फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें

शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी , जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
कमोडिटी मार्केट निवेशकों के लिए कीमती धातुओं, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, ऊर्जा और मसालों जैसी कमोडिटीज में ट्रेड करने की फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें एक जगह होती है। इस समय में, फॉरवर्ड मार्केट कमीशन भारत में करीबन 120 कमोडिटीज के लिए फ्यूचर्स ट्रेडिंग करने की अनुमति देता है। कमोडिटीज में ट्रेडिंग अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की मांग करने वाले निवेशकों के लिए बहुत बेहतर होती है, क्योंकि इसके निवेश अक्सर मुद्रास्फीति के साथ मदद करते हैं।
2. कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है
इक्विटी, रियल एस्टेट और सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं में निवेश के बाद, लोगों ने कमोडिटी में भी निवेश करना शुरू कर दिया। यह रिटेल इन्वेस्टर और ट्रेडर के लिए निवेश करने का एक नया प्लेटफॉर्म मिल गया। हालांकि, कमोडिटी ट्रेडिंग में जोखिम और चुनौतियां भी हैं। लेकिन यह ट्रेडर को मुनाफा कमाने का भी एक अच्छा प्लैटफॉर्म देता है, जहाँ ट्रेडर कमोडिटी को ऑनलाइन खरीद और बेच सकता है।
ट्रेडिंग के अन्य सेगमेंट की तरह कमोडिटी में भी ट्रेड करने के लिए मेहनत, ज्ञान, अनुभव और समर्पण की आवश्यकता होती है। ट्रेडर को कमोडिटी, बाजार और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में पर्याप्त जानकारी होना चाहिए जो कमोडिटी की कीमत में उतार-चढ़ाव का कारण बनता है। ट्रेडर को कमोडिटी बाजार में सही कदम उठाने में सक्षम होने के लिए मौलिक विश्लेषण और / या तकनीकी विश्लेषण के बारे में पर्याप्त जानकारी होना आवश्यक है।
3. कमोडिटी मार्केट कैसे काम करती है
मान लीजिए कि आपने एमसीएक्स पर हर 100 ग्राम के लिए 72,000 रुपये पर सोना फ्यूचर्स अनुबंध खरीदा है। एमसीएक्स पर गोल्ड का मार्जिन 3.5 प्रतिशत होता है। तो आप अपने फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें सोने के लिए 2,520 रुपये का भुगतान करेंगे। मान लीजिए कि अगले दिन सोने की लागत प्रति 100 ग्राम 73,000 रुपये तक बढ़ जाती है। 1,000 रुपये उस बैंक अकाउंट में जमा किए जाएंगे, जिसे आपने कमोडिटी मार्केट से लिंक किया है। मान लें कि एक दिन के बाद, यह 72,500 रुपये तक गिर जाता है। उसी प्रकार से, 500 रुपये आपके बैंक अकाउंट से डेबिट किए जाएंगे।
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग
कमोडिटी ट्रेडिंग का मूल आधार मांग और आपूर्ति (Demand and Supply) है, जैसे जब आपूर्ति (Supply) कम हो जाती है, तो मांग (Demand) बढ़ जाती है और इसलिए कीमतें (Prices) बढ़ जाती है और जब आपूर्ति (Supply) अधिक हो जाती है, तो मांग (Demand) के साथ कीमतें घट जाती है। ट्रेडर इन उतार-चढ़ाव से लाभ उठाकर मुनाफा (Profit) कमाता है या नुकसान (Loss) से बचता है। व्यापक रूप से ट्रेडिंग के लिए कमोडिटीज की चार श्रेणियां है: धातु (Metal), ऊर्जा (Energy), पशुधन (Livestock) और कृषि (Agri)।
मौसम, सरकारी नीतियों, सामाजिक कारकों और वैश्विक कारकों से प्रभावित मांग और आपूर्ति में बदलाव के कारण कीमतें भी प्रभावित होती हैं। प्रत्येक कमोडिटी को एक विशिष्ट लॉट साइज और अनुबंध मूल्य (Contract Price) के अंतर्गत ट्रेड किये जाते हैं और मूल्य में उतार चढ़ाव लाभ या हानि का कारण बनता है। यहां कमोडिटी ट्रेडिंग की प्रत्येक श्रेणी का एक संक्षिप्त विवरण दिया गया है।
कमोडिटी ट्रेडिंग के फायदे
कमोडिटी ट्रेडिंग में अन्य ट्रेडिंग सेगमेंट की तुलना में कई फायदे प्रदान करती है। ज्यादातर, ट्रेडिंग निवेश आर्थिक अनिश्चितताओं के समय निवेशकों को लाभ प्रदान करता है।
पोर्टफोलियो का विविधीकरण
कमोडिटी ट्रेडिंग, ट्रेडर को उनके पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद करती है। एक ट्रेडर कमोडिटीज फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें के साथ स्टॉक, बॉन्ड और अन्य सेगमेंट में निवेश करके, किसी एक सेगमेंट में अचानक आये गिरावट से अपने नुकसान को कम करने में सक्षम हो सकता है। इसके अलावा, कमोडिटी, स्टॉक की तुलना में आर्थिक और भौगोलिक कारकों के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देती हैं। इसलिए कमोडिटी में निवेश करके बेहतर रिटर्न और अस्थिरता को कम कर सकते है।
हेजिंग
जब अर्थव्यवस्था में गिरावट आती है तो, मुद्रास्फीति बढ़ जाती है और कमोडिटी की कीमतें बढ़ जाती हैं। इस समय, स्टॉक और बॉन्ड की कीमतें नीचे आती है लेकिन कमोडिटी में निवेश निवेशकों को उछाल से लाभ उठाने और कमोडिटी की ऊंची कीमती से बचाने में मदद करती है।
कम मार्जिन
कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आवश्यक मार्जिन राशि अनुबंध मूल्य की लगभग 5-10% होता है जो अन्य एसेट्स क्लास की तुलना में काफी कम है। इसलिए, ट्रेडर कम पैसे के साथ अधिक ट्रेड कर सकता हैं।
विकास और रिटर्न के अधिक अवसर
कमोडिटी ट्रेडिंग काफी जोखिम भरा है लेकिन यदि जोखिम को अच्छी तरह से प्रबंधित किया जाए और निवेश को उचित शोध और विश्लेषण के बाद ठीक से किया जाता है, तो यह बहुत ही मुनाफे का सौदा हो सकता है। कमोडिटी के लिए तेजी से बढ़ती मांग के कारण, कमोडिटी ट्रेडर बढ़ सकते हैं और अच्छे पैसे फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें कमा सकते हैं।
लिक्विडिटी
कमोडिटी में निवेश रियल एस्टेट जैसे अन्य एसेट क्लास में निवेश की तुलना में अत्यधिक लिक्विड है और खरीद और बिक्री बहुत आसान और तेजी से होती है। इसलिए पोजीशन को आसानी से स्क्वायर ऑफ किया जा सकता है और जब आवश्यक हो तब कैश किया जा सकता है।
5. कमोडिटी ट्रेडिंग के जोखिम
निवेश और ट्रेड के सभी अन्य रूपों की तरह, कमोडिटी ट्रेडिंग भी कई जोखिमों के अधीन है। जब निवेशक बाजार में बिना तैयारी या बहुत अधिक उम्मीदों के साथ प्रवेश करता है, तो जोखिम बढ़ जाता है। निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और अपने जोखिम लेने के सामर्थ्य के हिसाब से ही ट्रेड करना चाहिए।
उच्च लिवरेज
कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आवश्यक मार्जिन राशि काफी कम है, इस प्रकार उच्च लाभ प्राप्त होता है। हालांकि, अगर अच्छी तरह से संभाला नहीं जाता है तो उच्च लाभ एक जाल के रूप में भी कार्य कर सकता है। ट्रेडर के पास उस धन को खोने की उच्च संभावना होती है और इस प्रकार भारी कर्ज के अधीन हो सकता है।
उच्च अस्थिरता
कमोडिटी पूरी तरह से अस्थिरता के मामले में काफी जोखिम भरा होता है। कमोडिटी में अस्थिरता स्टॉक के मुकाबले लगभग दोगुनी और बॉन्ड के मुकाबले लगभग चार गुना होती है। इसलिए, कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग अनुभवहीन ट्रेडर के लिए बहुत जोखिम भरा हो सकता है।
ज्ञान और समझ की कमी
ट्रेडिंग के किसी भी रूप का आधार अनुभव और ज्ञान होता है। कई नए ट्रेडर खुद को शिक्षित नहीं करते हैं और खुद ट्रेडिंग के समुद्र में कूद जाते हैं। ट्रेडर को ट्रेडिंग की प्रैक्टिस शुरू करने से पहले अच्छी कमोडिटी ट्रेडिंग किताबें, बातचीत और अन्य अनुभवी ट्रेडर के साथ अनुभव साझा करना चाहिए फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें और अपनी खुद की ट्रेडिंग की योजनाएं बनानी चाहिए और रणनीतियों को पढ़ना चाहिए।
इस प्रकार, कमोडिटी ट्रेडिंग एक दिलचस्प और पुरस्कृत प्रक्रिया है जो निवेशकों को उनके पोर्टफोलियो की हेजिंग, अटकलें और विविधीकरण में मदद करती है। साथ ही, बाजार काफी अस्थिर और जोखिम भरा होता है, इसलिए ट्रेडर को बाजार में प्रवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और अच्छे मुनाफे को कमाने और नुकसान को कम करने के लिए केंद्रित, समर्पित और मेहनती रहना चाहिए।
6. कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है। शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है। इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है। यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है।
7. फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है ?
दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है। कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है। एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं।
शेयर बाज़ार सीक्रेट्स Share Bazar Secrets Hindi [PDF] Download
Download Share Bazar Secrets शेयर बाज़ार सीक्रेट्स Bulls and Bears: All About Shares PDF Book by SOMA VALLIAPPAN for free using the direct download link from pdf reader. शेयर बाज़ार सीक्रेट्स सोमा वल्लियप्पन द्वारा लिखित हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक फ्री डाउनलोड। STOCK MARKET INVESTING BOOKS IN HINDI PDF।
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Details About शेयर बाज़ार सीक्रेट्स Share Bazar Secrets Bulls and Bears Hindi Book PDF
Hindi Title: | शेयर बाज़ार सीक्रेट्स |
PDF Name: | Share Bazar Secrets |
English Title: | Bulls and Bears |
Book By: | SOMA VALLIAPPAN |
Language: | Hindi |
Free PDF Link: | Available |
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शेयर बाज़ार सीक्रेट्स Bulls and Bears Book Review in Hindi
निवेश का कारण धन का मूल्य वर्धित करना है। धन का विकास या प्रोत्साहन निवेश का प्रमुख उद्देश्य है। लेकिन किस कीमत पर? बहुत से लोग अधिक पैसे कमाने के प्रयास में अपने श्रमपूर्वक कमाए धन को खतरे में डाल देते हैं। अजीब बात है! कुछ निवेश ऐसे भी होते हैं, जो मूल पूँजी को ही हड़प जाते हैं। क्या लोग ऐसे रास्तों पर भी चलते हैं?
हाँ, ऐसे भी लोग हैं, जो अधिक लाभ कमाने के लिए स्वयं इन कार्यों का चयन करते हैं। हमारे देश में हाल ही में ऐसे बहुत से ‘अवसर’ सामने आते रहे हैं और सावधान रहें कि ऐसे ही और भी बहुत से कार्य फिलहाल भी जारी हैं (जिन्हें मीडिया प्रकाश में लाता है)।
1990 के दशक की शुरुआत में कुछ कंपनियाँ (प्राय: बेनिफिट फंड ) प्रति वर्ष 36% से 48% तक ब्याज के साथ ही मुफ्त चाँदी या सोने के सिक्के देने या किसी योजना में जोड़ लेने का प्रस्ताव दिया करती थीं! किसी-न- किसी कारणवश वे कंपनियाँ असफल हो जाती थीं। यह असफलता केवल 36% का शानदार ब्याज ही नहीं, बल्कि निवेश की गई रकम चुकाने में भी होती थी!
कई मामलों में अंतत: लाभ के रूप में बस, वह सोने का 1 या 2 ग्राम का सिक्का ही रह जाता। अपने वादों को पूरा करने में अक्षम वे कंपनियाँ अपनी दुकान बंद करके भाग निकलतीं। हजारों सेवानिवृत्त लोग अपने जीवन भर की श्रमपूर्वक कमाई खो चुके हैं। ये निवेश न केवल ब्याज दिलाने में नाकाम फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें रहते हैं, बल्कि गायब होने के साथ ही मूल रकम चुकाने में भी असमर्थ रहते हैं।
ये रोमांचकारी ‘निवेश’ खुद मूल रकम के ही डूब जाने जैसे खतरों से परिपूर्ण होते हैं! इसी तरह कुछ निवेशकों को बिना समुचित सुरक्षा के धन कर्ज देना भी अत्यधिक जोखिमपूर्ण होता है, जिससे विनाशकारी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। कहानी की सीख यह है कि किसी भी तरह के निवेश का बुनियादी फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें मापदंड सुरक्षा होना चाहिए।
आज सरकारी बॉण्ड (राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र, किसान विकास पत्र, डाकघर जमा) के संभवतः सबसे सुरक्षित निवेश हैं, क्योंकि इनके लिए सरकार गारंटी देती है और वह भी केंद्र सरकार! बैंक सावधि जमा (एफ.डी.) भी कुछ हद तक सुरक्षित हैं, क्योंकि यह जमा बीमा निगम द्वारा प्रति जमाकर्ता 1 लाख रुपए तक बीमित होता है।
अगर बैंक फेल हो जाता है तो यह राशि जमाकर्ता को मिल जाएगी, जैसा ग्लोबल ट्रस्ट बैंक के साथ हुआ। किसी भी तरह की आपदा आने पर 1,00,000 रुपए तक की जमा राशि सुरक्षित रहेगी। इसके बाद कुछ नहीं और यही कारण है कि व्यक्ति को अपने निवेश को कई बैंकों की एफ.डी. में वितरित रखना चाहिए।
Share Bazar Secrets Bulls and Bears: All About Shares Book Review in English
The reason for investing is to add value to money. The main objective of investment is the development or promotion of wealth. But at what cost? Many people risk their hard-earned money in an effort to make more money. strange! There are also some investments, which simply grab the original capital. Do people walk on such paths too?
Yes, there are people who choose these jobs themselves to earn more profit. Many such ‘opportunities’ have come up in our country recently and be aware that there are many more such works still in progress (which the media brings to light).
In the early 1990s, some companies (often benefit funds) offered to offer free silver or gold coins or add to a scheme with interest ranging from 36% to 48% per annum! For one reason or the other, those companies used to fail. This failure would result in not only repayment of the amount invested, not only the stupendous interest of 36%!
In many cases, it would be just a 1 or 2-gram gold coin in the end as a profit. Those companies unable to fulfill their promises would close their shop and run away. Thousands of retirees have lost their life’s laborious earnings. These investments not only fail to earn interest but also disappear as well as are unable to repay the principal amount.
These thrilling ‘investments’ are fraught with the dangers of sinking the principal amount itself! Similarly, lending money to some investors without proper security is also very risky, which can lead to disastrous situations. The lesson of the story is that the basic criterion of any kind of investment should be safety.
Today government bonds (National Saving Certificates, Kisan Vikas Patra, post office deposits) are probably the safest investments, as they are guaranteed by the government and that too by the central government! Bank Fixed Deposits (FDs) are also somewhat safe, as they are insured by the Deposit Insurance Corporation for up to Rs 1 lakh per depositor.
If the bank fails, this amount will go to the depositor, as happened with Global Trust Bank. The deposit amount of up to Rs 1,00,000 will be safe in case of any calamity. Nothing after this and this is the reason why a person has to put his investment in FD of many banks. should be distributed in
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भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता के विरोध वाला रक्षा नीति विधेयक अमेरिकी संसद में पारित
वाशिंगटन: अमेरिकी संसद ने भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता का विरोध करने वाला रक्षा नीति विधेयक पारित किया है। वहां की संसद ने 740 अरब डॉलर का रक्षा नीति विधेयक आधिकारिक रूप से पारित किया है, जिसमें अन्य चीजों के साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता का विरोध किया गया है। राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए) अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट ने मंगलवार को पारित किया। इसमें भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति के प्रस्ताव की महत्वपूर्ण अंशों को शामिल करते हुए चीन सरकार से एलएसी के पास भारत के खिलाफ सैन्य आक्रामकता को समाप्त करने का आग्रह किया गया है। कृष्णमूर्ति के प्रस्ताव को दोनों सदनों में अभूतपूर्व द्विदलीय समर्थन के साथ पारित किया गया। यदि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस पर हस्ताक्षर कर देते हैं, तो यह कानून बन जायेगा। मालूम हो कि भारत और चीन के बीच इस साल मई से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी गतिरोध सुलझाने की दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। द्विदलीय कांग्रेशनल सम्मेलन समिति ने विधेयक के प्रतिनिधि सभा एवं सीनेट के संस्करणों को इस महीने की शुरुआत में मिलाकर अंतिम विधेयक तैयार किया था। चीन की आक्रामकता के विरोध संबंधी प्रावधान को शामिल किया जाना हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में भारत जैसे सहयोगियों के लिए अमेरिका के मजबूत समर्थन को दर्शाता है। ट्रंप ने इस विधेयक के खिलाफ चीन ने वीटो के इस्तेमाल की धमकी दी है क्योंकि इसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कानूनी संरक्षण को रद्द करने की बात नहीं की गयी है।
कृष्णमूर्ति ने कहा है कि हिंसक आक्रामकता किसी चीज का जवाब नहीं होती और यह बात खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा के मामले में सही है, जो भारत से चीन को अलग करने वाला विवादित सीमा क्षेत्र है। एनडीएए में भारत के साथ लगती सीमा के पास चीन की जारी सैन्य आक्रामकता पर ‘काफी चिंता’ जताई गई है और कहा गया है कि चीन को मौजूदा राजनयिक तंत्रों के जरिए एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए और बल प्रयोग से विवाद सुलझाने की कोशिश से बचना चाहिए।
मुख्य समाचार
हुगली: कचरे के गोदाम में लगी भीषण आग
हुगली: श्रीरामपुर थाना अंतर्गत रिसड़ा के चार नंबर रेल गेट के निकट स्थित कचरे के गोदाम में भीषण आग लगी। आग लगने से अफरा-तफरी मच आगे पढ़ें »
मतिरुल शेख के परिवार के साथ अस्पताल पहुंचीं सांसद महुआ मैत्रा
नदियाः नदिया के करीमपुर-2 ब्लॉक के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मतिरुल शेख के शव को लेने के लिए सांसद महुआ मैत्रा परिवार के सदस्यों के आगे पढ़ें »
पीएनबी घोटाला : एक नहीं कई स्तरों पर लापरवाही का नतीजा
लगभग साढ़े 14 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले को भले ही बैंक के कुछ धूर्त कर्मचारियों ने अंजाम दिया हो लेकिन यह रिस्क कंट्रोल और निगरानी की बड़ी खामियों की वजह से संभव हुआ. बैंक के आंतरिक पैनल की जांच में इसका खुलासा हआ है.
बैंक के सीईओ सुनील मेहता ने अप्रैल में कहा था कि उन्होंने इस घोटाले के आरोपी 21 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है.बाकी लोग भी अगर दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें भी हटा दिया जाएगा. लेकिन 162 पेजों की आतंरिक रिपोर्ट से पता चलता है कि यह सिर्फ कुछ शाखाओं के अफसरों की ही करतूत नहीं थी. बल्कि बड़ी तादाद में बैंक के छोटे-बड़े कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से इतना बड़ा घोटाला हुआ.
फॉरेन एक्सचेंज मैनेजर से लेकर ऑडिटर, रीजनल दफ्तरों के हेड शामिल
आंतरिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक देश के दूसरे बड़े सार्वजनिक बैंक का यह विशाल घोटाला 54 कर्मचारियों की नाकामी का नतीजा था. इनमें फॉरेन एक्सचेंज मैनेजर से लेकर ऑडिटर और रीजनल दफ्तरों के हेड शामिल हैं. उन्होंने घोटाले की साजिश होने दी. इन 54 लोगों से आठ के खिलाफ घोटाले में आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं.
पांच अप्रैल को पीएनबी घोटाले की यह आतंरिक रिपोर्ट फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट को सौंपी गई थी. इसमें दर्जनों ऐसे बैंक रिकार्ड और इंटरनल ई-मेल हैं जो पुलिस की ओर से अदालत में पेश किए गए हैं. इससे पहले रिपोर्ट के तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक कई स्तरों पर लापरवाही हुई. रिपोर्ट के मुताबिक इस घोटाले की जांच के दौरान बेहद कैजुअल अप्रोच दिखाया गया है. रिपोर्ट की प्रमुख बातें इस तरह हैं
- धोखाधड़ी के सामने आने क बाद भी रेगुलेशन से जुड़ा फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें कोई कदम नहीं उठाया गया. फ्रॉड के बाद भी पीएनबी पर कई जुर्माना नहीं लगाया गया. सीनियर मैनेजमेंट से किसी को नहीं हटाया गया.
- नियमों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन हुआ. अनैतिक कदम उठाए गए और जिम्मेदारियों की अनदेखी इतने बड़े बैंक घोटाले की वजह बनी.
- इस घोटाले का केंद्र था मुंबई स्थित पीएनबी का ब्रैडी हाउस ब्रांच. यहीं से डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी वर्षों तक स्विफ्ट फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें इंटरबैंक मैसेजिंग नेटवर्क पर फर्जी क्रेडिट गारंटी जारी करता रहा. इसी गारंटी पर नीरव मोदी विदेशी बैंकों से कर्जा उठाता था.
- शेट्टी लंबे समय तक इसलिए बचा रहा कि वह बैंक के इंटरनल सॉफ्टवेयर पर अपना स्विफ्ट ट्रांजेक्शन लॉग नहीं करता था. उसे ऐसा करना चाहिए था क्योंकि बैंक के दो सिस्टम आपस में जुड़े हुए नहीं थे. जांच से यह भी पता चला है कि बैंक का इंटरनेशनल बैंकिंग डिपार्टमेंट और आईटी डिवीजन ने इंटिग्रेशन में देर की थी. रिजर्व बैंक के सलाहकारों ने स्विफ्ट सिस्टम के एक व्यापक ऑडिट की सलाह दी थी लेकिन यह अनसुनी कर दी गई.
- घोटाले के बड़े संकेत की अनदेखी की गई. ब्रैडी हाउस ब्रांच स्टार परफॉर्मर था क्योंकि यह मोदी के फर्म से बिजनेस कर रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2017 में इसका एक्सपोर्ट और फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें इंपोर्ट ट्रांजेक्शन बढ़ कर 3.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी अधिक था. इस असाधारण ग्रोथ पर ध्यान देना चाहिए था.
- शेट्टी ने ब्रैडी हाउस के फोरेक्स डिवीजन अप्रैल 2010 में ज्वाइन किया था. ब्रांच ने स्विफ्ट मैसेज के जरिये 1.55 करोड़ डॉलर का फर्जी क्रेडिट गारंटी जारी किया था. यह काम बैंक के इंटरनल बैंकिंग सिस्टम को अनदेखी करके किया गया.
- पीएनबी के नियमों के मुताबिक कोई भी अफसर एक ब्रांच में तीन साल से ज्यादा वक्त नहीं रह सकता लेकिन ब्रैडी हाउस ब्रांच से 7 साल बात रिटायर हुआ. उसके ट्रांसफर के लिए तीन आदेश जारी किए गए लेकिन उसे रोक लिया गया.
पीएनबी के कुछ कर्मचारी सालों तक आपस में मिल कर मुंबई के ब्रैडी हाउस ब्रांच से फर्जी बैंक गारंटी जारी करते रहे. इसके आधार पर नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी की ज्वैलरी कंपनियों ने बैंक की विदेशी शाखाओं से कर्जा उठाया था.
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