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मार्जिन क्या है

मार्जिन क्या है
वजह चाहे कोई भी हो अगर कंपनी का नेट प्रॉफिट मार्जिन लंबे समय से लगातार अपनी इंडस्ट्री की दूसरी कंपनी से ज्यादा है तो इसके चांसेस बहुत हाई हैं कि वो कंपनी अपने बिजनेस में काफी स्ट्रॉन्ग है। हमें ऐसी कंपनियों का अच्छे से एनालिसिस करना चाहिए। क्योंकि ऐसी कंपनियां लॉन्ग टर्म में अच्छी इनवेस्टमेंट हो सकती हैं।

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?

"Margin" Meaning In Hindi

Meaning Guru Offers Indian Language Dictionaries with meaning, definition, examples, Translation, pronunciation, synonyms, antonyms and relevant words.

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नेट प्रॉफिट मार्जिन को कैलक्यूलेट कैसे करे?

नेट प्रॉफिट मार्जिन को कैलकुलेट करने का फॉर्मूला:
Net Profit margin = Net Income ⁄ Total revenue x 100

यहां पर नेट इनकम या जिसे नेट प्रॉफिट भी कहा जाता है, कंपनी का बताया साल भर का प्रॉफिट होता है। वही रेवेन्यू का मतलब होता है कि कंपनी ने साल भर में टोटल कितने रुपए के प्रोडक्ट्स या सर्विसेस sell की है और हमें ये दोनों चीजें ‘नेट इनकम’ और ‘रेवेन्यू’ कंपनी के इनकम स्टेटमेंट से मिलता है।

नेट प्रॉफिट मार्जिन की समज उदाहरण के साथ

Example के लिए मान लेते हैं कि एक ab लिमिटेड कंपनी मार्जिन क्या है है जिसका इनकम स्टेटमेंट कुछ इस तरह है।

abलिमिटेड कंपनी का इनकम स्टेटमेंट- to calculte net profit margin

ab लिमिटेड कंपनी का इनकम स्टेटमेंट

आइए हम भी ab लिमिटेड का Net Profit Margin कैलकुलेट करते हैं।

यहां पर abलिमिटेड का नेट इनकम है 42 करोड़ रुपए और टोटल रेवेन्यू हे 250 करोड़ रुपए। इस तरह ab लिमिटेड का नेट प्रॉफिट मार्जिन हो जाएगा 42 करोड़ डिवाइड बाय 250 करोड़ into 100 यानी 16.8%।

Net Profit Margin of ab limited

नेट प्रॉफिट मार्जिन का उपयोग कहा पर होता है?

दोस्तो नेट प्रॉफिट मार्जिन का उपयोग आमतौर पर एक इंडस्ट्री की कंपनियों को आपस में compare करने में किया जाता है।

एग्जाम्पल के लिए हम paints industry को देखते हैं। इंडियन स्टॉक मार्केट में पेंट्स की टॉप 4 कंपनियां हैं एशियन पेंट्स लिमिटेड, बर्जर पेंट्स लिमिटेड, कंसाइन नेरोलैक लिमिटेड और अक्जोनोबेल लिमिटेड।

आइए हम इन चारों कंपनियों के Net Profit Margin को फाइनैंशल ईयर 2020 के होने पर देखते हैं।

दोस्तो नेट प्रॉफिट मार्जिन को निकालने के लिए हमें चारों कंपनियों का रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट चाहिए।

screener.net वेबसाइट से देखने पर चारों कंपनियों का रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट फाइनेंशियल ईयर 2020 के मार्जिन क्या है end होने पर इसतरह हैं।

एशियन पेंट्स लिमिटेड, बर्जर पेंट्स लिमिटेड, कंसाइन नेरोलैक लिमिटेड और अक्जोनोबेल लिमिटेड का नेट प्रॉफिट मार्जिन

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं ? जानिए इंट्राडे ऑप्शन और होल्डिंग में हुए सारे बदलाव

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं

क्योंकि सेबी के नए मार्जिन नियमों के अनुसार ज़ेरोधा ने अपने मार्जिन और ट्रेडिंग नियमों में कुछ महत्वपूर्ण अपडेट किये हैं जिसके अनुसार यदि आप अपने डिमैट अकाउंट से कोई होल्डिंग या फिर T+1 (BTST) शेयर्स बेचते हैं तो कुल सेल वैल्यू के 80% रुपये ही उस दिन ट्रेडिंग में उपयोग कर सकते हैं बाकी 20% रुपये मार्जिन डिलीवरी के रूप में ब्लॉक हो जाते हैं

इन सब के साथ ही Intraday, Option And Delivery में ट्रेड करने के लिए सेल वैल्यू के कितने प्रतिशत फण्ड का उपयोग Same day कर सकते हैं इसके लिए भी नए मानदंड निश्चित किये गए हैं

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं – Zerodha New margin & trading rule update 2020

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं

ज़ेरोधा के मार्जिन नियम पहले क्या मार्जिन क्या है थे और अब उनमें क्या परिवर्तन हुए हैं यानी अब ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं चलिए इन्हें निम्न सेगमेंट के आधार पर तुलना करके समझते हैं कि

  1. जब आप होल्डिंग से शेयर बेचते हैं
  2. T+1 होल्डिंग (BTST) से शेयर बेचते हैं
  3. इंट्राडे में प्रॉफिट कमाते हैं
  4. ऑप्शन बेचते हैं (F & O)

# 1. जब होल्डिंग से शेयर बेचते हैं – When Stocks sold from holdings

यदि आप अपनी होल्डिंग से 1 लाख रुपये के शेयर बेचते हैं तो तो ज़ेरोधा के पहले के नियम अनुसार आप इस पूरे 1 लाख रुपये से उसी दिन कोई भी अन्य शेयर खरीद सकते थे और साथ ही इन सारे रुपयों से फ्यूचर और ऑप्शन में भी उसी दिन ट्रेडिंग कर सकते थे

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम संबंधित सवाल जवाब – FAQ’s about Zerodha new margin rule 2020

Q 1 मेरी होल्डिंग में टाटा मोटर्स के 200 शेयर थे जिन्हें आज मैंने बेच @ 200/- रुपये प्रति शेयर मार्जिन क्या है बेच दिया और मुझे 40,000/- रुपये प्राप्त हुए क्या मैं आज ही इन रूपयों से रिलायन्स के शेयर खरीद सकता हूं ?

हां, आप इन रुपयों से किसी भी कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं लेकिन आज आप पूरे चालीस हजार रुपये के शेयर नहीं खरीद सकते आप सेल वैल्यू 40 हजार का 80% यानी 32 हजार रुपये के ही शेयर खरीद सकते हैं क्योंकि बाकी 20% (8,000/- रुपये) Margin delivery के रूप में ब्लॉक हो गए हैं जो आपको एक्सचेंज के सेटलमेंट टाइम के बाद मिलेंगे

Q 2 मैंने आज अपनी होल्डिंग से 10,000/- रुपये के शेयर बेचे हैं क्या मैं इनसे ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकता मार्जिन क्या है हूं ?

हां, आप इन रुपयों से ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं लेकिन सेबी के नए मार्जिन नियम के अनुसार आज सिर्फ सेल वैल्यू के 60% अमाउंट यानी 6,000/- रुपये से ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं

मार्जिन ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

मार्जिन वह राशि है जो ब्रोकर आपको उधार देता हैं। मार्जिन प्रतिशत आपके पोर्टफोलियो के वर्तमान मार्केट प्राइस पर आधारित होता मार्जिन क्या है है और यह एक गारंटी के रूप में कार्य करता है कि आप अपने ट्रेडों पर अच्छा रिटर्न की उम्मीद कर रहे है।

उदाहरण के लिए, यदि आपके डीमेट खाते में ₹1 मार्जिन क्या है लाख रूपये के शेयर्स हैं, और आपका ब्रोकर 50% मार्जिन की अनुमति देता है, तो वह आपको शेयरों को खरीदने के लिए ₹50,000 उधार देगा। हालांकि, आपका ब्रोकर उधार में शामिल जोखिम के आकलन के आधार पर मार्जिन को कम या ज्यादा कर सकता है।

इस प्रकार आपके डीमेट खाते में पहले से 1 लाख रूपये है और आपका ब्रोकर अतिरिक्त मार्जिन के रूप ₹50,000 उधार देता है तो आप 1.5 लाख के शेयर्स में ट्रेड या निवेश कर सकते है।

जब आप मार्जिन पर शेयरों को खरीदते हैं, तो आप अपने ब्रोकर से शेयरों के कुल मूल्य का भुगतान करने के लिए पैसे उधार लेते हैं और समय के साथ वह ऋण चुकाने के लिए सहमत होते हैं। आपके द्वारा उधार ली गई राशि यानि मार्जिन इस बात पर निर्भर करता है कि आपके डीमेट खाते में कितना मार्जिन उपलब्ध है, क्योंकि अतिरिक्त मार्जिन लेने के लिए आपके डीमेट खाते में कुछ राशि पहले से होनी अनिवार्य है जो कि डाउन पेमेंट की तरह काम करती है।

मार्जिन और लीवरेज ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

मार्जिन और लीवरेज दोनों ही ब्रोकर की तरफ से दिए जाते है, लिबरेज में आपको कोई भी इंटरेस्ट देना नहीं होता है, जबकि आप मार्जिन ट्रेडिंग करते है तो आपको उस पर इंटरेस्ट देना होता है क्योंकि ब्रोकर आपको ट्रेड करने के लिए लोन देता है।

इन परिस्थितियों में, ब्रोकर से उधार लिया गया पैसा एक लोन की तरह काम करता है, जिससे ट्रेडर को महत्वपूर्ण ट्रेड करने की अनुमति मिलती है।

दोनों अवधारणाएं लगभग समान लगती हैं, हालांकि, यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि मार्जिन सभी को समान रूप से दिया जाता है, जबकि मार्जिन पर खुद की मर्जी से लोन के रूप में लेते है जो आपको इंटरेस्ट के साथ चुकाना होता है।

निष्कर्ष

भारत में मार्जिन ट्रेडिंग तब लोकप्रिय हुआ, जब स्टॉक मार्केट में विदेशी निवेशकों का आगमन हुआ। हालांकि मार्जिन शब्द अपने आप में नया नहीं है, इस प्रणाली की मदद से, ट्रेडर अतिरिक्त मार्जिन लेकर बेहतर रिटर्न कमाते है।

ब्रोकर की भूमिका

हर ब्रोकर के पास ग्राहकों के लिए मार्जिन खाते खोलने का अधिकार नहीं है ! कम से कम 3 करोड़ की नेट वर्थ के साथ ब्रोकरेज घर ही इसका सही आनंद उठाते है !

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट प्रारूप के अनुसार ग्राहक के साथ मार्जिन ट्रेडिंग समझोते में प्रवेश करने के लिए दलाल की जिम्मेदारी है !

व्यापारी की भूमिका

भारत में एक इक्विटी व्यापारी ब्रोकरेज हाउस से कुल लेनदेन मान के 50 प्रतिशत तक उधार लेने का अधिकार प्राप्त करता है ! हालाँकि इस तरह के लेनदेन में शामिल होने से पहले , व्यापारी को दलाल के साथ आवश्यक राशी ( कम से कम 50 प्रतिशत मूल्य ) जमा करनी होगी !

एक व्यापारी जो दलाल द्वारा प्रदान किये गए ऋण पर स्टॉक खरीदता है वह तब ऋण रख सकता है जब तक वह इसका ईरादा रखता है लेकिन यह एक कीमत मार्जिन क्या है पर आता है !

ब्याज पर ऋण की राशी पर चार्ज किया जाता है और यह तब तक जमा रहता है जब तक की व्यापारी इस राशी को पूर्ण रूप से नहीं चुकाता !

Margin Trading Kaise Kare ?

मार्जिन ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक Demat Account और साथ ही Trading Account का होना जरुरी है ! आपको अपने डीमेट खाते में पैसे डालने होंगे उसके बाद आपको अपने ब्रोकर से यह जान लेना चाहिए कि वह हमें intraday ट्रेडिंग में कितना मार्जिन देगा , उस हिसाब से फिर आपको शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करनी चाहिए !

जो लोग शेयर बाजार में निवेश करते है उनके मन में यह सवाल जरुर आता होगा कि क्या किसी ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करना सही है या फिर गलत !

दोस्तों मार्जिन क्या है आपकी जानकारी के लिए बता दू , यदि आप शेयर मार्केट में निवेश पूरी जानकरी और विश्लेषण करके निवेश करते है तो मार्जिन ट्रेडिंग का लाभ लेकर आप अच्छा पैसा कमा सकते है ! वही यदि आपको शेयर मार्केट के बार में कोई नोलेज नहीं है तो इससे आप अपने मूल रूपये भी गंवा सकते है ! इसलिए यह बेहद जरुरी है कि जब भी आप किसी कंपनी में निवेश करे उसके बारे में पूरी जानकारी लेकर ही निवेश करना चाहिए !

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