टैक्स रिक्लेम क्या हैं

क्या कहते हैं जानकार
Audit (ऑडिट) क्या होता है। यह कितने प्रकार का होता है। tax audit (टैक्स ऑडिट) क्या होता है।
आज हम आपको ऑडिट के बारे मे जानकारी देंगे। अगर आपको इस विषय से संबन्धित
कोई प्रश्न जानना है तो आप कमेंट के माध्यम से पूंछ सकते है।जैसा की आपको
पता है ऑडिट का दायरा काफी बड़ा होता है। यह ऑडिटर से लिया गया है जो की
लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है सुनना बाद मे इसको जांच से संबन्धित कर
दिया गया। हमेशा सिस्टमेटिक और इंडिपेंडेंट प्रोसैस है जिसमे हिसाब किताब
की जांच ,परीक्षण,और लेखा जांच का होना। यह मुख्यता साल मे मार्च मे होता
है।
हम हर कार्य कंपनी मे खुद नही करते है हर कार्य के लिए एम्प्लोयी रखते
है। और वह कार्य करते है हमेशा सबसे लेखा जोखा लेना संभव नही होता है। और
आपको देखना होता है की जो यह टैक्स रिक्लेम क्या हैं कार्य कर रहा है वह सही से कार्य करे जिससे
आपकी गूदविल बनी रहे। उसके लिए आपको उसका ऑडिट यानि की कार्य की जांच
करना आवश्यक होता है। इसका 2 तरीका होता है।
पहला यह की कंपनी खुद के किसी व्यक्ति को नियुक्त करे की वह इनसब की जांच
करे इसको आप कंपनी के अंदर की ऑडिट भी कह सकते है।
दूसरा यह की बाहरी किसी व्यक्ति को नियुक्त करे की वह मेरा कार्य कर सके
जैसे सीए की फ़र्म होती है। वह ऑडिट का कार्य करते है।
अब हम बात करते है की कितने प्रकार के ऑडिट होते है?
यह मुख्यता 4 प्रकार का होता है ।
वैधानिक ऑडिट
निजी ऑडिट
सरकारी ऑडिट
आंतरिक ऑडिट
अब हम इसके अंदर भी टैक्स रिक्लेम क्या हैं देखेंगे की यह कितने प्रकार का होता है।
वैधानिक ऑडिट- इसमे कंपनियो का ऑडिट ,प्रनयाशों का ऑडिट, अन्य ऑडिट शामिल है।
निजी ऑडिट- इसमे एकाकी व्यापार का ऑडिट ,साझेदारी का ऑडिट और प्राइवेट
व्यक्तियों के हिसाब किताब का ऑडिट शामिल है।
व्यौहारिक द्रस्टी से ऑडिट- इसमे चालू ऑडिट ,वार्षिक या सामयिक ऑडिट
,अन्तरिम ऑडिट ,लागत ऑडिट, सामाजिक ऑडिट ,पर्यावरण ऑडिट ,रोकण ऑडिट
,निपुणता ऑडिट चिट्ठे का ऑडिट ,विस्त्रत ऑडिट आदि शामिल होता है।
ऑडिट का उद्देश्य-
इसका उद्देश्य लेखा पुस्तकों की जांच करना तथा वित्तीय विवरणो का सत्यापन
भी करता है इसके अनुरूप निसपछ न्याय देना होता है। गवर्नमेंट उस अनुसार
ही निर्णय लेती है।
ऑडिट कोई गलती हुई होती है तो उसकी जांच करता है और छल कपात यदि हुआ है
तो उसका भी विवरण देता है । कुछ संस्थान ऐसे होते है उनका उद्देश्य केवल
लाभ कमाना नही होता तो वह इस तरह का ऑडिट कराती है जिससे लोंगों को लाभ
मिल सके।
कुछ संस्थानो का विशेस उद्देश्य होता है तो वह उस उद्देश्य के अनुसार
ऑडिट कराती है।
प्रबन्धको की राय,कर्मचारियो का प्रभाव आदि के लिए और अधिनियम की पूर्ति
के लिए भी हम ऑडिट कराती है। जिसमे अशुद्धि या गलती को सुधारा जा सके ।
इसमे लिपिकीय अशुद्धि या भूल की अशुद्ध्हि हो सकती है। जैसे हम कुछ लिखना
भूल गए या गलती से उसकी जगह कुछ और लिख दिये जैसेजहा 100 रुपये लिखना था
वह 1000 लिख दिया तथा 1000 वाले की जगह 100 लिख दिया ट्राइल बैलेन्स तो
समान आएगा परंतु यह अशुद्धि हुई जिसको ऑडिट के द्वारा ही सही किया जा
सकता है।
Income Tax Notice: क्या गलती से आपको भी मिला है इनकम टैक्स का नोटिस? ऐसे सुधार करें
एक छोटी गलती से आयकर विभाग के नोटिस दूसरे लोगों को पहुंच रहे हैं.
आयकरदाता और चार्टेड अकाउंटेंट (Income Tax Payer and Chartered Accountant) की एक छोटी गलती से आयकर विभाग के नोटिस (Incom . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 24, 2022, 16:58 IST
नई दिल्ली. आयकरदाता और चार्टेड अकाउंटेंट (Income Tax Payer and Chartered Accountant) की एक छोटी गलती से आयकर विभाग के नोटिस (Income Tax Notice) दूसरे लोगों को पहुंच रहे हैं. इस पर आयकर विभाग ने कहा है कि पैन कार्ड (PAN Card) टैक्स रिक्लेम क्या हैं की एक अंक गलत भरने से यह दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में कुछ नोटिस उन लोगों तक पहुंच जा रहे हैं, जिनको ये नोटिस नहीं जाने थे. ऐसे में बेवजह नोटिस मिलने से लोग परेशान हो रहे हैं. आयकर विभाग ने कहा है कि ऐसे में अगर किसी शख्स को इस तरह के नोटिस चले गए हैं तो वे आयकर विभाग टैक्स रिक्लेम क्या हैं को इसकी जानकारी कई तरह से दे सकते हैं.
आपको बता दें कि आयकर भरते समय टैक्स रिक्लेम क्या हैं कई बातों का ख्याल रखना होता है. गलत रिटर्न भरने के बाद कम से कम दो बार सभी जानकारी को दोबारा से जांच करनी चाहिए. आयकर विभाग के ई-सत्यापन योजना में तीन नोटिस भेजने के नियम हैं. यदि पैन कार्ड संख्या गलत दर्ज होगी तो तीनों नोटिस टैक्स रिक्लेम क्या हैं गलत ई-मेल पर पहुंचेंगे. इसलिए समय पर आप अगर आयकर विभाग को सूचित कर दें तो ये सबसे बढ़िया रास्ता है.
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हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
वेतन का यह हिस्सा कर्मचारी को मकान किराए के भुगतान के एवज में दिया जाता है. इस पर टैक्स छूट पाने के लिए जरूरी है कि यह सैलरी का हिस्सा हो. आप निर्दिष्ट सीमा के साथ एचआरए के लिए प्राप्त राशि पर कर छूट का दावा कर सकते हैं.
बाजार के अनुसार कार की कीमत पर एक सीमा तक बैंक प्रतिपूर्ति का दावा किया जा सकता है. इस पर आपको टैक्स में छूट भी मिल सकती है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कार कंपनी की है या कर्मचारी की. यह प्रतिपूर्ति कुछ विशेष कार्यालय के काम और कई निजी काम के लिए उपलब्ध है.
खाद्य कूपन
ज्यादातर मल्टीनेशनल कंपनियां ऑफिस के काम के दौरान खाने-पीने के लिए फूड कूपन देती हैं. आप एक बार के खाने पर 50 रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं. महीने में 22 कार्य दिवसों के लिए दिन में दो बार सालाना 26,400 रुपये तक की कर छूट का लाभ उठा सकते हैं.
बच्चे की फीस देने के एवज में कंपनियां कर्मचारी को सालाना 1,200 रुपये या 100 रुपये प्रतिमाह शिक्षा भत्ता देती हैं. यह सुविधा केवल दो बच्चों के लिए उपलब्ध है. इसके अलावा, कोई भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत ट्यूशन फीस के भुगतान पर कर छूट का दावा कर सकता है.
छात्रावास व्यय पर छूट
कंपनियां अपने कर्मचारियों को छात्रावास व्यय भत्ता देती हैं. इसके तहत कर्मचारी को बच्चे के छात्रावास के खर्च पर 3,600 रुपये या 300 रुपये प्रति माह का वार्षिक भत्ता मिलता है, जो कर मुक्त है. यह छूट अधिकतम 2 बच्चों के लिए ही उपलब्ध है.
इसमें टेलीफोन और मोबाइल फोन बिल दोनों की प्रतिपूर्ति शामिल है. ब्रॉडबैंड इंटरनेट टैक्स रिक्लेम क्या हैं कनेक्शन सहित टेलीफोन शुल्क इसके अंतर्गत आते हैं. कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को यह सुविधा देती हैं, जो टैक्स छूट के दायरे में आती हैं.
घर खरीद रहे हैं? 20,000 से ज्यादा कैश पेमेंट किया तो घर आ जाएगा इनकम टैक्स का नोटिस
Cash Transaction Limit: अगर आपने प्रॉपर्टी की खरीद में 20,000 से ज्यादा की लिमिट में कैश खर्च किया तो आपको इनकम टैक्स विभाग सीधा नोटिस भेज सकता है. काले धन पर रोक लगाने के लिए अचल संपत्तियों की डीलिंग में कैश के इस्तेमाल पर इनकम टैक्स का अलग नियम टैक्स रिक्लेम क्या हैं है.
Cash Transaction Limit: अगर आप घर खरीदने जा रहे हैं, या फिर भविष्य में खरीदने की प्लानिंग रखते हैं तो रियल्टी सेक्टर का एक सिंपल सा रूल आपको जरूर पता होना चाहिए. आप घर खरीदने के लिए 20,000 से ज्यादा कैश का ट्रांजैक्शन नहीं कर सकते. अगर आपने प्रॉपर्टी की खरीद में 20,000 से ज्यादा की लिमिट में कैश खर्च किया तो आपको इनकम टैक्स विभाग सीधा नोटिस भेज सकता है. काले धन पर रोक लगाने के लिए अचल संपत्तियों की डीलिंग में कैश के इस्तेमाल पर इनकम टैक्स का अलग नियम है. प्रॉपर्टी की खरीद में अगर कैश का इस्तेमाल किया जाए, तो इसकी ट्रेसिंग नहीं हो पाती है कि वो कैश वैध तरीके से कमाया गया था या अवैध. इसे लेकर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269SS लागू है, इसे 2015 में लागू किया गया था.
हाइलाइट्स
टैक्स सेवर एफडी में लॉक-इन पीरियड के साथ रिटर्न भी कम है.
पीपीएफ में बेहतर रिटर्न है लेकिन लॉक-इन पीरियड लंबा है.
वीपीएफ सशर्त दोनों ही मामलों में इन निवेश विकल्पों से बेहतर है.
नई दिल्ली. अक्सर लोग टैक्स बचाने के लिए कई तरह की योजनाओं में निवेश करते हैं. वे जीवन बीमा कवर खरीदते हैं व सरकारी बचत स्कीम्स में पैसा लगाते हैं. इस मामले में पीपीएफ और 5 साल की टैक्स सेवर एफडी की सबसे पसंदीदा विकल्प हैं. हालांकि, इन दोनों से भी बेहतर एक तीसरा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जिस पर आपको इनसे बेहतर रिटर्न मिल सकता है और आप आईटी कानून के सेक्शन 80सी के तहत छूट भी क्लेम कर सकते हैं.
हम बात कर रहे हैं वॉलेंट्री प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ) की. यह ईपीएफ से अलग होता है. वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में योगदान देना अनिवार्य होता है. वहीं, जैसा की नाम से जाहिर है वीपीएफ एक स्वैच्छिक बचत योजना टैक्स रिक्लेम क्या हैं है. आइए देखते हैं कि रिटर्न के मामले में वीपीएफ कैसे इन दोनों से बेहतर है.