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चार्ट से व्यापार

चार्ट से व्यापार
गुरु: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को ज्ञान, दर्शन, विवेक, धर्म, गुरु, आध्यात्मिकता, परोपकारी कार्य और पुत्र का कारक माना जाता है।

U.S. Dollar Currency Index DXY

The mighty greenback reminds us what makes it mighty, bouncing back from its recent slouch while others fall into the red.

The dollar is going from strength to strength as the market anxiously awaits news from the FOMC just after Putin gives an update on Russia.

The dollar is steamrolling its way through the FX market with such strength that government officials from around the world are having to get vocal about it.

Investors are riding the green dragon all the way to an inflation haven चार्ट से व्यापार as other currencies fall to new चार्ट से व्यापार lows against the almighty dollar amid Fed speculation.

आज का गोचर क्या है?

वैदिक ज्योतिष की बुनियाद ग्रहों पर टिकी हुई है और बिना ग्रह व नक्षत्र के ज्योतिष विद्या की कल्पना नहीं की जा सकती है। आपने अक्सर जन्म कुंडली चार्ट से व्यापार में 12 भागों में बंटी एक तालिका देखी होगी। दरअसल ये तालिका कुंडली के 12 भावों में बैठे ग्रहों की स्थिति को दर्शाती है। इससे पता चलता है कि कौन सा ग्रह किस भाव में बैठा है और वह कैसा फल देगा। चूंकि ग्रहों की चाल में निरंतर परिवर्तन होते हैं और इसी आधार पर राशिफल या भविष्यफल की गणना की जाती है।

वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों का बड़ा महत्व है। इन्हीं ग्रहों की चार्ट से व्यापार दशा व दिशा के आधार पर किसी भी व्यक्ति के आने वाले कल का अनुमान लगाया जा सकता है। आज होने वाली ग्रहों की गोचरीय स्थिति की जानकारी मिलने से आप विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली हलचलों का पूर्वानुमान लगा सकते हैं। मान लीजिये आप अगर यह जानना चाहते हैं कि नौकरी के लिहाज से आज का दिन मेरा कैसा रहने वाला है, तो आप शनि की गोचरीय स्थिति से इसका अंदाजा लगा सकते हैं। क्योंकि वैदिक ज्योतिष में शनि को सेवा और कर्म का कारक कहा गया है और यह नौकरी में होने वाले परिवर्तन को दर्शाता है। ठीक इसी प्रकार दूसरे ग्रह भी अन्य विषयों के कारक हैं-

आज के गोचर से होने वाले लाभ

वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की वर्तमान स्थिति से भविष्य में होने वाले परिवर्तनों का अंदाजा लगाया जा सकता है, इसलिये ग्रहों के गोचरीय स्थिति जानने के कई फायदे होते हैं।

  • ग्रहों की स्थिति और उनका आपके जीवन पर होने वाला प्रभाव
  • अशुभ फल देने की स्थिति में ग्रह शांति के आवश्यक उपाय
  • नौकरी, व्यापार, शिक्षा में होने वाले परिवर्तन की जानकारी
  • प्रेम, विवाह और पारिवारिक जीवन पर ग्रहों का पड़ने वाला असर

नवग्रहों की सभी 12 भावों में स्थिति का फल

सूर्य- सूर्य चंद्र राशि से 3,6,10 और 11 वें भाव में श्रेष्ठ फल प्रदान करता है। जबकि शेष भावों में सूर्य का फल ज्यादा अच्छा नहीं माना गया है।

चंद्र- चंद्रमा जन्मकालीन राशि से 1,3,6,7,10 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है। वहीं चंद्रमा के 4,8 चार्ट से व्यापार और 12 वें भाव में रहने से बुरे फल मिलते हैं।

मंगल- मंगल चंद्रराशि से 3,6,10 और 11 वें भाव में शुभ तथा 4,8 और 12 वें भाव में अशुभ फल देता है।

बुध- बुध ग्रह चंद्रराशि से 2,4,6,8,10 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है, बाकी अन्य भावों में यह अशुभ फल प्रदान करता है।

गुरु- गुरु चंद्र राशि से 2,5,7,9 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।

शुक्र- शुक्र चंद्र राशि से 1,2,3,4,5,8,9,11 और 12 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।

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