्ष के नेता के लिए भी ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति पर लागू होनी चाहिए।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने यह टिप्पणी भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन द्वारा दायर एक याचिका को खारिज करते हुए की, जो एक संगठन है जो व्यक्तिगत कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए मानदंड पेश करने की मांग कर रहा है।
कोर्ट ने गुरुवार को यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि निजी स्टाफ की नियुक्ति राज्य सरकार का नीतिगत फैसला है।
याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की कि निजी कर्मचारियों के लिए पेंशन को रद्द कर दिया जाना चाहिए और इसे असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए।
पिछले महीने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट कैबिनेट के कैबिनेट मंत्रियों के निजी एक उच्च समय सीमा की तुलना करें स्टाफ की आजीवन पेंशन का मुद्दा उठाते हुए इसे जनता के पैसों का मजाक बताया और कहा कि वह इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाएंगे.
खान ने मीडिया से कहा था: "समान शक्ति के साथ, मैं उस मुद्दे को उठाऊंगा जहां राज्य के मंत्रियों के कर्मचारी दो साल के समय में आजीवन पेंशन के हकदार हो जाते हैं। यह कानून का उपहास है और जनता के पैसे की बर्बादी है। ये लोग पार्टी कैडर हैं, लेकिन वे आजीवन पेंशन के हकदार बन जाते हैं।"
"यह अत्यधिक भेदभावपूर्ण, धोखाधड़ी और धोखेबाज है। मैं इसे एक बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा बनाने जा रहा हूं। यह संविधान की भावना का उल्लंघन है। इसे समाप्त करना मेरी प्राथमिकता होगी। यह पैसा यहां के लोगों का है।" केरल और कैडर के लिए नहीं," उन्होंने आगे कहा।
( जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।)