बिटकॉइन के शोर के बाद

GAINS Associates के CEO और Co-founder Alexandre Raffin हैं। GAINS दुनिया के सबसे पुराने, सबसे बड़े और सबसे सक्रिय Crypto समुदायों में से एक है। कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर डिग्री के साथ सशस्त्र, Alexandre Raffin प्रौद्योगिकी और नवीन सोच की दुनिया में काफी प्रसिद्ध नाम है।
Celebrity gossip – कुंद्रा और कांड का है पुराना नाता, जानें गहरे “राज”
एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के बिजनेसमैन पति राज कुंद्रा अभी सबसे ज्यादा सुर्खियों में छाए हुए है और इसकी वजह हर कोई जनता है। वहीं कुछ ही दिनों पहली राज कुंद्रा को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि, उन्हें अश्लील फिल्में बनाने और कुछ ऐप के जरिए पब्लिश करने का आरोप लगा है जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। दरअसल, साल 2021 के फरवरी में उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। कुंद्रा पर अश्लील वीडियो रिकॉर्ड करने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद मामला दर्ज किया गया वहीं शुरुआती जांच में दोषी पाए जाने के बाद पुलिस ने राज को गिरफ्तार कर लिया।
रंग-ए -ज़ीस्त
ये तो था राज कुंद्रा का लेटेस्ट कांड लेकिन आपको बता दें कि, कुंद्रा का कांड से बहुत पुराना नाता रहा है। वहीं अब राज कुंद्रा के कांड की लिस्ट में एक और विवाद शामिल हो गया है। वही आज इस पोस्ट के जरिए हम आपको राज कुंद्रा के पुराने पन्नों पर लिखें कुछ विवादों के बारे में बताने जा रहे है। कुंद्रा का विवादों से उनका पुराना नाता रहा है। यहां तक कि उन्होंने आईपीएल में भी सट्टेबाजी की है जिसके चलते आईपीएल से भी आजीवन बैन हैं। तो चलिए पढ़ते है राज कुंद्रा के पन्नों पर लिखें कांड।
आईपीएल में सट्टेबाजी
गृहलक्ष्मी Web Stories
आपको बता दें कि, साल 2009 में राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी मॉरिशस की एक कंपनी की मदद से राजस्थान रॉयल्स के मालिक बने थे। जिसके बाद इस आईपीएल टीम ने आईपीएल का पहला खिताब भी जीता था। लेकिन जून 2013 में इस टीम को और आईपीएल लवर को उस समझ झटका लगा, जब कुंद्रा को सट्टेबाजी के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान राजस्थान रॉयल्स के भी कुछ खिलाड़ी गिरफ्तार हुए थे। जिसमे तेज गेंदबाज एस श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंदेला का नाम भी शामिल है। साथ ही राज कुंद्रा ने इस बात को भी स्वीकारा था कि उन्होंने सट्टा खेला था। इसके बाद उनकी टीम को दो साल के लिए बैन कर दिया गया और फिर साल 2015 में राज कुंद्रा को आईपीएल से आजीवन बैन कर दिया गया।
बाबा! सेबी कब शुरू करेगा सही सवाल पूछना?
बाबा रामदेव ने हाल ही में एक योगा सेशन के दौरान लोगों को रुचि सोया में निवेश करने की सलाह दी, जिस पर मार्केट बिटकॉइन के शोर के बाद बिटकॉइन के शोर के बाद रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अपने चिर-परिचित अंदाज में नाराजगी जताई। हालांकि यह बिटकॉइन के शोर के बाद एक बड़ी समस्या के छोटे से बिंदु पर ध्यान देने जैसा था।
बाबा रामदेव के बारे में कहा जा सकता है कि वह सिर्फ कंपनी के ब्रांड अबेंसडर हैं। उनका रुचि सोया या उसकी पैरेंट कंपनी पतंजिल आयुर्वेद में कोई हिस्सेदारी नहीं है। इसके अलावा उन्होंने शेयर की कीमत को लेकर कोई संवेदनशील बयान भी नहीं दिया, जिससे माना जा सके कि उन्होंने इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों का उल्लंघन किया।
हां, यह जरूर कहा जा सकता है रामदेव कोई सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर्स नहीं हैं। ऐसे में उन्हें शेयरों में निवेश की सलाह नहीं देनी चाहिए। हालांकि यह पूरी तस्वीर का एक छोटा पहलू है। अधिकतर प्रमोटर या बैंकर किसी पब्लिक इश्यू के बिटकॉइन के शोर के बाद पहले क्लाइंट और प्रेस तक जोर शोर से अपनी बात ले जाने में लगे रहते हैं। कोई नौसिखिया भी समझ सकता है कि इसके जरिए वो लोगों को अपने इश्यू में निवेश के लिए लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
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हालांकि इससे भी बड़ी चिंता का विषय प्राइस मैनिप्युलेशन का है, जैसा कि रुचि सोया में भी काफी साफ तौर पर प्रतीत हुआ था। लेकिन ऐसा लग बिटकॉइन के शोर के बाद रहा है कि रेगुलेटर इस मामले को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा है। आखिर हम ऐसा कैसे कह सकते हैं? खैर, यह रेगुलेटर के बिटकॉइन के शोर के बाद व्यवहार से खुद ही समझ में आ जाता है।
रुचि सोया की री-लिस्टिंग के बाद जिस तरह उसके शेयरों ने व्यवहार किया, वह ध्यान दिया जाना चाहिए था। जिन्हें नहीं पता है, उन्हें बता दें कि पतंजलि ने रुचि सोया को नवंबर 2019 में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के जरिए 4,500 करोड़ रुपये में खरीदा था, जबकि वह उसकी सबसे ऊंची बोलीकर्ता नहीं थी।
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1. वैश्विक बिटकॉइन के शोर के बाद परिवहन।(कुछ देशों और एपीओ/एफपीओ को छोड़कर)
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Cryptocurrency regulation की पूरी जानकारी
Cryptocurrency Regulation: बढ़ती Cryptocurrency उत्साह के बीच भारत में Digital Currency के लिए आगे बढ़ने के रास्ते में कुछ तेज़ गति वाले बदलाव हुए हैं, RBI Governor शक्तिकांत दास ने Crypto पर सावधानी बरतने के लिए इसे बंद कर दिया है।
दूसरी ओर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने अनियमित Crypto Markets के Money Laundering और आतंक के वित्तपोषण के लिए वाहक बनने के बारे में चिंता व्यक्त की।
PM की बैठक के दौरान इस बात पर भी सहमति बनी कि कैसे अति-आशावादी और गुमराह करने वाले युवा निवेशकों से Marketing को हतोत्साहित किया जाए।
Parliamentary Standing Committee on Finance ने Cryptocurrency और संबंधित चिंताओं पर विभिन्न Cryptocurrency Specialists से मुलाकात की है, जो निकाय के बिटकॉइन के शोर के बाद लिए पहली बार है। Panellists ने Crypto को विनियमित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, लेकिन उन्हें पूरी तरह से खारिज नहीं किया।
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